14-07-2021, 04:48 PM
------------------------------------------
" एक फ़ोन तो कर देते... और Bike ? " . घर में घुसते ही उनकी माँ ने पूछा.
" ख़राब हो गई मम्मी... बस से आना पड़ा. ". रोहित बोला.
" और भैया के कपड़े भी भीग गयें मम्मी ! ". निधी ने रोहित के पैंट कि ओर शरारती नज़रों से देखते हुए मुस्कुरा कर कहा तो बेचारा रोहित एकदम से झेप गया.
" अरे उन्हें बोलो ज़ल्दी से नहा ले वर्ना सर्दी लग जायेगी. ". पीछे से उनके पापा ने चिल्ला कर कहा.
" गर्मी के बारिश में भीगने से सर्दी नहीं लगती पापा. ". रोहित ने भी उतने ही ज़ोर से चिल्ला कर कहा ...
........................
दोनों भाई बहन Drawing Room से होते हुए जब अपने कमरे कि ओर जा रहें थें तब रोहित ने सबसे नज़र बचा कर अपनी बहन कि भीगी मटकती हिलती गांड़ पे एक ज़ोर का थप्पड़ मारा और बोला. " बहुत बदमाश हो गई हो... क्या बोल रही थी ?... भैया के कपड़े भीग गयें हैं... ".
" मैं बदमाश हो गई हूं ??? ". निधी ने अपने भैया को झूठे गुस्से वाली नज़रों से देखते हुए पूछा.
कमरे में पहुंच कर रोहित ने कहा. " पहले तूम नहा लो निधी. ".
" Thanks भैया ! ". निधी ने मुँह बना कर कहा और अपना Towel लेकर बाथरूम में घुस गई.
उसने अंदर से बाथरूम का दरवाज़ा बंद कर लिया पर सिटकिनी नहीं लगाई. चूंकि रूम का ये Shared बाथरूम था तो दोनों में से कोई भी जब बाथरूम Use कर रहा होता तो बस ऐसे ही बिना सिटकिनी लगाए दरवाज़ा भिड़ा देता था, जिससे ज़ाहिर था कि कोई अंदर है.
बाथरूम में आकर निधी ने अपनी सलवार कमीज़, ब्रा और पैंटी खोल कर बाल्टी में धोने के लिये डूबा दिया. उसे बहुत जोरों कि पेशाब लगी थी, बस में इतने लम्बे सफर के दौरान उसने कब से रोक के रखी थी !
बाथरूम में Indian और Western दोनों Type के टॉयलेट थें और निधी हमेशा Indian टॉयलेट ही Use करना पसंद करती थी. नंगी निधी अपनी दोनों टांगें खोल कर बैठी तो बैठते के साथ ही उसकी बूर से इतनी देर तक रुकी पेशाब कि धार छरछरा कर फूट पड़ी. पेशाब करते हुए निधी अभी सोच ही रही थी कि आज बस में उसके और भैया के बीच में क्या क्या हुआ कि तभी बाथरूम का दरवाज़ा धड़ाक से खुला और रोहित अंदर घुस आया !!!
" भैया ??? !!! " निधी ने इस बात कि तो कल्पना ही नहीं कि थी कि भैया ऐसे बाथरूम में धड़ल्ले से घुस आएंगे. वैसे आज उसके साथ भैया ने जो कुछ भी किया था उससे अब कोई भी चीज़ होनी असंभव तो नहीं लग रही थी.
बेचारी निधी ने झट से अपने दाये हाथ से अपनी खुली नंगी चूत को ढंक लिया पर उसका पेशाब गिरता रहा. रोहित उसके सामने बिना कपड़ों के बिल्कुल नंगा खड़ा मुस्कुरा रहा था. निधी ने देखा कि उसके भैया का लण्ड खड़ा था और भैया ने लण्ड का सुपाड़ा खोल लिया था... यानि भैया फिर से शैतानी के मूड में थें... उनकी बदमाशीयां अभी बाकि थीं !!!
जल्दबाज़ी में निधी अपनी चुचियाँ छुपाना तो भूल ही गई थी और उसके भैया अब खुलेआम बेशरम कि तरह उसके मम्मे निहार रहें थें ! भैया के इस हरकत कि वजह से घबराई बेचारी निधी मन भर के ठीक से मूत भी नहीं पाई. उसने अपना बाया हाथ भी अपनी चूत पर रख लिया और बड़ी ही सावधानी से इस तरह से खड़ी हुई कि भैया को उसकी अनमोल चूत कि एक हल्की सी भी झलक ना मिलने पाए !
