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गर्मी की छुट्टीयाँ खत्म हो चुकी थी और अब भाई बहन के इन प्रेमी जोड़ो के बिछड़ने का समय आ गया था. वैसे इन सगे भाई बहनो में प्रेम प्रसंग शुरु हो जाने से एक चीज़ अच्छी हुई थी - अपनी अपनी सगी बहनो से शारीरिक सम्बन्ध बनाने के बाद अब अमन और सुरेश एक दूसरे की बहनो को ज़्यादा मिस नहीं करेंगे. मतलब ये की अमन को भले ही नंदिनी की जुदाई सताए पर उसके साथ उसकी सगी बहन सोनाली तो हमेशा रहेगी ही, और उसी तरह सुरेश को भी सोनाली से दुरी उतनी नहीं खटकेगी क्यूंकि उसकी सगी बहन नंदिनी उसकी हमसफर बन चुकी थी. शहर लौट कर अमन ने अपनी सगी बहन सोनाली को चोरी छुपे घर पर ही चोदना जारी रखा और उधर गांव में सुरेश और उसकी सगी बहन नंदिनी भी घर वालों से छुपते छुपाते जब भी मौका मिलता, पति पत्नी की तरह रहने लगते थें !
सब कुछ ठीक ही चल रहा था पर शायद इस बार भगवान को कुछ और ही मंज़ूर था. मुसीबत तब हुई जब नंदिनी का अगला पीरियड्स मिस हो गया. उसने तुरंत सोनाली को फोन करके उसे ये बात बताई, सोनाली ने उसे बताया की पीरियड्स तभी आना बंद हो जाते हैं जब लड़की प्रेग्नेंट हो जाये, हालांकि ऐसा हर केस में ज़रूरी नहीं है, कभी कभार पीरियड्स अनियमित भी हो जाते हैं, सो घबराने की कोई बात नहीं. नंदिनी आँख मुंद कर सोनाली पर भरोसा करती थी क्यूंकि उसकी बाहरी नॉलेज बहुत ही अच्छी थी, वो आश्वस्त हो गई की सब कुछ ठीक है. उसके ठीक 10 - 12 दिन बाद सोनाली के पीरियड्स आने वाले थें. सोनाली को टेंशन होने लगी जब उसका मासिक भी आया ही नहीं.
सोनाली ने अपने भैया अमन को ये बात तुरंत बताई तो घर वालों को बिना कुछ बताये अमन उसे एक प्राइवेट क्लिनिक ले गया और उसका चेक - अप करवाया तो पता चला की सोनाली प्रेग्नेंट हो चुकी थी ! सोनाली ने नंदिनी को फोन करके सब कुछ बता दिया और उसे भी एक बार चेक - अप करवा लेने की सलाह दी. नंदिनी भी अपने भैया सुरेश के साथ चोरी छुपे एक दिन गाँव के किसी क्लिनिक में डॉक्टर विजिट को गई तो उसका भी रिपोर्ट पॉजिटिव आया, नंदिनी भी गर्भवती थी !
सुरेश ने अमन को वीडियो कॉल किया की अब क्या करें, सोनाली और नंदिनी का तो रो रो के बुरा हाल था की अब क्या होगा जब घरवालों को इस घिनौनी करतूत के बारे में पता चलेगा. अमन और सुरेश ने लड़कियों को ढाढस बंधाया की उन लोगों ने कुछ भी गलत नहीं किया था, ये किसी नाज़ायज़ सम्बन्ध का नतीजा नहीं था, बल्कि उनके सच्चे प्यार की निशानी थी. घरवालों को इसके बारे में बताने में कोई शर्म की बात नहीं. एबॉर्शन के बारे में किसी ने कोई बात नहीं की, क्यूंकि उससे बड़ा जघन्य पाप तो हो ही नहीं सकता ! यहाँ बात अब छुपाने वाली नहीं थी, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य की भी थी.
शुरुआत नंदिनी ने की, उसने अपनी माँ को सब कुछ बता दिया. तो उधर सोनाली ने भी अपनी माँ के सामने अपनी और सुरेश की प्रेम कहानी बयान कर दी. और फिर जल्दी ही घर के मर्दो और बड़े बुजुर्गों को पूरी परिस्थिति ज्ञात हुई. मामा और मामी जी तुरंत शहर पहुंचे अमन और सोनाली के घर. पुरे परिवार की बैठक हुई तो सबने अंत में ठंडे दिमाग़ से यही फैसला लिया की गलती तो हुई थी इन लड़के लड़कियों से, रिश्ते में लगने वाले भाई बहन भी तो सगे भाई बहन जैसे ही होते है, भला उनके साथ कोई कैसे कुकर्म कर सकता है, पर थें तो सभी लड़के लड़कियाँ बालिग ही ना, और नासमझ भी ! ऐसा नहीं था की दोनों परिवार काफ़ी खुले विचारधारा वाले थें, पर अभी परिस्थिति ही ऐसी आ गई थी की बोल्ड डिसिशन लेना ज़रूरी था ! आखिरकार तय ये हुआ की प्रेगनेंसी वाली बात को यहीं दबा दिया जाये और अमन का उसकी ममेरी बहन नंदिनी और सुरेश का उसकी फूफेरी बहन सोनाली के साथ विवाह कर दिया जाये !!! नंदिनी और सोनाली को तो यकीन ही नहीं हो रहा था की उनके परिवार वाले इतनी आसानी से मान जायेंगे. वहीं इस खबर से सुरेश और अमन भी फुले नहीं समा रहें थें... उनके प्यार की जीत जो हुई थी !
