19-07-2021, 01:31 PM
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नूपुर सीधे अपने कमरे में आई, दरवाजा बंद किया, और दौड़ कर बाथरूम में चली गई. वाशबेसिन तक पहुँचते पहुँचते उसे उल्टी हो गई. 5 मिनट तक वो वहीँ पे बेसुध जैसी खड़ी रही, फिर अपना मुँह धो कर वापस बैडरूम में आ गई. उसने देखा कि उसके मोबाईल में उसके डैडी का व्हाट्सप्प मेसेज आया हुआ है " We need to talk ". उसने गुस्से में अपना मोबाईल स्विच ऑफ करके टेबल पर रख दिया. उसकी तबियत ठीक नहीं लग रही थी, किसी तरह पास पड़ा तकिया खींच कर वो उसपे लेट गई, और लेटते ही उसे नींद आ गई.
वो कब तक सोती रही उसे कुछ भी पता नहीं. दोपहर को उसने खाना भी नहीं खाया. सीधे रात के 8 बजे उठी. उसका सर भारी भारी लग रहा था. रात को घर के नौकर ने डिनर कमरे में ही पहुँचा दिया. खाना खाकर वो फिर से सो गई...
......................
उस घटना को अब 3 दिन हो चुके थें. नूपुर अपने कमरे से बाहर नहीं निकली थी, उसका अभी कोई शूट भी नहीं था, शूट अगले महीने में था. इतना बड़ा घर था, यहाँ किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता था कि कोई अपने रूम में है या बाहर है या क्या कर रहा है. काम तो किसी को कुछ करना नहीं था, नौकर चाकर तो थें ही सारे हुक्म बजाने के लिए. नूपुर अपने कमरे में ही खाना पीना करने लगी. बाहर निकलने से कतराती थी कि कहीं अपने पापा से आमना सामना ना हो जाये. इस दौरान मिस्टर अरोरा ने उसे व्हाट्सप्प पे कई सारे मेसेज किये उससे एक बार बात करने कि रिक्वेस्ट करते हुए, पर नूपुर ने कोई जवाब नहीं दिया.
चौथे दिन सुबह के 10 बजे अचानक नूपुर के मोबाईल पर उसके डैडी का कॉल आया, पहले तो नूपुर ने फोन नहीं उठाया, फिर जब रिंग होना बंद ही नहीं हुआ, तो उसने मोबाईल स्विच ऑफ कर दिया. दो मिनट बाद ही घर का एक नौकर नूपुर के कमरे में आया और बोला.
" मैडम जी, साहब आपको अपने ऑफिस रूम में बुला रहें हैं ! ".
नूपुर कुछ नहीं बोली.
" प्लीज् चले जाइयेगा मैडम जी, साहब का मूड अच्छा नहीं है. फिर मेरे पे गुस्सा करेंगे ! ". नौकर ने कहा और वहाँ से चला गया.
नूपुर को पता था कि वो अपने डैडी को अब और अवॉयड नहीं कर सकती थी. हर वक़्त उसे लगता था कि उसके सीने में कुछ अटका हुआ है जो कि बाहर नहीं निकल रहा. दूसरी ओर इतने दिन हो गये थें उस घटना को, अब उसका गुस्सा थोड़ा कम हो गया था, और जिज्ञासा बढ़ गई थी कि आखिर चल क्या रहा है !!! शायद अब खुल कर बात करने का वक़्त आ गया था.
वैसे तो नूपुर पूरे घर में अपने मम्मी पापा और घर के नौकरों के सामने छोटे छोटे हाफ पैंट और शॉर्ट्स में घुमा करती थी, पर आज उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो अपने डैडी के सामने क्या पहन कर जाये, उसे घिन आ रही थी ! कुछ सोच कर उसने अपने शॉर्ट्स के ऊपर ही एक पजामा भी चढ़ा लिया और कमरे से बाहर निकल गई.
