23-07-2021, 02:40 PM
विनीत - पूरा डाल न डर क्यों रहा है । मोहन ने एक धक्का मारा और उसका 3 इंच से ज्यादा चौड़ाई का और साढ़े सात इंच लंबाई का पूरा मूसल लिजेल की गाड़ में समा गया । लिजेल ने रोना शुरू कर दिया । वो पागलो की तरह चीखने लगी लेकिन उसे विनीत ने अपने सीने में दाब किया । लिजेल के लिए ये उसकी जिंदगी का सबसे अहम पल था । जब उसकी गुलाबी मखमली चुत में 7 इंच का एक स्लिम लंड आराम फरमा रहा था और उसकी गांड जो कुछ घंटे पहले तक बिल्कुल कोरी कुंवारी थी उसमें साढ़े सात इंच का 3 इंच मोटा मूसल धंसा हुआ है । अब जो हद पार करनी थी वो हो गयी थी, उसकी गांड को जितना फैलना था फैल चुकी थी । अब तो बस तूफान के गुजरने के बाद का पुनर्वास करना था । एक बार अपनी चीरती गांड के तीखे दर्द की बेबसी में जोर से चीखी, कुछ देर तक अपने आप आँसू बहते रहे फिर सिबुकते हुए शांत हो गयी । 10 मिनट तक वो दोनों स्टेचू बने रहे । फिर धीरे से विनीत ने कमर हिलानी शुरू की । कुछ ही देर में नीचे से ही पींगे बढ़ाने लगा । उसके लगते झटको से कभी कभी दर्द की सीत्कार उठती लेकिन वो उनके आगे कुछ नही थी जो वो झेल कर आई थी । मोहन ने भी लंड बाहर को खींचा बहुत धीरे धीरे और फिर उसी स्पीड से अंडर की तरफ घुसाने लगा । गाड़ के छल्ले की करक लिजेल को महसूस हो रही थी लेकिन मोहन की स्पीड बहुत कम थी इसलिए सब बर्दास्त भर था । वो आँखे बंद किये इस हल्के दर्द को आत्मसात कर रही थी । वैसे भी अब कोई दिक्कत बची नही थी । छल्ला लंड की मोटाई भर का फैल चुका था अब तो बस चिकनाई और सावधानी से गांड मारने की बारी थी । पाँच छ बार अंदर बाहर करने के बाद मोहन ने लिजेल की गांड को एक ठंडे तेल से भर दिया और फिर छल्ले पर दर्द न महसूस करने वाली क्रीम भर दी । उसे पता था उसके बिना हचक के लिजेल की गांड नही मार पायेगा । वैसे भी गाड़ की अंदरूनी दीवारों की भी इतनी मालिश कभी नही हुई थी इसलिए हल्की जलन होने लगी थी इस तेल ने तो जैसे अमृत का काम किया । लिजेल को बड़ी राहत मिली लेकिन वो टेम्पररी थी । मोहन ने तुरंत ही अपना मूसल फिर से गांड दिया और उसकी कमर आइस्ते आइस्ते हिलनी लगी । क्रीम ने अपना काम किया और छल्ले के आसपास का इलाका सुन्न हो गया । अब वो आसानी से लंड को पेल पा रहा यह लेकिन लिजेल की किसी गाड़ को चीर कर चोदने में मोहन की गांड के पसीने निकले जा रहे थे । ऐसा लग रहा था जैसे लिजेल कि गांड का मुहाना उसकेलंड की खाल उतार लेगा । नींचे से विनीत के धक्के बदस्तूर जारी थे और अब मोहन भी लंबी लेकिन धीमी पींगे बढ़ाने लगा था । लिजेल के लिए ये अनुभव कुछ अलग था । पहले उसकी चूत ठसाठस भरी थी और विनीत गांड चीर रहा था अब उसकी गांड ठसाठस भरी थी और गांड ही चीरी जा रही थी । उसे सपने में भी नही सोच था मोहन ही असल मे उसकी गांड मारना चाहता है । फिलहाल अभी हकीकत तो यही थी तमाम इफ बट के बाद भी