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Adultery रीमा की दबी वासना
रीमा ने विनीत की आवाज सुनी तो उसके कान खड़े हो गए | नंगे बदन पानी सी भीगी, इससे पहले वो तौलिया लपेट कर बाहर आ पाती | विनीत बाथरूम के दरवाजे पर खड़ा था | विनीत की आँखे खुली की खुली रह गयी | रीमा का खुला नंगा पानी की ओस बूंदों से भीगा गुलाबी बदन..........रीमा ने जैसे तैसे खुद को ढकने की कोशिश की, जब छाती ढकी तो चूत त्रिकोण नुमाया हो गया और जब नीचे ढकने चली तो गोरे गोरे  उन्नत उरोज और उनकी नुकीली चोटियाँ | विनीत ने सब देख लिया भले ही एक झलक मिली हो | ऊपर से जब रीमा को कुछ समझ नहीं आया तो पीठ करके खडी हो गयी | चूत और उरोजो के बाद विनीत ने रीमा के मांसल गुदाज भारी चुताड़ो के भी दर्शन कर लिए | अच्छे से रीमा की गुलाबी जिस्म का दीदार करने के बाद - आई ऍम सो सो सो सॉरी ............ | 

इतना कहकर उल्टा मुहँ करके खड़ा हो गया | 

विनीत - सो सो सॉरी रीमा जी, मुझे नहीं पता था आप इस वक्त बाथ ले रही होंगी वरना नॉक करके आता | आपके लिए कुछ कपड़े लाया था | कुछ खाने को भी लाया था | 
शर्म से पानी पानी रीमा में सीधे होकर विनीत का सामना करने की हिम्मत नहीं थी | रीमा - वही रख दीजिये | 
विनीत - ओके , और आप दरवाजा मेरे जाने के बाद लॉक कर लीजियेगा | ३५५० कोड है वैसे यहाँ कोई आएगा नहीं मेरे अलावा फिर भी इस कोड को डालने के बाद मै भी बाहर से दरवाजा नहीं खोल पाउँगा | 
विनीत ने खाने की ट्रे और कपड़े बेड पर रख दिए - प्लीज मेक कम्फ़र्टेबल योरसेल्फ . मैंने कुछ नहीं देखा | 
इतना कहकर वो तेजी से बाहर  निकल गया | 
बाहर जाकर उसने एक लम्बी साँस ली - वाव सो गर्जिअस माय गॉड क्या फिगर है, गॉड क्या बनाया है इस औरत को | मैडम ने तो जोश जगा दिया | लिजेल बेबी आज तेरा कचूमर निकलेगा किसी और की तम्मना में | अपने पेंट के तनाव को ठीक करता हुआ तेजी से अपने कमरे में लौटा | 
विनीत ने कमरे में पहुचने तक अपनी शर्ट खोल डाली थी | बाकि कपड़े  लिजले ने भी  उतनी ही तेजी से निकाल फेंके | और उसके सामने घुटनों के बल बैठ कर उसके आधे  नरम लंड को लोलीपोप की तरह चूसने लगी |
[Image: 19273634.gif]
 विनीत को यकीन नहीं हुआ रीमा के जिस्म को देखते ही उसके अन्दर का जोश दुगुना हो गया | साहब को जोश में देख मोहन भी कहाँ पीछे रहने वाला |  लिजेल जमींन पर पैरो के बल बैठी थी और सामने खड़े विनीत का लंड चूस रही थी | मोहन ने किसी तरह लिजेल के दोनों पैरो के बीच से जगह बना ली और फर्श के बल पीठ के सहारे रेगते हुए बिलकुल अपनी कमर के पास उसके पैरो को ले आया | अब लिजेल की चूत बिलकुल उसके लंड के ऊपर थी और लिजेल मोहन के ऊपर काऊबॉय बन गयी | विनीत थोड़ा सा साइड में आ गया | नीचे से मोहन ने निशाना लगाया और उसका मुसल लंड सीधे चूत में | 