मिस्टर अरोरा के ऑफिस रूम का दरवाजा पूरा खुला हुआ था, शायद उन्होंने जान बुझ कर ऐसा किया था ताकि नूपुर को अंदर आने में हिचकिचाहट ना हो ! अंदर वो अपनी टेबल से थोड़ी दूर पर रखे एक सोफे पर बैठे थें. नूपुर अंदर आई पर उसने अपने डैडी से नज़रें नहीं मिलाई.
" दरवाजा बंद कर दो नूपुर... ". मिस्टर अरोरा ने उसे देखते ही कहा.
नूपुर ने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया और सोफे कि ओर अपने कदम बढ़ा दिए.
" If you don't mind मेरा लैपटॉप लेते आओ ना प्लीज् ! ". मिस्टर अरोरा ने अपनी आवाज जितना संभव हो सके, सामान्य रखने कि कोशिश करते हुए कहा.
नूपुर टेबल पर से अपने डैडी का लैपटॉप उठा लाई तो उन्होंने उसे अपने पास सोफे पर बैठने को कहा. सोफे पर बैठते हुए जब उसने लैपटॉप अपने डैडी को दिया तो देखा कि उनके बगल में वही iphone रखा हुआ है जो उस दिन वो गिफ्ट देने को लेकर आई थी !
सोफे के सामने एक छोटा सा Tea टेबल रखा हुआ था, जिसपर Scotch की एक बोतल और दो ग्लास पड़े हुए थें, एक ग्लास में थोड़ी सी शराब थी और दूसरी खाली. मिस्टर अरोरा ने खाली ग्लास में थोड़ी सी Scotch ढाली और अपनी बेटी को ऑफर करते हुए बोले.
" Sorry... वोडका नहीं है. ".
नूपुर को हिचकिचाते हुए देख उन्होंने मुस्कुरा कर कहा.
" it's okay... I know तुम ड्रिंक करती हो. ले लो... ".
नूपुर ने ग्लास थाम लिया, असल में इस वक़्त उसे इसकी सच में ज़रूरत पड़ने वाली थी !
नूपुर छोटे छोटे सिप लेते हुए सर झुकाये बैठी रही.
" क्या है ये सब ??? ". मिस्टर अरोरा ने अपने लैपटॉप का स्क्रीन अपनी बेटी कि ओर घुमाते हुए पूछा.
नूपुर ने देखा कि स्क्रीन पे एजेंसी कि वेबसाइट पे उसकी प्रोफाइल खुली हुई थी. वो इसके लिए तैयार नहीं थी, उसे पता नहीं था कि उसके डैडी अचानक से उससे ये सवाल पूछ लेंगे. वैसे अंदर ही अंदर उसे गुस्सा तो आ ही रहा था, उसका मन कर रहा था कि जवाब में कह दे कि " आपको समझ नहीं आ रहा है कि क्या है ये ??? ", पर वो चुप रही.
मिस्टर अरोरा जब नूपुर को घूरते हुए जवाब का इंतज़ार करने लगे तो उसे ना चाहते हुए भी अपना मुँह खोलना पड़ा.
" Mom को पता है... ".
" मैंने ये नहीं पूछा कि किसे पता है और किसे नहीं... ".
" मुझे पता है कि आप क्या पूछ रहे हैं... ". नूपुर के सब्र का बाँध टूट चुका था, उसकी आवाज़ ऊँची हो गई. " दूसरे घरों में तो ऐसा ही होता है ना डैडी, कि माँ बाप में से अगर किसी एक को अपने बेटे बेटी के बारे में कुछ पता हो तो फिर दोनों को पता चल जाता है ??? फिर आप दोनों में ये तालमेल क्यूं नहीं है ? और फिर मैं एक लड़की हूँ और कुछ बातें अपनी Mom से शेयर करने में ज़्यादा कम्फर्टेबले फील करती हूँ ! ".
