16-07-2021, 05:59 PM
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" आओ हम नीचे करते हैं... ". अमन ने पलंग पर से एक तकिया उठाते हुए नंदिनी से कहा. वो नहीं चाहता था की वो वहीं पलंग पे नंदिनी को चोदे, जहाँ उसकी सगी बहन को सुरेश पहले ही चोदने में लगा हुआ था. उसे ना ही अपनी सगी बहन के बगल में नंदिनी को चोदना Comfortable लगेगा और ना ही नंदिनी को अपने सगे भाई के बगल में चुदवाना. सगे भाई बहन को इतनी सी मान मर्यादा और शर्म लिहाज तो रखनी ही चाहिये !
नंदिनी पास ही तार पर झूल रहे अपना और सोनाली का तौलिया उतार लाई और पलंग के बगल में नीचे ज़मीन पर लेटने लायक जगह तक फैला कर बिछा दिया. अमन ने वहीं तकिया रख दिया. फिर नंदिनी Parachute Coconut Oil का एक डिब्बा लेकर वहीं पालथी मार कर अमन के सामने बैठ गई.
" पहले आपके लण्ड का इलाज करते हैं अमन भैया ! ". नंदिनी ने कहा. उसे सोनाली का सुझाव याद था की कैसे लण्ड का टाईट सुपाड़ा खोले ! उसने अमन का मुरझाया हुआ लण्ड अपने एक हाथ में पकड़ा और दूसरे हाथ से उसपर ढ़ेर सारा नारियल का तेल उड़ेल दिया. चूंकि तेल थोड़ा ज़्यादा ही गिर गया था तो नंदिनी ने उसी तेल से पहले अमन का पूरा लण्ड और अंडकोष भीगा दिया और फिर उसके सुपाड़े पर चढ़ा चमड़ा मलने लगी.
करीब 5 - 7 मिनट तक अपने दोनों हाथों से लण्ड की मालिश करते हुए नंदिनी सुपाड़े पर चढ़ा चमड़ा खोलने का भरसक प्रयास करती रही, पर नाकाम रही. बेचारे अमन को दर्द भी हो रहा था. वैसे इससे एक बात का फायदा हुआ की अमन का लण्ड उसकी नरम उंगलीयों की छुवन पाकर फिर दे ठनक गया.
" छोड़ो... ऐसे ही करते हैं ! ". अमन को नंदिनी के इस प्रयत्न पर प्यार आ रहा था. उसने आगे बढ़ कर उसके गाल चुमते हुए कहा.
नंदिनी को सोनाली के गलत सुझाव पर बहुत गुस्सा आ रहा था. पर अभी वो कर भी क्या सकती थी, ऊपर सोनाली तो चूत मरवाने में ब्यस्त थी, नहीं तो नंदिनी उसे खुब खरी खोटी सुनाती ! खैर, जो भी हो, अब नंदिनी ने सोचा की ये नारियल तेल उसकी चुदाई में काम आ जायेगा, शायद इससे उसकी अनचुदी चूत फटने में कम दर्द महसूस हो.
नंदिनी ने अपनी हथेली में थोड़ा सा नारियल तेल ढाला और तकिये पर लेट गई, फिर अपनी टांगें खोल कर अपनी नंगी चूत पर सारा का सारा तेल चपोत दिया. अमन उसकी खुली जांघों के बीच बैठ गया और अपना लण्ड पकड़ कर लण्ड के मुँह से उसकी पूरे चूत पे फ़ैले तेल को काछ काछ कर एक जगह उसकी चूत के छेद के पास जमा कर लिया, और फिर एकदम धीरे से लण्ड को चूत की छेद में दबाया. लण्ड के पहले ही चाँप से एक हल्की सी चटकने की आवाज के साथ नंदिनी के चूत की पतली नरम झिल्ली फट गई !!!
" सससससस...... ". दर्द की टीस से नंदिनी ने तुरंत अपनी टांगें आपस में बंद कर ली तो अमन का खड़ा लण्ड छिटक कर चूत से बाहर निकल आया.
अमन थोड़ी देर तक नंदिनी की बंद जांघों पर अपना लण्ड रगड़ता रहा और उसे संभलने का पूरा मौका दिया. फिर जब नंदिनी थोड़ी सी रिलैक्स हुई तो उसने उसके दोनों घुटने पकड़ कर धीरे से उसकी टांगें खोली. नंदिनी चुप रही, उसकी चुप्पी में ही उसकी रज़ामंदी है, ऐसा सोच कर अमन ने अपना लण्ड बिना हाथ में पकड़े उसकी चूत की छेद पर टिका दिया, और अंदर ठेलते हुए नंदिनी के ऊपर झुकने लगा. जब तक नंदिनी के ऊपर झुकते झुकते अमन का शरीर उसके बदन से पूरी तरह चिपक गया, तब तक उसका करीब आधा लण्ड उसकी चूत में घुस चुका था. एक तो नंदिनी की चूत बहुत ही ज़्यादा टाईट थी, ऊपर से अमन के सुपाड़े पर घर्षण के कारण लण्ड के चमड़े का फ़ैलना, कुल मिला कर अमन को भी उतना ही दर्द हो रहा था जितना इस वक़्त नंदिनी को !!!