वो फ़ी से दो तरफा चुद रही थी । उसके पिछले छेद का पीड़ादायक सफर खत्म हो चुका था। उसे अपने बेजान छल्ले पर मोहन का मूसल फिसलता हुआ महसूस हो रहा था । उसने कई बार पोर्न में anal सेक्स देखा था लेकिन हकीकत में ये कैसा होगा आज महसूस कर रही थी । वो ऑंख बंद करके अपनी पिछली सुरंग में दौड़ रहे मूसल कठोरता महसूस कर रही थी । ये अनुभव अलग था लेकिन वो इसे आत्मसात नही कर पा रही थी क्योंकि नीचे से उनकी चूत की भी बराबर कुटाई चालू थी ।
रीमा दो बार बह चुकी थी लेकिन बाथरूम से हटने का नाम नहीं ले रही थी | जिस वासना को अपने जिस्म की गहराइयों में दबा देना चाहती थी वो कही किसी और रूप में उसके सामने आ जाती | मन में आया जाकर उन तीनो को ज्वाइन कर ले | लेकिन जो झोपड़ी में हुआ उसको देखकर उसने खुद को रोक लिया |
उधर लिजेल को तो गांड में जाता मोटा मूसल भाने लगा था ये चूत के नरम मखमली चुदाई से अलग था । चूत में लंड सख्त होता है और चूत नरम लेकिन यहां जितना सख्त लंड उतना ही सख्त गांड का छेद भी उसे चीरना पड़ता । यहाँ असली लैंड की मर्दाना ताकत की पहचान होती है ।
विनीत - बेबी यु ओके ।
लिजेल - आई एम मोर than ओके । thankyou फ़ॉर रिमूविंग फियर ऑफ ass fucking । आई कैन टेक any cock in मय ass । fuck my ass यु son ऑफ bitch mohan । fuck हार्ड fuck डीप ।
विनीत चौक गया- इतने भी चमत्कार की उसे उम्मीद नही थी शायद क्रीम लगाने से सेंसिटिविटी जीरो हो गयी थी और इसे गांड मरवाने में मजा आने लगा हो ।
मोहन ने स्पीड बढ़ा दी, उसने लंड को चिकने तेल से सरोबार किया और लिजेल के गांड में पेलता रहा । अब दोनों सेकंड टॉप गियर लगा दिया था । बातें करने का अब कोई मतलब नही जो हाशिल करना था वो कर लिया था। जी भर चुदाई भी हो गयी थी अब बस आखिरी दौर को यादगार बनाकर इस सफर को खत्म करना था । दोनो आगे पीछे से लिजेल का बैंड बजाने लगे, एक उसकी जांघो पर थाप मारता तो दूसरा उसके चूतड़ों पर लेकिन दोनों ही थापों से लिजेल का मखमली बदन थर्रा जाता और दोनों का थापे देने का बस एक ही मकसद लिजेल की गुलाबी सुरंगो की गहराई तक सफर करना । उसके जवान कैसे जिस्म को भोगना । उसको औरत होने का सही मायने में अहसास करना और अपनी जंगली वासना को बुझाना । विनीत ने लिजेल को चोदा और गांड मारी, मोहन ने लिजेल को चोदा और गांड मार रहा है लेकिन लिजेल को क्या मिला । आखिर अपने जिस्म को नुचवा कर चीरवा कर लिजेल ने क्या हासिल किया । इतना दर्द सहकर गांड मरवाई लेकिन वो तो विनीत और मोहन के खाते की उपलब्धि में गिना जाएगा । आखिर लिजेल ने क्या हासिल किया । सबका यही सवाल होगा । लिजेल ने वो चुदाई का वो आत्म विस्वास हासिल किया जो उसे कभी किसी मर्द की दासी नही बनने देगा । भले ही उसकी मर्ज़ी के बिना मोहन ने उसकी गांड चीयर डाली लेकिन उसके पीछे होने वाला दर्द उसकी ना नुकुर का कारण था उसने विनीत को कभी