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Adultery सोलवां सावन
[Image: boobs-jethani-champa-15095573-1325382605...3502-n.jpg]



कामिनी भौजी ने जरा साथ हाथ और अंदर किया और, ब्लाउज का कपड़ा एक तो एकदम घिसा हुआ और पुराना था, फिर एकदम टाइट भी, 

जरा सा कामिनी भाभी के तगड़े हाथ का जोर और, 
 
चर्र चरर, 
 
और बसंती ये मौका क्यों छोड़ती, जहाँ जरा सा फटा था, 

वहीं से पकड़ के सीधे नीचे तक, एक उभार अब खुल के बाहर। 

[Image: Teen-Young-3254.jpg]
 
ई हाउ जुबना क ताकत देखा एकदम चोली फाड़ देहलस…” 


एक भौजाई बोली। 
 
तो बसंती बोली अरे एह ननद के भाई लोग हमार फाड़े हैं तो एनकर फायदे क जिमेदारी भौजाई क है…” 



और एक बचा हुआ हुक भी तोड़ दिया। 


[Image: tits-young-2211-046.md.jpg]

 
एक-एक उभार बसंती और कामिनी भाभी ने बाँट लिया और कामिनी भाभी के एक हाथ दोनों जाँघों के बीच, सीधे प्रेम गली में। 


बस गनीमत थी कि अब अँधेरा इतना हो गया था की कुछ दिख नहीं रहा था, बारिश भी तेज हो गई थी। बस बिजली जब चमकती तो, 
 
और नीरू की हालत और ज्यादा खराब हो रही थी, 

[Image: boobs-young-5.jpg]

गुलबिया के साथ दो और भौजाइयों ने उसे दबोच लिया था।
 
और कामिनी भाभी की चतुर चालाक उंगली मेरी दोनों मांसल रसीली पनियाई चूत की पुत्तियों के बीच रगड़ घिस्स कर रही थी, 

एक निपल बसंती की मुट्ठी में तो दूसरा उभार कामिनी भाभी के हाथों में और अब तो ब्लाउज का कवच भी नहीं था।

[Image: nip-massage-tumblr-oygo2t4-IZD1wyx8qxo1-400.gif]


 चूंचियां एकदम पथरा गई थीं। 


 
बस मन कर रहा था की, किसी तरह… 


[Image: lez-gif-3.gif]

 
लेकिन आँगन में जैसे बंसती भौजी ने तड़पाया, तीन बार किनारे तक ले गईं, लेकिन बिना झाड़े छोड़ दिया। बस वही हालत कामिनी भाभी भी मेरी कर रही थीं। 
 
मैं सिसक रही थी, तड़प रही थी, चूतड़ पटक रही थी। 
 
मस्ती के चककर में गाने बंद हो गए थे, हाँ पेंगे और जोर-जोर से लग रही थीं।
 
किसी भौजी ने मुझे ललकारा- 

“अरे काहें मुस्स भड़क बइठल हो तानी कौनो मोटा लण्ड घुसेड़ल हो का?” 


[Image: Boobs-Jethani-26166310_542427386134654_1...3436_n.jpg]

 
मैंने मुँह बनाया की मुझे कजरी नहीं आती तो कामिनी भाभी ने बोला- 

“अरे रतजगा में जो सुनाया था उहे सुना दो, हम सब साथ देंगे न। 
 
तब तक गुलबिया की आवाज सनाई पड़ी- 

“कौनो बात न अगर न सुनावे क मन होय तो, बिलौजवा के बाद आई साडियों फाड़ के तुहरे गंड़ियां में घुसेड़ देब और नंगे नचाइब। बोला गइबू की नचबू?”
 
 
अब तो कोई सवाल ही नहीं था मैं चालू हो गई, 
 
 तानी धीरे-धीरे डाला बड़ा दुखाला रजऊ,
 मस्त जुबनवा चोली धईला, गाल त कई देहला लाल। 
 काहें धँसावत बाड़ा भाला, बड़ा दुखाला रजउ। 
 
और उस गाने की ताल पर कामिनी भाभी की उंगली मेरी खूब पनियाई चूत में जिस तरह अंदर-बाहर हो रही थी, 


[Image: fingering-a-16977090.gif]


मुझे लग रहा था अब गई कि तब गई। 
 
लेकिन तब तक अरररा कर एक पेड़ की डाल गिरी और हम सब कूदकर झूले से उतर गए की कहीं ये डाल भी नहीं, 
 
किसी ने बोला की चला जाय क्या?
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सोलवां सावन - by komaalrani - 10-01-2019, 10:36 PM
RE: सोलवां सावन - by Bregs - 10-01-2019, 11:31 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 01-02-2019, 02:50 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 13-02-2019, 06:40 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 19-02-2019, 01:09 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 26-02-2019, 11:10 AM
RE: सोलवां सावन - by komaalrani - 15-04-2019, 08:47 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 08:44 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 11:46 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 19-05-2019, 11:15 AM
RE: सोलवां सावन - by Theflash - 03-07-2019, 10:31 AM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 14-07-2019, 04:07 PM
RE: सोलवां सावन - by usaiha2 - 09-07-2021, 05:54 PM



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