Thread Rating:
  • 7 Vote(s) - 3 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam
-----------------*******----------------




" अरे अनिकेत... क्या हुआ ? ". अनिकेत को घर में आते देख मेघना ने ख़ुशी और आश्चर्य मिश्रित स्वर में पूछा. " सब ठीक तो है ना ? पूरे एक हफ्ते बाद आ रहे है ! ".



उस दिन कि घटना के बाद अनिकेत करीब चार पाँच दिन तक मेघना और अभिषेक के घर नहीं गया था. उसे खुद समझ में नहीं आ रहा था कि वो ऐसा क्यूँ कर रहा है, बस इतना पता था उसे कि उस रोज़ मेघना भाभी ने उसे जो काम करने को सौंपा था, वो उसे अजीब तो लगा था पर उसकी वजह से उसकी मेघना से कोई नाराज़गी नहीं थी. एक कारण ये भी था कि वो मेघना भाभी के चुम्बन वाली याद को अंतिम याद के रूप में संजो कर रखना चाहता था, वो नहीं चाहता था कि वो इस बार जब मेघना से मिले तो उसका व्यवहार कुछ अलग हो, जैसा इतने दिनों तक था, जब मेघना भाभी उसे सिर्फ एक कम उम्र के युवक कि तरह ट्रीट करती रही थी.



लेकिन सबसे प्रमुख बात जिसे अनिकेत मन ही मन समझ तो रहा था पर स्वीकार नहीं कर रहा था, वो ये थी कि एक विचित्र सी ग्लानि कि भावना उसे अंदर ही अंदर कचोट रही थी - एक शादीशुदा स्त्री के बारे में सोचते रहने कि ग्लानि कि भावना ! ये फीलिंग उसे भीतर ही भीतर खाये जा रही थी, इससे पार पाना ज़रूरी था, क्यूंकि इसकि वजह से उसका कहीं भी मन नहीं लग रहा था, ना पढ़ाई में, ना घर के कामों में, और इसी असमंजस से उबरने के लिए आज वो मेघना भाभी से मिलने आया था !!!



" खूब पढ़ाई कर रहे हो क्या आजकल ? ". मेघना मुस्कुराते हुये बोली, और धम्म से सोफे पर बैठकर अनिकेत को भी बैठने का इशारा किया.



" पढ़ाई नहीं... हाँ मतलब पढ़ाई तो है... ". अनिकेत बैठते हुये बोला, फिर रुक गया, क्यूंकि उसे खुद पता नहीं था कि वो क्या बोले.



" पढ़ाई वढ़ाई छोड़ो... तुम्हारे अभि भैया ने तो तुम्हें अपने ऑफिस में काम देने का वादा कर ही दिया है ! ". मेघना हँसते हुये बोली.



अनिकेत हल्के से मुस्कुरा दिया पर कुछ बोला नहीं.



मेघना Matured औरत थी, दुनिया देखी थी उसने, काफ़ी सारी बातें समझती थी. वो ठीक समझ पा रही थी कि अनिकेत उस दिन वाली घटना से थोड़ा अपसेट है, और शायद थोड़ा Embarrassed भी !



" अब देखो... उस दिन मैं परेशान थी, और आज तुम परेशान लग रहे हो ! ". मेघना फिर से बोली.



" नहीं नहीं भाभी जी... ऐसी कोई बात नहीं ! ". अनिकेत ने कहा, फिर कुछ तो कहना होगा, इसलिए बहाना बनाते हुये बोला. " वो मम्मी ने थोड़ा झगड़ा हो गया आज ! ".



" धत्त ! मम्मी से भी कोई झगड़ा होता है क्या... पागल ? ". मेघना ने मुस्कुराकर समझाया.



अनिकेत फिर से चुप हो गया.



मेघना उसे सहज करना चाहती थी, सो वो बोली.



" अच्छा अनिकेत... उस दिन के लिए बहुत बहुत थैंक्स तुम्हें. मैं थोड़ी परेशान सी थी इसलिए ठीक से तुम्हारा शुक्रिया अदा भी नहीं कर पाई... That is so rude... I know ! ".



