16-07-2021, 04:10 PM
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दोपहर को पूरे परिवार ने एक साथ खाना खाया, फिर शाम को सबकी मस्ती मज़ाक से भरी बैठक हुई, TV देखा सबने एक साथ, कैरम खेले गयें, गपशप चली, और फिर रात को डिनर करके सभी अपने अपने कमरों में सोने चले गयें. चारों भाई बहनों ने दिन में जो गुल खिलाये थें, उसपर किसी को कोई शक नहीं हुआ. लड़कियां तो उन लड़कों से शर्म के मारे आँख ही नहीं मिला पा रही थीं !
#
रात के 11 बजे थें, सोनाली और नंदिनी अपने कमरे में पलंग पर बैठी अपनी अपनी मोबाइल में बिज़ी थीं.
" पेट में दर्द हो रहा है यार... " . नंदिनी ने अपना पेट दबाते हुए कहा.
" पनीर और मटन भला कोई एक साथ खाता है क्या ? " . सोनाली हँसने लगी.
" मुझसे ज़्यादा तो तूम खा गई... ".
" हाँ... पर मेरे पेट में दर्द नहीं हो रहा, तेरे पेट में हो रहा है ना. "
" ये खाने कि वजह से नहीं है बाबा... ". नंदिनी बोली, फिर थोड़ी सी धीमी आवाज़ में कहा. " लगता है मेरी माहवारी शुरू होने वाली है ! ".
" आज तेरा Date है क्या ? ". सोनाली ने पूछा.
" नहीं... अभी चार पाँच दिन बाकि है. ".
" फिर टेंशन कि वजह से ज़ल्दी आ गया होगा. "
" मतलब ? ".
" देख... कभी कभी सुहागरात वाले दिन लड़कियों को Periods होने लगता है... सेक्स कि टेंशन के कारण ! ". सोनाली ने अपने मोबाइल पर से ध्यान हटाते हुए नंदिनी को समझाया. " आज दिन में Swimming Pool में जो हुआ हमारे साथ, उसकी वजह से शायद तुझे सेक्शुअल टेंशन हो गई हो. "
" तुम्हें इतना सब कैसे मालूम ? ". नंदिनी ने आश्चर्य जताते हुए पूछा.
" लैपटॉप, मोबाइल, इंटरनेट, इनका इस्तेमाल सिर्फ पढाई के लिये ही नहीं होता, ऐसी मज़ेदार जेनरल नॉलेज के लिये भी होता है. ". सोनाली मुस्कुराई, और फिर हँसते हुए बोली. " और कभी कभी गंदी फिल्में देखने के लिये भी ! ".
नंदिनी को भी सोनाली कि चपल बातों पर हंसी आ गई. फिर थोड़ा सा रुक कर वो परेशान सा मुँह बनाते हुए बोली.
" लेकिन यार मेरा मासिक बहुत Irregular है... कभी कभी तो 12 दिन में ही फिर से हो जाता है और कभी कभी 35 - 40 दिन पर ! ".
" ऐसा मेरा भी पहले होता था, फिर मम्मी ने डॉक्टर दिखा कर कुछ दवाईयां चलवाई तब अभी जाकर ठीक है. ". सोनाली ने कहा, फिर नंदिनी के कंधे पर हाथ रख कर उसे आस्वासन दिया. " फ़िक्र मत कर... इस उम्र में ऐसा होता है, फिर भी तू चाहे तो मामी जी से पूछ कर मैं तेरे लिये भी वो मेडिसिन ला दूंगी... Okay ! ".
तभी सोनाली कि मोबाईल पे मैसेज का टोन आया.
" ये देख...तेरा भाई हमारे कमरे में आने के लिये पूछ रहा है, अमन भैया के साथ ! " . सोनाली ने अपना व्हाट्सप्प चेक करते हुए कहा. फिर थोड़ा रुक कर नंदिनी से पूछा. " क्या बोलती हो, बुला ले ??? ".
" तूम जैसा समझो... ". नंदिनी ने ऐसे कहा जैसे उसे कोई इंटरेस्ट ना हो.
" अच्छा ? और तेरा मन नहीं है क्या ? ".
जवाब में नंदिनी एकदम से शर्मा गई, फिर बोली. " मन तो है... और वैसे भी आज सुबह Swimming Pool में जो हुआ उसके बाद ये लोग हमें चोदे बिना थोड़े ही मानेंगे ! ".
नंदिनी कि बात सुन कर सोनाली को एकदम से हँसी आ गई, और उसने कहा. " ठीक भी है... बॉयफ्रेंड वगैरह का चक्कर बहुत गंदा होता है. अपने Cousin से प्यार मुहब्बत करने से बात घर में ही रहती है. और फिर ये लोग हमारे प्यार में Seriously लट्टू हो रहें हैं. ".
" मुझे भी तुम्हारा भाई बहुत अच्छा लगता है... ". नंदिनी ने धीरे से कहा.
" बुला लें फिर ना ? ". सोनाली ने फिर से पूछा.
" हाँ बाबा... मेरे मुँह से निकलवा के रहोगी ना ? ". नंदिनी झल्लाई.
" और तेरा Periods ??? ". सोनाली धीरे से बोली.
" धत्त ! अभी नहीं आयेगा... लगता है कल सुबह तक होगा ! ". नंदिनी का चेहरा शर्म से लाल पड़ गया.
उधर लड़कों के कमरे में सुरेश कि खुशी का ठिकाना ना रहा जब सोनाली ने व्हाट्सप्प पर उसे अपने कमरे में आने कि सहमति दे दी.
" चल भाई... लड़कियां मान गई ! ". सुरेश झट से बिस्तर पर से उठते हुए बोला.
" सच ??? ". अमन को जैसे यकीन ही नहीं हुआ, फिर उसने अपने पैंट में अपना लण्ड पकड़ कर कहा. " मूठ मार के चलें भाई, नहीं तो जल्दी माल गिर जायेगा यार ! ".
" अबे हम कोई Pornstar तो हैं नहीं जो घंटो चोदते रहेंगे. और फिर वो हमें बस बुला रहीं हैं, चोदने मिलेगा ऐसा ज़रूरी नहीं... समझा ? ". सुरेश बोला. " Relax भाई... चल. ".