" इन बातों को उठा कर कोई फायदा नहीं नूपुर... तुम्हें पता है कि मैं और तुम्हारी मम्मी अभी किस हालात से गुज़र रहें हैं... ". मिस्टर अरोरा ने सख़्ती से कहा, फिर उनका लहजा थोड़ा नर्म हुआ. " Look नूपुर... All I am trying to say is कि तुम गलत कर रही हो या सही वो बाद कि बात है, पर तुम क्या कर रही हो ये मुझे अगर किसी और के मुँह से सुनना पड़े तो मुझे गवारा नहीं ! "
नूपुर ने सवालिया नज़रों से अपने डैडी को देखा तो उन्होंने आगे कहना शुरू किया.
" कुणाल अंकल को जानती हो ना, मेरे दोस्त, उन्होंने मुझे दो महीने पहले बताया कि तुम्हारी शक्ल कि मिलती जुलती किसी लड़की कि न्यूड फोटो नेट पर आई हुई है, शायद तुम ही हो, क्यूंकि नाम तो तुम्हारा ही है. ज़ाहिर है मुझे यकीन नहीं हुआ, मैंने सोचा कि शायद किसी ने तुम्हारी Fake न्यूड बनाई हो, फिर मैंने नेट पर सर्च किया तो पता चला कि ये एक खास वेबसाइट कि Exclusive तस्वीरें हैं. तुम्हारी तस्वीरों का Authentication चेक करने के लिए मैंने उस वेबसाइट पे पेमेंट करके अकाउंट बनाया और फिर मुझे तुम्हारी हरकतों के बारे में पता चला. ".
" मेरी हरकतें ??? ". नूपुर ने शराब का पूरा ग्लास एकबारगी अपने गले में उतार कर ग्लास वापस टेबल पर रखते हुए कहा. " I guess कि इसके अलावा मैं कोई और भी करियर चुनती, फिर भी शायद लोग मुझे एक Sex Object कि तरह ही देखते... मेरे अपने घर के लोग भी !!! ".
मिस्टर अरोरा कुछ नहीं बोलें. उन्होंने लैपटॉप अपने बगल में रख दिया और अपना और अपनी बेटी का ग्लास फिर से शराब से भर दिया. नूपुर ने ग्लास उठा लिया और चुपचाप पीने लगी. कुछ देर रुक कर मिस्टर अरोरा अपने शराब के ग्लास को अपने हाथ में लिए उसपर अपनी उंगलियां फेरते हुए बोले.
" मेरे और तुम्हारी मम्मी के बीच अब कोई रिश्ता नहीं बचा. हम बस साथ सोते हैं, मेरी हर बात उसे बुरी लगती है और उसकी हर एक छोटी से छोटी बात पर मुझे चिढ आता है. बहुत अकेला महसूस करने लगा हूँ मैं. और ऐसे में मुझे तुम्हारी... ". मिस्टर अरोरा थोड़ा सा रुके, मानो बोलने से हिचकिचा रहें हो, फिर कहा. "... मुझे तुम्हारी ये न्यूड फोटोज़ मिली. यकीन मानो नूपुर, मेरे मन में तुम्हारे लिए कोई गन्दी भावना नहीं है. तुम्हारी इन तस्वीरों में मुझे कोई और ही दिखा, Just some random hot model... I mean मैं कैसे समझाऊ तुम्हें ! Can you imagine नूपुर, पुरे दो साल के बाद I got... I got... Excited !!! ".
" I don't want to listen to all this डैडी... I am done here !!!. ". अपना खाली ग्लास टेबल पर पटकते हुए नूपुर अचानक से उठ खड़ी हुई.
मिस्टर अरोरा को जैसे कुछ फर्क ही नहीं पड़ा, उन्होंने कहना जारी रखा.
" इन दो महीनों में मुझे जो ख़ुशी मिली है वो मैं तुम्हें ना ही बता सकता हूँ और ना ही समझा सकता हूँ ! I am sorry कि उस दिन तुम्हें वो सब देखना पड़ा ! ".
नूपुर को अपने डैडी कि बातों से घिन आ रही थी, उसके लिए अब एक पल भी वहाँ रुकने कि गुंजाईश नहीं थी, वो पलट कर जाने को हुई.