गांड मारने से नही रोका । इसका मतलब जो भी हुआ उसकी मर्जी से ही हुआ बस तरीका अलग था । सच तो ये था उसे पता ही नही था कैसे वो मोहन को गांड में घोटेगी । उसे मोहन से गांड मरवाने में कोई ऐ तराज नही था लेकिन वो उसमे मूसल से घबरा कर मना कर रही थी । यही पर विनीत ने सही समय सही कदम उठाया अब लिजेल खुश थी । आखिर उसने अपने डर को जो जीत लिया था । उसकी गांड जितनी चीरनी थी चीर गयी अब तो वो मजे से मोटे लंड से गांड मरवा रही थी । मन ही मन विनीत को thankyou बोल रही थी । गांड मरवाना इतना भी बुरा नही है टेस्ट बदलने को महीने दो महीने में स्पेशल मौके परअपने पार्टनर को खुश कर सकते है । 19 मिनट पहले इसी विचार से सिहर रही अब वासना की किसी और दुनिया मे ही गोते लगा रही थी । ऐसा लग रहा था जैसे दो तरफा ठोकरों की अभ्यस्त हो गयी हो । हालांकि ऐसा नही था वो बुरी तरह हाफ रही थी , उसकी धड़कन कोई दूर से ही सुन सकता था ।पूरा लंड घुसेड़ने के बाद से 10 मिनट तो लिए ही पड़े रहे फ़ी अलगे पाँच छ मिनट रिदम बनाने में लगा दिया । बमुसब्किल 4 मिनट लगातार उसको दोनों चोदे होंगे और वो पस्त होने लगी थी । आखिर विनीत ने उसे कालीन ओर बाई करवट लिटा दिया । खुद पीछे आ गया और मोहन आगे । मोहन ने चूत में लंड घुसेड़ा और विनीत ने गांड में । दोनो लंडो के धक्कों में वो पिसने लगी । दोनो ने तीन मिनट के लगभग उसी पोजीशन में चोदा । लिजेल बस निढाल पसरी रही । वो बस अपनी सुरंगो में लंड की गर्माहट और कड़कपन महसूस कर रही थी ।
मोहन ने उसे अपनी गोद मे उठा लिया और हवा में टांग लिया और पीछे से विनीत आ गया । लेकिन दोनों ज्यादा देर तक इस पोजीशन में उसको चोद नही पाए । फिर मोहन नीचे लेटा उसके ऊपर लिजेल उल्टा मुहँ करके और आगे से लिजेल की चूत में विनीत । धुंवाधार धक्के पर धक्के वाली चुदाई शुरू हुई और अब लिजेल का कोई वजूद नही था दो लंडो की उबलती आग के तपिश के आगे बस वो मांस का लोथड़ा भर थी । ये कुछ पल ऐसे होते है जब मर्द सब भूल जाता है उसे बस औरत के जिस्म में उतरना है और अपनी सारी गर्मी उतारने तक पेल पेल के चुदाई करनी है । इन पलों में न औरत न मर्द किसी को किसी मर्यादा का ख्याल नही रहता । औरत जमकर चुदवाती है और मर्द जमकर चोदते है । मोहन और विनीत इस वक्त अपना वजूद भूल चुके थे न उन्हें लिजेल याद थी उन्हें बाद अपने लंड की उबलती प्यास बुझानी है । धकापेल चुदाई से लिजेल की भी हालत और पतली होने लगी लेकिन अभी आराम का समय नही था ।
लिजेल - फ़क मी बॉयज हार्डर । मोर मोर हार्डर । फ़क लाइक नेवर बिफोर फ़क यु एनीवन । फ़क लाइक यु विल नेवर फ़क एनीवन । यस बेबी कंमान बेबी फक में हार्डर । आई कैन फील योर कॉक ।फ़क फ़क फ़क फ़क ............।
विनीत - यस येआ यस यस यस यस बेबी , योर पुसी इस सो प्यासी सो प्यासी, मैं प्यास बुझाऊंगा ।