सुरेश और अमन अपने कमरे से बाहर निकले ही थें कि एकदम से अमन कि मम्मी और सुरेश के मम्मी पापा से आमना सामना हो गया जो कि बाहर से टहल कर लौट रहें थें.
" कहाँ ? ". अमन कि मम्मी ने पूछा.
" वो फुआ... हम ऊपर बहनों के रूम में जा रहें थें. ". सुरेश ने अटकती आवाज़ में कहा.
" सोने के टाईम ? ". सुरेश के पापा ने कहा.
" मामा जी... नींद नहीं आ रही. Ludo खेलना था, फिर वापस आ जायेंगे. ". अमन ने दृढं स्वर में कहा.
" जा बेटा... ". सुरेश कि मम्मी बोली. " कंप्यूटर मोबाईल के ज़माने में भी Ludo खेलना कितनी अच्छी बात है. ".
" Thank You मामी जी... ". अमन ने झट से कहा और सुरेश का हाथ पकड़ कर उसे लगभग खींचता हुआ वहाँ से चलते बना, बिना किसी के जवाब का इंतजार किये बिना.
" बस झगड़ा मत करना तूम भाई बहन... ". पीछे से अमन कि मम्मी चिल्लाई..........................
पलंग पर बैठे सोनाली और नंदिनी ने देखा कि कमरे का दरवाज़ा धीरे से खुला और अमन और सुरेश आहिस्ते से अंदर दाखिल हुए, दरवाज़े कि कुंडी चढ़ाई, और सीधे बिस्तर पर आ गये, अमन नंदिनी के पास और सुरेश सोनाली के करीब.
" किस बात कि इतनी बेचैनी है ??? ". सोनाली ने सुरेश को थोड़ा तंग करने के लिहाज से झूठ मूठ का मुँह बनाते हुए पूछा.
पर सुरेश अब किसी भी तरह कि मस्ती मज़ाक के मूड में नहीं था. उसने सोनाली का चेहरा बड़े प्यार से अपने हाथों में लिया और कहा.
" शहर के इतने सारे लड़कों को छोड़ कर तुम्हें अपने इस गंवार भाई में ऐसा क्या दिखा जो मुझसे प्यार कर बैठी ? ".
" मैंने कब कहा कि मैं तुमसे प्यार करती हूं ? ". सोनाली ने फिर से सुरेश को छेड़ा.
सुरेश में अब इतना सब्र नहीं था कि सवाल जवाब करे, उसने अपना मुँह आगे बढ़ा कर सोनाली के होंठ चुम लियें.
" तूम पर बहुत जंचता है... Cute लगती हो ! ". उधर अमन ने नंदिनी कि नथ को अपनी ऊँगली से छूते हुए कहा. नंदिनी अपनी नाक में सोने का एक छोटा सा नथ पहनती थी.
" गंवारन लगती हूं ना ??? ". नंदिनी ने जान बूझ कर पूछा, उसे पता था कि वो कितनी सुंदर है, पर वो अमन के मुँह से सुनना चाहती थी.
" गंवारन तो हो... पर अब से बस मेरी हो ! ". कहते हुए अमन ने नंदिनी को चुम लिया.
नंदिनी के लिये भी अब और बर्दास्त करना संभव नहीं था. अमन के होंठों में अपने होंठ डाले उसने उसके हाथ को पकड़ कर अपनी छाती पर रख लिया . अमन उसे चूमते हुए उसकी सोने के लिये पहनी हुई कुर्ती के ऊपर से उसकी बिना ब्रा कि चूची दबाने लगा !
" उसे धीरे धीरे चोदना भैया... बेचारी के पेट में दर्द है ! ". सोनाली ने अपने भाई अमन से कहा जो कि अभी नंदिनी को चुमने में ब्यस्त था. उसकी इतनी Direct बात सुन कर नंदिनी शर्मा गई, उसने अपने होंठ अमन के होंठों से अलग करते हुए सोनाली कि ओर झूठे गुस्से से देखा तो सोनाली ने उसे आँख मार दी.
अमन कुछ समझ पाता, इससे पहले ही सुरेश ने अपनी बहन नंदिनी से शैतानी मुस्कान के साथ कहा.
" क्यूं मोटी.... आज तो 17 तारीख़ है ना ? आज तेरे पेट में दर्द कैसे ??? ".
अपने सगे भैया के मुँह से ऐसी बातें सुन कर नंदिनी तो शर्म से पानी पानी होने लगी, बेचारी का मुँह खुला का खुला रह गया.
" आपको अपनी बहन के Dates कैसे पता... सुरेश भैया ? ". सोनाली ने पूछा, उसे नंदिनी कि हालत पर मज़ा आ रहा था.
" ये नहीं खाऊंगी, वो नहीं खाऊंगी, हर बात पे चिढना और मुझसे झगड़ा करना, सारा दिन सलवार पहने रहना, धीरे से उठना और ध्यान से बैठना, कॉलेज नहीं जाना... ". सुरेश बेशरम कि तरह बोले ही जा रहा था.
" Shut Up भैया... Please !!! ". अपने भाई कि बात बीच में ही काटते हुए नंदिनी ने तमतमाते हुए कहा. बेचारी का चेहरा लाल पड़ गया था शर्म के मारे !
सुरेश समझ गया कि अपनी बहन को और तंग करना सही नहीं होगा. उसने अब सोनाली से पूछा.
" और तुम्हारा कब होता है ??? ".
" छी !!! ". सोनाली ने शर्माते हुए सुरेश कि गाल पे एक हल्का सा प्यार भरा थप्पड़ जड़ दिया.
अमन अब तक समझ चुका था कि यहाँ किस चीज़ के बारे में बात हो रही है. उसने अपनी बहन सोनाली कि ओर दिखाते हुए सुरेश से हँसते हुए कहा.
" इसका 25 से 28 तारीख़ के बीच आता है... ".
नंदिनी को बहुत मज़ा आया कि अब सोनाली फंस गई है. उसने मुस्कुराते हुए अमन के कान मरोड़ते हुए पूछा.
