18-07-2021, 12:47 AM
सफाई होने के बाद मैं चैम्बर में घुसा फिर दिन में ऑफिस के जरूरी व अत्यावश्यक काम पहले ही निपटा कर अगले दिन की प्लानिंग में लग गया।शाम को घर जाते समय नजदीक की एक ज्वेलर्स शाॅप से चांदी के बढिया पाजेब खरीद लिए।
अगले दिन...
सुबह जल्दी ही आॅफिस पहुंच गया,शीला झाड़ू लगा रही थी,व मुझे देखकर शर्म से नजरें झुका कर मुस्कुराने लगी।मैने जल्दी से कागज पे अपना पता व फोन नंबर लिख कर उसे पकड़ा दिया साथ ही कुछ रूपये उसकी हथेली पे रख कर बोला...
..."शाम को छह बजे आ जाना।कोई भी दिक्कत आए तो फोन कर लेना।"
"ठीक है साहब "उसने हां में सिर हिला दिया।
अब क्या था...रोज की तरह ऑफिस का काम करके आज तीन बजे ही घर पहुँच गया।दिल बल्ले बल्ले उछल रहा था,आज तो जवान देसी चूत मिलने वाली थी ।
घर पहुँच कर नहा धोकर फ्रैश हो गया फिर पाँच बजने का इन्तजार करने लगा।पाँच बजते ही मैं उठा,फ्रिज खोल कर वोदका की बोतल निकाली,फिर एक लार्ज पैग बना कर हल्के हल्के घूंट भरने लगा।अब इन्तजार था शीला का जिसकी जवानी का स्वाद मुझे मिलने वाला था।
छह बजने वाले थे,और किसी भी वक्त शीला आ सकती थी।मैंने दो पैग खत्म कर दिए थे व तीसरा बना ही रहा था कि काॅलबेल बज उठी।
सफाई होने के बाद मैं चैम्बर में घुसा फिर दिन में ऑफिस के जरूरी व अत्यावश्यक काम पहले ही निपटा कर अगले दिन की प्लानिंग में लग गया।शाम को घर जाते समय नजदीक की एक ज्वेलर्स शाॅप से चांदी के बढिया पाजेब खरीद लिए।
अगले दिन...
सुबह जल्दी ही आॅफिस पहुंच गया,शीला झाड़ू लगा रही थी,व मुझे देखकर शर्म से नजरें झुका कर मुस्कुराने लगी।मैने जल्दी से कागज पे अपना पता व फोन नंबर लिख कर उसे पकड़ा दिया साथ ही कुछ रूपये उसकी हथेली पे रख कर बोला...
..."शाम को छह बजे आ जाना।कोई भी दिक्कत आए तो फोन कर लेना।"
"ठीक है साहब "उसने हां में सिर हिला दिया।
अब क्या था...रोज की तरह ऑफिस का काम करके आज तीन बजे ही घर पहुँच गया।दिल बल्ले बल्ले उछल रहा था,आज तो जवान देसी चूत मिलने वाली थी ।
घर पहुँच कर नहा धोकर फ्रैश हो गया फिर पाँच बजने का इन्तजार करने लगा।पाँच बजते ही मैं उठा,फ्रिज खोल कर वोदका की बोतल निकाली,फिर एक लार्ज पैग बना कर हल्के हल्के घूंट भरने लगा।अब इन्तजार था शीला का जिसकी जवानी का स्वाद मुझे मिलने वाला था।
छह बजने वाले थे,और किसी भी वक्त शीला आ सकती थी।मैंने दो पैग खत्म कर दिए थे व तीसरा बना ही रहा था कि काॅलबेल बज उठी।
मैं तुरंत दरवाजे की ओर लपका,उस वक्त मैं स्लीपिंग गाउन में था।दरवाजे के आई पीस में से झांक कर देखा तो शीला ही थी।मेरे शरीर के सारे रोएं खडे हो गए,दिल जोरो से धडकने लगा।मैंने तुरंत दरवाजा खोल दिया....
वोदका का सुरूर मेरे सिर चढकर बोल रहा था, शीला के अंदर आते ही मैंने तुरंत दरवाजा बंद कर दिया और बिना देरी किये शीला को अपनी बांहों में जकड़ लिया।शीला ने अपनी आंखें बंद कर ली....