अमन और अंदर तक लण्ड डालना चाहता था पर दर्द के मारे साहस नहीं जुटा पा रहा था. उसका मुँह नंदिनी के खुले हुए होठों के एकदम पास था, नंदिनी की आँखे बंद थी और वो गहरी साँसे ले रही थी. उसकी गरम साँसों की खुशबु से अमन पागल हुआ जा रहा था, चूत के अंदर लण्ड डाले आखिर कब तक कोई खुद पर संयम बनाये रख सकता था. आखिरकार, अमन ने इस बार ज़बरदस्ती अपने लण्ड को और भीतर तक ठूसने की कोशिश की तो उसका लण्ड करीब एक इंच और अंदर धस गया, परन्तु इस प्रयास में नंदिनी की कसी हुई चूत ने उसके लण्ड पर वो प्रेशर डाला, की उसके लण्ड का चमड़ा अकस्मात ही एकदम से मुड़ गया, और उसका पूरा सुपाड़ा खुल कर बाहर निकल आया !
अमन को वो दर्द हुआ की अगर वो सामान्य अवस्था में होता तो सचमुच में चीख पड़ता, पर इस वक़्त उसकी कामोत्तेजना उसके दर्द पर हावी हुई पड़ी थी. वैसे ज़िन्दगी में आज पहली बार उसके लण्ड का सुपाड़ा खुला था, और वो भी किसी की नरम योनि के अंदर, तो ये सनसनाहट सह पाना तो मुश्किल था. और यही हुआ भी ! झड़ने के डर से अमन ने अपना लण्ड नंदिनी की चूत से बाहर निकाल लिया और उसकी चूत पर रख कर अपना वीर्य रोकने की कोशिश करने लगा. लेकिन उसका अंडकोष फूलने लगा और लण्ड ने वीर्य की पिचकारी छोड़ दी. ताज़ा सफ़ेद वीर्य नंदिनी की चूत, जांघ और पेट पर गिर कर फ़ैल गया, तीन चार बूंदे तो उसकी चुचियों तक भी छिटक कर पहुँच गई थीं. आनंद के मारे अमन लगभग बेहोश ही हो गया. उसने नंदिनी का बदन दबोच कर पकड़ लिया और उसकी चुचियों पर सिर रख कर सो गया.
अमन नंदिनी के जिस्म से इस कदर लिपटा पड़ा था की बड़ी ही कठिनाई से नंदिनी ने अपना हाथ उसके और अपने पेट के बीच सरका कर उसका झड़ा हुआ लौड़ा पकड़ लिया और फिर अपनी टांगें उठा कर उसकी कमर में लपेटते हुए उसका लण्ड वापस अपनी चूत में फिट करने लगी. चूत की अभी अभी फटी हुई फांक किसी तरह टटोल कर नंदिनी ने उसका मोटा सुपाड़ा उसमें ठूस लिया तो अमन ने कमर का एक हल्का धक्का मार कर बाकि का हिस्सा भी अंदर धकेल दिया. एक पल के लिये भी अपनी आँखे खोले बिना नंदिनी के मम्मे पर सोये सोये ही वो उसे आहिस्ते आहिस्ते पेलने लगा.
उधर पलंग पर सुरेश और सोनाली ने धमाचौकड़ी मचा रखी थी. सोनाली अब पेट के बल लेट गई थी और सुरेश उसकी गांड़ पर चढ़ कर पीछे से उसकी चूत में लण्ड डाले उसे अनवरत चोद रहा था. सोनाली को ये पोजीशन ज़्यादा पसंद आई, इसलिए नहीं की इसमें उसे ज़्यादा मज़ा मिल रहा था, बल्कि इसलिए क्यूंकि इस पोजीशन में उसकी बड़ी गांड़ की वजह से सुरेश अपना पूरा लण्ड अंदर नहीं डाल पा रहा था, जिससे उसकी सील फटी चूत को थोड़ा आराम मिल जा रहा था !
" हाय सुरेश भैया... धीरे चोदो ना बाबा... उफ़्फ़... चूत फाड़ ही डालोगे क्या... आआह्ह्ह्हह... प्लीज... धीरे... मत करो ना ऐसे सुरेश भैया... ममममममम... आआह्ह्ह... दर्द हो रहा है... आअह्ह्ह्ह... लग रहा है... आआह्ह्ह्ह भैया Nooooo... हाय मम्मी... मेरी चूत !!! ".