" हो सके तो अपने डैडी को माफ़ कर देना !!! ". मिस्टर अरोरा ने कहा और अपने दोनों हाथों से अपना चेहरा छुपा कर हठात रो पड़ें.
नूपुर के जाते हुए कदम रुक गये, उसने मुड़ कर देखा, उसके डैडी ज़ोर ज़ोर से रो रहें थें, उसने कभी भी अपने डैडी को ऐसे रोते हुए नहीं देखा था, शायद उन्हें सच में पछतावा हो रहा था, उनके आंसू तो झूठे नहीं हो सकते ना.
नूपुर अपने डैडी के सामने जाकर खड़ी हो गई, उसने अपने हाथ से उनके हाथों को उनके चेहरे से हटाया तो देखा कि उनके गाल आंसूओ से तर हो चुके थें और आंखे लाल नम ! उसने अपने एक हाथ से अपने डैडी का हाथ पकड़ कर अपनी जाँघ पर रख लिया और दूसरे हाथ से उनके चेहरे को सहलाते हुए बोली.
" आपकी ख़ुशी के लिए मैं और क्या कर सकती हूँ डैडी ??? ".
आश्चर्य भरी निगाहों से मिस्टर अरोरा ने ऊपर देखा, नूपुर का चेहरा बिल्कुल कठोर था, उसपर कोई भाव नहीं था. उन्हें ये तो समझ में नहीं आया कि उनकी बेटी आखिर कहना क्या चाहती है, मगर अपने हाथ पर अपनी बेटी कि जाँघ का स्पर्श उन्हें अत्यंत असहज महसूस हो रहा था !
" प्लीज् यहाँ से चली जाओ... ". मिस्टर अरोरा ने अपना हाथ अपनी बेटी कि जाँघ से खींच कर हटा लिया.
नूपुर एक पल को रुकी कि शायद उसके डैडी कुछ और बोलेंगे, फिर मुड़ कर वहाँ से दरवाजे कि ओर चल पड़ी. मिस्टर अरोरा उसे दरवाजा खोल कर बाहर जाते हुए देखते रहें !
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नूपुर सीधे अपने कमरे में आई, दरवाजा बंद किया, और दौड़ कर बाथरूम में चली गई. वाशबेसिन तक पहुँचते पहुँचते उसे उल्टी हो गई. 5 मिनट तक वो वहीँ पे बेसुध जैसी खड़ी रही, फिर अपना मुँह धो कर वापस बैडरूम में आ गई. उसने देखा कि उसके मोबाईल में उसके डैडी का व्हाट्सप्प मेसेज आया हुआ है " We need to talk ". उसने गुस्से में अपना मोबाईल स्विच ऑफ करके टेबल पर रख दिया. उसकी तबियत ठीक नहीं लग रही थी, किसी तरह पास पड़ा तकिया खींच कर वो उसपे लेट गई, और लेटते ही उसे नींद आ गई.
वो कब तक सोती रही उसे कुछ भी पता नहीं. दोपहर को उसने खाना भी नहीं खाया. सीधे रात के 8 बजे उठी. उसका सर भारी भारी लग रहा था. रात को घर के नौकर ने डिनर कमरे में ही पहुँचा दिया. खाना खाकर वो फिर से सो गई...
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उस घटना को अब 3 दिन हो चुके थें. नूपुर अपने कमरे से बाहर नहीं निकली थी, उसका अभी कोई शूट भी नहीं था, शूट अगले महीने में था. इतना बड़ा घर था, यहाँ किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता था कि कोई अपने रूम में है या बाहर है या क्या कर रहा है. काम तो किसी को कुछ करना नहीं था, नौकर चाकर तो थें ही सारे हुक्म बजाने के लिए. नूपुर अपने कमरे में ही खाना पीना करने लगी. बाहर निकलने से कतराती थी कि कहीं अपने पापा से आमना सामना ना हो जाये. इस दौरान मिस्टर अरोरा ने उसे व्हाट्सप्प पे कई सारे मेसेज किये उससे एक बार बात करने कि रिक्वेस्ट करते हुए, पर नूपुर ने कोई जवाब नहीं दिया.
