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Adultery रीमा की दबी वासना
लिजेल ने फिर से मोहन का चुसना शुरू कर दिया लेकिन इस बार चुसाई पहले से ज्यादा इंटेंस थी इसलिए खुद ही देर में मोहन पीछे हट गया | लिजेल को गुस्सा आ गया - बिहैव लाइक अ मैंन, जस्ट स्टार्ट स्क्रू मी | पुट योर cock इन माय pussy | क्या कहते हो तुम लोग लंड को चूत डालना | 
मोहन कुछ जवाब देता इससे पहले ही उसी मसाज टेबल पर पेट के लेट गयी  गयी - fuck मी लाइक डॉग इन doggy पोजीशन ............ कुत्ते चोदो |


[Image: 20206862.gif]

मोहन के पास कोई चारा नहीं था उसने लिजेल के चूतड़ फैलाये और उसके चूत के गुलाबी छेद पर अपने तने लंड का मोटा सुपाडा सटाया और हलके से आगे को धक्का दिया | उसका सुपाडा लिजेल की संकरी चूत को फैलाता हुआ अन्दर घुसने लगा | उसने फिर से कमर पीछे खीची और जोर से आगे को ठेला | इस बार उसका लंड खिसकते हुए आधा लिजेल की चूत में समां गया | लिजेल की चूत पूरी तरह से उसके लंड से भर गयी थी | लिजेल भी अपनी कमर पीछे खिसकाकर उसके लंड को खुद में समाने लगी |
लिजेल - यू आर huge , माय pussy इस फुल, नो स्पेस फॉर इवन एयर | मोहन हांफता हाउ क्या कह रही हो मैडम |
लिजेल - मोटा है............... नो स्पेस इन माय चूत | 
मोहन को जोश आ गया उसने जोर का झटका मारा और अपना पूरा लंड लिजेल की चूत में ठेलने की कोशिश करने लगा | उसकी कमर हिलने लगी और वो कुत्ते की तरह लिजेल को कुतिया बनाकर चोदने लगा | कुछ देर तक दनादन लिजेल की चुताड़ो पर जमकर ठोकर मारी | लिजेल की पूरी चूत चीर कर फैला दी अपने मोटे मुसल से | लिजेल के घुटने जवाब दे गए | वो वही पसर गयी| मोहन ऊपर टेबल पर आ गया और उसकी चूत में अपना मोटा मुसल घुसेड़ दिया फिर धकापेल सटासट लिजेल की चूत फाड़ने का सिलसिला शुरू हुआ | जीतनी तेज मोहन की ठोकरे उतना तेज लिजेल के चूतड़ थरथराते | उतनी तेज मोहन का लंड लिजेल की चूत में घुस जाता | 
[Image: prone_bone_position-83300.gif]
मोहन ने लिजेल को चोदने की रिद्धम पकड़ी ही थी की तभी कमरे का दरवाजा खुला |  विनीत आ गया था | 
असल में जब यहाँ से विनीत तो एक घंटे में कह कर वापस आने को बोला था लेकिन उसने २ घंटे लगा दिए |
अस्पताल जाकर उसने दोबारा से टाँके लगाये और फिर खून रोकने के  इंजेक्शन लगाये | फिर कुछ देर तक दवा के असर का इन्तजार करने लगा | रीमा इमरजेंसी रूम के बाहर बैठी हुई थी | विनीत टहलते हुए बाहर चला आया |
विनीत - हाय मिसेज रीमा |
रीमा - हेल्लो |
विनीत - पेशेंट के बारे में कुछ पूछ सकता हूँ | 
रीमा - श्योर | 
विनीत - ये सब हुआ कैसे |