सोनाली की गुहार का सुरेश पर कोई असर नहीं हो रहा था. उसे समझ नहीं आ रहा था की आखिर वो अपनी फूफेरी बहन का सेक्सी बदन कैसे भोगे. वो चोदते चोदते बीच बीच में अपना लण्ड बाहर निकाल लेता, सोनाली की गांड़ चूमता, उसकी जांघे खोल कर उसकी चूत की गंध सूंघता फिर चाटता, फिर से ऊपर चढ़ कर उसे चोदने लगता, उसकी पीठ, गाल, उसके बाल चूमता और फिर लण्ड निकाल कर उसकी कमर और जांघ चूमता चाटता और फिर पेलने लगता. इस दौरान सोनाली की चूत से पेशाब की तरह पानी निकलता ही जा रहा था, उसके नीचे बिछी उसकी नाईटी तो पूरी तरह से गीली हो ही गई थी, अब पलंग की चादर पर भी चूत रस फ़ैलने लगा था. लण्ड चूत के मिलन की फच फच, गच गच, लप लप, चप चप की ध्वनी, सोनाली के गांड़ पर धक्के मारता सुरेश का पेट और कमर की आवाज़ , उसकी जांघों के बीच हर धक्के पे अंडकोष की थपेड़, सब मिलाकर दोनों के लिये किसी कमोत्तेजक दवाई सी काम कर रही थी !!!
शुक्र था की सुरेश पहले एक बार झड़ चुका था, इसलिए अब मन भर कर चोद पा रहा था, वर्ना सोनाली की कसी हुई चूत में ज़्यादा देर तक टिक पाना उसके लिये मुमकिन नहीं हुआ होता. पर अब सुरेश का लण्ड जवाब देने लगा था. उसने सोनाली को पेलना बंद कर दिया, और अपना लण्ड बाहर निकाल कर उसकी गांड़ पर मूठ मारने लगा. सोनाली अपना सिर पीछे मोड़ कर हँसते हुए उसे मूठ मारता हुआ देखने लगी, उसे सुरेश को झड़ते हुए देखना था !
सुरेश के लण्ड से निकली वीर्य की पहली तीन चार धार सीधे सोनाली के गाल और आँखों में, उसके बाल और पीठ पर गिरे.
" सुरेश भैया... छी !!! ". सोनाली ने तुरंत अपनी आँखे बंद करके अपना मुँह तकिये में छुपा लिया.
सुरेश के लण्ड से माल चू चू कर सोनाली की गांड़ पर गिरने लगा. सुरेश ने लण्ड झटक झटक कर सारा वीर्य उसकी गांड़ और जांघों पर छिड़क दिया और फिर बिस्तर पर निढ़ाल होकर लेट गया.
पहला काम अब जो सोनाली ने किया वो ये था की वो उठ बैठी और अपनी टांगें खोल कर अपनी चूत का मुआयना करने लगी, अब चेक करने की बारी थी चूत का कितना Damage हुआ था ! उसने देखा की उसकी चूत के दोनों होंठ पूरी तरह से खुल कर अलग हो गयें थें और अंदर का गुलाबी फांक और चूत का दाना साफ दिखाई दे रहा था. चूत के किनारे किनारे और जांघों पर थोड़ा बहुत खून लगा हुआ था, थोड़ा खून नीचे बिछी नाईटी पर भी गिरा था. सोनाली ने उसी नाईटी में अपना चूत पोछ कर साफ कर लिया और फिर सुरेश के बगल में लेट गई.
" सुरेश भैया... चलो देखते हैं ये दोनों Love Birds क्या कर रहें हैं ! ". सोनाली ने सुरेश के झड़े हुए लण्ड के सुपाड़े पर अपनी उंगलीयां फेरते हुए कहा.
" बहुत गंदी लड़की हो तूम... ". सुरेश ने हांफते हुए कहा, फिर हँसने लगा. " तूम देखो... मुझे नहीं देखना ! ".
सोनाली पलंग के किनारे की ओर मुँह करके पेट के बल लेट गई, जिस तरफ नीचे ज़मीन पर उसका सगा भाई अमन नंदिनी को पेल रहा था.
अमन के शरीर के नीचे दबी चुद रही नंदिनी की नज़र जब सोनाली पर पड़ी तो वो मुस्कुरा दी, और फिर उसने अपनी आँखे बंद कर ली. अमन को तो होश ही नहीं था की उसकी सगी बहन उसे चोदते हुए देख रही है. वो तो नंदिनी की दोनों चुचियां बारी बारी से चूसते हुए उसे चोदने में मगन था !
" सुरेश भैया See ... अमन भैया आपकी बहन को नारियल तेल लगा कर चोद रहें हैं !!! ". सोनाली ने चहकते हुए कहा, जब उसे अमन और नंदिनी के बगल में Parachute Coconut Oil का डिब्बा रखा हुआ दिखा. पर सुरेश की ओर से कोई जवाब नहीं आया.
झड़ने के बावजूद अमन के लण्ड के तनाव में कोई कमी नहीं आई थी. वो जिस स्पीड से चोद रहा था, उसे पक्का यकीन था की नंदिनी की चूत से खून निकल रहा होगा, पर ये वक़्त चूत की देख रेख का नहीं था, बस आँख मूंद कर चूत मारने का था.
" सुरेश भैया... मेरे नीचे मेरी नाईटी रख दो ना, मेरा पानी गिरने वाला है ! ". सोनाली ने अपने भाई अमन और नंदिनी पर से नज़र हटाये बिना ही कहा. उन दोनों का सेक्स देख कर उसकी चूत में पानी भरने लगा था.