लिजेल इतने भीषण प्रहार के लिए तैयार नहीं थी - आआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह  सो बिग स्लो बेबी इजी | पूरा कमरा लिजेल की कराह से गूँज उठा |इधर लिजेल ने विनीत का लंड चुसना नहीं चोदा था हालाकि मोहन के मुसल धक्को ने उसकी कराहे निकाल दी | 
विनीत का लंड भी अब तनकर पूरी तरह तैयार था | विनीत - मुझे अपना गिफ्ट चाहिए | 
लिजेल - व्हाट गिफ्ट |
विनीत - व्हाट यू प्लांड फॉर | 
लिजेल - टेक इट इफ यू कैन | 
विनीत ने अपने लंड को लिजेल के मुहँ से निकाला | पीछे जाकर उसकी नंगी पीठ पर हाथ रखा और उसे मोहन की छाती पर झुकाता चला गया | फिर कुत्ता बनकर उस पर छा गया | उसने अपना लंड उसके गांड के कसे छल्ले पर सटाया और पूरी ताकत के अपने तने लंड को जड़ से पकड़ कर ठेल दिया | लिजेल - आआआआह्हाआअह्ह्हाआआह्हाआह्ह्ह ओओओओओओओओओओओओह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह इजी इजी | 
दो कड़क लंड एक साथ चूत और गांड में घुस जाए तो औरतो के हाथ पाँव ढीले हो जाते है ये तो पहली बार करवा रही थी | स्प्रे के कारन दर्द तो न के बराबर था लेकिन कसे छल्ले की कसावट और नीचे से ,मोहन का रगड़ता लंड | लिजेल की हालत सैंडविच में भरे आलू की तरह थी उसे दोनों तरह से पिसना था | उसकी ठुकाई दो तरफ़ा होनी थी | आखिर ये रास्ता उसी ने चुना है उसने पराये लंडो को ये राह खुद दिखाई है अब वो लंडो को दोष नहीं दे सकती | 
[Image: bathroom_girl_00874.jpg]
तो उसे मादक कराह की आवाज उसके कानों में पड़ी | वो कुछ पल वैसे ही शांत रही, लेकिन कराहे उसे बार बार सुनाई पड़ रही थी वो दीवार के पास कान ले गयी | उसे यकीन हो गया उस तरफ जबदस्त चुदाई चल रही है | उसने शैम्पू रख दीवार से कान लगा दिए और उसका हाथ फिसलता हुआ शावर के हँडल के पास पंहुच गया | वो चुदाई की मादक कराहों का आनंद ले ने लगी और उसकी उंगलिया शावर पर फिसल रही थी तभी उसकी एक उंगली दीवार में घुस गयी | रीमा का ध्यान उधर गया, यहाँ तो दीवार में छेद है | ये छेद असल में विनीत ने अपने लिए बनवाया था | जब भी कोई कमसिन लड़की पेशेंट बनकर आती थी तो कभी कभी इसी छेद से वो उनके हुश्न का दीदार करता था | असल में वो देखना चाहता था अस्लपताल के बाथरूम में पूरी तरह नंगी होकर करती क्या है |  आज उसकी ये चालंकी उसी को भारी पड़ गयी | 

दो लंड एक साथ एक औरत के जिस्म में | उसे अपनी भयानक हाहाकारी चुदाई की यादे आ गयी | वो उस दौर को याद कर सिहर गयी | रीमा कुछ देर तक बुत बनी खड़ी रही लेकिन फिर धीरे धीरे सहज  हो गयी | उसके जिस्म पर लगातार शावर से पानी गिर रहा था | अन्दर भले ही उसके बदन में आग जल रही हो लेकिन उपर से पानी उसे बुझाने की पूरी कोशिश कर रहा था |  एक मन कहता निकल चला यहाँ से दूसरा उसे वासना के मोहपाश में जकड़े था | जकड़न भी आसन होती तो कब का इससे रीमा आजाद हो गयी होती | उफफ्फ्फ्फ़ ये क्या हो रहा है मेरे साथ | पहले वो वासना की कल्पनाओं में ये सब सोचती थी की वो नंगी होकर नहा रही हो और ............. कोई उसे