19-07-2021, 04:16 PM
बाथरूम में पहुँच कर शीला ने वाश बेसिन में अपना मुंह धोया व मैंने उसे अपना तौलिया दे दिया,उसके मुंह पोछते ही मैंने फिर से उसे अपनी बांहों में जकड़ लिया।उसके वासना में तपे हुए जिस्म की अग्नि अभी तक मुझे महसूस हो रही थी।
अब तक शीला काफी नार्मल हो चुकी थी।लेकिन मैं चुदाई के वक्त उसका मालकिनों वाला रूप देखकर हैरान भी था और खुश भी था क्योंकि मुझे वो अच्छा लगा और मै ऐसा ही चाहता था।
"अब मुझे जाने दो साहब।"
" अब मैं तेरा साहब नहीं प्रेमी हूँ,और तू तो मेरी मालकिन बन गई है,"मैनें हंस कर एक उंगली उसके गाल से लेकर होंठो तक फिराते हुए कहा।"
वो नीची निगाह करके मुस्कुराने लगी।
"और अभी से जाने का नाम न ले,अभी तो बहुत सारा सेक्स बाकी है।"मैंने अर्थपूर्ण मुस्कान बिखेरते हुए उसे बांहों में लिए हुए ही कहा।
"नहीं मुझे जाने दो साहब मुझे देर हो जायेगी।अच्छा अब मुझे पेशाब तो कर लेने दो"
"तो मूत ले ना "मैंने हंस कर कहा।
"मुझे छोड़ो तो सही,मैं करूँगी कैसे।"
"अरे रानी मेरे मुंह में कर ले,मुझे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।"मै मुस्कुराया।
"धत्त! क्या आप भी।"वो मुस्कुराई।
"अरे हां,मुझे तो अच्छा लगेगा तेरी चूत का पानी पीने में।"
"क्या साहब आप तो मजे ले रहे हो,
"मजे नहीं रानी सच कह रहा हूँ।
"आप तो मजाक कर रहे हैं, ऐसा भी कहीं होता है।"...वो मुस्कराई।
मुझे उसको कन्वेन्स कराना मुश्किल हो रहा था।
"अब मुझे जाने दो,मुझे देर हो जायेगी।"
लेकिन मेरा दिमाग तो कहीं और ही चल रहा था।मैने तो ठान रखी थी उसके साथ पिसींग सेक्स करने की,जैसा मैंने पोर्न मूवी में देखा था।मै दिवाना हो गया था,मुझे उसकी काली चिकनी जवान चूत का पानी पीने का लुत्फ़ उठाना ही था।
"अच्छा अब मुझे कर लेने दो।"
मैंने उसे बांहों से अलग कर दिया।
वो मूतने के लिए नीचे बिठ गई,शायद उसे वैस्टर्न स्टाइल में बैठने की आदत नहीं थी।
"ठीक है लेकिन यहाँ की पाइप लाइन में काम चल रहा है,इसलिए एक दो दिन नीचे पानी नहीं गिराने का है।,
तू एक काम कर,इस मग्गे में मूत निकाल दे,फिर मैं बाद में उसे बहा दूंगा।"मैंने उसे एक मग देते हुए कहा।
"ठीक है ।"उसने हाँ में सिर हिलाया।
और वो उस मग्गे में मूतने लग गई।मै भी झुक कर आंखें फाड़े उसे मूतते हुए देख रहा था।उसकी काली चिकनी चूत की फांकों में से मूत की तेज मोटी धार निकले जा रही थी...उसकी काली चूत की फांकों के बीच में लाल-लाल टीट किसी तिलक की तरह दिखाई दे रही थी,और उसके ठीक नीचे से मूत की धार किसी सीटी की आवाज के साथ निकले जा रही थी ....श्श्श्श्श्श्श्श्शीईईईई...
