23-07-2021, 02:57 PM
(This post was last modified: 23-07-2021, 02:58 PM by usaiha2. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
बारी बारी से मेघना कि दोनों चूचियाँ चूसने के बाद जब अनिकेत ने उन्हें अपने मुँह से निकाल छोड़ा, तो मेघना ने देखा कि उसके दोनों गुलाबी निप्पल अब टमाटर कि तरह लाल हो चुके थें. इतने देर तक दूध पीने के कारण उसके निप्पल में खून जम गया था, और जगह जगह अनिकेत के दाँत के गहरे निशान भी पड़ गएँ थें.
" ये क्या किया बदमाश ? ". मेघना ने अपना सिर उठाकर नीचे अपनी चूचियों कि हालत देखकर धीमी आवाज़ में मुस्कुराकर पूछा.
" आपका दूध कितना मीठा है भाभी जी... ". अनिकेत ने मेघना कि चूची चूमते हुये कहा.
" पराई भाभीयों का दूध मीठा ही लगता है ! ". मेघना ने शरारती अंदाज़ में फुसफुसाते हुये कहा, उसे ये भी ख्याल रखना था कि उसकी ये बातें दूर छुपे खड़े उसके पति के कान तक ना जाये.
अभिषेक जितनी दूर खड़ा था, वहाँ से अपनी पत्नि और उसके प्रेमी के बीच चल रही इन धीमी धीमी बातों को सुन नहीं पा रहा था, और उसमें उनकी बातें सुनने का कोई खास कौतुहल भी ना था - वो जो कुछ देख रहा था, उतना ही काफ़ी था उसके दिल में टीस पैदा करने के लिए !!!
" आपकी बूर से बहुत तेज़ गंध आ रही है भाभी जी ! ". अनिकेत ने मेघना के गाल पर अपने होंठ रगड़ते हुये कहा.
" गंध ??? पसंद नहीं क्या ? ". मेघना ने अनिकेत का सिर सहलाते हुये पूछा.
" नहीं नहीं... गंध नहीं, मेरा मतलब है महक... खुशबु !!! ". अनिकेत ने तुरंत अपनी गलती सुधारी.
" इसपर लड़कियों का कण्ट्रोल नहीं होता अनिकेत ! मैं क्या करूँ ? तब से क्या क्या कर रहे हो मेरे साथ... My God !!! ".
अनिकेत को ख़ुशी थी कि पीछली बार कि अपेक्षा इस बार मेघना भाभी खुलकर उससे अपने शरीर के बारे में अंदरूनी बातें भी कर रही थी, और साथ ही साथ फोरप्ले का मज़ा भी उठा रही है. पीछली बार वाले सेक्स के दौरान वो बहुत ज़्यादा Bossy थी, और उसने अनिकेत को किसी बुद्धू छात्र कि तरह ट्रीट किया था - ये मत करो, वो मत करो, अब बस करो ! ठीक से कहाँ चोदने दिया था बेचारे को !!!
अनिकेत ने अपनी कमर उचकाई तो उसका ठनका हुआ लौड़ा मेघना कि गांड़ के बीच से छिटककर बाहर निकल आया. खुद को थोड़ा सा ऊपर खिसकाकर अबकी बार उसने अपना लण्ड मेघना कि गहरी नाभी पर टिका दिया. एक दो बार घिसने पर उसके लण्ड का सुपाड़ा खुलकर बाहर निकल आया, तो वो अपना सुपाड़ा मेघना कि गोल नाभी में रगड़ने लगा.
" अच्छा हुआ जो आज मैं घर से ही मूठ मारकर निकला था, वर्ना इतनी मोहक सुगंध से ही मेरा तो माल गिर जाता भाभी जी ! ".
मेघना जानती थी कि अनिकेत बहुत ज़्यादा उत्तेजित हो गया है और इसलिए अब ऐसी गन्दी गन्दी बहकी बहकी बकवास बातें कर रहा है.
" इतना तो मूठ मारते हो अनिकेत... अभी तक Orgasm पर कण्ट्रोल नहीं आया तुम्हारा ? ".
" वैसा थोड़े ही होता है भाभी. जब आपके साथ होता हूँ तो कुछ भी काम नहीं आता ! ". अनिकेत ने झेंपते हुये कहा.