....."आह!"उसके मुंह से निकल पड़ा।
..."शीला" मैनें पुकारा।
...."हाँ साहब"
तुम्हारे जैसी सादगी वाली औरतें मुझे बहुत अच्छी लगती है, इसलिए मैं तुम्हें बहुत पसंद करता हूँ,बहुत दिनों से मैं इंतजार कर रहा था।
....."तो बुला लेते साहब"शीला ने नीची निगाह करके मुस्कुराते हुए कहा।
"वो ही तो मौका नहीं मिला ना।"मैंने कहा।
"चल अपनी जवानी का रसपान करा दे।"
और उसकी ठोड़ी उपर करके उसके होठों को चूम लिया।
उसने मुझे कस कर पकड़ लिया।
मेरे भी तन बदन में आग लग चुकी थी ।मैंने उसके होठों को और जोश में चूमना चूसना शुरूकर दिया,और शीला भी साथ दे रही थी।उसके बदन से पसीने की तीखी महक आ रही थी,लेकिन मुझे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था,बल्कि मजा आ रहा था।
शीला भी सिसकारियाँ भर रही थी।मैंने उससे जीभ देने को कहा तो उसने जीभ तुरंत निकाल दी और मैंने तुरंत उसे मुंह में ले लिया और चूसने लगा।थोड़ी देर इसी तरह चूसते हुए मैंने भी अपनी जीभ उसके मुंह में घुसा दी और चूमने लगा साथ ही साथ उसकी बड़ी बड़ी चूचीयों को सहला रहा था।शीला ने मुझे और कस कर पकड़ लिया।अब मेरे सब्र का बांध टूट गया,तुरंत ही मैंने शीला की साड़ी उतार दी।अब उसके शरीर पर ब्लाउज और पेटीकोट था।मैंने उसे गोद में उठा लिया व बैडरूम में ले गया और फिर उसे बैड पर लिटा के अपना गाउन उतार दिया और शीला का ब्लाउज भी खोल दिया।
शीला के दो बड़ी बड़ी चूचीयाँ एक झटके से ब्लाउज में से बाहर आ गई। काली काली चूचीयाँ एकदम तनी हुई थी व चमक रही थी ,उनके उपर बड़े बड़े निप्पल किसी मंदिर के गुम्बद के उपर झंडे की तरह लग रहे थे व मुझे आमंत्रित कर रहे थे।मैं तो दिवाना हो गया और शीला के उपर झुककर उसके होठों को चूमने लगा और अपनी छाती से शीला की काली काली चूचीयों को रगड़ने लगा।
शीला मेरी बाहों में कसमसा रही थी।
"आ....ह....उ.....ह"
"बोल शीला रानी, मजा आ रहा है?
"उ..ह..हाँ....।"
"चल अब मैं तुझे जन्नत की सैर करवाउंगा।"
इतना कह कर मैंने शीला का पेटीकोट भी उतार दिया,चूंकि उसने अंडरवियर नहीं पहना था इसलिए तुरंत ही उसकी काली काली क्लीन शेव्ड चमकती हुई चूत अनावृत्त हो गई जो किसी पावरोटी की तरह सूजी हुई थी.....एकदम चिकनी...
मेरा लंड तो विद्रोह कर उठा।बस अब मेरे सब्र का बांध टूट गया।और तुरंत जैसे ही अपना अंडरवियर उतारा, एकदम से मेरा आठ ईन्च लंबा व ढाई ईन्च मोटा लंड फनफनाता हुआ किसी मोटी स्प्रींग की तरह झटके से बाहर आ गया,और ऊँचे नीचे झटके लेने लगा।अब तक शीला भी मस्ती में आ गयी थी।इतना बडा लंड देखते ही मुंह पर हाथ रख कर शरमाते हुए मुस्कुराने लगी।
"बोल शीला रानी,कैसा हैं।"मैंने पूछा।
"बहुत बड़ा हैं साहब।"
"चल अब साहब वाहब छोड़ और तू कर के बात कर,आखिर तेरा प्रेमी हूँ मैं ....."ठीक है ना"मैने पूछा।
शीला ने हाँ में सिर हिलाया।
और मैं उसके उपर छा गया।उसके होठ चूमने लगा,उसकी बड़ी बड़ी चूचीयों को सहलाने लगा।
"आ...ह,उ...ह,हा.....य"अब शीला गनगनाने लगी...आssssह,ह..ह"
अब मैंने एक उंगली धीरे धीरे उसकी चूत मे घुसा दी।चूत बड़ी टाईट थी,
शीला की हल्की सी कराह निकल पड़ी.."आssssह,ह..ह"...उफ्फ्फ।अब मैं अपनी उंगली धीरे धीरे उसकी चूत मे अंदर बाहर कर रहा था और वो कराहे जा रही थी...उssss"आssssह,ह..ह"...उफ्फ्फ...उई...माँ....हफ्फ...आsss
शीला की आंखों में अब वासना का नशा साफ झलक रहा था।और मेरा लंड भी फुल टाइट हो चुका था।
"अब लंड का मजा चखाऊँ रानी"
"ह...हाँ ."शीला ने वासना की आग में जलते हुए कहा।
अब मैं जोश में आ गया और लंड पे थूक लगाकर सुपाड़ा चूत की फांको के बीच में रखकर हल्के से धक्का दे दिया।
"उई...माँ....शीला की चीख निकल पड़ी..आssssह,ह..ह".