और मै तो अपनी कल्पना में मुंह खोल कर मूत की उस गर्म धार को अपने मुंह में महसूस कर रहा था।
तभी मूत कर वह उठ खड़ी हुई।मैंने देखा उसके मूत से पूरा मग्गा भर चुका था ।
"अब मुझे जाने दो साहब।"
"ठीक है,लेकिन मैं तेरे लिए कुछ लाया हूँ,वह लेती जाना"
वह किसी कौतूहल से मुझे देखने लगी।फिर हम बाथरूम से बाहर आ गए,और वो अपने कपड़े पहनने लगी।
"एक मिनट,मै अभी आया" ऐसा कह कर मैं फिर से बाथरूम में घुस गया,मुझे वो मग्गा व उसमें वो गोल्डन मूत दिखाई दे रहा था जो अभी अभी शीला ने अपनी प्यारी काली चिकनी चूत की फांकों में से निकाला था,और जिसको मैं पीने के लिए व्याकुल था।आज तो मुझे ये लुत्फ़ हर हाल में उठाना था।तुरंत ही मैंने मग्गा उठाया और थोड़ा सा सकुचाते हुए एक छोटा सा सिप मार लिया।
वाह....मेरे शरीर में सेक्स की एक अजीब सी सनसनाहट होने लगी।मैंने आनंद से आंखें मूंद ली और कल्पना में शीला की काली चिकनी चूत की फांकों में से निकलती हुई मूत की धार महसूस होने लगी।थोड़ा खारा-खारा स्वाद लग रहा था,लेकिन दोस्तों ऐसा जबरदस्त मदमस्त करने वाला स्वाद मैंने पहली बार लिया वो भी एकदम जवान चूत का।
तभी अचानक मुझे ख्याल आया यह तो एक ट्रेलर है,असली मजा तो उसी में है कि शीला अपनी चूत खोल कर उसकी धार सीधे मेरे मुंह में छोड़ दे।
यह विचार आते ही मैंने मग्गा एक ओर रखा और बाहर आ गया।
देखा कि शीला अपने कपड़े पहन चुकी थी, फिर मैंने भी अपना स्लीपिंग गाउन पहन लिया,और फिर शीला को अपनी बांहों में लेकर बोला ...
..."चल आ मैं तुझे कुछ दिखाता हूँ, "
यह कह कर उसे मैंने बैड पर बिठाया,फिर अपने गाउन के साइड पाॅकेट से एक गोल्डन चमचमाता पैकेट निकाला...
"ये तेरे लिए है"
उसने आश्चर्य से पैकेट को देखते हुए ले लिया।
"ये तेरा गिफ्ट हैं, इसे खोल के देख।
शीला मुस्कुराते हुए पैकेट खोलने लगी।पैकेट खुलते ही उसमें चाँदी के मोटे-मोटे पायजेब देख के खुश हो गई।फिर मैंने तुरंत फ्रीज से एक कोल्ड ड्रिंक की बोतल व कुछ वेफर्स एवं स्नैक्स के पैकेट ला के शीला को दे दिए।
"भूख लगी होगी,अब ये खा कर जाना।"
फिर मैंने भी एक पैग बनाया,फिर बैड पर बैठे बैठे ही शीला को अपने बगल में खींच कर उसकी बांहों में बांहे डाल दी और वोदका के हल्के सिप मारने लगा।
अब मुझे दूसरा कोई पैंतरा चलना था,शीला को कन्वेन्स करने के लिए।
"शीला,मेरी गिफ्ट कैसी लगी?"
"बहुत अच्छी"
"ये तो बहुत छोटी सी गिफ्ट हैं,आगे तुझे और भी बहुत कुछ दूंगा।
यह कह कर मैंने बैड के ठीक सामने वाला टीवी आॅन कर दिया,जिसमें मैंने पहले से ही पेन ड्राइव लगा कर कईं पोर्न मूवी सेट कर रखी थी।
"शीला आज तो तेरे साथ जो मजा आया वैसा कभी नहीं आया।"
"चल मैं तुझे कुछ दिखाता हूँ,"
इतना कह कर मैंने एक पोर्न मूवी चालू कर दी जिसमें लडका व लडकी नार्मल सेक्स कर रहे थे। शीला भी बड़े मजे से वेफर्स खाते हुए कोल्ड ड्रिंक का सिप लेते हुए आंखे फाड़े हुए मूवी का मजा लेने लगी।चूंकि समय की कमी थी,इसलिए मैं मुद्दे पर आगया,और पोर्न मूवी को फाॅरवर्ड करने लगा।अब लडका और लडकी 69 पोज में ओरल सेक्स कर रहे थे, लड़की लड़के का लंड मुंह में ले कर उपर नीचे कर रही थी व लड़का लड़की की चूत और गांड चाट रहा था।शीला ये सब आंखे फाड़े देख रही थी।मैने उसे बांहों में जकड़ा हुआ था ।
"शीला ये सब तूने कभी देखा है?"