ये दोनों इतनी क्या बातें किये जा रहें हैं... प्रेमी प्रेमिका के माफिक ? ये छोकड़ा मेरी बीवी को केवल पेलने नहीं आया है, चुतिया उससे प्यार भी कर बैठा है, और मेरी बीवी भी उससे... शायद ! अभिषेक सोच रहा था. करो, अब क्या करेंगे... बस कुछ ही देर कि बात और है !
मेघना कि नाभी चोदने में अनिकेत को इतना आनंद मिल रहा था, कि उसने जोश में आकर कुछ ज़्यादा ही लण्ड घिस दिया था. लण्ड से वीर्य कि तीन चार मोटी मोटी बूंदें निकलकर मेघना कि नाभी में चू पड़ी, मगर ठीक ऐन वक़्त पर अनिकेत ने अपना पेट सिकोड़कर बाकि का वीर्य गिरने से रोक लिया.
" अब चोदो ! ". अपने पेट के ऊपर फड़कते लण्ड कि बेकरारी भांपकर मेघना धीरे से बोली.
" बिना Condom पेलूं भाभी जी ? ". अनिकेत ने मेघना कि टांगों से अपनी टांगें निकालकर डरते डरते पूछा.
जब अनिकेत मेघना के बदन पर से उठा, तो अभिषेक को अपनी बीवी के प्रेमी का लण्ड देखने का फिर से एक बार अवसर मिला. उसका लण्ड अब उत्तेजित होकर और भी फूल गया था और लाल सुपाड़ा ठनककर सीधे उसकी पेट से जा चिपका था ! जो भी कहो, लण्ड का धनी है ये लड़का - अभिषेक ने मन ही मन दाद दी !
" Condom तो लाये ही हो... ". मेघना ने पूछा.
" हाँ भाभी... ".
" फिर क्यूँ पूछ रहे हो बदमाश ? ". मेघना मुस्कुराई.
" भाभी प्लीज्... ".
" No way ! ". मेघना ने डांटते हुये थोड़ी ज़ोर से कहा, उसे पता था कि ये बात उसके पति के कानों तक ज़रूर गई होगी.
मेघना ने सोफे पर लेटे लेटे अपनी गांड़ थोड़ी सी ऊपर उठाई तो अनिकेत ने उसके नीचे दबे हुये Condom का पैकेट निकाल लिया. जब अनिकेत अपने लण्ड पर Condom चढ़ाने में व्यस्त था, तो मेघना ने चुपके से दरवाज़े पर छुपे खड़े अपने पति कि ओर देखा. मेघना कि आँखें कई सारी बातें कह रहीं थीं, जिनमें से एक क्षमादान कि याचना भी थी, जिसे अभिषेक ने भलीभांति नोटिस किया, पर उसकी पत्थर जैसी कठोर मुद्रा में कोई भी बदलाव ना आया.
हारकर मेघना ने अपनी नज़रें घुमा ली !
" डबल Condom पहनो अनिकेत ! ". मेघना ने अपने खुले बाल सोफे पर फ़ैलाते हुए कहा.
" क्यूँ भाभी ? ".
" फट गया तो ? ".
" नहीं फटेगा भाभी ! प्लीज् डबल Condom नहीं... प्लीज् भाभी ! कोई Feeling ही नहीं आएगी... ".
मेघना कुछ नहीं बोली, फिर थोड़ा रुककर पूछा.
" कहते थे कि Virgin हो... पर Condom पहनना तो खूब आता है तुम्हें अनिकेत !!! ".
" वो भाभी... एक्चुअली ना... कभी कभी Condom पहनकर मूठ मारता हूँ ! ". अनिकेत ने बिना किसी शर्म के बताया.
मेघना ने बड़ी मुश्किल से अपनी हँसी रोकी. उसे पता था कि नये नये जवानी में कदम रखने वाले लड़के रियल का सेक्स ना मिलने पर ना जाने कैसे कैसे एक्सपेरिमेंट करतें हैं !
" क्या क्या करते हो Condom पहन कर ? ". मेघना ने अपनी हँसी अपने होंठों में दबाकर पूछा.
" Condom पहना हुआ लण्ड मुट्ठी में डालकर घिसता हूँ, या फिर दो तकियों के बीच घुसाकर अंदर बाहर करता हूँ ! ".
तकिये को चोदने वाले Loser लड़के कि क्या खुशनसीबी होगी जो असली कि चूत मारने मिल जाये... वो भी मेघना जैसी खूबसूरत भाभी कि ! चूत कि असली कद्र तो उसे ही होती है जिसे ना मिले. मेघना के प्रेमी और उसके पति के बीच ये सबसे बड़ा फर्क था !!!
