16-07-2021, 02:06 PM
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मीठी भूल
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" छी... ऐसे भी भला कोई शादी होती है ? अपने परिवार में ??? " . शादी की Reception Party चल रही थी. मेहमानों की भीड़ में खड़ी एक मोटी सी आंटी टाईप औरत ने दूसरी औरत से कहा.
सामने दो जोड़े दूल्हा दुल्हन सिंहासन जैसे आलीशान कुर्सीयों पर बैठे मेहमानों से गिफ्ट वगैरह ले रहें थें और बात कर रहें थें.
" सच कहती हो... हमने भी कई उल्टी सीधी शादियां देखी हैं. पर ये क्या... लड़का अपने ही मामा की लड़की से शादी कर रहा है और उसी मामा का लड़का इनके घर की लड़की यानि अपनी फुआ की लड़की से ब्याह रचा रहा है !!! ". दूसरी औरत ने गंदा सा मुँह बनाते हुए कहा.
" इसलिये तो देख नहीं रही कितने कम लोग आये हैं इस शादी में. " . उन दोनों औरतों की तीसरी सहेली औरत ने कहा, फिर बहुत ही धीरे से बोली. " और किसी से कहना मत... मैंने तो यहाँ तक उड़ते उड़ते सुना है की इन लड़के लड़कियों में नाजायज सम्बन्ध था और ये दोनों कमीनी लडकियां अपने इन ममेरे और फूफेरे भाईयों से Pregnant भी हो गई थीं. ".
" हो ही सकता है, तभी शायद इनके परिवार वाले ऐसी गंदी शादियां करवाने को मज़बूर हो गयें होंगे . ". पहली औरत ने कहा.
उधर दूल्हा दुल्हन के दोनों जोड़े काफी ख़ुश नज़र आ रहें थें और उन्हें देखकर इन आंटी टाईप औरतों की बकवास पर यकीन करना मुश्किल था.
पर कह नहीं सकतें, आजकल कुछ भी संभव है !!!
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ज़्यादा दिन नहीं हुए थें, अभी से बस तीन महीने पहले की बात होगी.
शहर में रह रहे गुप्ता परिवार ने इस बार की गर्मी की छुट्टीयां गाँव में बिताने की सोची. अमन और उसकी बहन सोनाली काफी ख़ुश थें, उनका कॉलेज भी बंद था अभी. पूरे दो साल के बाद गाँव में वो अपने मामा जी के घर जा रहें थें. मामा जी के लड़के लड़की, सुरेश और उसकी बहन नंदिनी, से उनकी काफी बनती थी, सभी लगभग एक ही उम्र के जो थें. एक ही उम्र मतलब थोड़ा बहुत फर्क था, जैसे इधर अमन और सोनाली, 23 और 21 साल के थें तो उधर सुरेश और नंदिनी, 22 और 20 साल के. ये सभी भाई बहन आपस में काफी Frank थें, और सच बात तो ये थी की जहाँ अमन अपनी ममेरी बहन नंदिनी को बहुत पसंद करता था वहीं सुरेश अपनी फूफेरी बहन सोनाली से प्यार करता था. ये लड़कियां भी अपने Cousin भाईयों को चाहती थीं पर खुल कर बोलती नहीं थीं. उनमें अक्सर फोन पे और व्हाट्सप्प पर बात होती ही रहती थी. पर अब दो साल के बाद सभी आमने सामने मिलने वाले थें.
मामा जी का घर बस बोलने भर का था की गाँव में है , बड़ा ही आलीशान मकान था उनका. दूर दूर तक फ़ैले खेत में मामा जी ने कई सारे मजदूर लगा रखे थें खेती के लिये. ऐसी कोई भी सब्जी अनाज वगैरह नहीं थी जो उन खेतों में ना उगती हो. ट्रक पे ट्रक माल लोड होकर रोज़ शहर भेजे जाते थें. कुल मिलाकर अच्छे खासे धनी लोग थें वो. हालाँकि मामा जी तो ज़्यादा पढ़े लिखे नहीं थें पर अपने लड़के लड़की को उन्होंने पढाने लिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी. सुरेश और नंदिनी दोनों ही गाँव के ही एक नामी कॉलेज में पढ़ते थें.
अमन और सोनाली अपनी माँ के साथ मामा जी के घर आएं थें, पूरे 18 घंटे की रेल यात्रा करके. उनके पापा को अपने जॉब की वजह से शहर में ही रुक जाना पड़ा था.
मामा जी के घर में उनके अपने परिवार के अलावा भी कुछ नज़दीकी रिश्तेदार रहते थें. मामा जी का घर इतना बड़ा था की अधिकतर कमरे खाली ही पड़े रहते थें. अमन और सोनाली को उनके अपने मन चाहे कमरे में रहने की छूट मिली थी, पर अमन ने सुरेश के साथ उसके रूम में और सोनाली ने नंदिनी के साथ उसके रूम में रहने को तय किया. सुरेश का कमरा Ground Floor पे था और उसकी बहन नंदिनी का कमरा 1st Floor पे ठीक उसके कमरे के ऊपर.
पहले ही दिन से अमन नंदिनी, और, सुरेश सोनाली में नैन मटक्का शुरु हो गया था. घर वालों की नज़र बचा कर एक दूसरे को आँखों आँखों में ईशारे करने और हँसने मुस्कुराने का मीठा सिलसिला चल पड़ा था...
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