सुरेश ने उठ कर सोनाली की गीली गंदी हो चुकी नाईटी को उसकी जांघों के नीचे घुसेड़ दिया.
" अमन भैया... मेरे पेट में बहुत दर्द हो रहा है... लगता है कल से मेरी लड़कियों वाली प्रॉब्लम शुरू हो के रहेगी... फिर क्या करोगे अमन भैया.... आअह्हह्ह्ह्ह... मममममम.... आअह्ह्ह्हह... उफ़्फ़... मेरी चूत... आराम से चोदो ना अमन भैया... !!! ". आँखे बंद किये हुए नंदिनी पागलों की तरह बड़बड़ा रही थी.
नंदिनी की निप्पल मुँह में भरे अमन ने कुछ बोलना चाहा मगर उसके शब्द साफ नहीं निकले.
" मन भर कर चोद लो आज अमन भैया... फिर तीन दिन तक चूत देवी के दर्शन नहीं मिलने वाले ... ये तीन दिन रह लोगे ना मेरी चूत के बिना... बोलो ना अमन भैया... चोदो... खुब चोदो अभी जब चूत मिली है... पर धीरे करो ना अमन भैया... बहुत दुख रहा है.... आआह्ह्ह्हह... मममममम सससससस !!! ".
फटी आँखों से अमन और नंदिनी की चोदन लीला देखती सोनाली ने अचानक अपने गाल पर कुछ चिकना चिकना सा महसूस किया... सुरेश उसके चेहरे के सामने बैठ कर अपना आधा खड़ा लण्ड उसके गाल पर घिसते हुए मूठ मार रहा था और अब वो भी अमन और नंदिनी की रास लीला देख रहा था !!! सोनाली कुछ नहीं बोली.......
![[Image: IMG-20200531-145318.jpg]](https://i.ibb.co/PxDtJsv/IMG-20200531-145318.jpg)
अमन ने अपने धक्को की स्पीड बढ़ा दी, और नंदिनी की चुचियां मुँह से निकाल कर अब उसे चुमने चाटने लगा. उसने नंदिनी को इतनी ज़ोर ज़ोर से चोदा की उन दोनों के नीचे बिछे तौलिए उनके नीचे से खिसक गयें थें, नारियल तेल का डिब्बा ज़मीन पर लुढक गया था और सारा तेल नीचे ज़मीन पर बिखर गया था, और दोनों अब खुली ज़मीन पर एक दूसरे से लिपटे पड़े थें. एक आखिरी धक्के से अमन की कमर नंदिनी के जांघों के बीच धंस कर थम गई, उसने 20 सेकंड रुक कर फिर से चार पाँच हल्के धक्के मारे और फिर एकदम से रुक कर नंदिनी के बदन पर पसर कर उससे लिपट गया !
सोनाली समझ गई की उसका सगा भाई नंदिनी की चूत के अंदर झड़ गया है. तभी उसने अपने गाल पर सुरेश का गरम चिपचिपा सा वीर्य गिरते हुए महसूस किया और उसकी अपनी खुद की चूत से ढ़ेर सारा पानी बलबला कर निकल पड़ा और उसके पेट के नीचे दबी नाईटी पे फ़ैल गया. उसने सुरेश के लण्ड की तरफ अपना चेहरा घुमाया तो सुरेश ने लपाक से अपना लण्ड उसकी मुँह में ठूस दिया और बाकि का माल अंदर फेंकने लगा. लण्ड के मोटे सुपाड़े ने सोनाली के छोटे से मुँह का द्वारा बंद कर दिया था, सो मजबूरन उसे सारा का सारा नमकीन वीर्य अपने गले से नीचे घोटना पड़ा !!!
अमन उसी अवस्था में नंदिनी के ऊपर करीब दस मिनट तक पड़ा रहा. मूठ निकाल कर सुरेश सोनाली की गांड़ के ऊपर अपना सिर रख कर लेट गया था, और सोनाली अभी भी अमन और नंदिनी को देखते हुए उनके उठने का इंतजार कर रही थी.
करीब 15 मिनट के बाद अमन नंदिनी के ऊपर से उठा.
" क्या बात है ! मुबारक हो भैया... ". सोनाली ने मुस्कुराते हुए कहा, जब उसने अमन का झड़ा हुआ लण्ड, जो की अब ढीला पड़ गया था और उसमें से अभी भी वीर्य चू रहा था, देखा. अमन समझ गया की उसकी बहन का साफ इशारा उसके लण्ड के खुले सुपाड़े की तरफ था जिसके बारे में वो मुबारकबाद दे रही थी ! उसके लण्ड के सुपाड़े पर हल्का खून भी लगा हुआ था जो की नंदिनी की फटी हुई सील का नतीजा था.
" नहीं अमन भैया... अब इसे ऐसा ही खुला रखना ! ". नंदिनी ने उठ कर अमन का वो हाथ पकड़ कर उसे रोकते हुए कहा जिस हाथ से वो अपने लण्ड के सुपाड़े पर लण्ड का चमड़ा वापस चढ़ाने जा रहा था.