छुपकर देख रहा हूँ लेकिन यहाँ तो वो ही नाहते हुए किसी और को छुपकर देख रही थी |  अब तो उसके साथ ही ये हो रहा है | अपने चूत की तरफ एक हाथ ले गयी और एक उंगली से अपने जिस्म का सच जानना चाहा, फिर रुक गयी फिर हिम्मत भरी और अपनी  चूत का गीलापन छूने लगी | उफ्फ्फफ्फ्फ़ नाहिहिही आखिर वो क्या वासना की दासी हो गयी है | उसे ये करते हुए घिन क्यों नहीं आ रही है | किसी की चुदाई देखना कहाँ की नैतिकता है | 
कुछ देर के लिए आँख बंद किये खाडी रही  | फिर उसके मन पलती खायी | ज्यादा मत सोच, जो हो रहा है उसे एन्जॉय कर | बस एन्जॉय कर रीमा सोचना बंद कर | कुछ सही गलत नहीं होता | जब तक तू किसी और से चुदी नहीं थी तब तक तुझे वो चुदाई गलत लगती थी | फिर तुझे दूसरी औरतो का गांड मरवाना गलत गलत लगता था लंड चुसना एक साथ दो लंड लेना | सब कुछ तो तूने किया और जमकर किया पूरा एन्जॉय किया | ऐसा डूबकर किया जैसे कोई साधना कर रही हूँ | अब काहे का डर मजा लो रीमा जिंदगी का | उम्र ढल जाएगी जवानी ढल जाएगी वासना ख़त्म हो जाएगी | 
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 कुछ देर में जब इस झटके से उबरी तो रीमा ने शावर बंद कर बॉडी शैम्पू उठाया और बदन पर मलने लगी |  अपने पुरे बदन को झाग से नहला दिया |
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 रीमा ने बदन पर फिर से बॉडी वाश लगाया और हलके हाथो से अपने उरोजो को मसलने लगी | अब कन्फ्यूज्ड रीमा मर गयी थी ये वो रीमा थी जो अपनी मादकता में डूबी वासना में गोते लगाने को तैयार थी |
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उरोजो को मसलते हुए हाथ नाभि पर से होता हुआ चूत घाटी में पहुच गया | दो उंगलियों ने उसके चूत फांके चीर कर अलग कर दिए और आइस्ते से अँधेरी गुलाबी गीली सुरंग में पैबस्त हो गयी | रीमा का दूसरा हाथ उसके सीने की चिकनाहट बढ़ाने लगा |  रीमा ने खुद को थोड़ा झुकाया और अपनी दाई आंख उस छेद पर सटा दी | एक औरत दो आदमी और दो लंड एक साथ एक औरत के अंतरो में दनादन फिसल रहे थे | रीमा ये द्रश्य देखकर वासना से सिहर उठी | उसे अपनी चुदाई याद आ गयी | उसके चूत में फंसी उंगलिया तेजी से अन्दर बाहर होने लगी |
उसके पलट कर अपनी आँखे बंद कर ली और एक ही वाक्य उसके मन में आया - नहीं अब और नहीं | 
इस वासना के दलदल से अब उसे दूर रहना है | कुछ पल बुत बनी खडी रही | शावर ऑन किया लेकिन पानी की शीतलता भी उसके मन में उठ रही  गरम वासना की लालसा को ठंडा नहीं कर सकी | उसे लगा भागने से कुछ नहो होगा सच का सामना कर और यही सोचकर  कुछ देर बाद उसकी आंख फिर उसी छेद पर जाकर जम गयी | उसके जिस्म के नाजुक उरोजो और  चूत को उसके हाथो ने मसलना शुरू कर दिया |
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RE: रीमा की दबी वासना - by vijayveg - 23-07-2021, 02:37 PM



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