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Adultery स्वादीष्ट आणि रुचकर
शशांक को अब ठीक-ठीक पता था कि शिल्पा वाहिनी क्या चाहती है। उसने अपने दोनों हाथों की अंगुलियों को अपनी ब्रा की पट्टियों में जकड़ लिया और दोनों तरफ की पट्टियों को जोर से खींच लिया। यह जानने का कोई तरीका नहीं था कि ब्रा का हुक टूटा हुआ था या कपड़ा फटा हुआ था। फिर भी उस वक्त न तो शशांक और न ही शिल्पा वाहिनी को इसकी चिंता थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: स्वादीष्ट आणि रुचकर - by neerathemall - 20-07-2021, 04:56 PM



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