शीला की चूत बहुत ही टाईट थी और कई महिनों से चुदी नहीं थी,इसलिए मुझे अधिक मेहनत करनी पड़ रही थी..।
अभी सिर्फ सुपाड़ा ही अंदर गया था,और शीला गनगना रही थी ...मैं कुछ देर उसी पोज़ में रहा फिर एक धक्का मारा...
"आssssह,ह..ह".ऊssssह"
अब शीला की चूत पूरी गीली हो चुकी थी इसलिए इस बार आधे से ज्यादा लंड अंदर सरकता चला गया...
आssssह,ह..ह ....म..र..ग..ई
ऊ..ई...ई...ई...ई.ह...ह...हफ्फ
अब मै थोड़ा सा रूका फिर हल्के हल्के धक्के मार कर लंड को अंदर बाहर करने लगा।
आssssह,ह..ह ....म..र..ग..ई
ऊ..ई...ई...ई...उssss"आssssह,ह..ह"...उफ्फ्फ
अब शीला वासना की आग में जल रही थी,और मैंने थोड़ा और तेज धक्के मार कर चोदना शुरू किया
हा..य...ऊ...ह...ओ..ह......क....रो....औ..र...क...रो...क...रो...जो ..र...से...हा..य...फा..ड़ डा..ल...
शीला की आंखों में अब वासना का नशा साफ झलक रहा था।अब वो तू तड़ांग भाषा पे उतर आई।
."हा..य...फा..ड़ ..डा..ल...जो...र...से...चो..द...डा...ल...ते..रे..लं..ड...से..आ..ज.....ब...ड़े...दि...नों...के.......बा..द....म..जा...आ...रहा..हैं ..."
शीला को इस तरह से तू करके बोलते हुऐ सुनकर मुझे अच्छा लगा और मैं तो और जोश मे आ गया,और जोर जोर से चोदने लगा।
शीला अब पगला सी गयी थी...
चो..द...डा...ल.....फा..ड़ ..डा..ल
और मेरी गांड पकड़ कर उपर नीचे करने लगी और खुद भी अपनी गांड उचका उचका के चुदाने लगी।काफी दिनों के बाद उसकी इस तरह से चुदाई हो रही थी।वो जोर जोर से गांड उचका रही थी...चो..द..औ..र..चो...द...फा..ड़ .दे
आ..ज...जी...भ..र के म...जा..दे..दे
चुदाई की जोरदार आवाज़े पूरे कमरे में गूँज रही थी....
फट्ट फट्ट....फट्ट फट्ट....फट्ट फट्ट...
धक्क...धक्क...धक्क...धक्क
तभी शीला ने मेरे बाल कस के पकड़ लिये....ह..रा..मी !! फा..ड़ डा..ल मे..री चू..त को...भो..स..डा... ब..ना दे... मे..रे..रा..जा...मैं...ते..री..रा..नी..
*तू..मे...रा...गु...ला...म*
चो..द औ..र चो..द मैं बो...लू त..ब त..क चो..द
और मै दोहरे जोश से थाप पे थाप लगा रहा था,आज जवान टाईट काली चिकनी चूत का मजा जो मिल रहा था।
तभी शीला ने मुझे कस कर भींच लिया...आ..ह..रा..जा!! ते..री रा..नी झ..ड... र...ही... है..
फट्ट फट्ट....फट्ट फट्ट....फट्ट फट्ट...
धक्क...धक्क...धक्क...धक्क
हा..य...ऊ...ह...ओ..ह...मैं...झ...ड़ ग..यी..."
