16-07-2021, 06:02 PM
अमन की फूलती हुई सांस जब थोड़ी सी नार्मल हुई तो उसने फिर से अपनी नज़रें अपनी बहन पर गड़ा दी. पर इस बार उसने देखा की चुदती हुई सोनाली भी अब उसी को देख रही थी, दरअसल उसे नहीं, उसके अभी अभी झड़े हुए लण्ड को ! निर्लज्ज सा अमन अपनी सगी बहन के सामने अपना नंगा लण्ड लिये बिस्तर पर बैठा रहा, उसके सुपाड़े से वीर्य की एक पतली सी सफ़ेद धार चू कर नीचे चादर पर गिर रही थी. उसने अपनी बहन की आँखों से एक बार आँखे मिलाई और फिर बिना किसी लाज शर्म के उसकी गांड़ देखने लगा जिसमें सुरेश अभी भी Shots पे Shots मारे जा रहा था.
कहते हैं की सेक्स के दौरान शरीर की सारी की सारी इंद्रीयां अत्यंत संवेदनशील हो जाती हैं, आँख, नाक, दिमाग, कान, सभी. सोनाली को भी अपने सगे भाई की मनोभावना समझते देर ना लगी. बेचारे की प्रेमिका को माहवारी हुई थी और उसकी अपनी सगी बहन अपने फूफेरे भाई के साथ उसी के सामने एक ही बिस्तर पर रंगरेलियां मना रही थी... ऐसे में कोई लड़का भला भाई बहन का रिश्ता निभाये या अपनी वासना शांत करने के उपाय खोजे !!!
" भैया... मुझे कर लो !!! ". सोनाली ने अमन से कहा.
अमन को अपने सुने पर यकीन नहीं आया, बेवकूफ़ की तरह मुँह फाड़े वो अपनी बहन को देखता रहा.
" It 's Okay भैया... आ जाओ !!! ". सोनाली ने अमन को दिलासा दिया. फिर पीछे मुड़ कर सुरेश को देखते हुए बोली. " सुरेश भैया... अपने दोस्त को भी थोड़ा चोदने दो ! ".
सोनाली के मुँह से अपने सगे भाई के बारे में ऐसी बात सुन कर सुरेश की तो जैसे साँस ही रुक गई , एक बहन अपने सगे भाई को चोदने के लिये आमंत्रित कर रही है, ये Feeling मात्र ही उसके लिये इतनी Hot थी की वो खुद को रोक नहीं पाया और ठीक उसी पल उसका शीघ्रपतन हो गया. अपनी चूत में वीर्य भरते महसूस करती सोनाली को सुरेश की बेकरारी पर तरस आ गया और वो सेक्स के ऐसे चरम क्षण में भी खिलखिला कर हँस पड़ी ! अपना लण्ड सोनाली की चूत से बाहर निकाल कर सुरेश बिस्तर पर एक तरफ बैठ गया.
" क्या हुआ भैया... करो ना !!! ". कुतिया स्टाइल में अपने दोनों हाथों और घुटनों पर टिकी सोनाली ने अपनी गांड़ हिलाते हुए अपने सगे भाई अमन को फिर से टोका.
अमन की तो जैसे सोचने समझने की शक्ति ही खत्म हो गई थी. चुपचाप वो सोनाली के पीछे आ गया और पहली बार अपनी सगी बहन की चूत पर अब उसकी नज़र गई. सोनाली की चूत फूल कर पावरोटी हो गई थी और उसका छेद फट कर करीब 3 - 4 इंच खुल गया था. अपनी सगी बहन की कुंवारी चूत के दर्शन तो अमन को अब नहीं हो सकते थें, सो वो बस अनुमान भर लगा सकता था की सुरेश से चुदवाने से पहले उसकी सील पैक चूत कैसी दिखती रही होगी !
" एक मिनट रुको भैया... ". सोनाली ने कहा और फिर अपनी गांड़ को थोड़ा पीछे करके ज़ोर लगाया तो ढ़ेर सारा गाढ़ा मोटा वीर्य का जमा हुआ थक्का उसकी चूत से फलफला कर निकल आया और नीचे चादर पर चूने लगा.
नंदिनी ने अपनी सलवार, जिसमें उसने कुछ देर पहले अमन का वीर्य पोछा था, अमन की ओर फेंक दिया. उसी वक़्त बस एक पल के लिये अमन और नंदिनी की आँखे मिली, नंदिनी एकदम चुप और शांत थी, उसकी आँखों में एक अजीब तरह का कौतुहल था, शायद ये देखने का की सगे भाई बहन कैसे सेक्स करते हैं !!!
" हाँ... अब करो भैया ! ". अपनी चूत से सुरेश का सारा का सारा वीर्य बाहर उढ़ेल कर सोनाली ने पीछे अमन को देखते हुए अपने चूतड़ हिलाये.
नंदिनी की सलवार हाथ में लेकर अमन अपनी सगी बहन की चूत अच्छे से पोछ कर साफ करने लगा. सोनाली को पहले तो थोड़ा बुरा लगा की भला उसका भाई उसकी चूत क्यूं साफ़ कर रहा है, इतनी नौटंकी क्यूं, चूत तो चूत होती है, गंदा और साफ़ क्या, वो भी चोदने के टाईम ??? मगर फिर उसे लगा की शायद उसके भाई को उसकी चूत में लगे किसी गैर मर्द के माल से घिन आ रही हो और इसलिए वो उसकी चूत पोछ रहा हो !........................
सगी बहन की चूत कोई अलग चूत नहीं होती, ये अमन को तब महसूस हुआ जब उसने सोनाली की चूत में अपना लण्ड डालना शुरू किया. Infact, उसे अपनी सगी बहन और ममेरी बहन की चूत में कोई फर्क तो नज़र नहीं आ रहा था, बस उसकी सगी बहन सोनाली की चूत Shaved थी और उसकी ममेरी बहन नंदिनी के चूत पर झांट थें !
