14-04-2019, 09:44 PM
(This post was last modified: 14-04-2019, 10:08 PM by vijayveg. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
फिर वो राजू की तड़प को भांप कर उसका भी लंड पेंट के बाहर खींच लिया उसके लंड को हाथ में लेकर मुठीयाने लगी | राजू का लंड भी पेंट के अन्दर ही तनकर कठोर हो चूका था | कुछ देर तक राजू का लंड मुठीयाने के बाद अब वो दोनों हाथो से दोनों लंडो को मुठीयाने लगी थी | ये देखकर राजू बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया | नूतन ने धीरे धीरे दोनों लंडो के सुपाडे पर अपनी जीभ फिरनी शुरू कर दी | नूतन की गीली खुदुरी जीभ दोनों के खून से उबलते गरम लंडो पर किसी ठंडी फुहार जैसी लग रही थी | इस अनुभव को महसूस करके दोनों मस्ती के सागर में गोते लगाने लगे | दोनों के मुहँ से आहे कराहे निकलने का सिलसिला बदस्तूर जारी हो गया | नूतन के मुहँ से बस लोलीपोप चूसने जैसी ही आवाजे आ रही थी लेकिन राजू और प्रियम के मुहँ से आह आह आह लगातार निकल रहा था | अब नूतन दोनों लंड बारी बारी से चूस रही थी | रीमा जब आई तो ना केवल दोनों के कपडे उतर चुके थे बल्कि नूतन पूरी गति से दोनों लंडो को अच्छे से संभाल रही थी | नूतन को देखकर लगता था वो इस गेम में की पुरानी खिलाडी रह चुकी है | रीमा भी ये देखकर नूतन का ये स्किल देखकर उससे इम्प्रेस हो गयी, दो लंडो को संभालना किसी नयी लड़की के लिए इतना आसन नहीं होता |
प्रियम और राजू के धड़कने तेज थी, दोनो एक दुसरे की सांसो की आवाजे सुन सकते थे | नूतन का जिस्म भी गरम हो चला था उसकी चूत ने भी अपना पहला रिसाव करना शुरू कर दिया था | प्रियम और राजू नूतन की चुचियो से खलेने लगे और वो उनके लंडो से खेल रही थी | तीनो की आँखों में वासना की सुर्खियाँ तैरने लगी | रीमा को अब समझ आया अच्छा तो इसलिए ये लड़का पार्टी में आने की इतनी जिद इसलिए कर रहा था | रीमा चाहती तो उनको अभी रोक सकती थी लेकिन पिछले बार की टोकाटोकी उसके पक्ष में नहीं गयी थी इसलिए रीमा को लगा यहाँ से उसे चले जाना चाहिए, फिर एक पल को रूककर कुछ सोचने लगी | उसे यहाँ से क्यों जाना चाहिए | उसे तो इस थ्रीसम के मजे लेने चाहिए | रीमा के लिए ये बिलकुल नया था जब दो लंड एक ही लड़की शेयर कर रहे हो और तीनो में से किसी को भी रत्ती भर की शर्म नहीं थी | उसने अपना मोबाईल निकाला और फ़्लैश off कर दिया, फिर अन्दर के नज़ारे को मोबाइल में शूट करने लगी | प्रियम और राजू की पतलूने नीचे खिसक चुकी थी, नूतन घुटनों के बल नीचे बैठ गयी और बारी बारी से दोनों के लंड के सुपाडे पर अपनी गीली गुलाबी जीभ घुमाने लगी | दोनों की सिकरियां निकली शुरू हो गयी थी | नूतन एक हाथ से लंड की खाल को मसल रही थी और दुसरे सर हिला हिला कर बारी बारी से दोनों लंडो के सुपाडे को मुहँ में लेकर चूस रही थी | प्रियम राजू तो जैसे जन्नत की सैर कर रहे हो - यस बेबी लाइक दैट, सक इट बेबी, येस्स्स्सस्स्सस बेबी चुसो, कसकर चुसो |
नूतन भी मुहँ से लंड निकालकर - यस बेबी आई ऍम सकिंग इट, चूस रही हूँ कसकर चूस रही हूँ |
ये सब देखकर रीमा की हालत ख़राब होने लगी, उसकी गुलाबी चिकनी चूत भी रिसने लगी | रीमा को यकीन ही नहीं हुआ, यहाँ इस अँधेरे में दीवार के ऊपर जिस तरह से वो हवा में टंगी रहकर उनका विडिओ बना रही थी उसके बावजूद अगर उसकी चूत गीली हो चली थी इसका मतलब जरुर उसके साथ कुछ गलत है | रीमा खुद के अन्दर ही खुद का व्यवहार देखकर हैरान थी | उसे यहाँ से चले जाना चाहिए | हर जवान लड़के लड़की को जवानी का सुख भोगने का हक़ है , क्या सही है क्या गलत है उनके माँ बाप देखे, संभाले, वो कौन होती है मोरल बॉस बनकर उनको रोकने वाली | बड़ा अंतर्द्वंद उसके अन्दर चलने लगा | उसे भी एन्जॉय करना चाहिए ये सीन देखकर !!!, क्या ये सीन देखना सही है ????, किसी के प्राइवेट पलो को इस तरह से छिपकर देखना कितना सही है | अगले पल खुद से ही खुद को उत्तर भी दे रही थी - काहे का प्राइवेट पल, प्राइवेट दो लोगो के बीच में होता है, तीन के नहीं | ऊपर से प्राइवेट करना है तो घर में कमरे में करे, यहाँ पब्लिक के बीच में हट में नहीं | क्या इस तरह से दुसरे के बेहद निजी मोमेंट