मेरा भी माल छूटने लगा था,मैंने तेजी से कुछ झटके लगाये और शीला की चूत में ही झड़ गया।
और फिर ...कुछ देर हम दोनों एक ही पोजीशन में पड़े रहे फिर उठ कर मैं शीला का हाथ पकड़ कर बाथरूम में ले गया।
शेष अगली किस्त में ,क्रमशः
अगले दिन...
सुबह जल्दी ही आॅफिस पहुंच गया,शीला झाड़ू लगा रही थी,व मुझे देखकर शर्म से नजरें झुका कर मुस्कुराने लगी।मैने जल्दी से कागज पे अपना पता व फोन नंबर लिख कर उसे पकड़ा दिया साथ ही कुछ रूपये उसकी हथेली पे रख कर बोला...
..."शाम को छह बजे आ जाना।कोई भी दिक्कत आए तो फोन कर लेना।"
"ठीक है साहब "उसने हां में सिर हिला दिया।
अब क्या था...रोज की तरह ऑफिस का काम करके आज तीन बजे ही घर पहुँच गया।दिल बल्ले बल्ले उछल रहा था,आज तो जवान देसी चूत मिलने वाली थी ।
घर पहुँच कर नहा धोकर फ्रैश हो गया फिर पाँच बजने का इन्तजार करने लगा।पाँच बजते ही मैं उठा,फ्रिज खोल कर वोदका की बोतल निकाली,फिर एक लार्ज पैग बना कर हल्के हल्के घूंट भरने लगा।अब इन्तजार था शीला का जिसकी जवानी का स्वाद मुझे मिलने वाला था।
छह बजने वाले थे,और किसी भी वक्त शीला आ सकती थी।मैंने दो पैग खत्म कर दिए थे व तीसरा बना ही रहा था कि काॅलबेल बज उठी।
सफाई होने के बाद मैं चैम्बर में घुसा फिर दिन में ऑफिस के जरूरी व अत्यावश्यक काम पहले ही निपटा कर अगले दिन की प्लानिंग में लग गया।शाम को घर जाते समय नजदीक की एक ज्वेलर्स शाॅप से चांदी के बढिया पाजेब खरीद लिए।
अगले दिन...
सुबह जल्दी ही आॅफिस पहुंच गया,शीला झाड़ू लगा रही थी,व मुझे देखकर शर्म से नजरें झुका कर मुस्कुराने लगी।मैने जल्दी से कागज पे अपना पता व फोन नंबर लिख कर उसे पकड़ा दिया साथ ही कुछ रूपये उसकी हथेली पे रख कर बोला...
..."शाम को छह बजे आ जाना।कोई भी दिक्कत आए तो फोन कर लेना।"
"ठीक है साहब "उसने हां में सिर हिला दिया।
अब क्या था...रोज की तरह ऑफिस का काम करके आज तीन बजे ही घर पहुँच गया।दिल बल्ले बल्ले उछल रहा था,आज तो जवान देसी चूत मिलने वाली थी ।
घर पहुँच कर नहा धोकर फ्रैश हो गया फिर पाँच बजने का इन्तजार करने लगा।पाँच बजते ही मैं उठा,फ्रिज खोल कर वोदका की बोतल निकाली,फिर एक लार्ज पैग बना कर हल्के हल्के घूंट भरने लगा।अब इन्तजार था शीला का जिसकी जवानी का स्वाद मुझे मिलने वाला था।
छह बजने वाले थे,और किसी भी वक्त शीला आ सकती थी।मैंने दो पैग खत्म कर दिए थे व तीसरा बना ही रहा था कि काॅलबेल बज उठी।
मैं तुरंत दरवाजे की ओर लपका,उस वक्त मैं स्लीपिंग गाउन में था।दरवाजे के आई पीस में से झांक कर देखा तो शीला ही थी।मेरे शरीर के सारे रोएं खडे हो गए,दिल जोरो से धडकने लगा।मैंने तुरंत दरवाजा खोल दिया....
वोदका का सुरूर मेरे सिर चढकर बोल रहा था, शीला के अंदर आते ही मैंने तुरंत दरवाजा बंद कर दिया और बिना देरी किये शीला को अपनी बांहों में जकड़ लिया।शीला ने अपनी आंखें बंद कर ली....