शीला ने नहीं में सिर हिलाया।
अब मैंने मूवी को और फाॅरवर्ड किया और सेक्स के अलग अलग पोज दिखाने लगा।
"ये सब तो आदमी औरत मजे के लिए खूब करते हैं।"
ये तो सब आम बात है।
अब मैंने एक दूसरी मूवी चालू कर दी।
यह कोई यूरोपीयन मूवी थी,इस मूवी में लड़का एक लड़की की चूत चाट रहा था और लडकी इस पोज में दोनों टांगे फैला कर खड़ी थी कि उसकी एक टांग फर्श पर व दूसरी टांग एक छोटे से स्टूल पर थी,कुछ पल इसी तरह चूत चाटने के बाद वह लडका, लड़की के एकदम नीचे आ के उकडू हो के बैठ गया और फिर लडकी ने अपनी चूत की फांकों को खोलकर मूतना शुरू कर दिया और लडके ने अपना पूरा मुंह खोल कर मूत को अपने मुंह में लेना शुरु कर दिया।
एकदम से जब मुंह में काफी सारा मूत इकट्ठा हो गया तो मुंह में मूत टकराने की गड़ गड़ गड़ आवाज़ आने लगी और लड़का उसी पोज़ में मूत गटकने लगा।यह वाकई सेक्स भड़काने वाला सीन था।
शीला के मुंह से निकल पड़ा....
"उई माँ....और उसने हैरानी से अपने मुंह पर हाथ रख लिया।
मैंने हंस कर कहा "तो इसमें नया क्या है ?" ये तो फाॅरेन में बहुत आम बात है।
शीला आश्चर्य से देख रही थी ।मैनें फिर कहा...फाॅरेन के कई देशों में तो जब प्रेमी प्रेमिका मिलते हैं तो ये तो रिवाज ही है कि पहली चुदाई के वक्त और बाद में भी प्रेमी,प्रेमिका को कोई गिफ्ट जरूर देता है और बदले में प्रेमिका अपने प्रेमी को मूत पिला कर अपने प्यार का इजहार करती हैं और प्रेमी भी मूत पीकर अपने सच्चे प्यार का सबूत देता हैं।
और अब तो हमारे देश में भी यह सब शुरू हो चुका है।
"और मेरी रानी मैं भी चाहता हूँ कि तू भी मुझे ये तोहफा दे"....मैंने एकदम उसका मुंह चूमते हुए कहा।
"मगर ये तो गंदी बात है।"उसने मुस्कुराते हुए कहा।शायद वो धीरे-धीरे कन्वेन्स हो रही थी।
"अरे रानी ये तो प्यार का तोहफा है गंदी बात कैसे, ये कोई जहर थोड़े ही है।"
मेरे इतना कहते ही वो जोरों से हंस पड़ी...लगा कि बात उसे समझ आ गयी।
मैं उसे किस करने लगा,वो भी मेरा साथ देने लगी..
फिर अचानक से अपने आप को अलग करके बोली...
