16-07-2021, 02:26 PM
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दोनों सोफा पर अलग-अलग बैठ जाते हैं| डोर बेल बजता है और सीमा दरवाजा खोलने चली जाती है| सीमा का पति अजय वर्मा थका हारा अंदर आता है|
सीमा- पानी लाऊं आपके लिए|
अजय- हां लेकर आओ|
और सीमा किचन के अंदर पानी लाने चली जाती है| थोड़ी देर बाद वाह ग्लास में पानी लेकर बाहर निकलती है| अजय को पानी देती है|
सीमा- मैं सोच रही थी बहुत दिनों से मैं मायके नहीं गई हूं| तो 1 दिन के लिए मायके से हो आती|
अजय- हां लेकिन मेरे पास टाइम नहीं है तो मेरे जाने के लिए|
सीमा- मुझे पता है मैं रवि के साथ चली जाऊंगी|
आजा- कब जाना है|
सीमा- वह परसों|
अजय- ठीक है चली जाना|
प्रकाश वहीं पर बैठा उन दोनों की बात सुन रहा था |इसके बाद सीमा किचन में खाना बनाने चली जाती है। और अजय भी अपना कमरे में चला जाता है| प्रकाश वही बैठा रहता है|
खाना गैस पर चढ़ाकर के सीमा वहां आती है|
प्रकाश- तो परसों कन्फर्म कर दूं क्या|
सीमा- हां|
प्रकाश- ठीक है उसे मैं बताता हूं|
और प्रकाश अपना फोन निकालता है और दिलीप को फोन लगाता है|
दिलीप- हेलो|
प्रकाश- सर परसों|
दिलीप- ठीक है लेकिन मैं एक बात बता दूं| मुझे वेस्टर्न आउटफिट और वेस्टर्न हाव भाव में चाहिए|
प्रकाश- सर यह कैसे हो सकता है|
दिलीप- तुम्हारे पास 2 दिन का टाइम है| यह तुम्हारा काम है कैसे करना है | शॉर्ट टाइट फिटिंग बॉडीकॉन ड्रेस मैं मेरे पास उसे लेकर आना|
प्रकाश- सर वह आना कहां है|
दिलीप- मेरे घर पर| एड्रेस में तुम्हें परसो शाम में दे दूंगा|
प्रकाश- ठीक है सर|
सीमा- वाह दानव क्या बोल रहा था|
प्रकाश- साला माधर्चोद नौटंकी चोद रहा था| उसका डिमांड है की तुम्हें टाइट फिटिंग बॉडीकॉन ड्रेस में आना है|
सीमा- मुझसे नहीं होगा यह सब|
प्रकाश- थाना में बोल देती मुझसे नहीं होगा| अब ना नुकुर करके कोई फायदा नहीं है। अगर उसका बात नहीं माने तो वह हम तीनों को जेल में डाल देगा।
सीमा- हां वह बात भी सही है।लेकिन जो मैंने कभी लाइफ में नहीं किया मैंने साड़ी और कुर्ती के अलावा अभी कुछ पहनी ही नहीं आज अचानक उसमें कंफर्टेबल कैसे महसूस होगा मुझे।
प्रकाश- रोज थोड़ी पहनना है सिर्फ 1 दिन की तो बात है।
सीमा- देखती हूं।
प्रकाश- मैं हूं ना आप चिंता मत कीजिए
सीमा- मैं खाना लगाती हूं
प्रकाश- ठीक है
और फिर सीमा खाना लगाने चली जाती है। रवि अपने कमरे से बाहर नहीं निकलता उसके लिए सीमा उसके कमरे में खाना लेकर कर जाती है। अगले दिन रवि थोड़ा ठीक महसूस करता है। चोट अंदर होने के कारण किसी को कुछ पता नहीं चलता किसी से मतलब अजय वर्मा को बाकी तो घर में सबको पता था। इसी तरह यह दिन भी कट जाता है॥ अगला दिन वह दिन आ जाता है जब सीमा को दिलीप के पास जाना है|
रवि और प्रकाश दोनों तैयार होकर सीमा का वेट कर रहे थे| काजल को इसके बारे में कुछ पता नहीं ह| शाम का टाइम होने की वजह से अजय वर्मा की वहीं पर था| थोड़ी देर में सीमा एक कुर्ती और लेग्गिंग पहने आती है|
अजय- तुम अपने मायके ही जा रही हो तो कहीं और तो नहीं जा रही
यह सुनकर तीनों का फट जाता है तीनों को कुछ समझ में नहीं आता यह क्या हो रहा है कहीं अजय को कुछ पता तो नहीं चल गया | सीमा का तो मानो मुंह पूरा सुख गया|
काजल- क्यों ऐसा क्यों बोल रहे हो |