ऊपर से अगर भाभी इतनी सुंदर हो तो उसके प्यार में पड़ जाना तो लाज़मी ही है ना !
हल्के गुलाबी रंग के महीन condom में लिपटा अनिकेत का टाइट खड़ा लण्ड अब रेडी था.
" ये क्या किया बदमाश ? ". मेघना ने अपना सिर उठाकर नीचे अपनी चूचियों कि हालत देखकर धीमी आवाज़ में मुस्कुराकर पूछा.
" आपका दूध कितना मीठा है भाभी जी... ". अनिकेत ने मेघना कि चूची चूमते हुये कहा.
" पराई भाभीयों का दूध मीठा ही लगता है ! ". मेघना ने शरारती अंदाज़ में फुसफुसाते हुये कहा, उसे ये भी ख्याल रखना था कि उसकी ये बातें दूर छुपे खड़े उसके पति के कान तक ना जाये.
अभिषेक जितनी दूर खड़ा था, वहाँ से अपनी पत्नि और उसके प्रेमी के बीच चल रही इन धीमी धीमी बातों को सुन नहीं पा रहा था, और उसमें उनकी बातें सुनने का कोई खास कौतुहल भी ना था - वो जो कुछ देख रहा था, उतना ही काफ़ी था उसके दिल में टीस पैदा करने के लिए !!!
" आपकी बूर से बहुत तेज़ गंध आ रही है भाभी जी ! ". अनिकेत ने मेघना के गाल पर अपने होंठ रगड़ते हुये कहा.
" गंध ??? पसंद नहीं क्या ? ". मेघना ने अनिकेत का सिर सहलाते हुये पूछा.
" नहीं नहीं... गंध नहीं, मेरा मतलब है महक... खुशबु !!! ". अनिकेत ने तुरंत अपनी गलती सुधारी.
" इसपर लड़कियों का कण्ट्रोल नहीं होता अनिकेत ! मैं क्या करूँ ? तब से क्या क्या कर रहे हो मेरे साथ... My God !!! ".
अनिकेत को ख़ुशी थी कि पीछली बार कि अपेक्षा इस बार मेघना भाभी खुलकर उससे अपने शरीर के बारे में अंदरूनी बातें भी कर रही थी, और साथ ही साथ फोरप्ले का मज़ा भी उठा रही है. पीछली बार वाले सेक्स के दौरान वो बहुत ज़्यादा Bossy थी, और उसने अनिकेत को किसी बुद्धू छात्र कि तरह ट्रीट किया था - ये मत करो, वो मत करो, अब बस करो ! ठीक से कहाँ चोदने दिया था बेचारे को !!!
अनिकेत ने अपनी कमर उचकाई तो उसका ठनका हुआ लौड़ा मेघना कि गांड़ के बीच से छिटककर बाहर निकल आया. खुद को थोड़ा सा ऊपर खिसकाकर अबकी बार उसने अपना लण्ड मेघना कि गहरी नाभी पर टिका दिया. एक दो बार घिसने पर उसके लण्ड का सुपाड़ा खुलकर बाहर निकल आया, तो वो अपना सुपाड़ा मेघना कि गोल नाभी में रगड़ने लगा.
" अच्छा हुआ जो आज मैं घर से ही मूठ मारकर निकला था, वर्ना इतनी मोहक सुगंध से ही मेरा तो माल गिर जाता भाभी जी ! ".
मेघना जानती थी कि अनिकेत बहुत ज़्यादा उत्तेजित हो गया है और इसलिए अब ऐसी गन्दी गन्दी बहकी बहकी बकवास बातें कर रहा है.
" इतना तो मूठ मारते हो अनिकेत... अभी तक Orgasm पर कण्ट्रोल नहीं आया तुम्हारा ? ".
" वैसा थोड़े ही होता है भाभी. जब आपके साथ होता हूँ तो कुछ भी काम नहीं आता ! ". अनिकेत ने झेंपते हुये कहा.
ये दोनों इतनी क्या बातें किये जा रहें हैं... प्रेमी प्रेमिका के माफिक ? ये छोकड़ा मेरी बीवी को केवल पेलने नहीं आया है, चुतिया उससे प्यार भी कर बैठा है, और मेरी बीवी भी उससे... शायद ! अभिषेक सोच रहा था. करो, अब क्या करेंगे... बस कुछ ही देर कि बात और है !
