Thread Rating:
  • 7 Vote(s) - 3 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam
#69
हमारा घर, गाँव के और घरों की तरह हो कर हमारे खेत में ही था। इसलिए घर में और उसके आसपास काफी एकांत सा रहता था। घर के इर्द गिर्द आधे एकड़ के क्षेत्र में फलदार घने वृक्ष लगे हुए थे। हम सभी को उनकी छाँव में चारपाई डाल कर पिकनिक मनाने में बहुत आनंद आता था। नानी आज भी दोपहर में वहाँ सोती हैं। दोपहर खाने के बाद कम से कम दो घंटे तक सोना, यह उनका नियम सा बन गया है।

 
खैर, मेरे खुद के तौर तरीक़े बदलने लगे थे। अगर जीवन अपनी मातृभूमि, अपनी कर्मभूमि पर बिताना है, तो वहां के रहन सहन से खुद को अच्छी तरह से वाकिफ़ कर लेना चाहिए। है ? तो मैं भी कल्लिमुन्डु (लुंगी) और उदुप्पू (शर्ट) पहनने लगा। सूर्य देव की कुछ ख़ास कृपा रहती है केरल भूमि पर। कहते हैं कि इसी कारण से कुरुमुलक (कालीमिर्च) में सूर्य जैसी गर्मी आती है। गाँव का रहन सहन मुझे भाने लगा। सवेरे मेहनत, शाम को मेहनत, दिन में आराम, लोगों से मिलना जुलना, बात करना, और उम्दा भोजन! ऐसा जीवन किसको रास नहीं आएगा?

#

ऐसे ही करते करते गाँव के तौर तरीके सीखते सीखते मुझे करीब एक सप्ताह हो गया। बस वहां के मौसम की आदत नहीं पड़ी थी अभी तक - एक सप्ताह में ही मेरा पूरा शरीर कालीमिर्च की भाँति ही काला हो गया था। अल्का मेरे रोज़ और काले पड़ते रंग को देख कर बोलती किहाँ, अब मेरा चिन्नू लग रहा है पूरा मलयाली मान्यन (भद्रपुरुष)!’ मैं भी मज़ाक में कहता कि कम से कम विटामिन डी की कमी नहीं रहेगी मेरे शरीर में

खैर, उस पहली रात के जैसा वैद्युतीय घटनाक्रम इतने दिनों तक नहीं हुआ। अल्का रात में ढीली ढाली मैक्सी पहन कर सोती। उधर मुझे भी पूरे कपड़ों में सोने में दिक्कत होती है। जब मैंने अल्का को यह बात बताई तो उसी ने कहा कि मेरा जैसा मन करे, मैंने वैसे सो सकता हूँ। अब मैं रात में सिर्फ शॉर्ट्स में सोता हूँ। मुण्डु पहन कर सोने में यह डर रहता है कि कहीं खुल जाए! वैसे कभी कभी मन होता है कि सारे कपड़े उतार कर अल्का से लिपट जाऊँ, लेकिन हिम्मत नहीं होती।

#

एक सवेरे रसोई घर में मैं अल्का के साथ ही था, उसने नाश्ता तैयार करते हुए मुझसे पूछा,

चिन्नू, तुमने हमारे खेत में नदी वाला हिस्सा देखा है क्या?”


हमारे खेत में नदी है - यह बात तो मुझे मालूम तक नहीं थी। मैंने उसको यह बात बताई। उसने मुझे बताया कि सलाद की खेती के लिए उसने वही ज़मीन सोची है। मैं यह सोच कर बहुत प्रसन्न हुआ... वो इसलिए कि अल्का मेरी बात मान रही थी। मैंने उसको कहा कि मुझे वो ज़मीन देखनी है - अल्का ने भी कहा कि वो मुझे आज वो हिस्सा दिखाना चाहती है, जिससे आगे का काम जल्दी हो सके। वो हिस्सा कुछ दूर पड़ता है, इसलिए उसने सुझाया कि दोपहर का खाना साथ ले कर उधर चलेंगे।

अल्का ने नानी को बातें समझाईं - मुझे नहीं मालूम कि नानी को उसकी बात कितनी समझ आई। लेकिन उन्होंने हमको मज़े करने को कहा
[+] 1 user Likes usaiha2's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam - by usaiha2 - 17-07-2021, 06:02 PM



Users browsing this thread: 1 Guest(s)