दोनों की कमर बराबर स्पीड से हिल रही थी । चुत और गांड की सुरंगे तो आग की भट्ठी बानी हुई थी । तेजी से रगड़ खाते लंड आग के गोले बने हुवे थे । तीनो का पसीना टप टप जमीन पर बरस रहा था । लिजेल के चुदते चुदते हाथ पांव ढीले हो गए थे ।
मोहन ने धक्कों के स्पीड बढ़ा दी - लिजेल की गांड पर इतने जोरदार धक्के उफ्फ्फ वो सोच भी नही सकती थी लेकिन पड़ रहे थे एक सेकेंड में तीन बात गांड का सफर करके लंड लौट रहा था । मोहन -- आआआआआ हहहहहहहह बहुत कसी गांड है मैडम तुमार, तेल निकाल दिया चूतड़ों से गांड मारने में । लंड तीन दिन तक दर्द करेगा इतनी कसी गांड चीरी है । आह लो मैडम मलाई चखो, साहब के चोदने के बाद भी जान निकल गयी आपकी गांड मारने में । आआआआह हहहहहहहह लो मलाई लो पांच पिचकारियों उसने अपनी गोलियों में मथते आखिरी लावे की बूंदे5 भी लिजेल की गांड में उड़ेल दी । आग से जल्दी गांड में ये सफेद लावा जैसे रेगिस्तान में बरसती फुहार जैसा । जमीन पर लेता मोहन वही निढाल हो गया ।
रीमा के जिस्म ने भी खड़े खड़े जवाब दे दिया था | उसने तौलिये से खुद को पोंछा और बिस्तर पर बाथरोब पहन लुढ़क गयी |
![[Image: 21166120.webp]](https://1.bp.blogspot.com/-098XMK1n_XI/YPVpA4oOcjI/AAAAAAAADL0/d9_ZF9PJxgc7O0o-X8GZBFpe8DvTmXyYACLcBGAsYHQ/s16000/21166120.webp)
विनीत - बेबी यु वांट suck ।
लिजेल - नो जस्ट फ़क ।
विनीत ने तेजी से अपना लैंड निकाल मोहन का लंड हटा लिजेल की गांड में पेल दिया ।
विनीत - आई एम कलेक्टिंग वाइट क्रीम इन योर टाइट ASS ।
लिजेल - आई लव तो ईट ।
विनीत ने उसकी गांड में सरपट अपना लंड दौड़ाना शुरू कर दिया और 2 मिनट की रेस के बाद उसने भी पिचकारी छोड़नी शुरू कर दी । दो लोंगो के सफेद रस को कुछ देर बाद कप में निकाल कर लिजेल ने विनीत के लंड पर लगाकर काफी देर तक चूसती चाटती रही | जब जब मस्ती में अपने चूतड़ हिलाती, दर्द की करक से जांघे काँप जाती | लिजेल की मारने के बाद मोहन तो तुरंत ही सोने लगा था लेकिन लिजेल ने विनीत की रात यादगार बनाने को दो बजे तक जगती रही । मोहन के सोने बाद दोनों ने दो एनर्जी ड्रिंक ली और फिर गांड में क्रीम लगाकर विनीत के लंड से एक घंटे तक खेलती रही चाटती रही चूसती रही फिर उसे गांड में धीरे धीरे डाल कर अपने गाड़ का दर्द चेक करती रही । आखिर में विनीत ने नॉन स्टॉप 25 मिनट उसकी गांड में अपना लंड पेला । ये रिकॉर्ड था इतनी देर तक लगातार कभी विनीत ने चुदाई नही करी । स्प्रे और क्रीम का असर खत्म होने के बाद उसका छेद परपराने लगा था उसमें दर्द भी हो रहा था लेकिन उसके बाद भी चुदती रही । सिर्फ विनीत के लिए । सिफ विनीत के लिए अपनी जिस्म की सुरंगो की परवाह किये बिना चुदती रही । जब विनीत पिचकारी की कुछ बुँदे छोड़ निढाल हो गया ।
लिजेल - अब तो खुश हो । मतलब तुम मुझे दर्द में देखना चाहते थे |
विनीत - नही ऐसा नही है ।
