15-04-2019, 04:41 PM
रिया ने ख़ुशी के मारे मुझे अपने सिनेसे लगाया और बोली
" चलो मेरी जान अब इस खेल की शुरुवात करते है "
रिया ने बतया "देखो महक इस खेल के कुछ नियम है उनका पालन कठोरता से करना
१ मेरी सभी बाते बिना हिचक माननी होगी
२ कोई भी शंका अभी नहीं पूछनी (बादमे कोई भी शंका बाकि नहीं रहेगी)
मैंने कहा "मुझे तुम्हारी हर शर्त काबुल है रिया .... लेकिन जल्दी शुरू करो "
रिया ने हसते हुए मेरे निप्पल को उमेठा ....... स्स्स्सस्स्स्स ...... हाय मेरी तो जान ही निकल गयी .
रियाने मेरी टॉप को निचेसे पकड़ा और उसे खीचकर मेरे सर से निकाल दिया.
मैं सिर्फ समीज पहनकर बैठी थी.
दोस्तों इस के पहले मैं किसी के सामने सिर्फ समीज में नहीं गयी.
मुझे शर्म आ रही थी, मैंने हाथोसे अपनी छातियो को ढकना चाहा पर रिया ने मेरे हाथो को पकड़ कर मना कर दिया.
रिया बड़े प्यार से मेरे रूप को देख रही थी.
मैंने शर्मा के नजरे नीची कर ली .
रियाने फिरसे मेरी ठोड़ी पकड़कर मेरा चेहरा ऊपर किया और बोली
"मेरी जान शर्मना छोडो और मेरी आंखोमे आँखे डाल कर देखो "
मैंने उसकी आग्या का पालन करते हूए उसीकी आँखों में देखा रिया मेरी तरफ तारीफ भरी नाजोरेसे देख रही थी .
उसने मेरी समीज को निचेसे पकड़ा , मैं उसका इरादा भाप गयी, और उसके हाथ पकड़ लिये. उसने भी जोर लगा कर समीज को ऊपर की तरफ खीचना चालू किया
समीज को ऊपर खीचते वो बोली
" मेरी जान तुम मेरी सारी शर्ते काबुल कर चुकी हो .... अब ये शर्माने का नाटक छोड़ दो "
मैंने हार कर अपने हाथ ढीले छोड़ दिए.
रियाने एक झटके में मेरी समीज को मेरे सर से निकल दिया.
अब मैं ऊपर से पूरी तरह नंगी थी.
मैंने देखा मेर संतरे जैसे स्तन कठोर हो गए थे मेरे गुलाबी निप्पल पूरी तरह फुल चुके थे
" चलो मेरी जान अब इस खेल की शुरुवात करते है "
रिया ने बतया "देखो महक इस खेल के कुछ नियम है उनका पालन कठोरता से करना
१ मेरी सभी बाते बिना हिचक माननी होगी
२ कोई भी शंका अभी नहीं पूछनी (बादमे कोई भी शंका बाकि नहीं रहेगी)
मैंने कहा "मुझे तुम्हारी हर शर्त काबुल है रिया .... लेकिन जल्दी शुरू करो "
रिया ने हसते हुए मेरे निप्पल को उमेठा ....... स्स्स्सस्स्स्स ...... हाय मेरी तो जान ही निकल गयी .
रियाने मेरी टॉप को निचेसे पकड़ा और उसे खीचकर मेरे सर से निकाल दिया.
मैं सिर्फ समीज पहनकर बैठी थी.
दोस्तों इस के पहले मैं किसी के सामने सिर्फ समीज में नहीं गयी.
मुझे शर्म आ रही थी, मैंने हाथोसे अपनी छातियो को ढकना चाहा पर रिया ने मेरे हाथो को पकड़ कर मना कर दिया.
रिया बड़े प्यार से मेरे रूप को देख रही थी.
मैंने शर्मा के नजरे नीची कर ली .
रियाने फिरसे मेरी ठोड़ी पकड़कर मेरा चेहरा ऊपर किया और बोली
"मेरी जान शर्मना छोडो और मेरी आंखोमे आँखे डाल कर देखो "
मैंने उसकी आग्या का पालन करते हूए उसीकी आँखों में देखा रिया मेरी तरफ तारीफ भरी नाजोरेसे देख रही थी .
उसने मेरी समीज को निचेसे पकड़ा , मैं उसका इरादा भाप गयी, और उसके हाथ पकड़ लिये. उसने भी जोर लगा कर समीज को ऊपर की तरफ खीचना चालू किया
समीज को ऊपर खीचते वो बोली
" मेरी जान तुम मेरी सारी शर्ते काबुल कर चुकी हो .... अब ये शर्माने का नाटक छोड़ दो "
मैंने हार कर अपने हाथ ढीले छोड़ दिए.
रियाने एक झटके में मेरी समीज को मेरे सर से निकल दिया.
अब मैं ऊपर से पूरी तरह नंगी थी.
मैंने देखा मेर संतरे जैसे स्तन कठोर हो गए थे मेरे गुलाबी निप्पल पूरी तरह फुल चुके थे