"अब मुझे जाना चाहिए बहुत देर हो गई।"
"अरे अभी कहाँ रानी अपनी चूत का पानी पीला कर प्यार का तोहफा नहीं दोगी।"
"नहीं नहीं मुझे बहुत देर हो जायेगी तो मुझे घर पर मेरे मां-बापू को जवाब देना भारी पड़ेगा।"
अच्छा तो अपने् प्यार का तोहफा कब दोगी ? "
वो कुछ बोली नहीं,सिर्फ मुस्कुराने लगी।
मैंने पूछा ...कल आओगी,...कल आॅफिस की छुट्टी हैं ।
कल थोड़ा जल्दी यानि तीन बजे तक आ जाना।
वो मुस्कुराने लगी और हाँ में सिर हिला दिया।
और फिर मैंने उसे कुछ रूपये पकड़ाये,होठों पे एक चुम्बन दिया और फिर अपनी गाड़ी में ऑटो स्टाॅप से थोड़ी सी दूरी पर छोड़ दिया।
शेष अगली किस्त में.... क्रमशः
अब तक शीला काफी नार्मल हो चुकी थी।लेकिन मैं चुदाई के वक्त उसका मालकिनों वाला रूप देखकर हैरान भी था और खुश भी था क्योंकि मुझे वो अच्छा लगा और मै ऐसा ही चाहता था।
"अब मुझे जाने दो साहब।"
" अब मैं तेरा साहब नहीं प्रेमी हूँ,और तू तो मेरी मालकिन बन गई है,"मैनें हंस कर एक उंगली उसके गाल से लेकर होंठो तक फिराते हुए कहा।"
वो नीची निगाह करके मुस्कुराने लगी।
"और अभी से जाने का नाम न ले,अभी तो बहुत सारा सेक्स बाकी है।"मैंने अर्थपूर्ण मुस्कान बिखेरते हुए उसे बांहों में लिए हुए ही कहा।
"नहीं मुझे जाने दो साहब मुझे देर हो जायेगी।अच्छा अब मुझे पेशाब तो कर लेने दो"
"तो मूत ले ना "मैंने हंस कर कहा।
"मुझे छोड़ो तो सही,मैं करूँगी कैसे।"
"अरे रानी मेरे मुंह में कर ले,मुझे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।"मै मुस्कुराया।
"धत्त! क्या आप भी।"वो मुस्कुराई।
"अरे हां,मुझे तो अच्छा लगेगा तेरी चूत का पानी पीने में।"
"क्या साहब आप तो मजे ले रहे हो,
"मजे नहीं रानी सच कह रहा हूँ।
"आप तो मजाक कर रहे हैं, ऐसा भी कहीं होता है।"...वो मुस्कराई।
मुझे उसको कन्वेन्स कराना मुश्किल हो रहा था।
"अब मुझे जाने दो,मुझे देर हो जायेगी।"
लेकिन मेरा दिमाग तो कहीं और ही चल रहा था।मैने तो ठान रखी थी उसके साथ पिसींग सेक्स करने की,जैसा मैंने पोर्न मूवी में देखा था।मै दिवाना हो गया था,मुझे उसकी काली चिकनी जवान चूत का पानी पीने का लुत्फ़ उठाना ही था।
"अच्छा अब मुझे कर लेने दो।"
मैंने उसे बांहों से अलग कर दिया।
वो मूतने के लिए नीचे बिठ गई,शायद उसे वैस्टर्न स्टाइल में बैठने की आदत नहीं थी।
"ठीक है लेकिन यहाँ की पाइप लाइन में काम चल रहा है,इसलिए एक दो दिन नीचे पानी नहीं गिराने का है।,
तू एक काम कर,इस मग्गे में मूत निकाल दे,फिर मैं बाद में उसे बहा दूंगा।"मैंने उसे एक मग देते हुए कहा।
"ठीक है ।"उसने हाँ में सिर हिलाया।
और वो उस मग्गे में मूतने लग गई।मै भी झुक कर आंखें फाड़े उसे मूतते हुए देख रहा था।उसकी काली चिकनी चूत की फांकों में से मूत की तेज मोटी धार निकले जा रही थी...उसकी काली चूत की फांकों के बीच में लाल-लाल टीट किसी तिलक की तरह दिखाई दे रही थी,और उसके ठीक नीचे से मूत की धार किसी सीटी की आवाज के साथ निकले जा रही थी ....श्श्श्श्श्श्श्श्शीईईईई...