लिजेल - झूठ मत बोलो, तुम दुबारा भी मेरी गांड मार सकते थे लेकिन तुमने मोहन से कहाँ क्योंकि तुमने मेरे चेहरे पर चुदते वक्त दर्द देखना था । अब तो देख लिया अब तो खुश हो ।
विनीत - आई एम सॉरी जब पहली बार तड़पी थी गांड में लंड जाते वक्त तब मै ठीक से देख नही पाया था ।
लिजेल - कहा तो होता एक बार, बिना स्प्रे के ही मरवा लेती । बहुत ताकत होती है दर्द सहने की हम औरतों में ।
विनीत निढाल हो कर नंगा ही लिजेल की बाँहो में ही सोने जा रहा था ये उसके साथ उसकी आखिरी रात थी अगले हफ्ते उसकी सगाई हो जाएगी और वो शादी के बाद अपनी वाइफ को चीट करना नही चाहता था । लिजेल भी नंगी ही थी । दोनों ने आँखे मूंदी और गहरी नींद में जाने का सफर तय करने लगे । लिजेल ने मोबाइल में टाइम देखा तो पौने तीन हो रहा था । मन मे ही सोचा मोहन के सोने के बाद हम दोनों दो घंटे एक दुसरे के जिस्म से खेलते रहे । हुस्न और वासना के खुले खेल में समय कौन देखता है ।
विनीत की झपकी लगी ही थी, कमरे के फ़ोन की घंटी बजी । बाहर का चौकीदार तेज सांस के साथ - साहब सूर्यदेव जी आये है बहुत सारे गोली असलहे के साथ ।
इससे पहले वो गॉर्ड आगे कुछ कहता विनीत को एक आवाज सुनाई दी - फ़ोन रख मादरचोद, तेरे साहब की आज सबके सामने अपने कुत्ते से गाड़ मरवाऊंगा । साला मुझसे दलाली करने चला था । अब सिखाता हूँ डॉक्टर को सबक ।
विनीत ने फ़ोन वैसे ही छोड़ दिया और रीमा के कमरे के कमरे की तरफ भागा | उसे अपने सभी दरवाजो के इलेक्ट्रोनिक तालो का मास्टर कोड पता था | जल्दी ही उसने दरवाजा खोला , वो पूरी तरह नंगा था, रीमा भी उसकी चुदाई देख थककर सो गई थी, रीमा ने जिस्म पर सिर्फ बाथरोब लपेटा था । उससे तेजी से झिंझोड़ा ।
रीमा दो बार बह चुकी थी लेकिन बाथरूम से हटने का नाम नहीं ले रही थी | जिस वासना को अपने जिस्म की गहराइयों में दबा देना चाहती थी वो कही किसी और रूप में उसके सामने आ जाती | मन में आया जाकर उन तीनो को ज्वाइन कर ले | लेकिन जो झोपड़ी में हुआ उसको देखकर उसने खुद को रोक लिया |
उधर लिजेल को तो गांड में जाता मोटा मूसल भाने लगा था ये चूत के नरम मखमली चुदाई से अलग था । चूत में लंड सख्त होता है और चूत नरम लेकिन यहां जितना सख्त लंड उतना ही सख्त गांड का छेद भी उसे चीरना पड़ता । यहाँ असली लैंड की मर्दाना ताकत की पहचान होती है ।
विनीत - बेबी यु ओके ।
लिजेल - आई एम मोर than ओके । thankyou फ़ॉर रिमूविंग फियर ऑफ ass fucking । आई कैन टेक any cock in मय ass । fuck my ass यु son ऑफ bitch mohan । fuck हार्ड fuck डीप ।
विनीत चौक गया- इतने भी चमत्कार की उसे उम्मीद नही थी शायद क्रीम लगाने से सेंसिटिविटी जीरो हो गयी थी और इसे गांड मरवाने में मजा आने लगा हो ।