रोहित चलते हुए अपनी बहन के सामने जा खड़ा हुआ.
" मत करो ना भैया... जाओ यहाँ से... Please ! ". निधी ने नज़र उठाये बिना कहा, उसके गाल एकदम टमाटर कि तरह लाल हो गयें थें, शर्म से पानी पानी हो रही थी बेचारी !!!
" मुझे गलत मत समझो निधी. ". रोहित ने अपनी बहन के झुके चेहरे पर से उसके गीले बालों को हटाते हुए कहा. " देखो... अगर तुम्हें लगता है कि मैं तुम्हारा फायदा उठा रहा हूं या फिर तुम्हें Use कर रहा हूं तो बोल दो... मैं चला जाऊंगा ! ".
" मैंने ऐसा तो नहीं कहा भैया... ". निधी धीरे से बुदबुदाई.
रोहित अपनी बहन के जवाब पे हल्का सा मुस्कुराया और उसे Kiss करने के लिये अपना चेहरा सामने बढ़ा दिया. मगर निधी ने अपना मुँह पीछे हटा लिया. फिर एक पल रुक कर उसने अपनी नज़रें उठाई और अपने भैया कि आँखों में देखा. उसके भैया कि आँखों में एक अजीब सा आत्मविश्वास था जो मानो कह रहा हो कि वो कुछ भी गलत नहीं कर रहा था. निधी का भ्रम जाता रहा... उसने अपने होंठ आगे बढ़ा कर अपने भैया के होठों से सटा दिये. दोनों एक दूसरे के होंठ चूसते काटते एक दूसरे को किसी बिछड़े हुए प्रेमी प्रेमिका कि तरह चुमने चाटने लगें !!!
निधी ने अपने दोनों हाथों से अभी भी अपनी चूत को ढंक रखा था. इस चुम्मा चाटी के दौरान रोहित का खड़ा लौड़ा अपनी बहन के हाथों पर ठोकर मारता रहा, मानो चूत देवी के दर्शन कराने कि ज़िद कर रहा हो !!!
" एक फ़ोन तो कर देते... और Bike ? " . घर में घुसते ही उनकी माँ ने पूछा.
" ख़राब हो गई मम्मी... बस से आना पड़ा. ". रोहित बोला.
" और भैया के कपड़े भी भीग गयें मम्मी ! ". निधी ने रोहित के पैंट कि ओर शरारती नज़रों से देखते हुए मुस्कुरा कर कहा तो बेचारा रोहित एकदम से झेप गया.
" अरे उन्हें बोलो ज़ल्दी से नहा ले वर्ना सर्दी लग जायेगी. ". पीछे से उनके पापा ने चिल्ला कर कहा.
" गर्मी के बारिश में भीगने से सर्दी नहीं लगती पापा. ". रोहित ने भी उतने ही ज़ोर से चिल्ला कर कहा ...
........................
दोनों भाई बहन Drawing Room से होते हुए जब अपने कमरे कि ओर जा रहें थें तब रोहित ने सबसे नज़र बचा कर अपनी बहन कि भीगी मटकती हिलती गांड़ पे एक ज़ोर का थप्पड़ मारा और बोला. " बहुत बदमाश हो गई हो... क्या बोल रही थी ?... भैया के कपड़े भीग गयें हैं... ".
" मैं बदमाश हो गई हूं ??? ". निधी ने अपने भैया को झूठे गुस्से वाली नज़रों से देखते हुए पूछा.
कमरे में पहुंच कर रोहित ने कहा. " पहले तूम नहा लो निधी. ".
" Thanks भैया ! ". निधी ने मुँह बना कर कहा और अपना Towel लेकर बाथरूम में घुस गई.
उसने अंदर से बाथरूम का दरवाज़ा बंद कर लिया पर सिटकिनी नहीं लगाई. चूंकि रूम का ये Shared बाथरूम था तो दोनों में से कोई भी जब बाथरूम Use कर रहा होता तो बस ऐसे ही बिना सिटकिनी लगाए दरवाज़ा भिड़ा देता था, जिससे ज़ाहिर था कि कोई अंदर है.
