20-07-2021, 04:26 PM
(14-07-2021, 05:02 PM)neerathemall Wrote: "अजून संपलं नाही माझं सांगून," शिल्पा वहिनी पुढं म्हणाल्या, "आत्ता तुम्ही येण्याआधीच एक वयस्कर काका माझ्याशी वाद घालून गेलेत. काय तर म्हणे, इथले सगळे पदार्थ बनवायला रिफाईन्ड तेलच वापरता का हे त्यांना किचनमधे जाऊन बघायचं होतं. मी त्यांना समजावून सांगत होते, पण ते ऐकतच नव्हते. शेवटी मी त्यांना स्पष्ट सांगितलं, खायचं असेल तर खा, नाहीतर दुसरीकडं जा! नुसता वैताग वैताग झालाय आज सकाळपासून..."
(14-07-2021, 05:02 PM)neerathemall Wrote: शिल्पा भाभी ने आगे कहा, "यह अभी खत्म नहीं हुआ है। - अब आने से पहले एक बुजुर्ग अंकल ने मुझसे बहस की है। और क्या है, वे रसोई घर में जाना चाहते थे और देखना चाहते थे कि क्या वे यहां सभी व्यंजन बनाने के लिए रिफाइंड तेल का इस्तेमाल करते थे । मैं उन्हें समझाता रहा, लेकिन उन्होंने एक न सुनी। अंत में, मैंने उन्हें स्पष्ट कर दिया, यदि आप खाने, खाने या किसी अन्य स्थान पर जाना चाहते हैं! मैं आज सुबह से ही इसके साथ तंग आ गया हूं... "
![congrats congrats](https://xossipy.com/images/smilies/congrats.gif)
![thanks thanks](https://xossipy.com/images/smilies/thanks.gif)
![congrats congrats](https://xossipy.com/images/smilies/congrats.gif)
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
![thanks thanks](https://xossipy.com/images/smilies/thanks.gif)