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Adultery रीमा की दबी वासना
रीमा  उसी ऑटो के साथ तेजी से कस्बे के एक छोटे से सरकारी अस्पताल में पहुंची। वहाँ पर विनीत माथुर नाम का एक मल्टीपर्पज डॉक्टर काम करता था।

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 असल में तो वह ऑर्थो सर्जन था लेकिन डॉक्टरों की कमी के कारण उसे जनरल फिजिशियन और बाकी मरीजों का ईलाज भी करने पड़ते थे। उसने अपना प्राइवेट क्लीनिक भी चला रखा था। लेकिन वह अपनी ड्यूटी को लेकर काफी पाबंद था, इसलिए सरकारी काम खत्म करने के बाद ही वह जाकर के अपने प्राइवेट क्लीनिक में प्रैक्टिस करता था। वह कस्बे के सबसे अच्छा डॉक्टर था इसलिए उसके प्राइवेट क्लिनिक पर भी बहुत भीड़ रहती थी । क्लीनिक पर सारा काम उसकी सबसे भरोसेमंद नर्स प्रिया और कंपाउडर मोहन संभालते थे । 

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मोहन शादी शुदा था, जबकि प्रिया और विनीत दोनों अविवाहित थे । असल मे विनीत के 45 साल का होने के बाद भी उसके शादी न करने के पीछे एक कारण था । वो मेडिकल की हायर स्टडी के लिए रूस गया था वहाँ वह एक यूक्रेनी लड़की के प्यार में फंस गया । वो उससे शादी तक करने को राजी था लेकिन लड़की असल मे ऑनलाइन न्यूड मॉडल थी और ऑनलाइन कैमरे के सामने अपने जिस्म की नंगी नुमाइश करके पैसे कमाती थी । जब विनीत को ये पता चला तो वो गहरे सदमे में चला गया । उसे यकीन ही नही हुआ जिस गुलाबी चूत को वो सिर्फ अपना समझ के चोदता है असल मे उसने उसे आधी दुनिया को दिखाया हुआ है । उसी दिन  से उसने कसम खायी थी आज के बाद वो सिर्फ औरत का इस्तेमाल करेगा लेकिन भरोसा रत्ती भर नही करेगा । लेकिन वही उसे पढ़ाई के दौरान लिजेल मिली जो वहाँ नर्सिंग की पढ़ाई कर रही थी । जल्द ही दोनों अच्छे दोस्त भी हो गए और दोनों के बीच चुदाई चुसाई भी शुरू हो गयी । विनीत तो अतीत के धोखे से सबक लेकर सावधान था और बस अपने गम को कम करने को लिजले को चोदता था लेकिन लिजले इसके मोहपाश में बंध गयी । जब विनीत वापस लौटा तो वो भी घूमने के बहाने यही आ गयी । उसके बाद फिर वापस ही नही गयी । यहाँ अवैध रूप से रुकने का मतलब था खतरा, इसलिए उसने विनीत से उसको नई पहचान दिलाने को कहा । पहले तो विनीत ने छुटकारा पाना चाहा लेकिन सेक्सुअल तौर पर वो हर तरह से विनीत को खुश रखती थी इसलिए उसका नाम बदल कर प्रिया कर दिया । लिजेल अब प्रिया थी और उसका क्लिनिक संभालती थी । कुछ समय बाद विनीत बहुत बिजी रहने लगा इसलिए पिछले 9 सालों से सब कुछ प्रिया के भरोसे ही था । इसी बीच कई सारे स्टाफ आये गए लेकिन प्रिया वही की वही रही । समय के साथ प्रिया और विनीत की भी आपस मे दिलचस्पी कम हो गयी, विनीत का भी काम बढ़ गया । आखिर कब तक एक लंड एक चूत एक दूसरे को चोदते रहेंगे ।
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 जैसा हर मर्द और औरत के साथ होता है । दोनों की एक दूसरे के जिस्म भोगने की इक्षा मंद पड़ गयी । हालांकि अभी भी महीने में एक आध बार राउंड राउंड दोनो खेल ही लेते । शादी की न तो विनीत की कभी इक्षा हुई न लिजेल उर्फ प्रिया ने उसे कभी फोर्स किया ।
 हालांकि इसी बीच दो साल पहले मोहन की एंट्री हुई । जो नाबालिग उम्र में ही बाप बन गया था, लेकिन उसे अपनी मोटी बीबी से चिढ़ थी । जैसे ही उसे लिजले जैसी बॉस मिली, वो साष्टांग दंडवत करके उसको चटाने लगा । उसी चाटने की आदत लिजले को भा गयी और ये नजदीकियां बढ़ते बढ़ते एक साल के अंदर दोनों को एक बिस्तर पर ले आयी । लिजले को भी  चुदाई में कुछ नयापन चाहिए था । मोहन तो लिजले की गुलाबी गोरे उरोजों, सफेद गुलाबी चूत, गोरी चिकनी जांघे और मांसल गद्देदार चुताड़ो  पर भूखे भेड़िये की तरह टूट पड़ा । जो जो लिजेल के अरमान थे सब उसने मोहन से पूरे करवाये । चाहे वो छत पर सेक्स हो या पूल में और उसकी चूत तो वो ऐसे चूसता था जैसे कोई बच्चा लॉलीपॉप चूसता हो । मोहन के मोटे मूसल को घोटने में लिजले की भी हालत पतली हो जाती थी ।