....."आह!"उसके मुंह से निकल पड़ा।
..."शीला" मैनें पुकारा।
...."हाँ साहब"
तुम्हारे जैसी सादगी वाली औरतें मुझे बहुत अच्छी लगती है, इसलिए मैं तुम्हें बहुत पसंद करता हूँ,बहुत दिनों से मैं इंतजार कर रहा था।
....."तो बुला लेते साहब"शीला ने नीची निगाह करके मुस्कुराते हुए कहा।
"वो ही तो मौका नहीं मिला ना।"मैंने कहा।
"चल अपनी जवानी का रसपान करा दे।"
और उसकी ठोड़ी उपर करके उसके होठों को चूम लिया।
उसने मुझे कस कर पकड़ लिया।
मेरे भी तन बदन में आग लग चुकी थी ।मैंने उसके होठों को और जोश में चूमना चूसना शुरूकर दिया,और शीला भी साथ दे रही थी।उसके बदन से पसीने की तीखी महक आ रही थी,लेकिन मुझे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था,बल्कि मजा आ रहा था।
शीला भी सिसकारियाँ भर रही थी।मैंने उससे जीभ देने को कहा तो उसने जीभ तुरंत निकाल दी और मैंने तुरंत उसे मुंह में ले लिया और चूसने लगा।थोड़ी देर इसी तरह चूसते हुए मैंने भी अपनी जीभ उसके मुंह में घुसा दी और चूमने लगा साथ ही साथ उसकी बड़ी बड़ी चूचीयों को सहला रहा था।शीला ने मुझे और कस कर पकड़ लिया।अब मेरे सब्र का बांध टूट गया,तुरंत ही मैंने शीला की साड़ी उतार दी।अब उसके शरीर पर ब्लाउज और पेटीकोट था।मैंने उसे गोद में उठा लिया व बैडरूम में ले गया और फिर उसे बैड पर लिटा के अपना गाउन उतार दिया और शीला का ब्लाउज भी खोल दिया।
शीला के दो बड़ी बड़ी चूचीयाँ एक झटके से ब्लाउज में से बाहर आ गई। काली काली चूचीयाँ एकदम तनी हुई थी व चमक रही थी ,उनके उपर बड़े बड़े निप्पल किसी मंदिर के गुम्बद के उपर झंडे की तरह लग रहे थे व मुझे आमंत्रित कर रहे थे।मैं तो दिवाना हो गया और शीला के उपर झुककर उसके होठों को चूमने लगा और अपनी छाती से शीला की काली काली चूचीयों को रगड़ने लगा।
शीला मेरी बाहों में कसमसा रही थी।
"आ....ह....उ.....ह"
"बोल शीला रानी, मजा आ रहा है?
"उ..ह..हाँ....।"
"चल अब मैं तुझे जन्नत की सैर करवाउंगा।"
इतना कह कर मैंने शीला का पेटीकोट भी उतार दिया,चूंकि उसने अंडरवियर नहीं पहना था इसलिए तुरंत ही उसकी काली काली क्लीन शेव्ड चमकती हुई चूत अनावृत्त हो गई जो किसी पावरोटी की तरह सूजी हुई थी.....एकदम चिकनी...
मेरा लंड तो विद्रोह कर उठा।बस अब मेरे सब्र का बांध टूट गया।और तुरंत जैसे ही अपना अंडरवियर उतारा, एकदम से मेरा आठ ईन्च लंबा व ढाई ईन्च मोटा लंड फनफनाता हुआ किसी मोटी स्प्रींग की तरह झटके से बाहर आ गया,और ऊँचे नीचे झटके लेने लगा।अब तक शीला भी मस्ती में आ गयी थी।इतना बडा लंड देखते ही मुंह पर हाथ रख कर शरमाते हुए मुस्कुराने लगी।
"बोल शीला रानी,कैसा हैं।"मैंने पूछा।
"बहुत बड़ा हैं साहब।"
"चल अब साहब वाहब छोड़ और तू कर के बात कर,आखिर तेरा प्रेमी हूँ मैं ....."ठीक है ना"मैने पूछा।
शीला ने हाँ में सिर हिलाया।
और मैं उसके उपर छा गया।उसके होठ चूमने लगा,उसकी बड़ी बड़ी चूचीयों को सहलाने लगा।
"आ...ह,उ...ह,हा.....य"अब शीला गनगनाने लगी...आssssह,ह..ह"
अब मैंने एक उंगली धीरे धीरे उसकी चूत मे घुसा दी।चूत बड़ी टाईट थी,
शीला की हल्की सी कराह निकल पड़ी.."आssssह,ह..ह"...उफ्फ्फ।अब मैं अपनी उंगली धीरे धीरे उसकी चूत मे अंदर बाहर कर रहा था और वो कराहे जा रही थी...उssss"आssssह,ह..ह"...उफ्फ्फ...उई...माँ....हफ्फ...आsss
शीला की आंखों में अब वासना का नशा साफ झलक रहा था।और मेरा लंड भी फुल टाइट हो चुका था।
"अब लंड का मजा चखाऊँ रानी"
"ह...हाँ ."शीला ने वासना की आग में जलते हुए कहा।
अब मैं जोश में आ गया और लंड पे थूक लगाकर सुपाड़ा चूत की फांको के बीच में रखकर हल्के से धक्का दे दिया।
"उई...माँ....शीला की चीख निकल पड़ी..आssssह,ह..ह".