फिर नंदिनी ने अपनी टांगें खोल कर अपनी हालत देखनी चाही. उसकी चूत का छेद करीब 3 इंच तक खुल गया था और उसकी पूरी चूत, झांट और जांघों पर खून और वीर्य का मिला जुला लेप सना पड़ा था !!!
![[Image: IMG-20200531-145247.jpg]](https://i.ibb.co/MfTs1rh/IMG-20200531-145247.jpg)
" फट गई है ना ??? ". सोनाली ने हँसते हुए कहा. " ज़रा दिखा तो अपनी चूत ! ".
" धत्त... तेरी नहीं फटी क्या ! ". नंदिनी शर्म से लाल हुई बोली.
नंदिनी ने ज़मीन पर पड़े तौलिये से अपनी चूत पोछी और फिर अमन का लण्ड भी पोछ कर साफ कर दिया. अब जब चुदाई समाप्त हो चुकी थी तो उसकी शर्मो हया वापस आ गई थी. ज़मीन पर से उठ कर खड़े होते हुए उसने अपने हाथ से अपनी नंगी चूत ढंक ली, क्यूंकि उसे पता था की पलंग पर सुरेश लेटा होगा, भला वो अपने सगे भाई के सामने खुली चूत लिये कैसे घूम सकती थी. खड़े होते ही उसे पलंग पर सोनाली की गांड़ पर सोये अपने भाई का नंगा लण्ड दिख गया, जो की अभी भी धीरे धीरे फड़क रहा था, बेचारी का शर्म से बुरा हाल हुआ जा रहा था !
" अरे बाप रे, चार बज गयें !!! ". दिवार घड़ी पर नज़र पड़ते ही सोनाली चीखी, और झट से बिस्तर पर उठ बैठी. उसने भी अपनी चूत अपने हाथ से ढंक ली थी ताकि उसका सगा भाई अमन ना देख सके.
" आप लोग भागो यहाँ से... भोर होने वाली है ! ". नंदिनी ने भी घड़ी की ओर देखा और फिर दोनों लड़कों को देखते हुए बोली.
चुदाई के बाद सबको पेशाब लग गया था, और सिंगल बाथरूम नीचे फ्लोर पर था, पर इस वक़्त सबका वहाँ उतर कर जाना सही नहीं था, किसी भी परिवार के सदस्य से आमना सामना होने का खतरा था. अमन ने बढ़िया तरीका निकाला, उसने कमरे के पिछले हिस्से की खिड़की खोल दी जिस तरफ Swimming Pool पड़ता था और खिड़की से बाहर लण्ड निकाल कर पेशाब कर लिया. उसकी देखा देखी सुरेश ने भी खिड़की से बाहर मूत लिया.
" हमें भी पेशाब करना है... ". सोनाली ने कहा और उसके साथ नंदिनी भी खिलखिला कर हँसने लगी.
अब ये लडकियां तो लड़कों की तरह खड़े खड़े खिड़की से बाहर नहीं मूत सकती थीं, सो सुरेश ने अच्छा सुझाव दिया.
" अमन, इनको बारी बारी से गोद में उठा कर पेशाब करवा देते हैं ! ". सुरेश ने अपने लण्ड को झटक कर पेशाब झाड़ते हुए कहा.
" हाँ ठीक है... ". अमन ने अपने लण्ड पर से अपना मूत साफ करते हुए कहा, फिर लड़कियों की तरफ देख कर बोला . " आजाओ... " .
सबसे पहले सोनाली गई, अपनी चूत को अभी भी अपने हाथ से छुपाये हुए. उसने अपना दूसरा हाथ सुरेश के कंधे पर रखा, सुरेश ने उसकी एक टांग पकड़ ली और दूसरी टांग अमन ने पकड़ कर उठा ली, और उसकी गांड़ को खिड़की तक ऊपर ले गयें.
" इधर मत देखना भैया... ". सोनाली ने अपनी चूत पर से हाथ हटाते हुए अमन से कहा.
" जल्दी करो यार... मुझे तुम्हारी बूर देखने का कोई शौक नहीं ! ". अमन ने झल्लाते हुए कहा और अपना मुँह दूसरी तरफ घुमा लिया.
सोनाली ने छरछरा कर खिड़की से बाहर मूत दिया. फिर सुरेश और अमन ने उसे नीचे उतारा तो थोड़ा बहुत पेशाब उसकी चूत से टपक कर खिड़की के बगल में नीचे ज़मीन पर भी गिरा . सोनाली वापस अपनी चूत छुपा कर वहाँ से भागी.
अब नंदिनी की बारी थी. उसका तो शर्म से बुरा हाल था, पर चूत में भरा पेशाब भी खाली करना ज़रूरी था, जो की और थोड़ी सी देर होने पर वैसे भी निकलने ही वाली थी. सुरेश और अमन ने उसे भी गोद में वैसे ही उठाया जैसे सोनाली को उठाया था. नंदिनी ने भी अपने सगे भाई सुरेश से रोनी सूरत बना कर विनती की कि वो उसकी चूत कि तरफ ना देखे. सुरेश को अपनी भोली भाली गंवार बहन के भोलेपन पर हँसी आ गई और वो बड़े ही प्यार से बोला.