पास ही बैठे भाई बहन सुरेश और नंदिनी बिना पलक झपकाये अपनी साँसे रोके देखते रहें जब सामने अमन ने अपनी सगी बहन सोनाली की कमर पकड़ कर उसे धीरे धीरे पेलना आरंभ किया. सुरेश और नंदिनी जानते थें की ज़ल्दी ही अमन अपनी सगी बहन की चूत को माल से भर देगा !
सोनाली को अपने सगे भाई का लण्ड खुब भाया, सुरेश के लौड़े से थोड़ा छोटा जो था और उसकी चूत में एकदम चौकस फिट बैठ रहा था. वो सोचने लगी की पिछली रात अगर सुरेश की बजाय उसके सगे भाई ने ही उसे पहले चोदा होता तो उसकी कमसिन चूत की आज ये दुर्गती ना हुई होती.
अपनी आँखे मुंदे सोनाली कुतिया की तरह अपनी गांड़ ऊपर उठाये अपने सगे भाई से चोदवा रही थी. बीच बीच में वो पीछे मुड़ कर अमन को देख लेती थी, पर अमन आँखे बंद किये हुए ही उसकी चूत मारे जा रहा था. शायद वो अपनी आँखे खोल कर इस सच्चाई का सामना नहीं करना चाहता था की वो अपनी सगी बहन को चोद रहा है और आँखे बंद किये हुए बस इस भ्रम का आनंद लेना चाहता था की वो सिर्फ और सिर्फ एक चूत के अंदर है !!!
उधर ये सब देख कर भाई बहन की दूसरी जोड़ी सुरेश और नंदिनी भी गरम होने लगे थें. सुरेश अपना झड़ा हुआ लण्ड धीरे धीरे हिला रहा था और उसकी बहन नंदिनी अपनी आँखे बंद किये हुए अपने एक हाथ से अपनी टाईट चुचियाँ दबा रही थी. मन तो उसका बहुत कर रहा था की अपनी पैंटी में हाथ डाल कर या फिर पूरी पैंटी ही खोल कर थोड़ा सा अपनी चूत को भी सहला ले, पर बेचारी आज के दिन मज़बूर जो थी !
सुरेश के मन में ना जाने क्या आया या फिर यूँ कहिये की परिस्थिति के वशीभूत हो भावनाओ में बह कर उसने अनायास ही अपना दूसरा हाथ अपनी बगल में लेटी अपनी बहन नंदिनी के नंगे जांघ पर रख दिया. उसने कुछ देर बिना कोई हरकत किये नंदिनी की प्रतिक्रिया का वेट किया, पर नंदिनी तो अपने आप में इतनी खोई हुई थी की उसे तो इसका एहसास तक ना हुआ. वो तो उसे तब होश आया जब अचानक उसने अपनी पैंटी के अंदर किसी के हाथ को सरकते हुए महसूस किया. उसने अपनी आंखे खोली तो देखा की उसका भाई सुरेश अपना हाथ उसकी पैंटी में घुसा रहा है ! उसने झट से उसका हाथ पकड़ कर उसे रोका, और देखा की उसके दूसरे हाथ में उसका लण्ड ठनक कर पूरा खड़ा हो चुका है.
अब क्या करें, परिस्थिति ही ऐसी बन पड़ी थी की जिस तरह से वो गरमा गई थी उसी तरह से उसके भाई को भी सेक्स चढ़ गया था. उसने बिना कुछ बोले अपने भाई का हाथ उठा कर अपनी पैंटी के ऊपर रख लिया, आज के दिन पैंटी के अंदर हाथ डलवाने में तो बेचारी की मुसीबत थी, पर पैंटी के ऊपर ऊपर तो छू छा करने की कोई मनाही नहीं थी ! अपनी सगी बहन की नरम चूत की एक हल्की सी छुवन मात्र पैंटी के ऊपर से महसूस करते ही सुरेश का लण्ड उसके हाथ में ही उफन पड़ा और उसका सारा वीर्य उसी के पेट और जांघों पर गिर गया !!!
अचानक से हुए इस वीर्यपात से सुरेश अंदर तक सिहर उठा और काँपते हुए अपनी बहन की ओर मुड़ कर उससे लिपट गया. नंदिनी ने उसका पूरा साथ दिया, उसे पता था की इस वक़्त उसे खुद को जितनी सांत्वना की ज़रूरत थी उतनी ही उसके सगे भाई को. उसने सुरेश का झड़ा हुआ लण्ड अपनी दोनों मांसल जांघों के बीच घुसा कर दबा लिया ताकि लण्ड की तड़प थोड़ी कम हो जाये, और सुरेश का चेहरा अपनी दोनों चुचियों के बीच छुपा लिया. अपनी बहन के चुचियों, उसकी बाहों और उसकी पतली गर्दन की गंध सुरेश को इतनी पसंद आई को वो अपनी बहन के बदन से और भी चिपक गया. नंदिनी के टाईट खड़े निप्पल उसके गाल से सटे तो उसने अपना मुँह थोड़ा सा घुमा कर उसके निप्पल को चुम लिया, नंदिनी समझ गई की उसके भाई को क्या चाहिये, उसने अपनी चूची पकड़ कर सुरेश के मुँह में दे दी तो सुरेश चप चप आवाज़ करते हुए अपनी सगी बहन का दूध पीने लगा !!!
इधर अपने भाई के ताबड़तोड़ चोदन - थपेड़ों से सोनाली अपने हाथों का बैलेंस संभाल नहीं पाई थी और नीचे तकिये पर गिर कर तकिया समेत पलंग के किनारे आ गई थी. उसके चेहरे पर जैसे तैसे बिखरे काले बाल देख कर ऐसा लग रहा था जैसे की किसी नई नवेली दुल्हन को उसके दूल्हे ने पूरी रात तंग किया हो ! अमन ने अपने दोनों हाथ उसके पेट से लपेट कर उसकी गांड़ को अभी भी अपनी पूरी ताकत से ऊपर उठाये रखा था ताकि वो पलंग से नीचे ना गिर जाये और उसी अवस्था में उसे चोदे जा रहा था.