और मै तो अपनी कल्पना में मुंह खोल कर मूत की उस गर्म धार को अपने मुंह में महसूस कर रहा था।
तभी मूत कर वह उठ खड़ी हुई।मैंने देखा उसके मूत से पूरा मग्गा भर चुका था ।
"अब मुझे जाने दो साहब।"
"ठीक है,लेकिन मैं तेरे लिए कुछ लाया हूँ,वह लेती जाना"
वह किसी कौतूहल से मुझे देखने लगी।फिर हम बाथरूम से बाहर आ गए,और वो अपने कपड़े पहनने लगी।
"एक मिनट,मै अभी आया" ऐसा कह कर मैं फिर से बाथरूम में घुस गया,मुझे वो मग्गा व उसमें वो गोल्डन मूत दिखाई दे रहा था जो अभी अभी शीला ने अपनी प्यारी काली चिकनी चूत की फांकों में से निकाला था,और जिसको मैं पीने के लिए व्याकुल था।आज तो मुझे ये लुत्फ़ हर हाल में उठाना था।तुरंत ही मैंने मग्गा उठाया और थोड़ा सा सकुचाते हुए एक छोटा सा सिप मार लिया।
वाह....मेरे शरीर में सेक्स की एक अजीब सी सनसनाहट होने लगी।मैंने आनंद से आंखें मूंद ली और कल्पना में शीला की काली चिकनी चूत की फांकों में से निकलती हुई मूत की धार महसूस होने लगी।थोड़ा खारा-खारा स्वाद लग रहा था,लेकिन दोस्तों ऐसा जबरदस्त मदमस्त करने वाला स्वाद मैंने पहली बार लिया वो भी एकदम जवान चूत का।
तभी अचानक मुझे ख्याल आया यह तो एक ट्रेलर है,असली मजा तो उसी में है कि शीला अपनी चूत खोल कर उसकी धार सीधे मेरे मुंह में छोड़ दे।
यह विचार आते ही मैंने मग्गा एक ओर रखा और बाहर आ गया।
देखा कि शीला अपने कपड़े पहन चुकी थी, फिर मैंने भी अपना स्लीपिंग गाउन पहन लिया,और फिर शीला को अपनी बांहों में लेकर बोला ...
..."चल आ मैं तुझे कुछ दिखाता हूँ, "
यह कह कर उसे मैंने बैड पर बिठाया,फिर अपने गाउन के साइड पाॅकेट से एक गोल्डन चमचमाता पैकेट निकाला...
"ये तेरे लिए है"
उसने आश्चर्य से पैकेट को देखते हुए ले लिया।
"ये तेरा गिफ्ट हैं, इसे खोल के देख।
शीला मुस्कुराते हुए पैकेट खोलने लगी।पैकेट खुलते ही उसमें चाँदी के मोटे-मोटे पायजेब देख के खुश हो गई।फिर मैंने तुरंत फ्रीज से एक कोल्ड ड्रिंक की बोतल व कुछ वेफर्स एवं स्नैक्स के पैकेट ला के शीला को दे दिए।
"भूख लगी होगी,अब ये खा कर जाना।"
फिर मैंने भी एक पैग बनाया,फिर बैड पर बैठे बैठे ही शीला को अपने बगल में खींच कर उसकी बांहों में बांहे डाल दी और वोदका के हल्के सिप मारने लगा।
अब मुझे दूसरा कोई पैंतरा चलना था,शीला को कन्वेन्स करने के लिए।
"शीला,मेरी गिफ्ट कैसी लगी?"
"बहुत अच्छी"
"ये तो बहुत छोटी सी गिफ्ट हैं,आगे तुझे और भी बहुत कुछ दूंगा।
यह कह कर मैंने बैड के ठीक सामने वाला टीवी आॅन कर दिया,जिसमें मैंने पहले से ही पेन ड्राइव लगा कर कईं पोर्न मूवी सेट कर रखी थी।
"शीला आज तो तेरे साथ जो मजा आया वैसा कभी नहीं आया।"
"चल मैं तुझे कुछ दिखाता हूँ,"
इतना कह कर मैंने एक पोर्न मूवी चालू कर दी जिसमें लडका व लडकी नार्मल सेक्स कर रहे थे। शीला भी बड़े मजे से वेफर्स खाते हुए कोल्ड ड्रिंक का सिप लेते हुए आंखे फाड़े हुए मूवी का मजा लेने लगी।चूंकि समय की कमी थी,इसलिए मैं मुद्दे पर आगया,और पोर्न मूवी को फाॅरवर्ड करने लगा।अब लडका और लडकी 69 पोज में ओरल सेक्स कर रहे थे, लड़की लड़के का लंड मुंह में ले कर उपर नीचे कर रही थी व लड़का लड़की की चूत और गांड चाट रहा था।शीला ये सब आंखे फाड़े देख रही थी।मैने उसे बांहों में जकड़ा हुआ था ।
"शीला ये सब तूने कभी देखा है?"