शीला की चूत बहुत ही टाईट थी और कई महिनों से चुदी नहीं थी,इसलिए मुझे अधिक मेहनत करनी पड़ रही थी..।
अभी सिर्फ सुपाड़ा ही अंदर गया था,और शीला गनगना रही थी ...मैं कुछ देर उसी पोज़ में रहा फिर एक धक्का मारा...
"आssssह,ह..ह".ऊssssह"
अब शीला की चूत पूरी गीली हो चुकी थी इसलिए इस बार आधे से ज्यादा लंड अंदर सरकता चला गया...
आssssह,ह..ह ....म..र..ग..ई
ऊ..ई...ई...ई...ई.ह...ह...हफ्फ
अब मै थोड़ा सा रूका फिर हल्के हल्के धक्के मार कर लंड को अंदर बाहर करने लगा।
आssssह,ह..ह ....म..र..ग..ई
ऊ..ई...ई...ई...उssss"आssssह,ह..ह"...उफ्फ्फ
अब शीला वासना की आग में जल रही थी,और मैंने थोड़ा और तेज धक्के मार कर चोदना शुरू किया
हा..य...ऊ...ह...ओ..ह......क....रो....औ..र...क...रो...क...रो...जो ..र...से...हा..य...फा..ड़ डा..ल...
शीला की आंखों में अब वासना का नशा साफ झलक रहा था।अब वो तू तड़ांग भाषा पे उतर आई।
."हा..य...फा..ड़ ..डा..ल...जो...र...से...चो..द...डा...ल...ते..रे..लं..ड...से..आ..ज.....ब...ड़े...दि...नों...के.......बा..द....म..जा...आ...रहा..हैं ..."
शीला को इस तरह से तू करके बोलते हुऐ सुनकर मुझे अच्छा लगा और मैं तो और जोश मे आ गया,और जोर जोर से चोदने लगा।
शीला अब पगला सी गयी थी...
चो..द...डा...ल.....फा..ड़ ..डा..ल
और मेरी गांड पकड़ कर उपर नीचे करने लगी और खुद भी अपनी गांड उचका उचका के चुदाने लगी।काफी दिनों के बाद उसकी इस तरह से चुदाई हो रही थी।वो जोर जोर से गांड उचका रही थी...चो..द..औ..र..चो...द...फा..ड़ .दे
आ..ज...जी...भ..र के म...जा..दे..दे
चुदाई की जोरदार आवाज़े पूरे कमरे में गूँज रही थी....
फट्ट फट्ट....फट्ट फट्ट....फट्ट फट्ट...
धक्क...धक्क...धक्क...धक्क
तभी शीला ने मेरे बाल कस के पकड़ लिये....ह..रा..मी !! फा..ड़ डा..ल मे..री चू..त को...भो..स..डा... ब..ना दे... मे..रे..रा..जा...मैं...ते..री..रा..नी..
*तू..मे...रा...गु...ला...म*
चो..द औ..र चो..द मैं बो...लू त..ब त..क चो..द
और मै दोहरे जोश से थाप पे थाप लगा रहा था,आज जवान टाईट काली चिकनी चूत का मजा जो मिल रहा था।
तभी शीला ने मुझे कस कर भींच लिया...आ..ह..रा..जा!! ते..री रा..नी झ..ड... र...ही... है..
फट्ट फट्ट....फट्ट फट्ट....फट्ट फट्ट...
धक्क...धक्क...धक्क...धक्क
हा..य...ऊ...ह...ओ..ह...मैं...झ...ड़ ग..यी..."
मेरा भी माल छूटने लगा था,मैंने तेजी से कुछ झटके लगाये और शीला की चूत में ही झड़ गया।
और फिर ...कुछ देर हम दोनों एक ही पोजीशन में पड़े रहे फिर उठ कर मैं शीला का हाथ पकड़ कर बाथरूम में ले गया।
शेष अगली किस्त में ,क्रमशः