मोहन ने स्पीड बढ़ा दी, उसने लंड को चिकने तेल से सरोबार किया और लिजेल के गांड में पेलता रहा । अब दोनों सेकंड टॉप गियर लगा दिया था । बातें करने का अब कोई मतलब नही जो हाशिल करना था वो कर लिया था। जी भर चुदाई भी हो गयी थी अब बस आखिरी दौर को यादगार बनाकर इस सफर को खत्म करना था । दोनो आगे पीछे से लिजेल का बैंड बजाने लगे, एक उसकी जांघो पर थाप मारता तो दूसरा उसके चूतड़ों पर लेकिन दोनों ही थापों से लिजेल का मखमली बदन थर्रा जाता और दोनों का थापे देने का बस एक ही मकसद लिजेल की गुलाबी सुरंगो की गहराई तक सफर करना । उसके जवान कैसे जिस्म को भोगना । उसको औरत होने का सही मायने में अहसास करना और अपनी जंगली वासना को बुझाना । विनीत ने लिजेल को चोदा और गांड मारी, मोहन ने लिजेल को चोदा और गांड मार रहा है लेकिन लिजेल को क्या मिला । आखिर अपने जिस्म को नुचवा कर चीरवा कर लिजेल ने क्या हासिल किया । इतना दर्द सहकर गांड मरवाई लेकिन वो तो विनीत और मोहन के खाते की उपलब्धि में गिना जाएगा । आखिर लिजेल ने क्या हासिल किया । सबका यही सवाल होगा । लिजेल ने वो चुदाई का वो आत्म विस्वास हासिल किया जो उसे कभी किसी मर्द की दासी नही बनने देगा । भले ही उसकी मर्ज़ी के बिना मोहन ने उसकी गांड चीयर डाली लेकिन उसके पीछे होने वाला दर्द उसकी ना नुकुर का कारण था उसने विनीत को कभी गांड मारने से नही रोका । इसका मतलब जो भी हुआ उसकी मर्जी से ही हुआ बस तरीका अलग था । सच तो ये था उसे पता ही नही था कैसे वो मोहन को गांड में घोटेगी । उसे मोहन से गांड मरवाने में कोई ऐ तराज नही था लेकिन वो उसमे मूसल से घबरा कर मना कर रही थी । यही पर विनीत ने सही समय सही कदम उठाया अब लिजेल खुश थी । आखिर उसने अपने डर को जो जीत लिया था । उसकी गांड जितनी चीरनी थी चीर गयी अब तो वो मजे से मोटे लंड से गांड मरवा रही थी । मन ही मन विनीत को thankyou बोल रही थी । गांड मरवाना इतना भी बुरा नही है टेस्ट बदलने को महीने दो महीने में स्पेशल मौके परअपने पार्टनर को खुश कर सकते है । 19 मिनट पहले इसी विचार से सिहर रही अब वासना की किसी और दुनिया मे ही गोते लगा रही थी । ऐसा लग रहा था जैसे दो तरफा ठोकरों की अभ्यस्त हो गयी हो । हालांकि ऐसा नही था वो बुरी तरह हाफ रही थी , उसकी धड़कन कोई दूर से ही सुन सकता था ।पूरा लंड घुसेड़ने के बाद से 10 मिनट तो लिए ही पड़े रहे फ़ी अलगे पाँच छ मिनट रिदम बनाने में लगा दिया । बमुसब्किल 4 मिनट लगातार उसको दोनों चोदे होंगे और वो पस्त होने लगी थी । आखिर विनीत ने उसे कालीन ओर बाई करवट लिटा दिया । खुद पीछे आ गया और मोहन आगे । मोहन ने चूत में लंड घुसेड़ा और विनीत ने गांड में । दोनो लंडो के धक्कों में वो पिसने लगी । दोनो ने तीन मिनट के लगभग उसी पोजीशन में चोदा । लिजेल बस निढाल पसरी रही । वो बस अपनी सुरंगो में लंड की गर्माहट और कड़कपन महसूस कर रही थी ।