अमन का अंडकोष फूल कर दुखने लगा था, उसके लिये अपने माल को और देर तक लण्ड में रोके रखना संभव नहीं था. उसने अपनी बहन की कमर मजबूती से पकड़ कर अंतिम के कुछ धक्के बेहद ज़ोर से लगाए और फिर अपना लौड़ा बाहर निकाल कर पलंग से उछल कर नीचे ज़मीन पर खड़ा हो गया और मूठ मार कर अपना माल ज़मीन पर गिरा दिया ! सोनाली ने सोचा नहीं था की उसका भाई ऐसा कुछ करेगा, वो तो सोच रही थी की अमन उसकी बच्चेदानी में ही स्खलित हो जायेगा . और तो और, उस बेवकूफ़ ने ऐसे समय में अपनी बहन का साथ छोड़ा था जब की उसका खुद का भी पानी निकलने के करीब था ! सोनाली तुरंत बिस्तर पर पलट कर अपने पीठ के बल लेट गई और और अपनी एक ऊँगली अपनी चूत में ठूस कर जल्दी जल्दी अंदर बाहर करने लगी. उसकी हरकत देख कर अमन को अपनी गलती का एहसास हो गया, उसे अपनी बहन को पानी छोड़ते टाईम इस तरह से अकेला नहीं छोड़ना चाहिये था. वो कूद कर पलंग पर चढ़ गया और अपनी बहन की चूत से उसकी ऊँगली निकाल कर वापस से अपना झड़ता हुआ लण्ड उसकी चूत में खोंस कर उसे पेलने लगा !!!
" भैया... आआह्ह्ह्ह... अबकी बार प्लीज मत रुकना... आअह्ह्ह्हह ममममममम हाय मेरी चूत... मम्मी !!! ". सोनाली को तो जैसे जन्नत मिल गई हो. एकदम सही समय पर उसके भाई ने वापस से उसे चोदना शुरू किया था. एक मिनट के बाद उसने अपनी गांड़ उठा कर अमन को रुकने का इशारा किया, अमन जैसे ही उससे अलग हुआ, उसकी चूत से छरछरा कर पानी का फव्वारा छूट पड़ा !
सोनाली का चरमोत्कर्ष इतना गहरा था की वो अंदर तक सिहर उठी थी और उसका पूरा बदन अकड़ गया था. उसकी आँखों से आंसू निकल आये और वो अपने हाथ से अपनी चूत दबाये फफक फफक कर रोने लगी ! अमन ने अपनी बहन को आज तक कभी भी इस तरह से फूट फूट कर रोते हुए नहीं देखा था. वो उसकी बगल में लेट गया और उसका सिर अपनी बाहों में लेकर उसे सहला बहला कर शांत करने लगा. जब सोनाली थोड़ी सी शांत हुई तो उसने उसके आंसूओ से भीगे गीले गालों को खुब चुमा. उसके चुंबनों में सेक्स की भावना नहीं थी, बल्कि एक भाई का अपनी बहन को सांत्वना देने का मीठा प्रयास था.
" Sorry सोनाली, मुझे तुम्हें चोदना नहीं चाहिये था. हो सके तो मुझे माफ़ कर देना ! ". अमन का वीर्य निकल जाने से अब जब उसकी वासना शांत हुई तो उसे ना जाने क्यूं अपने किये पर पछतावा होने लगा.
" ऐसा मत कहो भैया... भाई बहन के बीच हुए सेक्स में ग्लानि की कोई जगह नहीं होती. ये सम्बन्ध उतना ही पवित्र है जितना एक पति पत्नी का होता है ! ". सोनाली ने सुबक सुबक कर रोते हुए कहा.
अमन को मालूम नहीं था की उसकी बहन की बातों का Logic कितना सही या गलत है, पर उसे इस बात की खुशी थी की उसकी बहन के मन में कोई मलाल नहीं था और अभी अभी जो कुछ भी हुआ था उससे उन दोनों के भाई बहन के पावन रिश्ते में कोई फर्क नहीं पड़ा था. उसने अपनी रोती हुई बहन के आंसू पोछे और प्यार से उसे चुम लिया, फिर दोनों थक कर एक दूसरे की बाहों में वैसे ही नग्न अवस्था में सो गयें !!!
इधर सुरेश अपनी बहन का दूध पीते पीते कब सो गया था उसे कुछ पता ही ना चला. नंदिनी की भी आँख लग गई थी. अचानक जब सुरेश के खुले हुए मुँह से नंदिनी का निप्पल बाहर निकल आया तो उसकी नींद खुल गई. नंदिनी भी उठ गई. उसने अपनी जांघों के बीच से सुरेश का लण्ड बाहर निकाला जो की अब एकदम ढीला पड़ चुका था. दोनों ने देखा की बगल में भाई बहन अमन और सोनाली एक दूसरे से लिपटे सो रहें थें.
" अमन उठ... बहुत रात हो गई है... चल चल..ज़ल्दी ! ". सुरेश ने अमन को झकझोर कर उठाया.
आज की रात जो कुछ भी हुआ था उसके बारे में किसी ने कोई बात नहीं की. जाते जाते अमन और सुरेश ने नंदिनी की चूत को उसकी पैंटी के ऊपर से ही चुमा और फिर बारी बारी से सोनाली को Kiss किया.
उनके जाने के बाद सोनाली और नंदिनी ने देखा की पलंग का चादर सोनाली के चूत के पानी से पूरी तरह भीग गया था. दोनों एक साथ हँसने लगी.
" मैं दूसरी चादर बिछा देती हूं ! ". सोनाली ने कहा.
" मैं नीचे बाथरूम से पैड चेंज करके आती हूं ! ". नंदिनी ने पैंटी में अपनी चूत को दबाते हुए कहा. " पूरा गीला हो रखा है यार... चूत का बुरा हाल है !!! ".
