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मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam
#95
अगले दो सप्ताह तक मैंने कमर तोड़ काम किया।

सभी खेत मज़दूरों के साथ लग कर उस पहले ज़मीन को खेती के लिए तैयार किया, और फिर पौधे और बीज जाने के साथ साथ उनका रोपण भी करवाया। अब तक मजदूर जान गए थे कि मैं अल्का का भतीजा हूँ, लेकिन उससे मेरे मल्कियत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। मैं उनके लिए मालिक ही था। मेरे ज्ञान से वो सभी काफी प्रभावित थे, और बस इतने ही दिनों में वो मेरी सब बातें मानने लगे थे। पारंपरिक समाज में पुरुष के प्रभाव का ही डंका बजता है। एक स्त्री के लिए मेहनत मजदूरी वाले काम में पुरुषों को निर्देश दे पाना एक कठिन कार्य है, जिसको अल्का बखूबी निभा रही थी। यह सब देख कर मेरे मन में अल्का के लिए आदर और बढ़ गया। लेकिन अब मेरे जाने के बाद समीकरण बदल गए थे। खैर, उन सभी को मैंने हमारी मुख्य फसल के लिए भी कई सारे निर्देश दिए, जिनके पालन करने से हमें काफी लाभ हो सकता था। उधर हवा में नमी और गर्मी बता रही थी कि मानसून बस आने ही वाला था। यह एक अच्छी बात थी - कम से कम हमको सिंचाई को लेकर कोई ख़ास इंतजाम करने की आवश्यकता नहीं थी।

इसी बीच मौसम बदलने के कारण अम्मम्मा की तबियत भी कुछ ख़राब हो गई, तो उनको डॉक्टर को दिखाने के लिए दो दिनों के लिए पास के बड़े शहर में ले जाना पड़ा। मेरे पीछे अल्का ने थोड़ा बहुत काम तो देखा, लेकिन उसका अधिक ध्यान हमारी मुख्य फ़सल पर था। खैर, वापस कर उन दो दिनों की क्षतिपूर्ति करने के लिए और कमर तोड़ काम करना पड़ा। अम्मम्मा को आराम और देखभाल की आवश्यकता थी, इसलिए अल्का भी घर पर ही रुकने लगी। इसके कारण मुख्य फसल की देखभाल का बोझ भी मेरे ऊपर ही गया।

इन सब कामों में मैं कुछ ऐसा मसरूफ़ हुआ कि मुझे अपने और अल्का के बारे में ठहर कर सोचने का अवसर ही नहीं मिला। उन दो सप्ताहों में ही समझ गया कि एक किसान के मन में कैसी कैसी शंकाएँ होती हैं, उसको कितनी मेहनत करनी पड़ती है, और उसकी आशाएँ और उसके दुःस्वप्न क्या होते हैं। दिन भर कमर तोड़ मेहनत करता, लोगों से मिलता जुलता, कृषि की बातें करता, और देर साँझ थक कर चूर, घर आता और भोजन कर के सो जाता। सुबह फिर से वही नियम। यह मेरी दिनचर्या बन गई। 

दो सप्ताह ऐसे ही चला। लेकिन सबसे अच्छी बात यह हुई कि बारिश अपने नियत समय पर गई; उसके चलते सिंचाई वाले काम की चिंता समाप्त हो गई। मुझे यह देख कर बड़ी प्रसन्नता हुई कि जितने काम मैंने सोचे हुए थे, वो सभी संपन्न हो गए। 

अब यह समय कर्मचारियों के लिए एक सप्ताह के अवकाश का भी था। 

इसका मतलब अगला एक सप्ताह मेरे लिए भी अवकाश समान ही था। और अवकाश मिलते ही मेरा ध्यान अपनी शारीरिक आवश्यकताओं पर वापस गया। 

मतलब अल्का और मेरे सम्बन्ध की अंतरंगता को और आगे बढ़ाने का समय गया।
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RE: मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam - by usaiha2 - 17-07-2021, 06:32 PM



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