रीमा कुछ सोच में पड़ गयी फिर बताने लगी - एक्चुअली मै वीमेन हेल्थ पर काम करती हूँ | कल ही इस कस्बे में आई थी | ये इलाका काफी बैक वर्ड और पुराणी सोच वाला है | इस ऑटोवाले को मैंने किराये में पर लिया था | इसका नेचर काफी अच्छा था | मेरे साथ के लोग कल ही कैंप लगाकर वापस चले गए | मै रुक गयी थी | मै इन लोगो की जिंदगी करीब से देखना चाहती थी | आज इसलिए ये मुझे अपने गाँव लेकर गया था | मैंने वहां की जवान औरतो को कंडोम दिए और बच्चे की प्लानिंग के बारे में समझाया | तभी एक बूढी औरत ने वहां अफवाह फैला दी की मै औरतो को बाँझ करने वाली दवाइयां बाँट रही हूँ जिससे आगे वो माँ नहीं बन पायेगी | फिर क्या था गाँव वाले मारपीट तक उतर आये | हम वापस आने लगे तभी एक दो लड़को ने अभद्र टिप्पणी मेरे ऊपर करनी शुरू कर दी और औटोवालो ने उनसे झगड़ा कर किया और इसको चोट लग गयी | इसी बीच बराव में मेरा टॉप फट गया, मुझे ये तौलिया लपेट कर अपनी लाज बचानी पड़ी |  
रीमा ने सफ़ेद झूठ बोल दिया | 
विनीत  - आई ऍम सो सॉरी, लेकिन आप ऐसे ही कपड़े पहनती है मेरा मतलब, गलत मत समझिएगा लेकिन आपके स्टैण्डर्ड के हिसाब से |
रीमा - आई अंडरस्टैंड ........ ऐसे लोगो के बीच में अपने स्टैण्डर्ड के कपड़े पहन जाती थी तो औरते न अपनी मन की बात नहीं बताती है | वो एक मेंम साहब वाली दूरी बनाकर रखती है |
विनीत - आई अंडरस्टैंड | ये इलाका है तो सच में बहुत बैक वर्ड | ऊपर से यहाँक्रिमिनल एक्टिविटी भी ज्यादा है | 
रीमा - वेल अगर मै गलत नहीं हूँ यू आर वेल एजुकेटेड, फिर यहाँ ...... |
विनीत - मै यही पला बढ़ा हूँ, हायर स्टडी के लिए रूस गया था | चूँकि इस इलाके में अकेला बढ़िया डॉक्टर हूँ तो मुझसे कोई अटकता नहीं है क्योंकि आये दिन गैंगवार में किसी न किसी का आदमी इलाज कराने आता रहता है | इसलिए मुझे कोई नहीं छुता |
रीमा - आपसे मिलकर अच्छा लगा डॉक्टर |
विनीत - वी कैन बी फ्रेंड्स |
रीमा - व्हाई नाट | 
रीमा और विनीत ने हैंडशेक किया और दोनों एक साथ बोले - फ्रेंड्स |
विनीत - आप ये मास्क उतार सकती है मै अजनबी नहीं हूँ |
रीमा भी विनीत के साथ रिलैक्स हो गयी थी - ये तो बस ऐसे ही | 
रीमा ने मुहँ पर बंधा कपड़ा उतार दिया | विनीत को झटका सा लगा, जैसे कोई रास्ते में जाते हुए अचानक से सांप देख ले | लेकिन जल्द ही उसने अपने चेहरे पर आये भावो को छिपा लिया | रीमा के तेज नजरो से उसकी असहजता छिपी नहीं थी | 
रीमा - सो व्हाट |
विनीत को अचानक से कुछ समझ नहीं आया - आप बहुत खूबसूरत है |
रीमा अपनी तारीफ सुनकर मन ही मन गदगद हो गयी | विनीत अचानक से उठा - वुड यू एक्स्कुज मी, मै जरा पेशेंट को देखकर आता हूँ |
रीमा - श्योर | 
विनीत तेजी से अन्दर इमरजेंसी  में घुस गया | लम्बी साँस ली | औटोवालो को देखने का नाटक करता रहा | फिर उसने अन्दर ही किसी को फ़ोन लगाया और कुछ बात की | 
कुछ देर बाद मुस्कुराता हुआ बाहर निकला - पेशेंट अब ठीक है | घबराने की बात नहीं है | मुझे अब निकलना होगा, कोई मेरा वेट कर रहा है | तो आप यही रहेगी रात भर या मै आपको कही ड्राप कर दू | विनीत रीमा के कपड़ो को चीर कर उसके फिगर का अंदाजा लगाने लगा | 
रीमा - जी मै वो ......... | 
विनीत - मेरा मतलब किसी होटल या लाज में |
रीमा मुस्कुरा दी | 
विनीत - जी मै कुछ समझा नहीं मै कुछ गलत पूछ लिया | 
रीमा - नहीं एक्चुअली कल मेरे साथी वापस चले गए थे तो ऑटोवाले के यहाँ रुक गयी थी | यू know एक्सपीरियंस लेने के लिए | आज का कुछ प्लान करती इससे पहले ये इंसिडेंट हो गया | फिलहाल मैंने कोई होटल तो book किया नहीं है  | अब तो आधी रात होने को है | तो आज रात यही इसी chair पर गुजरेगी |