अजय- नहीं वह एक्चुअली आज से पहले कभी मैंने तुम्हारी मम्मी को अपने मायके साड़ी के अलावा किसी और कपड़ों में में जाते नहीं देखा। आज अचानक देखकर मैं हैरान रह गया।
तीनों का जान में जान आता है | और सभी हंसने लगते है|
काजल- मॉडर्न जमाना है उसके साथ तो चलना ही पड़ेगा |
अजय--हां यह भी सही बात है |
सीमा- ठीक है हम चलते है |
और फिर वहां से सभी निकल जाते हैं | सीमा कमाई के दूसरे शहर में था जो करीब करीब यहां से 40 किलोमीटर दूर था | लेकिन यह लोग को तो जाना इसी शहर में था दिलीप के घर में दिलीप ने व्हाट्सएप में अपना एड्रेस दे दिया था |
सीमा- उसने बताया हमें कहां जाना है।
प्रकाश- हां उसने मुझे एड्रेस सेंड कर दिया है। उससे पहले तुम्हारा यह लुक चेंज करना पड़ेगा|
सीमा- क्या
प्रकाश- हां हम लोग अभी एक मॉल में चलेंगे वहां जाकर तुम्हारे लिए ड्रेस खरीदेंगे उसके बाद पार्लर में जाकर तुम्हारा मेकअप होगा फिर हम लोग वहां जाएंगे|
रवि यह सब सुन रहा था| मगर वह कुछ नहीं बोलता मन ही मन में उसे बहुत खराब लग रहा था| पहले प्रकाश फिर भोला और अब किसी और मर्द के साथ रवि के लिए यह सब सहन करना इतना आसान नहीं था। मगर फिर भी अंदर ही अंदर वाह एक्साइटिड था| क्योंकि पहले जो सम्मान रवि का अपने मां के प्रति था वाह अब ना के बराबर था| रवि अब अपनी मां को एक रंडी समझता था। और आज वह देखना चाहता था कि उसकी मां उस काले कलुथे दैथ्य जैसे शरीर वाले आदमी के साथ कैसे चुद्ति है|
तीनों एक कैब में बैठे हुए थे| प्रकाश ने क्या वाले को पहले एक मॉल के पास जाने को कहा था| और वह मॉल आ जाता है| तीनों उस मॉल के अंदर घुसते हैं| वहां पर दिलीप ने पहले से ही सीमा के लिए कपड़ा यूज़ करके रखा था। काउंटर पर जाकर प्रकाश व्हाट्सएप में बिल दिखाता है जो उसे दिलीप ने सेंड किया था। काउंटर पर जो सेल्सगर्ल थी वह वह सीमा को देखकर उसके साइज के कपड़े निकाल कर उन्हें देता है। फिर सीमा कपड़े बैग में से निकाल कर देखती है। उसके अंदर एक शॉर्ट टाइट फिटिंग बॉडीकौन ड्रेस था अक्सर हम लोग बॉलीवुड में एक्ट्रेस को पहनते देखते हैं। इसके अलावा एक ब्रा और एक पेंटी था ब्रा और पेंटी था। ब्रा और पेंटी सीमा के साइज के तो थे मगर बहुत ज्यादा पतला था। पेंटी में सिर्फ सीमा की चूत ही कबर हो सकती थी। उसकी गांड तरफ एक पतली इस्त्रिप थी। यही हालत ब्रा का भी था उसमें बूब्स का कुछ हिस्सा ही रख सकता था पूरा बुक्स उसके अंदर नहीं समा सकता था। ब्रा और पेंटी कुछ इस प्रकार का था जैसे पोर्न स्टार लोक पहनती है। कपड़े लेकर तीनों बाहर निकलते हैं फिर उसी मॉल में एक पार्लर था उसमें जाते हैं। पार्लर की तरफ जाते वक्त सीमा
सीमा- यह इतने छोटे-छोटे ड्रेस में कैसे पहनूंगी
प्रकाश- अब क्या करें पहनना तो ही पड़ेगा आपको
सीमा- और यह ब्रा और पेंटी तो बाहर ना और ना पहनना एक ही बात है।
प्रकाश- उसे यही सब पसंद है उसने अपने पसंद के अनुसार यह कपड़े आपके लिए चुना है।
उसी मॉल में ही एक पार्लर में जाते हैं। सब कुछ दिलीप ने पहले इंतजाम करके रखा था। पार्लर में जाते ही सीमा को प्रकाश अंदर भेज देता है। सीमा कपड़े लेकर पार्लर के अंदर चली जाती है।
बाहर प्रकाश और रवि दोनों सीमा का इंतजार कर रहे होते हैं।
रवि- माधर्चोद मैं एक ऐसा लड़का हूं जो अपनी ही मां को किसी गैर मर्द के साथ चुद्वआने* के लिए लेकर जा रहा है|
प्रकाश उसके बाद सुनकर हंसने लगता है |