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उस दिन की प्रेमलीला के बाद ज़ब अमन, सुरेश, सोनाली और नंदिनी जब अपने अपने कमरों में लौटे तो उन्हें पता नहीं था की आने वाला एक हफ्ता अब पूरा सूखा सूखा बीतेगा. क्यूंकि दूसरे दिन सुबह ही बदकिस्मती से मामा जी के घर में और भी कुछ रिश्तेदार आ गये... वो होते हैं ना, दूर के चाचा मौसा और ना जाने क्या क्या और कौन कौन. खैर तो बात ये थी की इन बेचारे भाई बहन जोड़ो की मुसीबत हो गई. पहले जिस तरह अमन और सुरेश रात को सोनाली और नंदिनी के कमरे में धड़ल्ले से चले जाते थें और रात बिता कर सुबह या फिर आधी रात तक चुपके से वापस अपने कमरे में आ जाते थें... वो तो अब होने से रहा. घर में इतने मेहमान हो गये थें की हर वक़्त कोई ना कोई जागता घूमता रहता था. और ये सब तब हुआ था जब इन सगे भाई बहनों में प्यार पनपना बस शुरू ही हुआ था. उससे भी बुरा ये हुआ था की जब से नंदिनी के Periods ख़त्म हुए थें, वो बेचारी चुदवाने को मरे जा रही थी. वहीँ दूसरी ओर उसकी चूत मारने के लिए ना सिर्फ उसका फूफेरा भाई अमन बाट जोह रहा था बल्कि अब तो उसका अपना सगा भाई सुरेश भी कतार में था. अब तो बस ये चारों भाई बहन राह देख रहें थें की कब ये अनचाहे मेहमान घर छोड़ कर जाये और उनकी गर्मी की बाकि बची छुट्टीयाँ बर्बाद होने से बच जाये !
नो सेक्स का आज 10वा दिन था. सुबह के दस बजे थें और अमन अपने रूम में सो रहा था.
" भैया उठो ! भैया... ".
नींद उचट गई तो आँखे खुलते ही अमन ने बिस्तर के पास अपनी बहन सोनाली को उसे जगाते हुए पाया. अपनी बहन को देखते ही उसने परेशान सा मुँह बनाया और फिर से अपनी आँखे मुंद कर सोने की कोशिश करने लगा.
" उठो ना भैया... आपको कुछ दिखाना है ! ". सोनाली ने अबकी बार अपने भाई को झकझोरना शुरू किया.
" What यार ? ". अमन ने जबरदस्ती अपनी आँखे खोली तो अपनी बहन को एक सुंदर सी गहरे लाल रंग की साड़ी में देखकर समझ गया की उसकी बहन उसे क्या दिखाने आई थी. " Wow... अच्छी साड़ी है... अब जाओ. ". अमन ने ब्यंगात्मक स्वर में कहा.
सोनाली को पता था की उसका भाई ऐसे नहीं मानने वाला. उसने इस बार बिना कुछ कहे अपनी पूरी ताकत लगाकर अमन का भारी शरीर खींच कर उसे उठा दिया और लगभग उसे बिस्तर से घसीटते हुए नीचे ज़मीन पर उतार दिया.
" क्या है ये सब यार ??? ". अमन झल्लाया.
" भैया आओ ना मेरे साथ... प्लीज् ! ". सोनाली अपने भाई का हाथ पकड़ कर उसे कमरे से बाहर ले गई.
बेमन से अपनी बहन के साथ चलते चलते अमन को पता नहीं था की वो उसे वहीं पास के नीचे फ्लोर के सिंगल कॉमन बाथरूम तक ले जाएगी.
" अब देखो... फ्री का शो... ". बाथरूम के पास पहुँच कर सोनाली रुक गई. बाथरूम का दरवाजा 6 इंच भर का खुला हुआ था.
दरवाजे के उसी फांक से अमन ने बाथरूम के अंदर का नज़ारा देखा तो उसके होश उड़ गये, नींद से भारी अधखुली आँखे फ़ैल कर बड़ी हो गई. अंदर का दृश्य ही कुछ ऐसा था ! बाथरूम फ्लोर पर नंदिनी बिल्कुल नंगी अपनी टांगे खोले बैठी पेशाब कर रही थी और सामने नंगा खड़ा उसका सगा भाई सुरेश उसे देखकर मूठ मार रहा था !!!
" Fuck यार !!! ये लोग पागल हो गये हैं क्या ??? ". अमन ने अपनी बहन की ओर देखते हुए कहा, उसकी आँखों में आश्चर्य और डर दोनों थें. " दिन के वक़्त ऐसे खुले आम... यार इनकी वजह से हम दोनों भी पकड़े जायेंगे ! "
" इतना डरते क्यूं हो भैया ? ". सोनाली ने हँसते हुए कहा. " ऐसे प्यार करोगे नंदिनी से... और मुझसे भी ??? ".
" Are You Mad सोनाली... रोको उन्हें ! ". कहते हुए अमन खुद ही उन्हें टोकने के लिए आगे बढ़ा तो सोनाली ने तुरंत उसका हाथ पकड़ लिया.
" भैया Relax... घर खाली है !!! ".
अमन ने अपनी बहन को सवालिया नज़रों से देखा तो सोनाली ने कहना शुरू किया.
" घर के सारे लोग पास के ही एक गांव गये हैं... नंदिनी के लिए लड़का देखने. इसलिए तो इतने सारे रिश्तेदार आये हुए थें... ".
सोनाली को लगा की अमन खुश होगा ये सुनकर की घर अभी पूरी तरह से खाली है, पर अमन की तो जैसे दिल की धड़कन ही रुक गई हो.
" नंदिनी की शादी के लिए ??? ".
अमन का चौंकना जायज़ था क्यूंकि वो नंदिनी से बेहद प्यार करता था.
" अरे ऐसा कुछ भी नहीं है भैया... आप क्यूं फ़िक्र करते हो ? ". अपने भाई की मनःस्थिति समझते ही सोनाली ने उसे पुरे आत्मविश्वास से भरे लहजे में दिलासा दिया. " नंदिनी बता रही थी की ये नौटंकी तो दो तीन साल से चल रही है... लड़के देखना वगैरह. आप अभी Relax रहो भैया वो कम से कम और चार पांच साल तो ऐसे ही मैनेज कर ही लेगी ! ".