" अरे आप ऐसा क्यूँ बोल रही हो भाभी जी ? ". अनिकेत नम्र होकर बोला, मेघना कि शुक्रिया अदा करने वाली बात पर उसे उसका चुम्बन भी याद आ गया, तो वो थोड़ा सा शर्मा गया.



मेघना अबकी बार चुप्पी साधे बैठी रही. वो चाहती थी कि अब अनिकेत बोले. उसे समझ आ रहा था कि बात कुछ और थी, और अनिकेत का उसे वो बात खुलकर बोलना ज़रूरी था, नहीं तो वो ऐसे ही उदास मुँह बनाये बैठे रहेगा, उनकी बातचीत कहीं तक भी नहीं पहुँच पायेगी, और अनिकेत कि समस्या, वो चाहे जो कुछ भी हो, का समाधान नहीं हो पायेगा.



मेघना एकटक अनिकेत को ताकती रही.



उसका अंदाज़ा सही निकला, अनिकेत ने कुछ देर कि चुप्पी और हिचकिचाहट के बाद कहा.



" भाभी जी... मुझे आपसे कुछ कहना था ! ".



" हाँ बोलो... ". मेघना ने तुरंत ऐसे कहा, मानो वो इसी का वेट कर रही थी.



" Actually... कहना नहीं, कुछ बताना है ! ".



" Sure... बोलो ! ".



" उस दिन... ".



अनिकेत ने पहली बार अपनी नज़रें ऊपर उठाकर मेघना को देखा, मेघना उसे ही देखते हुये उसकी बात ध्यान से सुनने के लिए बैठी थी. अनिकेत ने आगे कहना शुरू किया.



" उस दिन भाभी... मैंने ना... I mean... गलती से आपको बाथरूम में देख लिया था... ".



मेघना मन ही मन मुस्कुराई, अपनी आँखें एक पल के लिए नीचे कि, कुछ सोचा, फिर ऊपर अनिकेत को देखते हुये उसकी बात पूरी होने कि प्रतीक्षा करने लगी.



" बिना कपड़ो के !!! ". अनिकेत अपनी बात पूरी करके रुक गया, जैसे कि मेघना कि इसपर प्रतिक्रिया कि प्रतीक्षा कर रहा हो.



" Okay ! तो ? ". मेघना जानबूझकर ऐसे बोली जैसे कि कुछ हुआ ही ना हो.



अनिकेत कि आँखों में एक चमक सी आ गई और उसने थोड़ा सा खुश होते हुये पूछा.



" तो... मतलब आपको बुरा नहीं लगा ? ".



मेघना मुस्कुराई और फिर बोली.



" मुझे तो पता भी नहीं कि तुमने मुझे देखा था. अगर तुम ना बताते तो... ".



" मुझे पता है कि आपको नहीं मालूम... और यही बात मुझे तब से खाये जा रही थी ! ". थोड़ा सा साहस होते ही अनिकेत ने ऊँची आवाज़ में कहा.



" It's okay अनिकेत ! ".



" मैंने गलती से अंदर झाँक लिया था... बस कुछ सेकंड के लिए... I swear ! I am sorry भाभी जी ! ".



" मैंने कहा ना It's okay... रिलैक्स ! ".



" आप गुस्सा तो नहीं हो ना... मुझसे नाराज़ तो नहीं ? ".



अनिकेत कि घबराहट देखकर मेघना समझ गई कि उसे उसको दिलासा देना होगा, नहीं तो वो ऐसे ही बकबक करता रहेगा.



" ये तुम्हारी अच्छाई है अनिकेत जो तुमने मुझे ये बात बताई... ".



अनिकेत चुप रहा.



" Don't feel guilty ! ".



" भाभी जी... Thank you so much ! ". अनिकेत ने ऐसे कहा मानो उसे मेघना कि बातों से ना जाने कितना आराम मिला हो.


उसके ऊपर से एक बोझ उतर गया था, वो काफ़ी हल्का महसूस कर रहा था.
[+] 1 user Likes usaiha2's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam - by usaiha2 - 23-07-2021, 01:41 PM



Users browsing this thread: 6 Guest(s)