16-07-2021, 02:07 PM
मामा जी के घर में ठहरने का आज तीसरा दिन था. अब तक सभी अच्छे से सेटल हो चुके थें.
दिन के 11 बजे थें. अपने कमरे में सोनाली अपने बैग से अपने कपड़े खाली कर करके पलंग पर रख रही थी.
" तूम ये इस्तेमाल करती हो ? ". पलंग पर बैठी नंदिनी ने सोनाली के कपड़ों के बीच गिरे Whisper Ultra Soft के पैकेट को देख कर पूछा.
" ये भी और कभी कभार Stayfree Secure. एक बार Sofy भी Use करी थी पर वो Comfortable नहीं है. ". सोनाली ने नंदिनी की ओर देखे बिना ही अपने कपड़े सरियाते हुए जवाब दिया, फिर पूछा. " और तू क्या Use करती है ? ".
" मैं ये सब Use नहीं करती. ". नंदिनी ने थोड़ा हिचकते हुए कहा.
" हाँ तो वही... मतलब कौन सा Use करती है तू ? ". सोनाली बोली, फिर हँस कर चिढ़ाते हुए कहा. " ओह... Sorry... मैं तो भूल ही गई थी की तेरे गाँव में ये सब कहाँ मिलता होगा. ".
" ओ हेलो... ऐसा नहीं है... हाँ ! सब मिलता है हमारे यहाँ... ". नंदिनी ने गुस्से से मुँह बनाते हुए कहा.
" तेरा कौन सा Brand है फिर ? ".
" मैं तो अभी भी कपड़ा ही इस्तेमाल करती हूं. ".
" छी ! Disgusting !!! ". सोनाली ने ऐसे मुँह बनाया जैसे की खाते खाते उसके खाने के प्लेट में छिपकली गिर गई हो.
" No यार... मेरा मतलब है साफ़ सुथरा सूती का कपड़ा. ".
" फिर भी ! मगर क्यूं ??? ".
" मम्मी बना कर देती है. मम्मी ये सब Use नहीं करने देती. ". नंदिनी ने ऐसे कहा मानो ये बताना चाह रही हो की इसमें उसकी कोई गलती नहीं है.
" तू ये रख ले... " . सोनाली ने Whisper का वो पैकेट नंदिनी की ओर फेंक दिया. " और मैं बात करती हूं मामी जी से... ".
" और तूम ??? ".
जवाब में सोनाली ने अपने बैग से एक और पैकेट निकाल कर नंदिनी को दिखाया और हँसने लगी.
" बाप रे... इतना सारा ??? ". नंदिनी ने आँखे बड़ी बड़ी करते हुए कहा. " सारे ज़रूरत पड़ेंगे तुम्हें क्या ? ".
" You Never Know... ". सोनाली ने कहा. " एक महीने की छुट्टी पर आई हूं यार ! ".
" अच्छा... ये देखा क्या ? ". नंदिनी Topic बदलते हुए बोली और पलंग से उठ कर कमरे की पीछे वाली खिड़की का पर्दा हटा दिया.
सामने उनके कमरे के पिछवाड़े तरफ एक बड़ा सा Swimming Pool था.
" Wow !!! कब बनवाया ये ??? पीछली बार आई थी तब तो नहीं था ये. ". सोनाली खुशी से चहकते हुए बोली और खिड़की के पास आकर Pool का नज़ारा देखने लगी.
" कुछ महीनों पहले ही पापा ने बनवाया, खासकर इन गर्मीयों के दिनों के लिये. ".
" Cool यार ! तूने फोन पे बताया क्यूं नहीं... मैं अपना Swimming Costume ले आती. ". सोनाली की खुशी नाराजगी में बदल गई.
" मतलब Bikini ? ". नंदिनी ने आश्चर्य से पूछा.
" Bikini नहीं... मेरी वाली Swimming Costume में पेट वाला हिस्सा ढंका रहता है. ". सोनाली ने समझाया, फिर बोली. " वो सब छोड़... अब कैसे करें Swimming ? मेरा मन कर रहा है यार ! ".
" हाँ तो चलो ना... मना किसने किया है. ".
" मगर बिना Swimming Dress के ? ".
" हाँ... हम लोग तो कपड़े पहन कर ही करते हैं. ".
" कोई आ गया तो ? ".
" इधर ज़ल्दी कोई नहीं आता... Don't Worry. और फिर मैं हूं ना. चलो. ".
" पक्का तो ??? ".
" अरे हाँ बाबा... ".
" तो रुक... Bikini में चलती हूं. ".
" Bikini ? मतलब ? ". नंदिनी ने पूछा. और इससे पहले की वो कुछ समझ पाती, सोनाली ने झट से अपनी सलवार कुर्ती खोल कर बिस्तर पर फेंक दी.
" ये रही मेरी काम चलाउं Bikini... ". सफ़ेद रंग की ब्रा और पैंटी में सामने खड़ी सोनाली ने खुशी से अपने दोनों हाथ फैला कर कहा.
" सोनाली नहीं... पागल हो गई हो तूम क्या ? ". नंदिनी ने घबरा कर तुरंत खिड़की का पर्दा नीचे गिरा दिया.
" तूने ही तो कहा ना की कोई नहीं आता. ". सोनाली ने कहा, फिर शक की नज़रों से देखते हुए बोली. " पक्का कोई नहीं आयेगा ना ??? ".
" हाँ कोई नहीं आयेगा... मगर फिर भी इस तरह से... ".
" गर्मी है यार... थोड़ी तो मस्ती करने दे... ". सोनाली ने नंदिनी की बात बीच में ही काटते हुए उसकी सलवार खींचते हुए कहा. " चल तू भी खोल... ".
" धत्त ! मैं तो ऐसे ही जाऊंगी. ". नंदिनी ने शर्माते हुए कहा.
" तेरी मर्ज़ी... अब चल. ". सोनाली ने एक Towel लेकर अपने बदन पर सीने पर से इस तरह से लपेट लिया की उसकी Towel से उसकी ब्रा और पैंटी ढंक गई, और अब बस उसकी नंगी गोरी जांघे ही दिख रहीं थीं. नंदिनी ने भी एक Towel लिया और सलवार पहने हुए ही उसके साथ कमरे के पीछले दरवाजे से बाहर Swimming Pool की ओर चल दी.
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