" नहीं देखूंगा मोटी... आराम से पेशाब कर ले तू ! ".
सुरेश और अमन कि बाहों में झूलते हुए अपनी दोनों टांगें खोले नंदिनी ने मन भर कर पेशाब किया !!! .............................
दोनों प्रेमी जोड़े एक बार फिर एक दूसरे कि बाहों में आ गयें. अमन ने नंदिनी को खुब चुमा और सुरेश और सोनाली ने भी ढ़ेर सारी चुम्मा चाटी कि.
अमन और सुरेश ने अपने अपने कपड़े पहने और नंगी नंदिनी और सोनाली ने उन्हें विदाई दी. दोनों लड़कीयों को पूरा विश्वास था कि दोनों लड़के अपने रूम में जाकर फिर से मूठ मारेंगे. ऐसी गरम चुदाई कोई इतनी जल्दी थोड़े ही भूल सकता था !!!
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ना चाहते हुए भी सोनाली सुबह 8 बजे ही उठ गई ताकि घर में किसी को कोई शक ना हो. उसने देखा कि पलंग पे उसके बगल में नंदिनी चादर ओढे सोई पड़ी थी.
" तुझे क्या हुआ ? इतनी गर्मी में चादर क्यूं ओढ रखी है ? ". सोनाली ने नंदिनी का कंधा झटकते हुए पूछा.
" माहवारी शुरू हो गई है यार... ". नंदिनी ने अपनी आँख खोले बिना परेशान से स्वर में कहा. " बहुत ठंड लग रही है ! "
" मेरा वाला नैपकिन लगाया ? ".
" अभी नहीं... तौलिया पहना है ! ".
" फिर से कपड़ा ? चल उठ, चेंज करके आ ! ". सोनाली ने नंदिनी का सिर सहलाते हुए कहा. " बहुत आराम मिलेगा, जैसे नार्मल दिनों में रहता है... चल उठ ! "
सारा दिन ऐसे बिता जैसे गर्मी कि छुट्टीयां बिताते एक साधारण सभ्य परिवार का बीतना चाहिये. हालाँकि अमन, सुरेश, नंदिनी और सोनाली कि आँखों के सामने अभी भी रात वाली मीठी यादें ही घूम रही थी..........................
" अब कैसा है ? ". रात को सोने के वक़्त अपने कमरे में सोनाली ने नंदिनी से पूछा.
" बहुत Soft है ये Sanitary Pad... Vagina को काफी आराम मिल रहा है... थैंक्स ! ". नंदिनी ने कहा. " बस पेट और जांघों में थोड़ा दर्द है... ".
अभी उनकी बातें चल ही रही थीं कि दरवाज़ा खुला और अमन और सुरेश अंदर आ गयें और फिर अमन ने दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया.
" ये लो... आ गयें दोनों कमीने ! चूत मुँह लग गई है इनके... अब पूरी छुट्टीयां तंग करेंगे हमें ! ". अपनी अंदर कि खुशी छुपाते हुए सोनाली ने हँसते हुए कहा.
अमन और सुरेश ने कमरे में आते ही अपने अपने सारे कपड़े उतार फेंके और नंगे बदन पलंग पर टूट पड़े. सोनाली भी अपनी नाईटी उतार कर नंगी हो चुकी थी पर नंदिनी ने अभी भी कपड़े पहने हुए थें.
" क्या हुआ... खोलो ना ? ". अमन ने सलवार के ऊपर से नंदिनी कि जांघ सहलाते हुए कहा. " और सोने वक़्त सलवार क्यूं पहनी हो ??? "
सोनाली कि हँसी छूट पड़ी पर उसने किसी तरह अपनी हँसी दबा ली और सुरेश के साथ उसके बगल में लेटी चुम्मा चाटी करने लगी.
" आज मत करो अमन भैया... ". नंदिनी ने कहा.
" क्यूं...दर्द हो रहा है क्या ??? ". अमन ने नंदिनी कि सलवार के बीच दबी चूत कि ओर इशारा करके पूछा.
" दर्द तो है. ". नंदिनी ने शर्माते हुए कहा. " कल रात को मैंने क्या कहा था भूल गये अमन भैया ? ".
" कौन सी बात ? ". अमन ने नंदिनी कि कमर में चिकोटी काटते हुए कहा. " रात को तो आह उह के अलावा तुम्हारे मुँह से कुछ निकल ही नहीं रहा था. ".
" मुझे Periods हुआ है ! ". नंदिनी झट से बोल कर चुप हो गई.
" बेचारी !!! ". सुरेश ने सोनाली को चूमना छोड़ कर अपनी बहन नंदिनी कि ओर देखते हुए कहा और फिर हँसने लगा.
" क्यूं तंग कर रहे हो अपनी बहन को ? ". सोनाली ने प्यार से सुरेश के गाल पर एक थप्पड़ मारा और उसका चेहरा अपनी ओर घुमा कर फिर से उसे चुमने लगी.
" So Sweet ! ". अमन को नंदिनी कि मासूमीयत पर प्यार आ गया, उसने आगे बढ़ कर उसके ललाट को चुम लिया और फिर बोला. " Don't Worry... आज सारी रात हम सिर्फ मीठी मीठी बातें करेंगे. ".