प्रकाश- साला गांडू जैसी हरकत करेगा तो यही होगा | साले तुझे किसने कहा था सिक्युरिटी वाले पर हाथ उठाने के लिए।आज जो कुछ हो रहा है इसके लिए तू और तेरी वह बहन तुम दोनों जिम्मेदार हो। साले आज तुम दोनों के चलते तेरी मां की गांड फटेगी।और जो भी हो देखना तुम्हारी मां बहुत इंजॉय करेगी।
रवि- मुझे पता है मेरी मां रंडी है।
प्रकाश रवि को चिढ़ाते हुए हंसता है। रवि को अंदर ही अंदर का भी गुस्सा आ रहा था।
थोड़ी देर बाद सीमा पार्लर से निकलती है। सीमा को देखकर प्रकाश और रवि दोनों का मुंह खुला का खुला रह जाता है। सीमा इस ड्रेस में क्या लग रही थी। किसी भी एंगल से हुआ नहीं लग रही थी कि उसके दो बड़े बड़े बच्चे हैं। बल्कि ऐसा लग रहा था जैसे सीमा की उम्र 28-30 साल हो। ऊपर से मेकअप के पास उसका लुक बिल्कुल चेंज हो गया था सीमा 1 घरेलू औरत से एक हॉट सेक्सी औरत जैसे लग रहे थे। जैसे बॉलीवुड में हीरोइन ने दिखती है बिल्कुल वैसी ही सीमा लग रही थी। बॉडीकॉन ड्रेस बूब्स के जस्ट ऊपर से नीचे गांड को कबर करते हुए जांग तथा। नीचे उसकी टांगे पूरे न्यूड थी जो काफी सेक्सी दिख रही थी। यही हालत ऊपर उसके गर्दन और छाती के भी थे वह भी पूरे न्यूड थे। Sleveless बहे बस एक पतली स्ट्रिप जो उसके कंधो पर लटकी हुई थी। बालों को भी एक स्टाइलिश लुक दिया गया था जिसमें सीमा बहुत सेक्सी एंड हॉट लग रही थी।
रवि- साला मुझे तो पता ही नहीं था मेरी मां इतनी हॉट लग सकती है।
प्रकाश- इसीलिए तो तुझे मैं गांडू कहता हूं साले।
रवि- हाँ सही कहा तुमने मैं गांडू हूँ। इसलिए तो तू मरे घर मे घुस कर मेरी माँ को मेरे ही सामने चोदता है।
प्रकाश सुन कर हँसने लगता है।
सीमा दोनो के पास पहुचती है।
सीमा- मुझे ये ड्रेस अजीब लग रहा ऐसा लग रहा है जैसे मैं नंगी घूम रही हूं।
और फिर सीमा अपनी ड्रेस को नीचे तरफ थोड़ा खीचने की कोसिस करती है। उसकी पूरी की पूरी जांघ बिल्कुल नुदे बहुत सेक्सी लग रही थी।
प्रकाश- चलो कार में बैठते हैं।
और फिर तीनो कार में बैठ जाते हैं। कार में बैठने के कुछ ही देर में जो पता दिलीप ने भेजा था उसपर पहुच जाता है। कार वाले को पैसे देकर रवाना कर दिया जाता है। ये एक बहुमंजिला अप्पर्टमेंट था। तीनो लिफ्ट से ऊपर चले जाते हैं। सीमा बहुत उनकॉम्फोरताबल इस ड्रेस में महसूस कर रही थी। सीमा काफी नर्वस भी थी। उसके हाथ पाओ थोड़ा ठंडे थे। ऊपर से हर जगह लोग भी सीमा को ही देख रहे थे। कुछ देर में तीनों ऊपर पहुच जाते हैं। उसके बाद डोर नॉक करते ही दरवाजा खुलता है। अंदर से दिलीप सीमा को देख कर बहुत खुश होता है।
दिलीप- आओ तुमलोग अंदर आ जाओ।
और फिर तीनो अंदर चले जाते हैं। अंदर जाने के बाद
दिलीप- तुमलोग सब यहीं बैठो।
और फिर सबलोग वहीं बैठ जाते हैं। सीमा बार बार अपने कपड़ो को नीचे की और खीच रही थी। दिलीप सीमा की और हाथ दिखाते हुए पूछता है।
दिलीप- तुम्हारा नाम क्या है।
सीमा- जी सीमा।
दिलीप- तुमलोग यहां बैठो मैं आता हूँ।
और सबलोग वहां बाहर वाले कमरे में सोफे पर बैठ जाते हैं। दिलीप अंदर जाता है और अंदर से कुछ खाने के लिए लेकर आता है। अभी रात के 9 बज रहे थे। डिनर का भी टाइम हो गया था। सब पैक्ड थे। शायद बाहर से मंगाया गया था। जो भी हो दिलीप टेबल पर रखते हुए।
दिलीप- सीमा तुम अंदर जाओ।
सीमा कांप रही थी। उसके मन मे तरह तरह के विचार उमड़ रहा था।