चौथे दिन सुबह के 10 बजे अचानक नूपुर के मोबाईल पर उसके डैडी का कॉल आया, पहले तो नूपुर ने फोन नहीं उठाया, फिर जब रिंग होना बंद ही नहीं हुआ, तो उसने मोबाईल स्विच ऑफ कर दिया. दो मिनट बाद ही घर का एक नौकर नूपुर के कमरे में आया और बोला.
" मैडम जी, साहब आपको अपने ऑफिस रूम में बुला रहें हैं ! ".
नूपुर कुछ नहीं बोली.
" प्लीज् चले जाइयेगा मैडम जी, साहब का मूड अच्छा नहीं है. फिर मेरे पे गुस्सा करेंगे ! ". नौकर ने कहा और वहाँ से चला गया.
नूपुर को पता था कि वो अपने डैडी को अब और अवॉयड नहीं कर सकती थी. हर वक़्त उसे लगता था कि उसके सीने में कुछ अटका हुआ है जो कि बाहर नहीं निकल रहा. दूसरी ओर इतने दिन हो गये थें उस घटना को, अब उसका गुस्सा थोड़ा कम हो गया था, और जिज्ञासा बढ़ गई थी कि आखिर चल क्या रहा है !!! शायद अब खुल कर बात करने का वक़्त आ गया था.
वैसे तो नूपुर पूरे घर में अपने मम्मी पापा और घर के नौकरों के सामने छोटे छोटे हाफ पैंट और शॉर्ट्स में घुमा करती थी, पर आज उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो अपने डैडी के सामने क्या पहन कर जाये, उसे घिन आ रही थी ! कुछ सोच कर उसने अपने शॉर्ट्स के ऊपर ही एक पजामा भी चढ़ा लिया और कमरे से बाहर निकल गई.
मिस्टर अरोरा के ऑफिस रूम का दरवाजा पूरा खुला हुआ था, शायद उन्होंने जान बुझ कर ऐसा किया था ताकि नूपुर को अंदर आने में हिचकिचाहट ना हो ! अंदर वो अपनी टेबल से थोड़ी दूर पर रखे एक सोफे पर बैठे थें. नूपुर अंदर आई पर उसने अपने डैडी से नज़रें नहीं मिलाई.
" दरवाजा बंद कर दो नूपुर... ". मिस्टर अरोरा ने उसे देखते ही कहा.
नूपुर ने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया और सोफे कि ओर अपने कदम बढ़ा दिए.
" If you don't mind मेरा लैपटॉप लेते आओ ना प्लीज् ! ". मिस्टर अरोरा ने अपनी आवाज जितना संभव हो सके, सामान्य रखने कि कोशिश करते हुए कहा.
नूपुर टेबल पर से अपने डैडी का लैपटॉप उठा लाई तो उन्होंने उसे अपने पास सोफे पर बैठने को कहा. सोफे पर बैठते हुए जब उसने लैपटॉप अपने डैडी को दिया तो देखा कि उनके बगल में वही iphone रखा हुआ है जो उस दिन वो गिफ्ट देने को लेकर आई थी !
सोफे के सामने एक छोटा सा Tea टेबल रखा हुआ था, जिसपर Scotch की एक बोतल और दो ग्लास पड़े हुए थें, एक ग्लास में थोड़ी सी शराब थी और दूसरी खाली. मिस्टर अरोरा ने खाली ग्लास में थोड़ी सी Scotch ढाली और अपनी बेटी को ऑफर करते हुए बोले.
" Sorry... वोडका नहीं है. ".
नूपुर को हिचकिचाते हुए देख उन्होंने मुस्कुरा कर कहा.
" it's okay... I know तुम ड्रिंक करती हो. ले लो... ".
नूपुर ने ग्लास थाम लिया, असल में इस वक़्त उसे इसकी सच में ज़रूरत पड़ने वाली थी !
नूपुर छोटे छोटे सिप लेते हुए सर झुकाये बैठी रही.