" सच ??? Are You Sure... ". अमन को अपनी बहन की कही एक एक बात पर यकीन था, उसकी ख़ुशी का ठिकाना ना रहा, पर उसने अपने चेहरे के भाव छुपा लिए.
" हाँ बाबा... सच्ची ! ".
" और घर में कोई नहीं है... बस हम लोग ही अकेले ??? ".
कहते हैं की सेक्स के दौरान शरीर की सारी की सारी इंद्रीयां अत्यंत संवेदनशील हो जाती हैं, आँख, नाक, दिमाग, कान, सभी. सोनाली को भी अपने सगे भाई की मनोभावना समझते देर ना लगी. बेचारे की प्रेमिका को माहवारी हुई थी और उसकी अपनी सगी बहन अपने फूफेरे भाई के साथ उसी के सामने एक ही बिस्तर पर रंगरेलियां मना रही थी... ऐसे में कोई लड़का भला भाई बहन का रिश्ता निभाये या अपनी वासना शांत करने के उपाय खोजे !!!
" भैया... मुझे कर लो !!! ". सोनाली ने अमन से कहा.
अमन को अपने सुने पर यकीन नहीं आया, बेवकूफ़ की तरह मुँह फाड़े वो अपनी बहन को देखता रहा.
" It 's Okay भैया... आ जाओ !!! ". सोनाली ने अमन को दिलासा दिया. फिर पीछे मुड़ कर सुरेश को देखते हुए बोली. " सुरेश भैया... अपने दोस्त को भी थोड़ा चोदने दो ! ".
सोनाली के मुँह से अपने सगे भाई के बारे में ऐसी बात सुन कर सुरेश की तो जैसे साँस ही रुक गई , एक बहन अपने सगे भाई को चोदने के लिये आमंत्रित कर रही है, ये Feeling मात्र ही उसके लिये इतनी Hot थी की वो खुद को रोक नहीं पाया और ठीक उसी पल उसका शीघ्रपतन हो गया. अपनी चूत में वीर्य भरते महसूस करती सोनाली को सुरेश की बेकरारी पर तरस आ गया और वो सेक्स के ऐसे चरम क्षण में भी खिलखिला कर हँस पड़ी ! अपना लण्ड सोनाली की चूत से बाहर निकाल कर सुरेश बिस्तर पर एक तरफ बैठ गया.
" क्या हुआ भैया... करो ना !!! ". कुतिया स्टाइल में अपने दोनों हाथों और घुटनों पर टिकी सोनाली ने अपनी गांड़ हिलाते हुए अपने सगे भाई अमन को फिर से टोका.
अमन की तो जैसे सोचने समझने की शक्ति ही खत्म हो गई थी. चुपचाप वो सोनाली के पीछे आ गया और पहली बार अपनी सगी बहन की चूत पर अब उसकी नज़र गई. सोनाली की चूत फूल कर पावरोटी हो गई थी और उसका छेद फट कर करीब 3 - 4 इंच खुल गया था. अपनी सगी बहन की कुंवारी चूत के दर्शन तो अमन को अब नहीं हो सकते थें, सो वो बस अनुमान भर लगा सकता था की सुरेश से चुदवाने से पहले उसकी सील पैक चूत कैसी दिखती रही होगी !
" एक मिनट रुको भैया... ". सोनाली ने कहा और फिर अपनी गांड़ को थोड़ा पीछे करके ज़ोर लगाया तो ढ़ेर सारा गाढ़ा मोटा वीर्य का जमा हुआ थक्का उसकी चूत से फलफला कर निकल आया और नीचे चादर पर चूने लगा.
नंदिनी ने अपनी सलवार, जिसमें उसने कुछ देर पहले अमन का वीर्य पोछा था, अमन की ओर फेंक दिया. उसी वक़्त बस एक पल के लिये अमन और नंदिनी की आँखे मिली, नंदिनी एकदम चुप और शांत थी, उसकी आँखों में एक अजीब तरह का कौतुहल था, शायद ये देखने का की सगे भाई बहन कैसे सेक्स करते हैं !!!
" हाँ... अब करो भैया ! ". अपनी चूत से सुरेश का सारा का सारा वीर्य बाहर उढ़ेल कर सोनाली ने पीछे अमन को देखते हुए अपने चूतड़ हिलाये.
नंदिनी की सलवार हाथ में लेकर अमन अपनी सगी बहन की चूत अच्छे से पोछ कर साफ करने लगा. सोनाली को पहले तो थोड़ा बुरा लगा की भला उसका भाई उसकी चूत क्यूं साफ़ कर रहा है, इतनी नौटंकी क्यूं, चूत तो चूत होती है, गंदा और साफ़ क्या, वो भी चोदने के टाईम ??? मगर फिर उसे लगा की शायद उसके भाई को उसकी चूत में लगे किसी गैर मर्द के माल से घिन आ रही हो और इसलिए वो उसकी चूत पोछ रहा हो !........................
सगी बहन की चूत कोई अलग चूत नहीं होती, ये अमन को तब महसूस हुआ जब उसने सोनाली की चूत में अपना लण्ड डालना शुरू किया. Infact, उसे अपनी सगी बहन और ममेरी बहन की चूत में कोई फर्क तो नज़र नहीं आ रहा था, बस उसकी सगी बहन सोनाली की चूत Shaved थी और उसकी ममेरी बहन नंदिनी के चूत पर झांट थें !
पास ही बैठे भाई बहन सुरेश और नंदिनी बिना पलक झपकाये अपनी साँसे रोके देखते रहें जब सामने अमन ने अपनी सगी बहन सोनाली की कमर पकड़ कर उसे धीरे धीरे पेलना आरंभ किया. सुरेश और नंदिनी जानते थें की ज़ल्दी ही अमन अपनी सगी बहन की चूत को माल से भर देगा !