" आपको कैसे पता अमन भैया ??? ".
" दिन में 100 बार पीछे मुड़ मुड़ कर अपना गांड़ चेक करती रहती है ! ". अमन ने कहा, फिर अपनी हँसी रोक नहीं पाया तो उसके साथ नंदिनी भी हँसने लगी.
" भैया छी... आप लोग ना !!! ". बेचारी सोनाली के गाल तो शर्म के मारे नंदिनी के गालों से भी ज़्यादा लाल हो गयें !
अमन वापस नंदिनी कि ओर मुड़ा और उसकी स्लीपिंग पजामे के ऊपर से उसकी जांघ सहलाते हुए उसकी दोनों जांघों के बीच दबी उसकी चूत कि ओर देखते हुए कहा.
" वैसे Seriously... तूम ठीक तो हो ना ??? ".
जवाब में नंदिनी ने मुस्कुरा कर अपना चेहरा चुमने के लिये आगे कर दिया.
इधर सुरेश कि नज़र अब सोनाली के चुचियों पर थी, ज़ाहिर था कि उसने अपनी नाईटी के अंदर ब्रा नहीं पहनी थी. सोनाली उसकी मंसा भाप गई. उसने सुरेश कि आँखों में मुस्कुराते हुए देखा और अपने नाईटी के गले के बटन खोलने लगी. ऊपर के तीन बटन खोल कर सोनाली ने नाईटी अपने गोरे कंधे से उतार दी और अपनी दाई चूची बाहर निकाल ली. हल्के लाल रंग के छोटे से निप्पल को अपने चेहरे के इतने करीब देख कर सुरेश ने लपक कर उसे मुँह में ले लिया !
मुँह में कुछ लेकर चप चप चूसने कि आवाज़ से उधर अमन समझ गया कि उसकी बहन सुरेश को अपना दूध पिला रही है, पर उसने जान बूझ कर उस तरफ नहीं देखा, सगे भाई बहन में इतना लिहाज तो रखना ही चाहिये. नंदिनी भी अब धीरे धीरे गरम हो रही थी, अमन के साथ चुंबन में लिप्त उसने उसका पैंट टटोलना शुरू किया. पैंट के ऊपर से नंदिनी कि उंगलीयों का स्पर्श पाकर अमन समझ गया कि उसे क्या चाहिये, उसने अपना पैंट खोले बिना अपना लण्ड बाहर निकाल दिया. नंदिनी ने बहुत ही नज़ाकत से डरते डरते उसका लण्ड अपने हाथ में लिया, दरअसल उसे सुबह कि बात याद थी कि किस तरह Swimming Pool में उसका लण्ड हाथ में पकड़ते ही बेचारे का शीघ्रपतन हो गया था !
नंदिनी ने अमन के लौड़े का दर्शन करने के लिये अपने होंठ उसके होठों से हटा लिये, सुबह Pool के पानी के अंदर वो उसका लण्ड नहीं देख पाई थी, अब नीचे देखा तो देखती ही रह गई. 7 इंच लम्बा मगर बेहद मोटा, करीब 3 इंच का, थोड़े काले रंग का उसका लण्ड उसकी उम्र के हिसाब से काफी बड़ा था, एकदम बड़े मर्दों के लौड़े जैसा ! नंदिनी ने एक बार सुरेश और सोनाली कि तरफ देखा कि कहीं वो लोग देख तो नहीं रहें, पर दोनों खुद में ही लगे पड़े थें. तब नंदिनी अपने घुटनों पर बैठती हुई अपने चूतड़ पीछे उठा कर नीचे अमन कि गोद में झुकी. उसके लण्ड का सुपाड़ा लण्ड के मुँह के ऊपरी चमड़े से पूरी तरह ढंका हुआ था. नंदिनी ने अपने हाथ में लण्ड पकड़े उसका सुपाड़ा खोलना चाहा तो देखा की चमड़ा बहुत टाईट है.
" मत करो... वो नहीं खुलता है ! ". अमन ने दर्द से भरी धीमी आवाज़ में कहा. नंदिनी ने उसका लण्ड उसी तरह अपने मुँह में ले लिया !
इधर सोनाली की दोनों चुचियों से रस पीने के बाद सुरेश ने उसकी नाईटी के ऊपर से उसकी नाभी को कुरेदते हुए कहा.
" अब दिखाओ... कैसा है तुम्हारा ! ".
" दिखाती हूं... ". सोनाली ने तिरछे होठों से मुस्कुराते हुए कहा. उसने पीछे तकिये पर टेक लगाते हुए अपनी गांड़ बिस्तर पर से थोड़ी सी ऊपर उठा कर अपनी नाईटी जांघ से होते हुए सीधे अपने पेट तक उठा ली. उसकी नंगी चूत अब सुरेश के आँखों के सामने थी, बेशरम लड़की ने अंदर पैंटी ही नहीं पहनी थी !!!
सुरेश ने सोनाली की ओर कृतज्ञ नज़रों से देखा और फिर नीचे झुका तो सोनाली ने अपनी टांगे खोल दी. पावरोटी के जैसी फुली हुई तिकोने चूत के बीचों बीच बस एक पतली सी लकीर थी जहाँ चूत के दोनों होंठ आपस में सटे हुए थें. एकदम बाल रहित चिकनी चूत थी उसकी, पूरी तरह से गोरी, बस वो जगह थोड़ी सी सांवली सी थी जहाँ चूत के दोनों Lips का मिलन हो रहा था. मनभावन बूर देवी के यूं सामने अचानक प्रकट हो जाने से सुरेश समझ नहीं पा रहा था की क्या करे और क्या क्या करे. सो सबसे पहले उसने अपनी फूफेरी बहन की चूत की गंध का जायज़ा लेने का फैसला लिया. उसने अपनी नाक सोनाली की चूत के फांक के उपर हल्के से रखी और एक गहरी साँस ली !
" रुको... ऐसे नहीं ! ". सोनाली ने कहा, और अपने हाथ की दो उंगलीयों से अपनी चूत के होंठ खोल दिये. " अब सूंघों... ".
