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Thriller कामुक अर्धांगनी
शालिनी भाभी ने अपने वाले मर्द को अपने पास आने का इशारा किया वही मेरी अर्धाग्नि ने अपने मर्द के हाथ को पकड़ कर दरवाज़े को बंद करते मटक कर हम दोनों नामर्दों के पास आ कर बैठ गई ,भाभी ने दो ग्लास जाम बना कर मर्दों के हाथों मे देते हुए बोली बिस्तर एक ही है कोई दिक्कत तो नही दोनों को, मधु के पास बैठा मर्द बोला दिक्कत कैसे अगर हम दोनों बदल कर करें तो क्या वो संभव है, भाभी हँसते बोली बस दोनों का रेट अलग है, वो बोला तो थोड़ा हम दे देंगे भाभी बोली ये मेरे पति है इनको ही दे दीजेए बाकी मधु के पति को थोड़ा ज्यादा देना पड़ेगा क्योंकि मधु पहले कभी गैर मर्द का ली नही है उसका आज पहला मौका है , मधु वाला मर्द बोला फिर तो मैं ज़्यादा ही दूँगा क्योंकि मधु है तोह पटाखा बिस्तर पर आग लगाने वाली सी लग रही है कहते दोनों ने पैसे दिए और अपना जाम पी कर मेरी भाभी और बीवी के साथ बिस्तर पर चले गए जहाँ बड़े इत्मीनान से दोनों मर्दो ने अपने अपने रंडी के होंठो का रस पान शुरू करते चुचियों को मसलन देते कार्यकर्म आरंभ कर दिया ।
 
 
भाभी के साथ वाला मर्द भाभी को कपड़ों मे देखने का इरादा नही रहता था जिस वजह भाभी सबसे पहले निर्वस्त्र हुई और वो पागल कुत्ते की तरह भाभी के जिस्म से चिपक चाटने चूसने लगा और भाभी उसके बदन के नीचे हाथ ऊपर उसके बालों को सहलाते एक अच्छी रांड की तरह साथ देने लगी ।
 
 
इधर मेरी कामुक बीवी का मर्द कोई जल्दी मे नही था वो बस मेरे बीवी की लबों का रस पान करते दुधारू स्तनों को निःसंकोच मसलते जा रहा था और मेरी मधु एक प्यासी प्रेमिका रंडी की तरह उसके साथ मज़े लूट रही थी ।
भाभी की टांगें जल्दी ही हवा मे खुल कर ऊपर उठ गई जहाँ भाभी का कुत्ता लप लप उनके चूत का पान करने लगा था और भाभी उसके सर को दबाते कामुक सिसकियों से उसको उकसाए जा रही थी ।
 
 
इधर मेरी बीवी की ब्लाउज के अंदर उसका एक हाथ जा चुका था पर चुम्बन रुकने का नाम नही ले रहा था मानो वो मर्द हज़ारों रंडी चोद मेरी मधु के पास आया हो जो एक मंझे मर्द की तरह बस अपने पैसे वसूल रब था ,यकीनन मेरी मधु की चूत तरबतर होने को बेताब थी और उसको इतना ज्ञान भी था कि वो एक रंडी है जिसका काम मर्द के सुख को देखना है जिस वजह वो भी सब्र करती उसके साथ सहयोग किये जा रही थी ।
 
 
भाभी का कुत्ता चूत चाट अब खुद के वस्त्रों को खोलने लगा था और भाभी की नज़र अपने पहले ग्राहक मर्द को देख रही थी कि आखिर पहला औज़ार कैसा आया है जब भाभी वाले मर्द ने अपना लिंग दरसाया भाभी खुशी से झूमती उठ बैठी और वो लेट कर बस इशारे से बोला चूस मेरी रंडी मेरे लंबे काले लौड़े को पूरे पैसे दिए है मैंने ,भाभी अपने मर्द के टाँगों के बीच घुटने को मोड़ बैठ उसके लड़ को हाथों से सहलाते नीचे झुक के चाटने लगी और वो भाभी के बालों को सहलाता बोला अच्छी तरह चूस मुझे तेरी चूत का स्वाद पसंद आ गया है अब मैं तेरी सवारी डबल करने के बाद है जाऊँगा और भाभी उसके लड़ को मुंह में ले कर चूसने लगी और अचानक से बोली तेरे लिए अगला राउंड हाफ रेट मे दूँगी वो हँसते बोला तू पैसे पुरा ले ले बस ये बता दे महीने मैं दो तीन दिन ही टाइम रहता हैं बोल हर महीने साथ चलेगी मेरे ,भाभी ने शर्मा जी की और इशारा करते बोली मेरे पति से बात कर ले वो बोला बात क्या करना है वो तो पैसे लेगा बाकी तू खुद मर्ज़ी से जाएगी तो बोल यहाँ होटल से अच्छा मेरा फार्महाउस है वहाँ तुझे तीनों दिन नंगे रख कर बजाऊँगा सुबह शाम, बोलेगी तो तेरे लिए तेरे पति को भी रुकने के लिए रूम दे दूँगा । भाभी ने उसके लड़ को पूरा हलक तक डालते चूसना सुरु किया उसकी बोलती बंद हो गई और वो भाभी के सर को लड़ पर दबाते बोला क्या मस्त माल हैं तू शालिनी एक नंबर मज़ा दे रही है ।
 
 
मेरी बीवी की साड़ी झाघो के ऊपर तक उठ चुका था और मर्द का हाथ थिरकते  कोमल चूत के मुहाने छेद के तापमान नाप रहा था और मेरी बीवी का हाथ उसके थरमामीटर पर फिसल रहा था ,दोनों एक दूसरे को देख कर खेल रहे थे मानो रंडी ने अपने मर्द को बसीभूत किया हो, खैर थोड़े पल मे ही मर्द ने मेरी बीवी के रसीले चूत का दरवाजा उँगलियों के चाभी से खोला और टाँगे चौड़ी होने लगी और उसका मुँह मेरी बीवी के चुचियों के बीच दब गया और मधु की नज़र मेरे नज़र से मिलते ही वो हँसते अपने ग्राहक का सर दबाते सिसकी लेते मुझे आँख मार हँसने लगी ।
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RE: कामुक अर्धांगनी - by Bhavana_sonii - 24-11-2020, 11:46 PM
RE: कामुक अर्धांगनी - by kaushik02493 - 19-07-2021, 11:33 PM



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