सोनाली को अपने सगे भाई का लण्ड खुब भाया, सुरेश के लौड़े से थोड़ा छोटा जो था और उसकी चूत में एकदम चौकस फिट बैठ रहा था. वो सोचने लगी की पिछली रात अगर सुरेश की बजाय उसके सगे भाई ने ही उसे पहले चोदा होता तो उसकी कमसिन चूत की आज ये दुर्गती ना हुई होती.
अपनी आँखे मुंदे सोनाली कुतिया की तरह अपनी गांड़ ऊपर उठाये अपने सगे भाई से चोदवा रही थी. बीच बीच में वो पीछे मुड़ कर अमन को देख लेती थी, पर अमन आँखे बंद किये हुए ही उसकी चूत मारे जा रहा था. शायद वो अपनी आँखे खोल कर इस सच्चाई का सामना नहीं करना चाहता था की वो अपनी सगी बहन को चोद रहा है और आँखे बंद किये हुए बस इस भ्रम का आनंद लेना चाहता था की वो सिर्फ और सिर्फ एक चूत के अंदर है !!!
उधर ये सब देख कर भाई बहन की दूसरी जोड़ी सुरेश और नंदिनी भी गरम होने लगे थें. सुरेश अपना झड़ा हुआ लण्ड धीरे धीरे हिला रहा था और उसकी बहन नंदिनी अपनी आँखे बंद किये हुए अपने एक हाथ से अपनी टाईट चुचियाँ दबा रही थी. मन तो उसका बहुत कर रहा था की अपनी पैंटी में हाथ डाल कर या फिर पूरी पैंटी ही खोल कर थोड़ा सा अपनी चूत को भी सहला ले, पर बेचारी आज के दिन मज़बूर जो थी !
सुरेश के मन में ना जाने क्या आया या फिर यूँ कहिये की परिस्थिति के वशीभूत हो भावनाओ में बह कर उसने अनायास ही अपना दूसरा हाथ अपनी बगल में लेटी अपनी बहन नंदिनी के नंगे जांघ पर रख दिया. उसने कुछ देर बिना कोई हरकत किये नंदिनी की प्रतिक्रिया का वेट किया, पर नंदिनी तो अपने आप में इतनी खोई हुई थी की उसे तो इसका एहसास तक ना हुआ. वो तो उसे तब होश आया जब अचानक उसने अपनी पैंटी के अंदर किसी के हाथ को सरकते हुए महसूस किया. उसने अपनी आंखे खोली तो देखा की उसका भाई सुरेश अपना हाथ उसकी पैंटी में घुसा रहा है ! उसने झट से उसका हाथ पकड़ कर उसे रोका, और देखा की उसके दूसरे हाथ में उसका लण्ड ठनक कर पूरा खड़ा हो चुका है.
अब क्या करें, परिस्थिति ही ऐसी बन पड़ी थी की जिस तरह से वो गरमा गई थी उसी तरह से उसके भाई को भी सेक्स चढ़ गया था. उसने बिना कुछ बोले अपने भाई का हाथ उठा कर अपनी पैंटी के ऊपर रख लिया, आज के दिन पैंटी के अंदर हाथ डलवाने में तो बेचारी की मुसीबत थी, पर पैंटी के ऊपर ऊपर तो छू छा करने की कोई मनाही नहीं थी ! अपनी सगी बहन की नरम चूत की एक हल्की सी छुवन मात्र पैंटी के ऊपर से महसूस करते ही सुरेश का लण्ड उसके हाथ में ही उफन पड़ा और उसका सारा वीर्य उसी के पेट और जांघों पर गिर गया !!!
अचानक से हुए इस वीर्यपात से सुरेश अंदर तक सिहर उठा और काँपते हुए अपनी बहन की ओर मुड़ कर उससे लिपट गया. नंदिनी ने उसका पूरा साथ दिया, उसे पता था की इस वक़्त उसे खुद को जितनी सांत्वना की ज़रूरत थी उतनी ही उसके सगे भाई को. उसने सुरेश का झड़ा हुआ लण्ड अपनी दोनों मांसल जांघों के बीच घुसा कर दबा लिया ताकि लण्ड की तड़प थोड़ी कम हो जाये, और सुरेश का चेहरा अपनी दोनों चुचियों के बीच छुपा लिया. अपनी बहन के चुचियों, उसकी बाहों और उसकी पतली गर्दन की गंध सुरेश को इतनी पसंद आई को वो अपनी बहन के बदन से और भी चिपक गया. नंदिनी के टाईट खड़े निप्पल उसके गाल से सटे तो उसने अपना मुँह थोड़ा सा घुमा कर उसके निप्पल को चुम लिया, नंदिनी समझ गई की उसके भाई को क्या चाहिये, उसने अपनी चूची पकड़ कर सुरेश के मुँह में दे दी तो सुरेश चप चप आवाज़ करते हुए अपनी सगी बहन का दूध पीने लगा !!!
इधर अपने भाई के ताबड़तोड़ चोदन - थपेड़ों से सोनाली अपने हाथों का बैलेंस संभाल नहीं पाई थी और नीचे तकिये पर गिर कर तकिया समेत पलंग के किनारे आ गई थी. उसके चेहरे पर जैसे तैसे बिखरे काले बाल देख कर ऐसा लग रहा था जैसे की किसी नई नवेली दुल्हन को उसके दूल्हे ने पूरी रात तंग किया हो ! अमन ने अपने दोनों हाथ उसके पेट से लपेट कर उसकी गांड़ को अभी भी अपनी पूरी ताकत से ऊपर उठाये रखा था ताकि वो पलंग से नीचे ना गिर जाये और उसी अवस्था में उसे चोदे जा रहा था.
