20-07-2021, 04:37 PM
शशांक ने दीवार पर लगी घड़ी की ओर देखा। रात के ग्यारह बजकर पांच मिनट हो रहे थे. वह काउंटर से शिल्पा वाहिनी का पूरा फिगर देख सकते थे। स्लीवलेस ब्लाउज और साड़ी में वह बेहद आकर्षक लग रही थीं। चलते-चलते उसके सीने में गोलियों की मोहक हरकत थी। शशांक को अपने चेहरे से अपनी आँखें गिरने से बचाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.