सोनाली की दोनों उंगलीयों के बीच खुली चूत का अब दाना ( Clitoris ) और अंदर की गुलाबी छेद साफ दिख रही थी. सुरेश ने अपना मुँह और नाक उसकी चूत की अधखुली फांक में घुसा दिया. उसके नथूनों में चूत की वो महक घुसी जिसे वो अब अपनी सारी ज़िन्दगी नहीं भूलने वाला था !!!
उधर नंदिनी अमन के लण्ड का आधे से भी कम हिस्सा मुँह में लेकर चूस रही थी, इतना बड़ा लौड़ा पूरा मुँह में पेलवाना संभव नहीं था उसके लिये. अमन काफी देर से अपना वीर्य जबरदस्ती रोके हुए था, उसने अपनी ममेरी बहन को लण्ड चूसने से रोकना उचित नहीं समझा, ये सोच कर की वो ना जाने क्या सोच बैठेगी. नंदिनी इस बात से बेखबर की उसके अंडकोष में माल भर आया था, उसे ब्लोजॉब देती रही. अचानक अमन ने नंदिनी की कुर्ती में नीचे झूल रही चूची पकड़ कर ज़ोर से दबाई और नंदिनी का मुँह अपने गाढ़े वीर्य से भर दिया. उसका लण्ड इतना उत्तेजित हो गया था की 10 सेकंड में ही उसका सारा पानी निकल गया. नंदिनी ने बड़ी सावधानी से उसका लण्ड अपनी मुँह से बाहर निकाला और फिर अपने होंठ कस कर बंद कर लिये ताकि माल मुँह से बाहर ना छलक पड़े. उसने रोनी सूरत बना कर ऊपर अमन को देखा, ज़ाहिर था की उस बेचारी को ये Surprise बिल्कुल भी पसंद नहीं आया था. उसका पूरा मुँह वीर्य से लबालब भर गया था और उसके गाल गुब्बारे की तरह फूल गयें थें, बड़ी Cute सी लग रही थी वो !!!
नंदिनी ने पहले तो बहुत कोशिश की वीर्य को निगल लेने की, पर जब उसके नमकीन स्वाद से उसे उबकाई सी आने लगी, तो बेचारी इधर उधर खोजने लगी की कहाँ थूके. जब कुछ नहीं मिला और कुछ समझ में नहीं आया तो वो अपना मुँह अपने हाथ से दबा कर Dressing Table की ओर दौड़ी, वहाँ Drawer से Whisper Ultra Soft का वो पैकेट निकाला जो सोनाली ने उसे आज सुबह दिया था, पैकेट फाड़ कर एक फ्रेश पैड निकाला और उसी पर मुँह का सारा वीर्य उगल दिया. पैड पर जितना भी वीर्य गिरा वो तो पैड ने झट से सोख लिया पर चूंकि अमन ने बहुत ज़्यादा माल गिराया था, तो ज़्यादातर वीर्य Dressing Table और नीचे ज़मीन पर गिर गया था !
इधर सोनाली नंदिनी की ये सारी हरकते देख रही थी और उसे उसकी इस दयनीय स्थिति पर तरस भी आ रहा था और हँसी भी. पर उसकी हँसी अंदर ही दब कर रह गई क्यूंकि सुरेश अभी जमकर उसकी चूत चाट रहा था और वो अब पूरी तरह से कामोत्तेजित हो चुकी थी. तभी अचानक ना चाहते हुए भी उसकी नज़र वहीं बगल में बिस्तर पर निढ़ाल पड़े अपने भाई अमन पर चली गई. उसकी पैंट से उसका अभी अभी स्खलित हुआ लण्ड बाहर निकल कर फड़क रहा था, पूरा टाईट और खड़ा, जिसमें से वीर्य की एक आखिरी धार चू कर उसके अपने ही पेट पर गिर रही थी. अपने सगे भाई को ऐसी अवस्था में देख कर वैसे तो उसे काफी Embarrassment होती, पर इस वक़्त जब कोई पहले से ही उसकी नंगी जांघों के बीच घुसा उसकी चूत को अपने मुँह से पेले जा रहा था, तो उसे कोई भी शर्म लाज महसूस नहीं हुई ! फिर भी उसने तुरंत ही अपना चेहरा घुमा लिया !!!
सुरेश अपनी साँस रोके पूरे मन से सोनाली की चूत चाट रहा था. सोनाली को अचानक ऐसा लगा जैसे की उसकी नाभी में कई सारी तितलीयां फड़फड़ा रहीं हों. उसे महसूस हुआ की अब उसका पेशाब निकलने वाला है. उसने झट से सुरेश के बाल पकड़ कर उसका चेहरा अपनी जांघों से परे धकेल दिया. काफी देर हो चुकी थी और अब उसके लिये बिस्तर से उठ कर ज़मीन पर पेशाब करने के लिये उतर पाना मुश्किल था, सो जब कुछ समझ ना आया तो उसने तुरंत अपनी हथेली अपने गांड़ के नीचे रख ली ताकि पेशाब उसी पर गिरे और चादर गंदी ना हो. सुरेश को कुछ समझ नहीं आ रहा था की क्या हो रहा है, वो बेचारा बड़ी बड़ी आँखों से सोनाली की चूत को देखने लगा. सोनाली ने अपने दूसरे हाथ से अपनी नाभी और चूत के बीच वाला हिस्सा दबाया और सिर उठा कर अपनी चूत की ओर देखने लगी. सुरेश ने देखा की उसकी चूत के छेद से पानी जैसा पतला रंगविहीन रस बाहर चू कर उसकी गांड़ के नीचे हथेली में भरने लगा. अब सोनाली की समझ में आया की उसका पेशाब नहीं निकला था, बल्कि आज पहली बार उसका पानी गिरा था !!! चूत स्खलन के आनंद से विभोर होकर उसने अपना सिर वापस तकिये पर पटक दिया और आँखे बंद किये हुए झड़ती रही. चूत के पानी से उसकी हथेली पूरी तरह से भर गई तो पानी नीचे चादर पर फ़ैलने लगा. सुरेश मुँह खोले ये सब बस देखता रहा, उसे तो पता ही नहीं था कि लड़कियों का भी माल गिरता है !!!