शीला ने नहीं में सिर हिलाया।
अब मैंने मूवी को और फाॅरवर्ड किया और सेक्स के अलग अलग पोज दिखाने लगा।
"ये सब तो आदमी औरत मजे के लिए खूब करते हैं।"
ये तो सब आम बात है।
अब मैंने एक दूसरी मूवी चालू कर दी।
यह कोई यूरोपीयन मूवी थी,इस मूवी में लड़का एक लड़की की चूत चाट रहा था और लडकी इस पोज में दोनों टांगे फैला कर खड़ी थी कि उसकी एक टांग फर्श पर व दूसरी टांग एक छोटे से स्टूल पर थी,कुछ पल इसी तरह चूत चाटने के बाद वह लडका, लड़की के एकदम नीचे आ के उकडू हो के बैठ गया और फिर लडकी ने अपनी चूत की फांकों को खोलकर मूतना शुरू कर दिया और लडके ने अपना पूरा मुंह खोल कर मूत को अपने मुंह में लेना शुरु कर दिया।
एकदम से जब मुंह में काफी सारा मूत इकट्ठा हो गया तो मुंह में मूत टकराने की गड़ गड़ गड़ आवाज़ आने लगी और लड़का उसी पोज़ में मूत गटकने लगा।यह वाकई सेक्स भड़काने वाला सीन था।
शीला के मुंह से निकल पड़ा....
"उई माँ....और उसने हैरानी से अपने मुंह पर हाथ रख लिया।
मैंने हंस कर कहा "तो इसमें नया क्या है ?" ये तो फाॅरेन में बहुत आम बात है।
शीला आश्चर्य से देख रही थी ।मैनें फिर कहा...फाॅरेन के कई देशों में तो जब प्रेमी प्रेमिका मिलते हैं तो ये तो रिवाज ही है कि पहली चुदाई के वक्त और बाद में भी प्रेमी,प्रेमिका को कोई गिफ्ट जरूर देता है और बदले में प्रेमिका अपने प्रेमी को मूत पिला कर अपने प्यार का इजहार करती हैं और प्रेमी भी मूत पीकर अपने सच्चे प्यार का सबूत देता हैं।
और अब तो हमारे देश में भी यह सब शुरू हो चुका है।
"और मेरी रानी मैं भी चाहता हूँ कि तू भी मुझे ये तोहफा दे"....मैंने एकदम उसका मुंह चूमते हुए कहा।
"मगर ये तो गंदी बात है।"उसने मुस्कुराते हुए कहा।शायद वो धीरे-धीरे कन्वेन्स हो रही थी।
"अरे रानी ये तो प्यार का तोहफा है गंदी बात कैसे, ये कोई जहर थोड़े ही है।"
मेरे इतना कहते ही वो जोरों से हंस पड़ी...लगा कि बात उसे समझ आ गयी।
मैं उसे किस करने लगा,वो भी मेरा साथ देने लगी..
फिर अचानक से अपने आप को अलग करके बोली...
"अब मुझे जाना चाहिए बहुत देर हो गई।"
"अरे अभी कहाँ रानी अपनी चूत का पानी पीला कर प्यार का तोहफा नहीं दोगी।"
"नहीं नहीं मुझे बहुत देर हो जायेगी तो मुझे घर पर मेरे मां-बापू को जवाब देना भारी पड़ेगा।"
अच्छा तो अपने् प्यार का तोहफा कब दोगी ? "
वो कुछ बोली नहीं,सिर्फ मुस्कुराने लगी।
मैंने पूछा ...कल आओगी,...कल आॅफिस की छुट्टी हैं ।
कल थोड़ा जल्दी यानि तीन बजे तक आ जाना।
वो मुस्कुराने लगी और हाँ में सिर हिला दिया।
और फिर मैंने उसे कुछ रूपये पकड़ाये,होठों पे एक चुम्बन दिया और फिर अपनी गाड़ी में ऑटो स्टाॅप से थोड़ी सी दूरी पर छोड़ दिया।
शेष अगली किस्त में.... क्रमशः