Thread Rating:
  • 7 Vote(s) - 3 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam
#94
आज की सुबह भी सभी दिनों से बेहतर थी। मानसूनी बयार के साथ बहुत हल्की हल्की वर्षा भी पड़ रही थी। शुभ संकेत गए थे, और हमारे साथ थे। बड़े सवेरे ही गरमा गरम इडली के साथ नारियल चटनी और स्वादिष्ट कट्टन काप्पी (फ़िल्टर कॉफ़ी) का डट कर नाश्ता किया। फिर सभी के पैर छू कर आशीर्वाद लिया। अल्का को बड़ी हैरानी हुई जब मैंने उसके भी पैर छू कर आशीर्वाद लिया। अम्मम्मा और चिन्नम्मा की ही तरह उसने भी मुझेविजयी भवऔरयशश्वी भवका आशीर्वाद तो दिया, लेकिन उसके मन में कौतूहल अवश्य हुआ।


खेत की तरफ जाते समय अल्का ने मुझसे पूछ ही लिया,

कुट्टन, तुमने सबके सामने मेरे पैर छू कर क्या इसलिए आशीर्वाद लिया कि जिससे उनको हम पर संदेह हो?”

तुमको ऐसा लगता है क्या मोलू?” मैंने उसके प्रश्न पर अपना प्रश्न किया। जब अल्का कुछ देर तक कुछ नहीं बोली, तो मैंने ही कहा,

नहीं। मेरे मन में किसी को धोखा देने की कोई भावना नहीं है। मैंने तुम्हारे पैर छू कर इसलिए आशीर्वाद लिया क्योंकि तुम भी मेरे लिए आदरणीय हो। मुझे सफल होने के लिए तुम्हारा भी आशीर्वाद चाहिए। क्या मेरे मन से तुम्हारा आदर इसलिए कम हो जाना चाहिए कि तुम मेरी प्रेयसी हो? यह तो कभी नहीं हो सकता। मेरा तुम्हारे लिए प्रेम और तुम्हारे लिए आदर एक साथ रह सकते हैं, और एक साथ बढ़ते भी रहेंगे।


मेरी बात सुन कर अल्का की आँखों से आँसू छलक आए।

मैं तो हमेशा तुम्हारे साथ हूँ चेट्टन मेरे! मेरा तुमको यह वचन है कि तुम मुझे जिस किसी भी रूप में चाहोगे, उसी रूप में मुझे अपने साथ खड़ा हुआ पाओगे।


*******************************************************
[+] 1 user Likes usaiha2's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam - by usaiha2 - 17-07-2021, 06:31 PM



Users browsing this thread: 1 Guest(s)