दोपहर को पूरे परिवार ने एक साथ खाना खाया, फिर शाम को सबकी मस्ती मज़ाक से भरी बैठक हुई, TV देखा सबने एक साथ, कैरम खेले गयें, गपशप चली, और फिर रात को डिनर करके सभी अपने अपने कमरों में सोने चले गयें. चारों भाई बहनों ने दिन में जो गुल खिलाये थें, उसपर किसी को कोई शक नहीं हुआ. लड़कियां तो उन लड़कों से शर्म के मारे आँख ही नहीं मिला पा रही थीं !
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रात के 11 बजे थें, सोनाली और नंदिनी अपने कमरे में पलंग पर बैठी अपनी अपनी मोबाइल में बिज़ी थीं.
" पेट में दर्द हो रहा है यार... " . नंदिनी ने अपना पेट दबाते हुए कहा.
" पनीर और मटन भला कोई एक साथ खाता है क्या ? " . सोनाली हँसने लगी.
" मुझसे ज़्यादा तो तूम खा गई... ".
" हाँ... पर मेरे पेट में दर्द नहीं हो रहा, तेरे पेट में हो रहा है ना. "
" ये खाने कि वजह से नहीं है बाबा... ". नंदिनी बोली, फिर थोड़ी सी धीमी आवाज़ में कहा. " लगता है मेरी माहवारी शुरू होने वाली है ! ".
" आज तेरा Date है क्या ? ". सोनाली ने पूछा.
" नहीं... अभी चार पाँच दिन बाकि है. ".
" फिर टेंशन कि वजह से ज़ल्दी आ गया होगा. "
" मतलब ? ".
" देख... कभी कभी सुहागरात वाले दिन लड़कियों को Periods होने लगता है... सेक्स कि टेंशन के कारण ! ". सोनाली ने अपने मोबाइल पर से ध्यान हटाते हुए नंदिनी को समझाया. " आज दिन में Swimming Pool में जो हुआ हमारे साथ, उसकी वजह से शायद तुझे सेक्शुअल टेंशन हो गई हो. "
" तुम्हें इतना सब कैसे मालूम ? ". नंदिनी ने आश्चर्य जताते हुए पूछा.
" लैपटॉप, मोबाइल, इंटरनेट, इनका इस्तेमाल सिर्फ पढाई के लिये ही नहीं होता, ऐसी मज़ेदार जेनरल नॉलेज के लिये भी होता है. ". सोनाली मुस्कुराई, और फिर हँसते हुए बोली. " और कभी कभी गंदी फिल्में देखने के लिये भी ! ".
नंदिनी को भी सोनाली कि चपल बातों पर हंसी आ गई. फिर थोड़ा सा रुक कर वो परेशान सा मुँह बनाते हुए बोली.
" लेकिन यार मेरा मासिक बहुत Irregular है... कभी कभी तो 12 दिन में ही फिर से हो जाता है और कभी कभी 35 - 40 दिन पर ! ".
" ऐसा मेरा भी पहले होता था, फिर मम्मी ने डॉक्टर दिखा कर कुछ दवाईयां चलवाई तब अभी जाकर ठीक है. ". सोनाली ने कहा, फिर नंदिनी के कंधे पर हाथ रख कर उसे आस्वासन दिया. " फ़िक्र मत कर... इस उम्र में ऐसा होता है, फिर भी तू चाहे तो मामी जी से पूछ कर मैं तेरे लिये भी वो मेडिसिन ला दूंगी... Okay ! ".
तभी सोनाली कि मोबाईल पे मैसेज का टोन आया.
" ये देख...तेरा भाई हमारे कमरे में आने के लिये पूछ रहा है, अमन भैया के साथ ! " . सोनाली ने अपना व्हाट्सप्प चेक करते हुए कहा. फिर थोड़ा रुक कर नंदिनी से पूछा. " क्या बोलती हो, बुला ले ??? ".
" तूम जैसा समझो... ". नंदिनी ने ऐसे कहा जैसे उसे कोई इंटरेस्ट ना हो.
" अच्छा ? और तेरा मन नहीं है क्या ? ".
जवाब में नंदिनी एकदम से शर्मा गई, फिर बोली. " मन तो है... और वैसे भी आज सुबह Swimming Pool में जो हुआ उसके बाद ये लोग हमें चोदे बिना थोड़े ही मानेंगे ! ".
नंदिनी कि बात सुन कर सोनाली को एकदम से हँसी आ गई, और उसने कहा. " ठीक भी है... बॉयफ्रेंड वगैरह का चक्कर बहुत गंदा होता है. अपने Cousin से प्यार मुहब्बत करने से बात घर में ही रहती है. और फिर ये लोग हमारे प्यार में Seriously लट्टू हो रहें हैं. ".
" मुझे भी तुम्हारा भाई बहुत अच्छा लगता है... ". नंदिनी ने धीरे से कहा.
" बुला लें फिर ना ? ". सोनाली ने फिर से पूछा.
" हाँ बाबा... मेरे मुँह से निकलवा के रहोगी ना ? ". नंदिनी झल्लाई.
" और तेरा Periods ??? ". सोनाली धीरे से बोली.
" धत्त ! अभी नहीं आयेगा... लगता है कल सुबह तक होगा ! ". नंदिनी का चेहरा शर्म से लाल पड़ गया.
उधर लड़कों के कमरे में सुरेश कि खुशी का ठिकाना ना रहा जब सोनाली ने व्हाट्सप्प पर उसे अपने कमरे में आने कि सहमति दे दी.
" चल भाई... लड़कियां मान गई ! ". सुरेश झट से बिस्तर पर से उठते हुए बोला.
" सच ??? ". अमन को जैसे यकीन ही नहीं हुआ, फिर उसने अपने पैंट में अपना लण्ड पकड़ कर कहा. " मूठ मार के चलें भाई, नहीं तो जल्दी माल गिर जायेगा यार ! ".
" अबे हम कोई Pornstar तो हैं नहीं जो घंटो चोदते रहेंगे. और फिर वो हमें बस बुला रहीं हैं, चोदने मिलेगा ऐसा ज़रूरी नहीं... समझा ? ". सुरेश बोला. " Relax भाई... चल. ".