बाथरूम में आकर निधी ने अपनी सलवार कमीज़, ब्रा और पैंटी खोल कर बाल्टी में धोने के लिये डूबा दिया. उसे बहुत जोरों कि पेशाब लगी थी, बस में इतने लम्बे सफर के दौरान उसने कब से रोक के रखी थी !
बाथरूम में Indian और Western दोनों Type के टॉयलेट थें और निधी हमेशा Indian टॉयलेट ही Use करना पसंद करती थी. नंगी निधी अपनी दोनों टांगें खोल कर बैठी तो बैठते के साथ ही उसकी बूर से इतनी देर तक रुकी पेशाब कि धार छरछरा कर फूट पड़ी. पेशाब करते हुए निधी अभी सोच ही रही थी कि आज बस में उसके और भैया के बीच में क्या क्या हुआ कि तभी बाथरूम का दरवाज़ा धड़ाक से खुला और रोहित अंदर घुस आया !!!
" भैया ??? !!! " निधी ने इस बात कि तो कल्पना ही नहीं कि थी कि भैया ऐसे बाथरूम में धड़ल्ले से घुस आएंगे. वैसे आज उसके साथ भैया ने जो कुछ भी किया था उससे अब कोई भी चीज़ होनी असंभव तो नहीं लग रही थी.
बेचारी निधी ने झट से अपने दाये हाथ से अपनी खुली नंगी चूत को ढंक लिया पर उसका पेशाब गिरता रहा. रोहित उसके सामने बिना कपड़ों के बिल्कुल नंगा खड़ा मुस्कुरा रहा था. निधी ने देखा कि उसके भैया का लण्ड खड़ा था और भैया ने लण्ड का सुपाड़ा खोल लिया था... यानि भैया फिर से शैतानी के मूड में थें... उनकी बदमाशीयां अभी बाकि थीं !!!
जल्दबाज़ी में निधी अपनी चुचियाँ छुपाना तो भूल ही गई थी और उसके भैया अब खुलेआम बेशरम कि तरह उसके मम्मे निहार रहें थें ! भैया के इस हरकत कि वजह से घबराई बेचारी निधी मन भर के ठीक से मूत भी नहीं पाई. उसने अपना बाया हाथ भी अपनी चूत पर रख लिया और बड़ी ही सावधानी से इस तरह से खड़ी हुई कि भैया को उसकी अनमोल चूत कि एक हल्की सी भी झलक ना मिलने पाए !
रोहित चलते हुए अपनी बहन के सामने जा खड़ा हुआ.
" मत करो ना भैया... जाओ यहाँ से... Please ! ". निधी ने नज़र उठाये बिना कहा, उसके गाल एकदम टमाटर कि तरह लाल हो गयें थें, शर्म से पानी पानी हो रही थी बेचारी !!!
" मुझे गलत मत समझो निधी. ". रोहित ने अपनी बहन के झुके चेहरे पर से उसके गीले बालों को हटाते हुए कहा. " देखो... अगर तुम्हें लगता है कि मैं तुम्हारा फायदा उठा रहा हूं या फिर तुम्हें Use कर रहा हूं तो बोल दो... मैं चला जाऊंगा ! ".
" मैंने ऐसा तो नहीं कहा भैया... ". निधी धीरे से बुदबुदाई.
रोहित अपनी बहन के जवाब पे हल्का सा मुस्कुराया और उसे Kiss करने के लिये अपना चेहरा सामने बढ़ा दिया. मगर निधी ने अपना मुँह पीछे हटा लिया. फिर एक पल रुक कर उसने अपनी नज़रें उठाई और अपने भैया कि आँखों में देखा. उसके भैया कि आँखों में एक अजीब सा आत्मविश्वास था जो मानो कह रहा हो कि वो कुछ भी गलत नहीं कर रहा था. निधी का भ्रम जाता रहा... उसने अपने होंठ आगे बढ़ा कर अपने भैया के होठों से सटा दिये. दोनों एक दूसरे के होंठ चूसते काटते एक दूसरे को किसी बिछड़े हुए प्रेमी प्रेमिका कि तरह चुमने चाटने लगें !!!
निधी ने अपने दोनों हाथों से अभी भी अपनी चूत को ढंक रखा था. इस चुम्मा चाटी के दौरान रोहित का खड़ा लौड़ा अपनी बहन के हाथों पर ठोकर मारता रहा, मानो चूत देवी के दर्शन कराने कि ज़िद कर रहा हो !!!