अमन कितना Caring है ये देख कर नंदिनी का दिल भर आया. अब जब वो इतना कुछ कर रहा था तो उसका भी कुछ फर्ज़ बनता था. वो अपनी कुर्ती उतारने लगी.
" अरे... ये क्या कर रही हो... Relax ! ". अमन ने उसे रोका.
" It's Okay बाबा... सेक्स नहीं कर सकते पर कपड़े तो खोल सकती हूं... आपको थोड़ा अच्छा महसूस होगा अमन भैया ! ". नंदिनी ने मुस्कुराते हुए कहा और फिर अपनी सलवार का नाड़ा खोलने लगी.
अपने टांगों से नंदिनी ने सलवार निकाल फेंका, अब उसकी चुचियाँ एकदम नंगी थी और नीचे उसने Cotton कि सफ़ेद रंग कि टाईट पैंटी पहन रखी थी. अमन ने नंदिनी के होठों से अपने होंठ सटा कर एक लम्बा चुंबन लिया और फिर नीचे झुक कर उसकी नाभी को चुमा, उसकी पैंटी का Elastic वाला बॉर्डर सूंघा, पैंटी के ऊपर से उसकी पैड लगी चूत को हल्के से चुमा और फिर उसकी गोद में सिर रख कर लेट गया.
" पता है अमन भैया... जब से आपने मुझे चोदा है, मेरी चूत का छेद बंद ही नहीं हो रहा, फट कर फ़ैल गया है. और ऊपर से ये Heavy Flow !!! चूत का बारह बज रखा है मेरे ! ". नंदिनी ने अपने जांघों पर सोये अमन के सिर के बालों में उंगलियां फेरते हुए शिकायत भरे लहजे में कहा.
![[Image: IMG-20200607-030503.jpg]](https://i.ibb.co/SVLKjpp/IMG-20200607-030503.jpg)
" Heavy Flow मतलब ??? ". अमन ने पूछ लिया .
" धत्त !!! आपको हम लड़कियों कि सारी बातें नहीं समझनी होगी ! ". शर्म से नंदिनी के गाल लाल हो गयें.
" ये लो... शहर में रह कर भी इन भाई साहब को Heavy Flow के बारे में नही पता ! ". सुरेश ने हँसते हुए कहा और सोनाली कि चुचियां दबाने लगा.
नंदिनी ने हाथ बढ़ा कर अपने भाई सुरेश के पीठ पर एक चमाट मारा तो सोनाली हँसने लगी, और बोली. " यार नंदिनी, ये दोनों इतने गंदे निकलेंगे सोचा नहीं था. पहले कितना चुपचाप रहते थें दोनों ना ? ".
" यार तूम लोग आज कुछ नहीं करोगे तो जाओ ज़रा बाहर घूम घाम के आओ... हमें तो चैन से करने दो ! ". सुरेश ने सोनाली कि खुली चूत को सहलाते हुए कहा, सोनाली उसका खड़ा लण्ड अपने हाथ में लेकर धीरे धीरे मसल रही थी.
" किसने कहा कि हम कुछ नहीं करेंगे ??? ". नंदिनी ने उन दोनों कि ओर देखे बिना ही कहा और अपनी एक चूची अमन के मुँह में देते हुए बोली. " आज मैं अमन भैया को अपना दूध पिलाउूंगी ! ".
" पिलाओ... शायद उसी से बेचारे के खड़े लण्ड को थोड़ी राहत मिल जाये. ". सुरेश ने फिर से ताना कसा और हँसने लगा.
" अब बस करो... बहुत हुआ मज़ाक . उन्हें छोड़ दो उनके हाल पे... ". सोनाली ने सुरेश को अपने ऊपर खींचते हुए कहा. " आओ चोदो... ".
" आज कोई और पोज़ Try करें ? ". सुरेश ने सोनाली कि गांड़ सहलाते हुए कहा.
उधर नंदिनी कि चूची चूसते चूसते अमन का लण्ड खड़ा होकर फड़कने लगा था. उसने एक हाथ से अपना लण्ड पकड़ा और धीरे धीरे मूठ मारने लगा.
" अब तो लण्ड का सुपाड़ा खोलने में कोई परेशानी नहीं हो रही ना अमन भैया ? ". नंदिनी ने अमन के गालों पर अपनी उंगलीयां फेरते हुए पूछा.
" नहीं... कल रात से इसे खुला ही छोड़ दिया है. अभी आदत नहीं है ना तो थोड़ा अजीब लग रहा है. खास कर पैंट पहने हुए होने पर जब सुपाड़ा पैंट से सट रहा है तो बहुत ज़्यादा Sensation हो रहा है. ". अमन ने नंदिनी का निप्पल मुँह से निकाल कर बताया और फिर वापस से उसका दूध पीने लगा.