सुरेश और अमन अपने कमरे से बाहर निकले ही थें कि एकदम से अमन कि मम्मी और सुरेश के मम्मी पापा से आमना सामना हो गया जो कि बाहर से टहल कर लौट रहें थें.
" कहाँ ? ". अमन कि मम्मी ने पूछा.
" वो फुआ... हम ऊपर बहनों के रूम में जा रहें थें. ". सुरेश ने अटकती आवाज़ में कहा.
" सोने के टाईम ? ". सुरेश के पापा ने कहा.
" मामा जी... नींद नहीं आ रही. Ludo खेलना था, फिर वापस आ जायेंगे. ". अमन ने दृढं स्वर में कहा.
" जा बेटा... ". सुरेश कि मम्मी बोली. " कंप्यूटर मोबाईल के ज़माने में भी Ludo खेलना कितनी अच्छी बात है. ".
" Thank You मामी जी... ". अमन ने झट से कहा और सुरेश का हाथ पकड़ कर उसे लगभग खींचता हुआ वहाँ से चलते बना, बिना किसी के जवाब का इंतजार किये बिना.
" बस झगड़ा मत करना तूम भाई बहन... ". पीछे से अमन कि मम्मी चिल्लाई..........................
पलंग पर बैठे सोनाली और नंदिनी ने देखा कि कमरे का दरवाज़ा धीरे से खुला और अमन और सुरेश आहिस्ते से अंदर दाखिल हुए, दरवाज़े कि कुंडी चढ़ाई, और सीधे बिस्तर पर आ गये, अमन नंदिनी के पास और सुरेश सोनाली के करीब.
" किस बात कि इतनी बेचैनी है ??? ". सोनाली ने सुरेश को थोड़ा तंग करने के लिहाज से झूठ मूठ का मुँह बनाते हुए पूछा.
पर सुरेश अब किसी भी तरह कि मस्ती मज़ाक के मूड में नहीं था. उसने सोनाली का चेहरा बड़े प्यार से अपने हाथों में लिया और कहा.
" शहर के इतने सारे लड़कों को छोड़ कर तुम्हें अपने इस गंवार भाई में ऐसा क्या दिखा जो मुझसे प्यार कर बैठी ? ".
" मैंने कब कहा कि मैं तुमसे प्यार करती हूं ? ". सोनाली ने फिर से सुरेश को छेड़ा.
सुरेश में अब इतना सब्र नहीं था कि सवाल जवाब करे, उसने अपना मुँह आगे बढ़ा कर सोनाली के होंठ चुम लियें.
" तूम पर बहुत जंचता है... Cute लगती हो ! ". उधर अमन ने नंदिनी कि नथ को अपनी ऊँगली से छूते हुए कहा. नंदिनी अपनी नाक में सोने का एक छोटा सा नथ पहनती थी.
" गंवारन लगती हूं ना ??? ". नंदिनी ने जान बूझ कर पूछा, उसे पता था कि वो कितनी सुंदर है, पर वो अमन के मुँह से सुनना चाहती थी.
" गंवारन तो हो... पर अब से बस मेरी हो ! ". कहते हुए अमन ने नंदिनी को चुम लिया.
नंदिनी के लिये भी अब और बर्दास्त करना संभव नहीं था. अमन के होंठों में अपने होंठ डाले उसने उसके हाथ को पकड़ कर अपनी छाती पर रख लिया . अमन उसे चूमते हुए उसकी सोने के लिये पहनी हुई कुर्ती के ऊपर से उसकी बिना ब्रा कि चूची दबाने लगा !
" उसे धीरे धीरे चोदना भैया... बेचारी के पेट में दर्द है ! ". सोनाली ने अपने भाई अमन से कहा जो कि अभी नंदिनी को चुमने में ब्यस्त था. उसकी इतनी Direct बात सुन कर नंदिनी शर्मा गई, उसने अपने होंठ अमन के होंठों से अलग करते हुए सोनाली कि ओर झूठे गुस्से से देखा तो सोनाली ने उसे आँख मार दी.
अमन कुछ समझ पाता, इससे पहले ही सुरेश ने अपनी बहन नंदिनी से शैतानी मुस्कान के साथ कहा.
" क्यूं मोटी.... आज तो 17 तारीख़ है ना ? आज तेरे पेट में दर्द कैसे ??? ".
अपने सगे भैया के मुँह से ऐसी बातें सुन कर नंदिनी तो शर्म से पानी पानी होने लगी, बेचारी का मुँह खुला का खुला रह गया.
" आपको अपनी बहन के Dates कैसे पता... सुरेश भैया ? ". सोनाली ने पूछा, उसे नंदिनी कि हालत पर मज़ा आ रहा था.
" ये नहीं खाऊंगी, वो नहीं खाऊंगी, हर बात पे चिढना और मुझसे झगड़ा करना, सारा दिन सलवार पहने रहना, धीरे से उठना और ध्यान से बैठना, कॉलेज नहीं जाना... ". सुरेश बेशरम कि तरह बोले ही जा रहा था.
" Shut Up भैया... Please !!! ". अपने भाई कि बात बीच में ही काटते हुए नंदिनी ने तमतमाते हुए कहा. बेचारी का चेहरा लाल पड़ गया था शर्म के मारे !
सुरेश समझ गया कि अपनी बहन को और तंग करना सही नहीं होगा. उसने अब सोनाली से पूछा.
" और तुम्हारा कब होता है ??? ".
" छी !!! ". सोनाली ने शर्माते हुए सुरेश कि गाल पे एक हल्का सा प्यार भरा थप्पड़ जड़ दिया.
अमन अब तक समझ चुका था कि यहाँ किस चीज़ के बारे में बात हो रही है. उसने अपनी बहन सोनाली कि ओर दिखाते हुए सुरेश से हँसते हुए कहा.
" इसका 25 से 28 तारीख़ के बीच आता है... ".
नंदिनी को बहुत मज़ा आया कि अब सोनाली फंस गई है. उसने मुस्कुराते हुए अमन के कान मरोड़ते हुए पूछा.