" क्या है ये सब ??? ". मिस्टर अरोरा ने अपने लैपटॉप का स्क्रीन अपनी बेटी कि ओर घुमाते हुए पूछा.
नूपुर ने देखा कि स्क्रीन पे एजेंसी कि वेबसाइट पे उसकी प्रोफाइल खुली हुई थी. वो इसके लिए तैयार नहीं थी, उसे पता नहीं था कि उसके डैडी अचानक से उससे ये सवाल पूछ लेंगे. वैसे अंदर ही अंदर उसे गुस्सा तो आ ही रहा था, उसका मन कर रहा था कि जवाब में कह दे कि " आपको समझ नहीं आ रहा है कि क्या है ये ??? ", पर वो चुप रही.
मिस्टर अरोरा जब नूपुर को घूरते हुए जवाब का इंतज़ार करने लगे तो उसे ना चाहते हुए भी अपना मुँह खोलना पड़ा.
" Mom को पता है... ".
" मैंने ये नहीं पूछा कि किसे पता है और किसे नहीं... ".
" मुझे पता है कि आप क्या पूछ रहे हैं... ". नूपुर के सब्र का बाँध टूट चुका था, उसकी आवाज़ ऊँची हो गई. " दूसरे घरों में तो ऐसा ही होता है ना डैडी, कि माँ बाप में से अगर किसी एक को अपने बेटे बेटी के बारे में कुछ पता हो तो फिर दोनों को पता चल जाता है ??? फिर आप दोनों में ये तालमेल क्यूं नहीं है ? और फिर मैं एक लड़की हूँ और कुछ बातें अपनी Mom से शेयर करने में ज़्यादा कम्फर्टेबले फील करती हूँ ! ".
" इन बातों को उठा कर कोई फायदा नहीं नूपुर... तुम्हें पता है कि मैं और तुम्हारी मम्मी अभी किस हालात से गुज़र रहें हैं... ". मिस्टर अरोरा ने सख़्ती से कहा, फिर उनका लहजा थोड़ा नर्म हुआ. " Look नूपुर... All I am trying to say is कि तुम गलत कर रही हो या सही वो बाद कि बात है, पर तुम क्या कर रही हो ये मुझे अगर किसी और के मुँह से सुनना पड़े तो मुझे गवारा नहीं ! "
नूपुर ने सवालिया नज़रों से अपने डैडी को देखा तो उन्होंने आगे कहना शुरू किया.
" कुणाल अंकल को जानती हो ना, मेरे दोस्त, उन्होंने मुझे दो महीने पहले बताया कि तुम्हारी शक्ल कि मिलती जुलती किसी लड़की कि न्यूड फोटो नेट पर आई हुई है, शायद तुम ही हो, क्यूंकि नाम तो तुम्हारा ही है. ज़ाहिर है मुझे यकीन नहीं हुआ, मैंने सोचा कि शायद किसी ने तुम्हारी Fake न्यूड बनाई हो, फिर मैंने नेट पर सर्च किया तो पता चला कि ये एक खास वेबसाइट कि Exclusive तस्वीरें हैं. तुम्हारी तस्वीरों का Authentication चेक करने के लिए मैंने उस वेबसाइट पे पेमेंट करके अकाउंट बनाया और फिर मुझे तुम्हारी हरकतों के बारे में पता चला. ".
" मेरी हरकतें ??? ". नूपुर ने शराब का पूरा ग्लास एकबारगी अपने गले में उतार कर ग्लास वापस टेबल पर रखते हुए कहा. " I guess कि इसके अलावा मैं कोई और भी करियर चुनती, फिर भी शायद लोग मुझे एक Sex Object कि तरह ही देखते... मेरे अपने घर के लोग भी !!! ".
मिस्टर अरोरा कुछ नहीं बोलें. उन्होंने लैपटॉप अपने बगल में रख दिया और अपना और अपनी बेटी का ग्लास फिर से शराब से भर दिया. नूपुर ने ग्लास उठा लिया और चुपचाप पीने लगी. कुछ देर रुक कर मिस्टर अरोरा अपने शराब के ग्लास को अपने हाथ में लिए उसपर अपनी उंगलियां फेरते हुए बोले.