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 उसके जरूरत से ज्यादा मोटे हथियार के कारण ही उसकी बीबी उसे कुछ करने नही देती । उसका दर्द से बुरा हाल हो जाता था । लिजले को भी उसका लंड घोटने में कलेजा मुहँ को आ जाता लेकिन उसे विनीत की रोमांटिक चुदाई से हटकर कुछ तीखा कुछ जंगली कुछ किंकी टाइप का चाहिए था । दोनों की जरूरतें एक दूसरे से पूरी होने लगी । लेकिन छुपा छिपी ज्यादा दिन चलती कहाँ है, एक दिन क्लिनिक से एक मरीज का कुछ सामान चोरी हो गया था और जब उसने सीसीटीवी देखने शुरू किए तो एक साल के उसके चुदाई सफर की सारी परते खुलकर बाहर आ गयी । विनीत मोहन को निकाल देना चाहता था लेकिन लिजले ने सारी जिमेदारी अपने ऊपर ले ली । उसके बाद उसने विनीत को थ्रीसम का आफर भी दिया । शुरुआती ना नुकर के बाद विनीत मान गया । उसके बाद विनीत और मोहन ने मिलकर लिजले को खूब चोदा । जब मोहन का मोटा लंड उसकी संकरी गुलाबी चूत को चीरता तो दहशत में उसका मुहँ अपने आप खुलकर चौड़ा हो जाता और वो एक झटके में विनीत को निगल जाती । उसको तो सांसों के लाले पड़ गए थे उस रात । 
विनीत के पास समय नही होता था लेकिन मोहन और प्रिया की हवस गाथा बदस्तूर चलती रही । विनीत को भी कोई समस्या नही थी दोनों मिलकर आखिरकार उसका क्लिनिक जो इतने अच्छे से चला रहे थे । ऊपर से विनीत के घरवाले ने उसकी न सुनते हुए भी उसकी शादी तय कर दी थी | लड़की भी डाक्टर थी | शुरूआती न नुकुर के बाद विनीत मान गया था | अपने और लिजेल के रिश्ते को उसने भी आखिरी विदाई देने की ठान ली थी | वैसे भी शादी के बाद अगर वो लिजेल के साथ चुदाई का रिश्ता जारी रखेगा तो उसकी शादी शुदा जिंदगी में समस्या आएगी | लिजेल के साथ उसने अपनी आखिरी रात को यादगार बनाने के लिए आज का ही दिन चुना था | सारी तैयारिया हो गयी थी वो बस अपना काम निपटाकर अस्पताल से जाने वाला ही था की ऑटोवाले का केस आ गया | 
घायल ऑटो वाले तेजी से उतार कर के किसी तरह से  इमरजेंसी रूम में ले गए थे। वहां पर उसका इलाज शुरू हो गया था। विनीत ने तेजी से कम्पाउण्डर और नर्स को उसका खून रोकने को कहा और दो इंजेक्शन लगाये | फिर कई सारी बाते बताकर वहां से निकल गया | रीमा ने अभी भी तौलिये से थोड़ा सा मुहँ ढका था | वह बाहर ही बैठी रही | विनीत ने बाहर आकर रीमा के पास आकर बोला - उसकी हालत जल्दी ही ठीक हो जाएगी आप ये  दवाइयां ले आइए। 
रीमा - थैंक्यू डॉक्टर |
विनीत कुछ चौका - योर वेलकम | न यहाँ की भाषा न वेश भूषा, उपर से उसकी एक्सेंट से वो ऑटोवाले की स्टैण्डर्ड की तो बिलकुल नहीं लगी |
विनीत - हाय माय नेम इज विनीत माथुर।  मैं एक फिजिशियन ऑर्थो सर्जन हूं। 
रीमा - जी मेरा नाम रीमा है। 
चूँकि रीमा मुहँ ढके हुए थी विनीत अंदाजा लगाने लगा  - मैंने आपको पहले कभी इस कस्बे में नहीं देखा | 
उसने बस तुक्इका मारा था - बिकाज मै इस कस्बे से नहीं हूं। मैं यहाँ कुछ सोशल वर्क से आई हूं | 
विनीत - आई सी । सो नाइस टू मीट यू मिस रीमा। 
रीमा ने जवाब देते हुए - nice to meet you मिस्टर विनीत, मिसेस रीमा वुड बे बेटर | 
विनीत - आई ऍम सो सॉरी ! मुझे नहीं पता था आपकी शादी हो गई है। 
विनीत - आप यहाँ कैसे |
रीमा -  सोशल वर्क करती हूं और मैं एक एनजीओ के साथ काम करती हूं  फैमिली प्लानिंग पर | रूरल एरिया में औरतो को प्रेगनेंसी और हाय्जीन के बारे में अवेयर करती हूँ |
विनीत - thats ग्रेट | इससे पहले वो आगे कुछ कह पाता उसका फ़ोन घनघनाने लगा |
फ़ोन पर कोई महिला थी - बेबी वेयर आर यू, हनी आई ऍम वेटिंग | 
विनीत - आई जस्ट कमिंग हनी, जस्ट कमिंग, लव यू हनी | 
विनीत ने फ़ोन काट दिया - मुझे जाना होगा इट्स अर्जेंट, आपसे बात करके बहुत अच्छा लगा | कोई सीरियस बात नहीं है, आप ये मेडिसिन सामने  के मेडिकल स्टोर से  ले आइये | कोई इशू होगा तो आप कम्पाउंडर को बता देना वो मैनेज कर देगा | 
विनीत तेजी से निकल गया | रीमा मुहँ ढके ढके ही मेडिकल स्टोर की तरफ चली गयी | मेडिकल स्टोर वाले ने एक बारगी रीमा का हुलिया देखा और फिर दवाये निकालने लगा |
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RE: रीमा की दबी वासना - by vijayveg - 22-07-2021, 02:23 PM



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