" आपको कैसे पता अमन भैया ??? ".
" दिन में 100 बार पीछे मुड़ मुड़ कर अपना गांड़ चेक करती रहती है ! ". अमन ने कहा, फिर अपनी हँसी रोक नहीं पाया तो उसके साथ नंदिनी भी हँसने लगी.
" भैया छी... आप लोग ना !!! ". बेचारी सोनाली के गाल तो शर्म के मारे नंदिनी के गालों से भी ज़्यादा लाल हो गयें !
अमन वापस नंदिनी कि ओर मुड़ा और उसकी स्लीपिंग पजामे के ऊपर से उसकी जांघ सहलाते हुए उसकी दोनों जांघों के बीच दबी उसकी चूत कि ओर देखते हुए कहा.
" वैसे Seriously... तूम ठीक तो हो ना ??? ".
जवाब में नंदिनी ने मुस्कुरा कर अपना चेहरा चुमने के लिये आगे कर दिया.
इधर सुरेश कि नज़र अब सोनाली के चुचियों पर थी, ज़ाहिर था कि उसने अपनी नाईटी के अंदर ब्रा नहीं पहनी थी. सोनाली उसकी मंसा भाप गई. उसने सुरेश कि आँखों में मुस्कुराते हुए देखा और अपने नाईटी के गले के बटन खोलने लगी. ऊपर के तीन बटन खोल कर सोनाली ने नाईटी अपने गोरे कंधे से उतार दी और अपनी दाई चूची बाहर निकाल ली. हल्के लाल रंग के छोटे से निप्पल को अपने चेहरे के इतने करीब देख कर सुरेश ने लपक कर उसे मुँह में ले लिया !
मुँह में कुछ लेकर चप चप चूसने कि आवाज़ से उधर अमन समझ गया कि उसकी बहन सुरेश को अपना दूध पिला रही है, पर उसने जान बूझ कर उस तरफ नहीं देखा, सगे भाई बहन में इतना लिहाज तो रखना ही चाहिये. नंदिनी भी अब धीरे धीरे गरम हो रही थी, अमन के साथ चुंबन में लिप्त उसने उसका पैंट टटोलना शुरू किया. पैंट के ऊपर से नंदिनी कि उंगलीयों का स्पर्श पाकर अमन समझ गया कि उसे क्या चाहिये, उसने अपना पैंट खोले बिना अपना लण्ड बाहर निकाल दिया. नंदिनी ने बहुत ही नज़ाकत से डरते डरते उसका लण्ड अपने हाथ में लिया, दरअसल उसे सुबह कि बात याद थी कि किस तरह Swimming Pool में उसका लण्ड हाथ में पकड़ते ही बेचारे का शीघ्रपतन हो गया था !
नंदिनी ने अमन के लौड़े का दर्शन करने के लिये अपने होंठ उसके होठों से हटा लिये, सुबह Pool के पानी के अंदर वो उसका लण्ड नहीं देख पाई थी, अब नीचे देखा तो देखती ही रह गई. 7 इंच लम्बा मगर बेहद मोटा, करीब 3 इंच का, थोड़े काले रंग का उसका लण्ड उसकी उम्र के हिसाब से काफी बड़ा था, एकदम बड़े मर्दों के लौड़े जैसा ! नंदिनी ने एक बार सुरेश और सोनाली कि तरफ देखा कि कहीं वो लोग देख तो नहीं रहें, पर दोनों खुद में ही लगे पड़े थें. तब नंदिनी अपने घुटनों पर बैठती हुई अपने चूतड़ पीछे उठा कर नीचे अमन कि गोद में झुकी. उसके लण्ड का सुपाड़ा लण्ड के मुँह के ऊपरी चमड़े से पूरी तरह ढंका हुआ था. नंदिनी ने अपने हाथ में लण्ड पकड़े उसका सुपाड़ा खोलना चाहा तो देखा की चमड़ा बहुत टाईट है.
" मत करो... वो नहीं खुलता है ! ". अमन ने दर्द से भरी धीमी आवाज़ में कहा. नंदिनी ने उसका लण्ड उसी तरह अपने मुँह में ले लिया !
इधर सोनाली की दोनों चुचियों से रस पीने के बाद सुरेश ने उसकी नाईटी के ऊपर से उसकी नाभी को कुरेदते हुए कहा.
" अब दिखाओ... कैसा है तुम्हारा ! ".
" दिखाती हूं... ". सोनाली ने तिरछे होठों से मुस्कुराते हुए कहा. उसने पीछे तकिये पर टेक लगाते हुए अपनी गांड़ बिस्तर पर से थोड़ी सी ऊपर उठा कर अपनी नाईटी जांघ से होते हुए सीधे अपने पेट तक उठा ली. उसकी नंगी चूत अब सुरेश के आँखों के सामने थी, बेशरम लड़की ने अंदर पैंटी ही नहीं पहनी थी !!!
सुरेश ने सोनाली की ओर कृतज्ञ नज़रों से देखा और फिर नीचे झुका तो सोनाली ने अपनी टांगे खोल दी. पावरोटी के जैसी फुली हुई तिकोने चूत के बीचों बीच बस एक पतली सी लकीर थी जहाँ चूत के दोनों होंठ आपस में सटे हुए थें. एकदम बाल रहित चिकनी चूत थी उसकी, पूरी तरह से गोरी, बस वो जगह थोड़ी सी सांवली सी थी जहाँ चूत के दोनों Lips का मिलन हो रहा था. मनभावन बूर देवी के यूं सामने अचानक प्रकट हो जाने से सुरेश समझ नहीं पा रहा था की क्या करे और क्या क्या करे. सो सबसे पहले उसने अपनी फूफेरी बहन की चूत की गंध का जायज़ा लेने का फैसला लिया. उसने अपनी नाक सोनाली की चूत के फांक के उपर हल्के से रखी और एक गहरी साँस ली !
" रुको... ऐसे नहीं ! ". सोनाली ने कहा, और अपने हाथ की दो उंगलीयों से अपनी चूत के होंठ खोल दिये. " अब सूंघों... ".