" 3 - 4 दिन में ठीक हो जायेगा. मैं तो हमेशा सुपाड़ा खोल कर ही रखता हूं... मज़ा आता है ! ". सुरेश ने कहा. सोनाली उसके सामने कुतिया बनी अपनी गांड़ उठाये पड़ी थी और सुरेश अपने घुटनों पे टिका पीछे से उसकी चूत में अपना लण्ड सेट कर रहा था.
कुछ ही देर में पलंग हिलने लगा और सोनाली कि धीमी सिसकियों और कराहटों से अमन समझ गया कि सुरेश ने उसकी बहन को चोदना चालू कर दिया है, पर उसने उन दोनों कि तरफ देखा भी नहीं, और नंदिनी कि चूची चूसने में ही लगा रहा. नंदिनी से बस एक हाथ भर कि दुरी पर उसका सगा भाई सोनाली को चोद रहा था, भला नंदिनी देखे बिना कैसे रहती, ना चाहते हुए भी पहले तो वो तिरछी नज़रों से उन्हें देखती रही, और जब देखा कि दोनों आपस में ही मगन लगे पड़े हैं और उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ने वाला तो वो अब खुल कर उनकी पेलम पेलाई देखने लगी !
नंदिनी तो जैसे खो सी गई थी, उसे तब होश आया जब करीब दो तीन मिनट के बाद उसने महसूस किया कि उसका निप्पल अमन के मुँह से निकल आया है. उसने नीचे देखा तो क्या देखती है कि अब अमन उसकी गोद से उठ कर बैठ गया है और अपनी आँखे फाड़े सुरेश और सोनाली को देख रहा है और धीरे धीरे अपना लण्ड अपने हाथ में थामे रगड़ मसल रहा है.
अमन जहाँ से देख रहा था, उसे अपनी बहन सोनाली सामने कुतिया बनी दिख रही थी, उसकी चूत की झलक तो उसे नहीं मिल रही थी , बस बड़ी सी गांड़ दिख रही थी, पीछे से सुरेश उसके कुल्हे पकड़े हुए उसकी जांघों के बीच में धक्के मार रहा था, हर धक्के पे सोनाली के नीचे लटक रहे मम्मे आगे पीछे आगे पीछे हिलते हुए झूल रहें थें. आश्चर्य की बात तो ये थी की अमन को एक पल के लिये भी ऐसा नहीं लग रहा था की वो अपनी सगी बहन को देख रहा है. सेक्स के दौरान लड़कियों के चेहरे कितने बदल जाते हैं, हर लड़की, चाहे वो आपकी गर्लफ्रेंड हो या सगी बहन, सेक्स के वक़्त उसके चेहरे पे बस एक असीम त्रिप्ती और चरम वासना के भाव ही दीखते हैं, और कुछ नहीं ! सोनाली और किसी अवस्था में उसकी सगी बहन होगी, पर अभी तो अमन के लिये वो बस एक लड़की मात्र थी, सुडौल गदराये बदन वाली लड़की, जिसे अगर नंगा ना देखो तो यकीन ही नहीं होगा की बिना कपड़ों के वो इतनी सुंदर लगती होगी. वैसे पिछली रात भी तो अमन ने अपनी बहन को नंगा देखा था, पर उस रात की बात अलग थी, नंदिनी जो उसका साथ देने के लिये उसके साथ थी. और शायद यही वजह थी की आज उसने अभी अभी अनजाने में गौर किया था की उसकी अपनी सगी बहन सोनाली क्या चीज़ है !!!
नंदिनी की नज़र जब अमन के लण्ड पर पड़ी तो वो समझ गई की अमन अपनी ही सगी बहन को चुदवाते देख गरम हो रहा है, उसके लण्ड का सुपाड़ा फूल कर लाल हो गया था, नंदिनी को पता था की अगर अमन ऐसे ही मूठ मारता रहा तो अब उसका वीर्यपात हो जायेगा !
अमन के लिये अब और बर्दास्त कर पाना संभव नहीं था, अचानक से वो पलट कर नंदिनी के ऊपर चढ़ गया, नंदिनी इसके लिये एकदम ही तैयार नहीं थी. अमन ने नंदिनी के होंठों का एक छोटा सा चुंबन लिया और उसके बदन से चिपका अपना खड़ा लण्ड उसकी पैंटी में लिपटी चूत पर घिसने लगा. इससे पहले की नंदिनी कुछ समझ पाती, उसने महसूस किया की उसकी पैंटी और जांघों पर अमन के लण्ड ने गाढ़े वीर्य की उल्टी कर दी है ! बेचारी नंदिनी अब करती भी क्या, अमन का पीठ सहला सहला कर उसे शांत करने लगी.
" Sorry Baby... ". दो मिनट के बाद अमन ने नंदिनी के गाल चुमे और एक गहरी साँस लेते हुए उसके बदन से अलग हो गया.
नंदिनी ने नीचे देखा तो उसकी पूरी पैंटी, पेट और जांघे वीर्य से सनी पड़ी थी. एक तो बेचारी की चूत में वैसे ही आज गीलापन था और अब ऊपर से अमन की ये बचकानी करतूत ! उसने पास ही पड़ी अपनी सलवार उठा ली और खुद को उसी से किसी तरह पोछ पोछ कर साफ करने लगी.