" मेरे और तुम्हारी मम्मी के बीच अब कोई रिश्ता नहीं बचा. हम बस साथ सोते हैं, मेरी हर बात उसे बुरी लगती है और उसकी हर एक छोटी से छोटी बात पर मुझे चिढ आता है. बहुत अकेला महसूस करने लगा हूँ मैं. और ऐसे में मुझे तुम्हारी... ". मिस्टर अरोरा थोड़ा सा रुके, मानो बोलने से हिचकिचा रहें हो, फिर कहा. "... मुझे तुम्हारी ये न्यूड फोटोज़ मिली. यकीन मानो नूपुर, मेरे मन में तुम्हारे लिए कोई गन्दी भावना नहीं है. तुम्हारी इन तस्वीरों में मुझे कोई और ही दिखा, Just some random hot model... I mean मैं कैसे समझाऊ तुम्हें ! Can you imagine नूपुर, पुरे दो साल के बाद I got... I got... Excited !!! ".
" I don't want to listen to all this डैडी... I am done here !!!. ". अपना खाली ग्लास टेबल पर पटकते हुए नूपुर अचानक से उठ खड़ी हुई.
मिस्टर अरोरा को जैसे कुछ फर्क ही नहीं पड़ा, उन्होंने कहना जारी रखा.
" इन दो महीनों में मुझे जो ख़ुशी मिली है वो मैं तुम्हें ना ही बता सकता हूँ और ना ही समझा सकता हूँ ! I am sorry कि उस दिन तुम्हें वो सब देखना पड़ा ! ".
नूपुर को अपने डैडी कि बातों से घिन आ रही थी, उसके लिए अब एक पल भी वहाँ रुकने कि गुंजाईश नहीं थी, वो पलट कर जाने को हुई.
" हो सके तो अपने डैडी को माफ़ कर देना !!! ". मिस्टर अरोरा ने कहा और अपने दोनों हाथों से अपना चेहरा छुपा कर हठात रो पड़ें.
नूपुर के जाते हुए कदम रुक गये, उसने मुड़ कर देखा, उसके डैडी ज़ोर ज़ोर से रो रहें थें, उसने कभी भी अपने डैडी को ऐसे रोते हुए नहीं देखा था, शायद उन्हें सच में पछतावा हो रहा था, उनके आंसू तो झूठे नहीं हो सकते ना.
नूपुर अपने डैडी के सामने जाकर खड़ी हो गई, उसने अपने हाथ से उनके हाथों को उनके चेहरे से हटाया तो देखा कि उनके गाल आंसूओ से तर हो चुके थें और आंखे लाल नम ! उसने अपने एक हाथ से अपने डैडी का हाथ पकड़ कर अपनी जाँघ पर रख लिया और दूसरे हाथ से उनके चेहरे को सहलाते हुए बोली.
" आपकी ख़ुशी के लिए मैं और क्या कर सकती हूँ डैडी ??? ".
आश्चर्य भरी निगाहों से मिस्टर अरोरा ने ऊपर देखा, नूपुर का चेहरा बिल्कुल कठोर था, उसपर कोई भाव नहीं था. उन्हें ये तो समझ में नहीं आया कि उनकी बेटी आखिर कहना क्या चाहती है, मगर अपने हाथ पर अपनी बेटी कि जाँघ का स्पर्श उन्हें अत्यंत असहज महसूस हो रहा था !
" प्लीज् यहाँ से चली जाओ... ". मिस्टर अरोरा ने अपना हाथ अपनी बेटी कि जाँघ से खींच कर हटा लिया.
नूपुर एक पल को रुकी कि शायद उसके डैडी कुछ और बोलेंगे, फिर मुड़ कर वहाँ से दरवाजे कि ओर चल पड़ी. मिस्टर अरोरा उसे दरवाजा खोल कर बाहर जाते हुए देखते रहें !