विनीत भी मुस्कुरा दिया - अगर आप यही इस बेंच पर सोना चाहती है तो मै आपको इंसिस्ट नहीं करूंगा लेकिन ऐसे ओपन हॉस्पिटल में सोना आप जैसी लेडी के लिए थोड़ा रिस्की हो सकता है | आप चाहे तो मै आपको होटल तक ड्राप कर दूंगा |
रीमा के पास पैसे तो थे लेकिन आगे का कुछ पता नहीं इसलिए वो नोटों की गड्डी बचाकर रखना चाहती थी |
रीमा - एक्चुअली मेरे पास पैसे थोड़े कम है आप परेशान न हो मै यही मैनेज कर लूंगी | वो लड़का (ऑटोवाले का भाई ) है न | 
विनीत - ओह मिसेज रीमा जी बस इतनी सी बात है, अभी आपने मुझे फ्रेंड बनाया है फिर इतनी हिचक | मैंने तय कर लिया है , यू विल बी माय गेस्ट आज रात के लिए | 
रीमा - अरे इसकी कोई जरुरत नहीं है | 
विनीत - अरे मेरा पांच फ्लोर का क्लिनिक है, यहाँ से कुछ सवा किमी होगा वही मै भी रहता हूँ | आज रात के लिए आप मेरी गेस्ट है | यहाँ रहन सेफ नहीं है, क्रिमिनल, नशेड़ी जुवारी शराबी सब तरह के लोग आते रहते है | 
रीमा असमंजस में थी, वैसे भी अनजान शहर में, ऑटोवाला कोई उसका रिश्तेदार तो था नहीं | फिर उसे विनीत इस कस्बे में अब तक का सबसे भला और पढ़ा लिखा आदमी लगा | रीमा - अब आप इतना इंसिस्ट कर रहे है तो चलिए | 
विनीत किसी जीत की ख़ुशी की तरह उछला - ये हुई न बात |
रीमा बेंच से उठी - मै जरा ये दवाये दे आऊ उसकी औरत को | 
विनीत - हाँ स्योर तब तक मै कार निकालता हूँ |
रीमा औतोवाली की औरत को पांच हजार रुपये देकर बाहर निकल आई | विनीत के साथ कार  में बैठकर कुछ ही मिनटों में उसके क्लिनिक में आ गयी | विनीत तीसरी मंजिल पर रहता था और बेहद VIP पेशेंट के लिए उसी फ्लोर पर लक्ज़री रूम बना रखे थे |
विनीत जिस रूम में अभी घुसा था ये लिफ्ट के पास से उत्तर से दक्षिण आते गलियारे में आखिरी छोर पर था | इसीके किनारे से एक पतली गैलरी निकल कर बिलकुल आखिरी छोर तक गयी थी | उस तरफ एक हाल और लक्ज़री रूम था | विनीत पहले रीमा को वही छोड़ आया | रीमा का रूम विनीत के रूम से सटा हुआ था लेकिन उसका दरवाजा बिलकुल उल्टा दक्षिण की तरफ खुलता था, जबकि विनीत के पेंटहाउस का गेट उत्तर की तरफ था | विनीत तेजी से रीमा को छोड़कर अपने कमरे की तरफ जाने लगा |  
रीमा - विनीत कैनयू अरेंज सम क्लॉथ | 
विनीत - श्योर |
विनीत अपने कमरे में आ गया |
विनीत घुसते ही - तुझसे रहा नहीं गया | 
मोहन - आप तो एक घन्टे में आने वाले थे | 
विनीत - हाँ कुछ और काम पड़ गया था एक काम कर जा पीछे से पड़ोस वाले कमरे में एक  मैडम  आई है उनको ये लिजेल की बाथरोब और ये टॉप और लोअर दे आ |
मोहन - कौन मैडम और इस हालत में | पिचकारी तो निकाल लेने दो | 
विनीत - अर्जेंट है, मेरे साथ एक मैडम आई है | वो मेरी गेस्ट है, जाकर उनको देकर आ | 
मोहन - इस हालत में | 
विनीत - तौलिया बांध ले |
मोहन - बहुत ना इंसाफी है साहब, खड़े लंड को बाहर भेज रहे हो | आप ही चले जावो | 