अमन का अंडकोष फूल कर दुखने लगा था, उसके लिये अपने माल को और देर तक लण्ड में रोके रखना संभव नहीं था. उसने अपनी बहन की कमर मजबूती से पकड़ कर अंतिम के कुछ धक्के बेहद ज़ोर से लगाए और फिर अपना लौड़ा बाहर निकाल कर पलंग से उछल कर नीचे ज़मीन पर खड़ा हो गया और मूठ मार कर अपना माल ज़मीन पर गिरा दिया ! सोनाली ने सोचा नहीं था की उसका भाई ऐसा कुछ करेगा, वो तो सोच रही थी की अमन उसकी बच्चेदानी में ही स्खलित हो जायेगा . और तो और, उस बेवकूफ़ ने ऐसे समय में अपनी बहन का साथ छोड़ा था जब की उसका खुद का भी पानी निकलने के करीब था ! सोनाली तुरंत बिस्तर पर पलट कर अपने पीठ के बल लेट गई और और अपनी एक ऊँगली अपनी चूत में ठूस कर जल्दी जल्दी अंदर बाहर करने लगी. उसकी हरकत देख कर अमन को अपनी गलती का एहसास हो गया, उसे अपनी बहन को पानी छोड़ते टाईम इस तरह से अकेला नहीं छोड़ना चाहिये था. वो कूद कर पलंग पर चढ़ गया और अपनी बहन की चूत से उसकी ऊँगली निकाल कर वापस से अपना झड़ता हुआ लण्ड उसकी चूत में खोंस कर उसे पेलने लगा !!!
" भैया... आआह्ह्ह्ह... अबकी बार प्लीज मत रुकना... आअह्ह्ह्हह ममममममम हाय मेरी चूत... मम्मी !!! ". सोनाली को तो जैसे जन्नत मिल गई हो. एकदम सही समय पर उसके भाई ने वापस से उसे चोदना शुरू किया था. एक मिनट के बाद उसने अपनी गांड़ उठा कर अमन को रुकने का इशारा किया, अमन जैसे ही उससे अलग हुआ, उसकी चूत से छरछरा कर पानी का फव्वारा छूट पड़ा !
सोनाली का चरमोत्कर्ष इतना गहरा था की वो अंदर तक सिहर उठी थी और उसका पूरा बदन अकड़ गया था. उसकी आँखों से आंसू निकल आये और वो अपने हाथ से अपनी चूत दबाये फफक फफक कर रोने लगी ! अमन ने अपनी बहन को आज तक कभी भी इस तरह से फूट फूट कर रोते हुए नहीं देखा था. वो उसकी बगल में लेट गया और उसका सिर अपनी बाहों में लेकर उसे सहला बहला कर शांत करने लगा. जब सोनाली थोड़ी सी शांत हुई तो उसने उसके आंसूओ से भीगे गीले गालों को खुब चुमा. उसके चुंबनों में सेक्स की भावना नहीं थी, बल्कि एक भाई का अपनी बहन को सांत्वना देने का मीठा प्रयास था.
" Sorry सोनाली, मुझे तुम्हें चोदना नहीं चाहिये था. हो सके तो मुझे माफ़ कर देना ! ". अमन का वीर्य निकल जाने से अब जब उसकी वासना शांत हुई तो उसे ना जाने क्यूं अपने किये पर पछतावा होने लगा.
" ऐसा मत कहो भैया... भाई बहन के बीच हुए सेक्स में ग्लानि की कोई जगह नहीं होती. ये सम्बन्ध उतना ही पवित्र है जितना एक पति पत्नी का होता है ! ". सोनाली ने सुबक सुबक कर रोते हुए कहा.
अमन को मालूम नहीं था की उसकी बहन की बातों का Logic कितना सही या गलत है, पर उसे इस बात की खुशी थी की उसकी बहन के मन में कोई मलाल नहीं था और अभी अभी जो कुछ भी हुआ था उससे उन दोनों के भाई बहन के पावन रिश्ते में कोई फर्क नहीं पड़ा था. उसने अपनी रोती हुई बहन के आंसू पोछे और प्यार से उसे चुम लिया, फिर दोनों थक कर एक दूसरे की बाहों में वैसे ही नग्न अवस्था में सो गयें !!!
इधर सुरेश अपनी बहन का दूध पीते पीते कब सो गया था उसे कुछ पता ही ना चला. नंदिनी की भी आँख लग गई थी. अचानक जब सुरेश के खुले हुए मुँह से नंदिनी का निप्पल बाहर निकल आया तो उसकी नींद खुल गई. नंदिनी भी उठ गई. उसने अपनी जांघों के बीच से सुरेश का लण्ड बाहर निकाला जो की अब एकदम ढीला पड़ चुका था. दोनों ने देखा की बगल में भाई बहन अमन और सोनाली एक दूसरे से लिपटे सो रहें थें.
" अमन उठ... बहुत रात हो गई है... चल चल..ज़ल्दी ! ". सुरेश ने अमन को झकझोर कर उठाया.
आज की रात जो कुछ भी हुआ था उसके बारे में किसी ने कोई बात नहीं की. जाते जाते अमन और सुरेश ने नंदिनी की चूत को उसकी पैंटी के ऊपर से ही चुमा और फिर बारी बारी से सोनाली को Kiss किया.
उनके जाने के बाद सोनाली और नंदिनी ने देखा की पलंग का चादर सोनाली के चूत के पानी से पूरी तरह भीग गया था. दोनों एक साथ हँसने लगी.
" मैं दूसरी चादर बिछा देती हूं ! ". सोनाली ने कहा.
" मैं नीचे बाथरूम से पैड चेंज करके आती हूं ! ". नंदिनी ने पैंटी में अपनी चूत को दबाते हुए कहा. " पूरा गीला हो रखा है यार... चूत का बुरा हाल है !!! ".