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और आज तीन महीने बाद शादी की Reception Party में अमन, नंदिनी, सुरेश और सोनाली अपने इस प्यार की जीत का मानो जश्न मना रहें थें. शादी और रिसेप्शन गाँव में मामा जी के घर पर ही अरेंज हुआ था. लेकिन बहुत सारे रिश्तेदार इस शादी में नहीं आये थें क्यूंकि उनके अनुसार इस तरह के नज़दीकी खून के रिश्तों में लड़के लड़कियों का विवाह करना सरासर अनुचित था. शायद उन्हें ये गलत ना लगता अगर उन्हें पूरा किस्सा पता होता ! पर जो भी, दोनों परिवार के लोगों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा था और जितने भी लोग वहाँ मौजूद थें, उन्ही की मौजूदगी में शादी और रिसेप्शन दोनों ही बड़े ही धूमधाम से संपन्न हुआ !...
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सुहागरात की घड़ी आ चुकी थी.
ऊपर नंदिनी का कमरा उसके और अमन के लिए सजाया गया था और नीचे सुरेश के रूम में उसकी और सोनाली की सुहाग सेज बिछी थी. ये वही कमरे थें जहाँ से गर्मीयों की उन छुट्टीयों में तीन महीने पहले इन सारे किस्सों की शुरुआत हुई थी !!!
" आपलोग चलो, हम आते हैं... ". सोनाली ने अमन और सुरेश से कहा, और नंदिनी का हाथ पकड़ कर उसे रोक लिया.
" चल भाई, लगता है सोनाली नंदिनी को कोई टिप देने वाली है ! ". सोनाली के पति सुरेश भैया ने कहा.
" हाँ यार, इनका तो ख़त्म ही नहीं होता... चल ! ". नंदिनी के पति अमन भैया ने कहा, और फिर दोनों लड़के हँसते हुए वहाँ से चले गये.
सोनाली उन दोनों के जाने तक वेट करती रही, इधर उधर नज़र दौड़ा कर देखा की आसपास कोई है तो नहीं, और फिर नंदिनी के एकदम करीब आकर लगभग फुसफुसाते हुए बोली.
" देख नंदिनी, हमारा ये सीक्रेट, सीक्रेट ही रहना चाहिए, अमन और सुरेश को बताने की ज़रूरत नहीं है ! "
" कैसा सीक्रेट ??? ". नंदिनी ने पूछा.
" ये सीक्रेट गँवार लड़की... ". कहते हुए सोनाली ने अपना हाथ नंदिनी के पेट पर रख दिया और उसका हाथ पकड़कर अपने पेट पर रख लिया.
ख़ुशी के माहौल में नंदिनी तो जैसे भूल ही गई थी. अब उसके चेहरे के सामने वो घटना स्पष्ट घूमने लगी जिसकी ओर सोनाली अभी अभी इशारा कर रही थी.
दरअसल, उनकी शादी की मंज़ूरी मिल जाने के बाद शहर में सोनाली और नंदिनी ने फिर से एक बड़े से नर्सिंग होम में अपना अपना मेडिकल चेक - अप करवाया था, जिसमें इस बात का खुलासा हुआ था की, सोनाली को सुरेश ने नहीं बल्कि उसके सगे भाई अमन ने ही प्रेग्नेंट कर दिया था और नंदिनी की कोख में अमन का नहीं बल्कि उसके अपने सगे भाई सुरेश का बच्चा पल रहा था !!! उन दोनों ने ये बात घर के किसी भी सदस्य, यहाँ तक की अमन और सुरेश को भी नहीं बताई थी.
" उन बेवकूफो को भ्रम में ही रहने देते हैं ! ". नंदिनी की जैसे अभी अभी आँख खुली हो, और फिर वो हँसते हुए बोली. " और वैसे भी उन्हें हम लड़कियों वाली बहुत सारी बातें पता चल चुकी हैं... बस अब और नहीं !!! "
सोनाली ने नंदिनी को गले से लगा लिया.
![[Image: 20220705-173952.jpg]](https://i.ibb.co/9vcXG2p/20220705-173952.jpg)
" चलो... कमीने वेट कर रहें होंगे ! ". सोनाली और नंदिनी हँसते हुए एक दूसरे का हाथ थामे वहाँ से चलते बने.
हवा में फैले रजनीगंधा के फूलों की भीनी भीनी खुशबु से बस ये अनुमान ही लगाया जा सकता था की उन दोनों की सुहाग सेज की सजावट कितनी आलीशान होगी.
****** The End ******