सोनाली की दोनों उंगलीयों के बीच खुली चूत का अब दाना ( Clitoris ) और अंदर की गुलाबी छेद साफ दिख रही थी. सुरेश ने अपना मुँह और नाक उसकी चूत की अधखुली फांक में घुसा दिया. उसके नथूनों में चूत की वो महक घुसी जिसे वो अब अपनी सारी ज़िन्दगी नहीं भूलने वाला था !!!
उधर नंदिनी अमन के लण्ड का आधे से भी कम हिस्सा मुँह में लेकर चूस रही थी, इतना बड़ा लौड़ा पूरा मुँह में पेलवाना संभव नहीं था उसके लिये. अमन काफी देर से अपना वीर्य जबरदस्ती रोके हुए था, उसने अपनी ममेरी बहन को लण्ड चूसने से रोकना उचित नहीं समझा, ये सोच कर की वो ना जाने क्या सोच बैठेगी. नंदिनी इस बात से बेखबर की उसके अंडकोष में माल भर आया था, उसे ब्लोजॉब देती रही. अचानक अमन ने नंदिनी की कुर्ती में नीचे झूल रही चूची पकड़ कर ज़ोर से दबाई और नंदिनी का मुँह अपने गाढ़े वीर्य से भर दिया. उसका लण्ड इतना उत्तेजित हो गया था की 10 सेकंड में ही उसका सारा पानी निकल गया. नंदिनी ने बड़ी सावधानी से उसका लण्ड अपनी मुँह से बाहर निकाला और फिर अपने होंठ कस कर बंद कर लिये ताकि माल मुँह से बाहर ना छलक पड़े. उसने रोनी सूरत बना कर ऊपर अमन को देखा, ज़ाहिर था की उस बेचारी को ये Surprise बिल्कुल भी पसंद नहीं आया था. उसका पूरा मुँह वीर्य से लबालब भर गया था और उसके गाल गुब्बारे की तरह फूल गयें थें, बड़ी Cute सी लग रही थी वो !!!
नंदिनी ने पहले तो बहुत कोशिश की वीर्य को निगल लेने की, पर जब उसके नमकीन स्वाद से उसे उबकाई सी आने लगी, तो बेचारी इधर उधर खोजने लगी की कहाँ थूके. जब कुछ नहीं मिला और कुछ समझ में नहीं आया तो वो अपना मुँह अपने हाथ से दबा कर Dressing Table की ओर दौड़ी, वहाँ Drawer से Whisper Ultra Soft का वो पैकेट निकाला जो सोनाली ने उसे आज सुबह दिया था, पैकेट फाड़ कर एक फ्रेश पैड निकाला और उसी पर मुँह का सारा वीर्य उगल दिया. पैड पर जितना भी वीर्य गिरा वो तो पैड ने झट से सोख लिया पर चूंकि अमन ने बहुत ज़्यादा माल गिराया था, तो ज़्यादातर वीर्य Dressing Table और नीचे ज़मीन पर गिर गया था !
इधर सोनाली नंदिनी की ये सारी हरकते देख रही थी और उसे उसकी इस दयनीय स्थिति पर तरस भी आ रहा था और हँसी भी. पर उसकी हँसी अंदर ही दब कर रह गई क्यूंकि सुरेश अभी जमकर उसकी चूत चाट रहा था और वो अब पूरी तरह से कामोत्तेजित हो चुकी थी. तभी अचानक ना चाहते हुए भी उसकी नज़र वहीं बगल में बिस्तर पर निढ़ाल पड़े अपने भाई अमन पर चली गई. उसकी पैंट से उसका अभी अभी स्खलित हुआ लण्ड बाहर निकल कर फड़क रहा था, पूरा टाईट और खड़ा, जिसमें से वीर्य की एक आखिरी धार चू कर उसके अपने ही पेट पर गिर रही थी. अपने सगे भाई को ऐसी अवस्था में देख कर वैसे तो उसे काफी Embarrassment होती, पर इस वक़्त जब कोई पहले से ही उसकी नंगी जांघों के बीच घुसा उसकी चूत को अपने मुँह से पेले जा रहा था, तो उसे कोई भी शर्म लाज महसूस नहीं हुई ! फिर भी उसने तुरंत ही अपना चेहरा घुमा लिया !!!
सुरेश अपनी साँस रोके पूरे मन से सोनाली की चूत चाट रहा था. सोनाली को अचानक ऐसा लगा जैसे की उसकी नाभी में कई सारी तितलीयां फड़फड़ा रहीं हों. उसे महसूस हुआ की अब उसका पेशाब निकलने वाला है. उसने झट से सुरेश के बाल पकड़ कर उसका चेहरा अपनी जांघों से परे धकेल दिया. काफी देर हो चुकी थी और अब उसके लिये बिस्तर से उठ कर ज़मीन पर पेशाब करने के लिये उतर पाना मुश्किल था, सो जब कुछ समझ ना आया तो उसने तुरंत अपनी हथेली अपने गांड़ के नीचे रख ली ताकि पेशाब उसी पर गिरे और चादर गंदी ना हो. सुरेश को कुछ समझ नहीं आ रहा था की क्या हो रहा है, वो बेचारा बड़ी बड़ी आँखों से सोनाली की चूत को देखने लगा. सोनाली ने अपने दूसरे हाथ से अपनी नाभी और चूत के बीच वाला हिस्सा दबाया और सिर उठा कर अपनी चूत की ओर देखने लगी. सुरेश ने देखा की उसकी चूत के छेद से पानी जैसा पतला रंगविहीन रस बाहर चू कर उसकी गांड़ के नीचे हथेली में भरने लगा. अब सोनाली की समझ में आया की उसका पेशाब नहीं निकला था, बल्कि आज पहली बार उसका पानी गिरा था !!! चूत स्खलन के आनंद से विभोर होकर उसने अपना सिर वापस तकिये पर पटक दिया और आँखे बंद किये हुए झड़ती रही. चूत के पानी से उसकी हथेली पूरी तरह से भर गई तो पानी नीचे चादर पर फ़ैलने लगा. सुरेश मुँह खोले ये सब बस देखता रहा, उसे तो पता ही नहीं था कि लड़कियों का भी माल गिरता है !!!