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उस दिन की प्रेमलीला के बाद ज़ब अमन, सुरेश, सोनाली और नंदिनी जब अपने अपने कमरों में लौटे तो उन्हें पता नहीं था की आने वाला एक हफ्ता अब पूरा सूखा सूखा बीतेगा. क्यूंकि दूसरे दिन सुबह ही बदकिस्मती से मामा जी के घर में और भी कुछ रिश्तेदार आ गये... वो होते हैं ना, दूर के चाचा मौसा और ना जाने क्या क्या और कौन कौन. खैर तो बात ये थी की इन बेचारे भाई बहन जोड़ो की मुसीबत हो गई. पहले जिस तरह अमन और सुरेश रात को सोनाली और नंदिनी के कमरे में धड़ल्ले से चले जाते थें और रात बिता कर सुबह या फिर आधी रात तक चुपके से वापस अपने कमरे में आ जाते थें... वो तो अब होने से रहा. घर में इतने मेहमान हो गये थें की हर वक़्त कोई ना कोई जागता घूमता रहता था. और ये सब तब हुआ था जब इन सगे भाई बहनों में प्यार पनपना बस शुरू ही हुआ था. उससे भी बुरा ये हुआ था की जब से नंदिनी के Periods ख़त्म हुए थें, वो बेचारी चुदवाने को मरे जा रही थी. वहीँ दूसरी ओर उसकी चूत मारने के लिए ना सिर्फ उसका फूफेरा भाई अमन बाट जोह रहा था बल्कि अब तो उसका अपना सगा भाई सुरेश भी कतार में था. अब तो बस ये चारों भाई बहन राह देख रहें थें की कब ये अनचाहे मेहमान घर छोड़ कर जाये और उनकी गर्मी की बाकि बची छुट्टीयाँ बर्बाद होने से बच जाये !
नो सेक्स का आज 10वा दिन था. सुबह के दस बजे थें और अमन अपने रूम में सो रहा था.
" भैया उठो ! भैया... ".
नींद उचट गई तो आँखे खुलते ही अमन ने बिस्तर के पास अपनी बहन सोनाली को उसे जगाते हुए पाया. अपनी बहन को देखते ही उसने परेशान सा मुँह बनाया और फिर से अपनी आँखे मुंद कर सोने की कोशिश करने लगा.
" उठो ना भैया... आपको कुछ दिखाना है ! ". सोनाली ने अबकी बार अपने भाई को झकझोरना शुरू किया.
" What यार ? ". अमन ने जबरदस्ती अपनी आँखे खोली तो अपनी बहन को एक सुंदर सी गहरे लाल रंग की साड़ी में देखकर समझ गया की उसकी बहन उसे क्या दिखाने आई थी. " Wow... अच्छी साड़ी है... अब जाओ. ". अमन ने ब्यंगात्मक स्वर में कहा.
सोनाली को पता था की उसका भाई ऐसे नहीं मानने वाला. उसने इस बार बिना कुछ कहे अपनी पूरी ताकत लगाकर अमन का भारी शरीर खींच कर उसे उठा दिया और लगभग उसे बिस्तर से घसीटते हुए नीचे ज़मीन पर उतार दिया.
" क्या है ये सब यार ??? ". अमन झल्लाया.
" भैया आओ ना मेरे साथ... प्लीज् ! ". सोनाली अपने भाई का हाथ पकड़ कर उसे कमरे से बाहर ले गई.
बेमन से अपनी बहन के साथ चलते चलते अमन को पता नहीं था की वो उसे वहीं पास के नीचे फ्लोर के सिंगल कॉमन बाथरूम तक ले जाएगी.
" अब देखो... फ्री का शो... ". बाथरूम के पास पहुँच कर सोनाली रुक गई. बाथरूम का दरवाजा 6 इंच भर का खुला हुआ था.
दरवाजे के उसी फांक से अमन ने बाथरूम के अंदर का नज़ारा देखा तो उसके होश उड़ गये, नींद से भारी अधखुली आँखे फ़ैल कर बड़ी हो गई. अंदर का दृश्य ही कुछ ऐसा था ! बाथरूम फ्लोर पर नंदिनी बिल्कुल नंगी अपनी टांगे खोले बैठी पेशाब कर रही थी और सामने नंगा खड़ा उसका सगा भाई सुरेश उसे देखकर मूठ मार रहा था !!!
" Fuck यार !!! ये लोग पागल हो गये हैं क्या ??? ". अमन ने अपनी बहन की ओर देखते हुए कहा, उसकी आँखों में आश्चर्य और डर दोनों थें. " दिन के वक़्त ऐसे खुले आम... यार इनकी वजह से हम दोनों भी पकड़े जायेंगे ! "
" इतना डरते क्यूं हो भैया ? ". सोनाली ने हँसते हुए कहा. " ऐसे प्यार करोगे नंदिनी से... और मुझसे भी ??? ".
" Are You Mad सोनाली... रोको उन्हें ! ". कहते हुए अमन खुद ही उन्हें टोकने के लिए आगे बढ़ा तो सोनाली ने तुरंत उसका हाथ पकड़ लिया.
" भैया Relax... घर खाली है !!! ".
अमन ने अपनी बहन को सवालिया नज़रों से देखा तो सोनाली ने कहना शुरू किया.
" घर के सारे लोग पास के ही एक गांव गये हैं... नंदिनी के लिए लड़का देखने. इसलिए तो इतने सारे रिश्तेदार आये हुए थें... ".
सोनाली को लगा की अमन खुश होगा ये सुनकर की घर अभी पूरी तरह से खाली है, पर अमन की तो जैसे दिल की धड़कन ही रुक गई हो.
" नंदिनी की शादी के लिए ??? ".
अमन का चौंकना जायज़ था क्यूंकि वो नंदिनी से बेहद प्यार करता था.
" अरे ऐसा कुछ भी नहीं है भैया... आप क्यूं फ़िक्र करते हो ? ". अपने भाई की मनःस्थिति समझते ही सोनाली ने उसे पुरे आत्मविश्वास से भरे लहजे में दिलासा दिया. " नंदिनी बता रही थी की ये नौटंकी तो दो तीन साल से चल रही है... लड़के देखना वगैरह. आप अभी Relax रहो भैया वो कम से कम और चार पांच साल तो ऐसे ही मैनेज कर ही लेगी ! ".
" सच ??? Are You Sure... ". अमन को अपनी बहन की कही एक एक बात पर यकीन था, उसकी ख़ुशी का ठिकाना ना रहा, पर उसने अपने चेहरे के भाव छुपा लिए.
" हाँ बाबा... सच्ची ! ".
" और घर में कोई नहीं है... बस हम लोग ही अकेले ??? ".