हारकर विनीत ने ही कपड़े उठाये और चलने को हुआ तभी याद आया की मैडम ने कुछ खाया तो होगा नहीं | उसने फ्रिज से फल और burger भी निकाल लिए |
दरवाजा बंद करते ही रीमा ने एक बार पुरे कमरे का मुयाना किया और  बिस्तर पर आकर लुढ़क गयी टीवी ऑन कर दिया |  टीवी पर  लोकल सिटी चैनल पर आधी रात का न्यूज़ बुलेटिन आ रहा था |  उसमे  गिरधारी की मौत की खबर आ रही थी कि एक अवैध सी गंदी बस्ती के अंदर एक आदमी की लाश मिली है और सुरंग के बारे में लोकल रिपोर्टर बहुत अच्छे से सिटी चैनल पर बता रहे थे। जैसी ही बुलेटिन  खत्म हुई एक एडवर्टाइजमेंट आया और रीमा उसे देखकर भौचक्की सी रह गई।
रीमा की फोटो थी और गुमशुदा का एडवर्टाइजमेंट था। नीचे नंबर दिया हुआ था जिस पर कांटेक्ट करने की बात हुई थी। रीमा ने माथा पीट लिया हे भगवान अब तो कि मैंने क्यों नहीं सोचा। मुझे पता था, रोहित ने कोई कोर कसर नहीं बाकी रखी होगी। मैं कितनी बड़ी गधी हूं। एक बार कहीं भी टीवी देख लेती। इसका मतलब ही पूरा क़स्बा मेरे बारे में जानता है। अब तो मुझे रोहित से बात करनी होगी तो फटाफट टीवी से  वह नंबर निकाल कर के और वहां पर पड़े लैंडलाइन नंबर से फोन मिला दिया। एक बार घंटी गई किसी ने फोन नहीं उठाया। रीमा बेचैन हो गई | 
रीमा ने दोबारा फोन उठाया और तभी फोन रोहित ने उठाया हेलो। रोहित की आवाज सुनते ही रीमा अपने आप को रोक नहीं पाई। वह फूट कर रोने लगी। रोहित आवाज को समझने की कोशिश करता रहा और एक ही पल में समझ गया कि - हेलो हेलो हेलो रीमा क्या तुम हो, कहां हो, तुम कहां हो, हेलो हेलो अभी आता हूं।
रीमा ने सारी राम कहानी एक साँस में सुना डाली | रोहित ने भी बताया उसने तुम्हे ढूढ़ने की कितनी कोशिश की | 
रोहित -  मैं सब कुछ छान मारा,  सिक्युरिटी सीआईडी सब से बात करी । कोई कुछ पता नहीं लगा पाए। तुम कहां हो जल्दी बताओ हम आ रहे हैं। 
रीमा ने  कस्बे का पता बताया | 
रोहित - तुम बिलकुल चिंता मत करो हम जगल वाली रोड से तो सिर्फ 3 चार घंटे में पंहुच जायेगे |
रीमा पूरी तरह निश्चित होकर बेड पर पसर गयी | अब न कोई चिंता थी न कोई डर उसका रोहित उसे लेने जो आ रहा था | इसी बीच उसने जितेश की आखिरी निशानी उसके कपड़े भी अपने जिस्म से उतार फेंके | हिकारत भरी नजरो से देखा | फिर चारो तरफ निगाह डाली एक छोटी सी तौलिया की अलावा वहां कुछ नहीं था | उसने अपना माथा पीट लिया, पहनने को कुछ था ही नहीं फिर भी घर वापस जाने की  की पहली महक में मगन रीमा वही  तौलिया लेकर बाथरूम में घुस गयी | रीमा ने शावर ऑन किया और अपने थके हारे बदन पर ठंडी पानी की फुहारे डालकर उसकी थकान मिटाने लगी | 

[Image: bathroom_girl_00591.jpg]
तभी दरवाजा खुला और विनीत अन्दर आया | उसने रीमा को आवाज दी - मिसेज रीमा |
रीमा इतना ज्यादा मगन थी की पहली आवाज को अनसुना कर दिया | विनीत ने दूसरी बार आवाज लगायी - मिसेज रीमा आर यू हियर  |
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RE: रीमा की दबी वासना - by vijayveg - 23-07-2021, 02:34 PM



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