मेघना कि नाभी चोदने में अनिकेत को इतना आनंद मिल रहा था, कि उसने जोश में आकर कुछ ज़्यादा ही लण्ड घिस दिया था. लण्ड से वीर्य कि तीन चार मोटी मोटी बूंदें निकलकर मेघना कि नाभी में चू पड़ी, मगर ठीक ऐन वक़्त पर अनिकेत ने अपना पेट सिकोड़कर बाकि का वीर्य गिरने से रोक लिया.
" अब चोदो ! ". अपने पेट के ऊपर फड़कते लण्ड कि बेकरारी भांपकर मेघना धीरे से बोली.
" बिना Condom पेलूं भाभी जी ? ". अनिकेत ने मेघना कि टांगों से अपनी टांगें निकालकर डरते डरते पूछा.
जब अनिकेत मेघना के बदन पर से उठा, तो अभिषेक को अपनी बीवी के प्रेमी का लण्ड देखने का फिर से एक बार अवसर मिला. उसका लण्ड अब उत्तेजित होकर और भी फूल गया था और लाल सुपाड़ा ठनककर सीधे उसकी पेट से जा चिपका था ! जो भी कहो, लण्ड का धनी है ये लड़का - अभिषेक ने मन ही मन दाद दी !
" Condom तो लाये ही हो... ". मेघना ने पूछा.
" हाँ भाभी... ".
" फिर क्यूँ पूछ रहे हो बदमाश ? ". मेघना मुस्कुराई.
" भाभी प्लीज्... ".
" No way ! ". मेघना ने डांटते हुये थोड़ी ज़ोर से कहा, उसे पता था कि ये बात उसके पति के कानों तक ज़रूर गई होगी.
मेघना ने सोफे पर लेटे लेटे अपनी गांड़ थोड़ी सी ऊपर उठाई तो अनिकेत ने उसके नीचे दबे हुये Condom का पैकेट निकाल लिया. जब अनिकेत अपने लण्ड पर Condom चढ़ाने में व्यस्त था, तो मेघना ने चुपके से दरवाज़े पर छुपे खड़े अपने पति कि ओर देखा. मेघना कि आँखें कई सारी बातें कह रहीं थीं, जिनमें से एक क्षमादान कि याचना भी थी, जिसे अभिषेक ने भलीभांति नोटिस किया, पर उसकी पत्थर जैसी कठोर मुद्रा में कोई भी बदलाव ना आया.
हारकर मेघना ने अपनी नज़रें घुमा ली !
" डबल Condom पहनो अनिकेत ! ". मेघना ने अपने खुले बाल सोफे पर फ़ैलाते हुए कहा.
" क्यूँ भाभी ? ".
" फट गया तो ? ".
" नहीं फटेगा भाभी ! प्लीज् डबल Condom नहीं... प्लीज् भाभी ! कोई Feeling ही नहीं आएगी... ".
मेघना कुछ नहीं बोली, फिर थोड़ा रुककर पूछा.
" कहते थे कि Virgin हो... पर Condom पहनना तो खूब आता है तुम्हें अनिकेत !!! ".
" वो भाभी... एक्चुअली ना... कभी कभी Condom पहनकर मूठ मारता हूँ ! ". अनिकेत ने बिना किसी शर्म के बताया.
मेघना ने बड़ी मुश्किल से अपनी हँसी रोकी. उसे पता था कि नये नये जवानी में कदम रखने वाले लड़के रियल का सेक्स ना मिलने पर ना जाने कैसे कैसे एक्सपेरिमेंट करतें हैं !
" क्या क्या करते हो Condom पहन कर ? ". मेघना ने अपनी हँसी अपने होंठों में दबाकर पूछा.
" Condom पहना हुआ लण्ड मुट्ठी में डालकर घिसता हूँ, या फिर दो तकियों के बीच घुसाकर अंदर बाहर करता हूँ ! ".
तकिये को चोदने वाले Loser लड़के कि क्या खुशनसीबी होगी जो असली कि चूत मारने मिल जाये... वो भी मेघना जैसी खूबसूरत भाभी कि ! चूत कि असली कद्र तो उसे ही होती है जिसे ना मिले. मेघना के प्रेमी और उसके पति के बीच ये सबसे बड़ा फर्क था !!!
ऊपर से अगर भाभी इतनी सुंदर हो तो उसके प्यार में पड़ जाना तो लाज़मी ही है ना !
हल्के गुलाबी रंग के महीन condom में लिपटा अनिकेत का टाइट खड़ा लण्ड अब रेडी था.