मोहन ने उसे अपनी गोद मे उठा लिया और हवा में टांग लिया और पीछे से विनीत आ गया । लेकिन दोनों ज्यादा देर तक इस पोजीशन में उसको चोद नही पाए । फिर मोहन नीचे लेटा उसके ऊपर लिजेल उल्टा मुहँ करके और आगे से लिजेल की चूत में विनीत । धुंवाधार धक्के पर धक्के वाली चुदाई शुरू हुई और अब लिजेल का कोई वजूद नही था दो लंडो की उबलती आग के तपिश के आगे बस वो मांस का लोथड़ा भर थी । ये कुछ पल ऐसे होते है जब मर्द सब भूल जाता है उसे बस औरत के जिस्म में उतरना है और अपनी सारी गर्मी उतारने तक पेल पेल के चुदाई करनी है । इन पलों में न औरत न मर्द किसी को किसी मर्यादा का ख्याल नही रहता । औरत जमकर चुदवाती है और मर्द जमकर चोदते है । मोहन और विनीत इस वक्त अपना वजूद भूल चुके थे न उन्हें लिजेल याद थी उन्हें बाद अपने लंड की उबलती प्यास बुझानी है । धकापेल चुदाई से लिजेल की भी हालत और पतली होने लगी लेकिन अभी आराम का समय नही था ।
लिजेल - फ़क मी बॉयज हार्डर । मोर मोर हार्डर । फ़क लाइक नेवर बिफोर फ़क यु एनीवन । फ़क लाइक यु विल नेवर फ़क एनीवन । यस बेबी कंमान बेबी फक में हार्डर । आई कैन फील योर कॉक ।फ़क फ़क फ़क फ़क ............।
विनीत - यस येआ यस यस यस यस बेबी , योर पुसी इस सो प्यासी सो प्यासी, मैं प्यास बुझाऊंगा ।
दोनों की कमर बराबर स्पीड से हिल रही थी । चुत और गांड की सुरंगे तो आग की भट्ठी बानी हुई थी । तेजी से रगड़ खाते लंड आग के गोले बने हुवे थे । तीनो का पसीना टप टप जमीन पर बरस रहा था । लिजेल के चुदते चुदते हाथ पांव ढीले हो गए थे ।
मोहन ने धक्कों के स्पीड बढ़ा दी - लिजेल की गांड पर इतने जोरदार धक्के उफ्फ्फ वो सोच भी नही सकती थी लेकिन पड़ रहे थे एक सेकेंड में तीन बात गांड का सफर करके लंड लौट रहा था । मोहन -- आआआआआ हहहहहहहह बहुत कसी गांड है मैडम तुमार, तेल निकाल दिया चूतड़ों से गांड मारने में । लंड तीन दिन तक दर्द करेगा इतनी कसी गांड चीरी है । आह लो मैडम मलाई चखो, साहब के चोदने के बाद भी जान निकल गयी आपकी गांड मारने में । आआआआह हहहहहहहह लो मलाई लो पांच पिचकारियों उसने अपनी गोलियों में मथते आखिरी लावे की बूंदे5 भी लिजेल की गांड में उड़ेल दी । आग से जल्दी गांड में ये सफेद लावा जैसे रेगिस्तान में बरसती फुहार जैसा । जमीन पर लेता मोहन वही निढाल हो गया ।
रीमा के जिस्म ने भी खड़े खड़े जवाब दे दिया था | उसने तौलिये से खुद को पोंछा और बिस्तर पर बाथरोब पहन लुढ़क गयी |
![[Image: 21166120.webp]](https://1.bp.blogspot.com/-098XMK1n_XI/YPVpA4oOcjI/AAAAAAAADL0/d9_ZF9PJxgc7O0o-X8GZBFpe8DvTmXyYACLcBGAsYHQ/s16000/21166120.webp)
विनीत - बेबी यु वांट suck ।
लिजेल - नो जस्ट फ़क ।
विनीत ने तेजी से अपना लैंड निकाल मोहन का लंड हटा लिजेल की गांड में पेल दिया ।
विनीत - आई एम कलेक्टिंग वाइट क्रीम इन योर टाइट ASS ।
लिजेल - आई लव तो ईट ।
विनीत ने उसकी गांड में सरपट अपना लंड दौड़ाना शुरू कर दिया और 2 मिनट की रेस के बाद उसने भी पिचकारी छोड़नी शुरू कर दी । दो लोंगो के सफेद रस को कुछ देर बाद कप में निकाल कर लिजेल ने विनीत के लंड पर लगाकर काफी देर तक चूसती चाटती रही | जब जब मस्ती में अपने चूतड़ हिलाती, दर्द की करक से जांघे काँप जाती | लिजेल की मारने के बाद मोहन तो तुरंत ही सोने लगा था लेकिन लिजेल ने विनीत की रात यादगार बनाने को दो बजे तक जगती रही । मोहन के सोने बाद दोनों ने दो एनर्जी ड्रिंक ली और फिर गांड में क्रीम लगाकर विनीत के लंड से एक घंटे तक खेलती रही चाटती रही चूसती रही फिर उसे गांड में धीरे धीरे डाल कर अपने गाड़ का दर्द चेक करती रही । आखिर में विनीत ने नॉन स्टॉप 25 मिनट उसकी गांड में अपना लंड पेला । ये रिकॉर्ड था इतनी देर तक लगातार कभी विनीत ने चुदाई नही करी । स्प्रे और क्रीम का असर खत्म होने के बाद उसका छेद परपराने लगा था उसमें दर्द भी हो रहा था लेकिन उसके बाद भी चुदती रही । सिर्फ विनीत के लिए । सिफ विनीत के लिए अपनी जिस्म की सुरंगो की परवाह किये बिना चुदती रही । जब विनीत पिचकारी की कुछ बुँदे छोड़ निढाल हो गया ।
लिजेल - अब तो खुश हो । मतलब तुम मुझे दर्द में देखना चाहते थे |
विनीत - नही ऐसा नही है ।
लिजेल - झूठ मत बोलो, तुम दुबारा भी मेरी गांड मार सकते थे लेकिन तुमने मोहन से कहाँ क्योंकि तुमने मेरे चेहरे पर चुदते वक्त दर्द देखना था । अब तो देख लिया अब तो खुश हो ।
विनीत - आई एम सॉरी जब पहली बार तड़पी थी गांड में लंड जाते वक्त तब मै ठीक से देख नही पाया था ।
लिजेल - कहा तो होता एक बार, बिना स्प्रे के ही मरवा लेती । बहुत ताकत होती है दर्द सहने की हम औरतों में ।
विनीत निढाल हो कर नंगा ही लिजेल की बाँहो में ही सोने जा रहा था ये उसके साथ उसकी आखिरी रात थी अगले हफ्ते उसकी सगाई हो जाएगी और वो शादी के बाद अपनी वाइफ को चीट करना नही चाहता था । लिजेल भी नंगी ही थी । दोनों ने आँखे मूंदी और गहरी नींद में जाने का सफर तय करने लगे । लिजेल ने मोबाइल में टाइम देखा तो पौने तीन हो रहा था । मन मे ही सोचा मोहन के सोने के बाद हम दोनों दो घंटे एक दुसरे के जिस्म से खेलते रहे । हुस्न और वासना के खुले खेल में समय कौन देखता है ।
विनीत की झपकी लगी ही थी, कमरे के फ़ोन की घंटी बजी । बाहर का चौकीदार तेज सांस के साथ - साहब सूर्यदेव जी आये है बहुत सारे गोली असलहे के साथ ।
इससे पहले वो गॉर्ड आगे कुछ कहता विनीत को एक आवाज सुनाई दी - फ़ोन रख मादरचोद, तेरे साहब की आज सबके सामने अपने कुत्ते से गाड़ मरवाऊंगा । साला मुझसे दलाली करने चला था । अब सिखाता हूँ डॉक्टर को सबक ।
विनीत ने फ़ोन वैसे ही छोड़ दिया और रीमा के कमरे के कमरे की तरफ भागा | उसे अपने सभी दरवाजो के इलेक्ट्रोनिक तालो का मास्टर कोड पता था | जल्दी ही उसने दरवाजा खोला , वो पूरी तरह नंगा था, रीमा भी उसकी चुदाई देख थककर सो गई थी, रीमा ने जिस्म पर सिर्फ बाथरोब लपेटा था । उससे तेजी से झिंझोड़ा ।


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