को मोबाइल से रिकॉर्ड करना सही है | जब प्रियम ने मेरे नंगा विडिओ रिकॉर्ड किया था तो मुझे कितना बुरा लगा था | लेकिन कल को मेरे पास प्रूफ तो है मै कौन सा इसे अपलोड करने जा रही हूँ | रीमा इसी उधेड़बुन में खोयी थी, तभी उसने देखा खुद नूतन दोनों के तने सख्त लंडो को मुहँ से सटाकर सेल्फी ले रही है | उसकी हैरानी का ठिकाना नहीं था, क्या जमाना आ गया है, अपने ही सेक्स की फोटो खीच रहे है और मै कहाँ सही गलत के चक्कर में पड़ी थी | उसे भी ये सब देखने में मजा आ रहा है फिर क्या सही क्या गलत, मेरी चूत भी तो गीली हो रही है इसका मतलब उसको भी मजा आ रहा है |
नूतन से अलग अलग पोज में कम से कम 20 फोटो खीचे | तीनो आपस में इतने मस्त थे की किसी का ध्यान हट में ऊपर की तरफ हवा पास कने के लिए बने छेद की तरफ नहीं गया | हालाँकि अन्दर रौशनी से भरे हुत से बाहर देखने पर केवल काला असमान दिखता लेकिन अगर उनमे से कोई गौर से देखता तो काले आसमान में दाग भी दिख जाता और वो दाग कोई और नहीं रीमा थी | अब बारी राजू की थी, राजू ने अपना मोबाईल निकाला और नूतन प्रियम के लंड के साथ तरह तरह के पोज देने लगी | कुछ देर बाद प्रियम फोटो खीचने लगा और राजू के लंड के साथ नूतन पोज दे रही थी |
उसके बाद फिर से लंड चुसाई शुरू हो गयी, इस बार तेजी से फुर्ती के साथ नूतन दोनों का लंड बारी बारी से चूस रही थी | लंड को अन्दर तक मुहँ में ले जाने के लिए जोर जोर से अपना सर हिला रही थी | जीतनी तेजी से प्रियम के लंड पर अपना सर हिलाकर उसे अपनी ओंठो की सख्त जकड़न में लेकर चूस रही थी और मुहँ में ले रही थी, प्रियम को रीमा की लंड चुसाई याद आ गयी | यहाँ उतनी रिद्धम और कला नहीं थी, न ही नजाकत थी लेकिन स्पीड कमाल की थी | जीतनी तेज नूतन के मुहँ में प्रियम का लंड जा रहा था उतनी ही तेज राजू का लंड भी नूतन के हाथ में फिसल रहा था | दो लंडो के साथ इतनी स्पीड में खेलने से नूतन हांफने लगी थी और तीनो ने एक और ब्रेक लिया | नूतन की चूत का रस अब बाहर की तरफ बहने लगा था, उसके तेज धडकने उसको साफ़ सुनाई दे रही थी, यही हाल राजू और प्रियम का था, दोनों अपने चरम की बढ़ते बढ़ते काम वासना में कराह रहे थे | नूतन की इस एक्सप्रेस लंड चुसाई से दोनों का रोम रोम खड़ा हो गया, तभी नूतन ने एक और ब्रेक लेने की सोची, अगर नूतन दोनों का लंड मुठियाना और चुसना न बंद करती तो शायद दोनों झड़ने के कगार पर पंहुच जाते और जल्दी ही उनकी पिचकारी छुटने लगती |
तीनो अपनी अपनी सांसे काबू करने में लगे हुए थे, नूतन कैमरा का टाइमर ऑन करके एक जगह रख आई | इस बार कैमरा टाइमर के साथ फोटो खीची जाने लगी | ऐसा लग रहा था हट में तीन कमसिन युवा जवानी की प्यास बूझाने नहीं आये है बल्कि नंगी फोटो शूटिंग करने आये है, ऐसा तो बस पोर्न फिल्मो के स्टेज पर होता है | तीनो को ये सब करने में न कोई शर्म थी न कोई झिझक | जी तरह से नूतन दोनों के लंडो को पकड़ पकड़ कर फोटो खीच रही थी, ऐसा लग रहा था आगे चलकर उसे न्यूड मॉडलिंग ही करनी है | सबसे बड़ी बात है वो इसे पूरा एन्जॉय कर रही थी और पूरी तरह से कॉंफिडेंट भी लग रही थी | कही से भी ऐसा नहीं लग रहा था कि वो इस हट में उन दोनों का कोई अहसान चुकाने आई है, बल्कि बॉडी लैंग्वेज से राजू और प्रियम कम कॉंफिडेंट लग रहे थे | शायद इसलिए क्योंकि राजू ये सब पहली बार एक्सपीरियंस कर रहा था, जाहिर सी बात है उसके मन में हजारो सवाल और जिज्ञासाए होंगी और प्रियम का रीमा के सामने आखिरी एक्सपीरियंस जैसा था उस हिसाब से उसका कम उत्साही होना समझ में आ रहा था | नूतन दोनों में जोश भरने में कोई कसर नहीं छोड़ रही थी, वो दोनों को कुछ वाइल्ड करने के लिए जमकर उकसा रही थी | आजकल के युवा सेक्स में कितना जंगलीपन चाहते है ये देखकर रीमा हैरान थी | सेक्स दो लोगो के बीच का बेहत निजी पल होता है लेकिन यहाँ तो तीन थे और तीनो को इस बात का न कोई संकोच था, न मलाल, तीनो इस बात से भी पूरी तरह बेपरवाह थे कुछ दूरी पर उनके फैमिली वाले है | वो सब इस बात को लेकर कॉंफिडेंट थे की शराब के नशे में उन्हें ढूढ़ने यहाँ कोई नहीं आने वाला | उनकी खैर खबर अब सुबह ही लेने कोई आएगा, अगर आएगा तो |
कैमरा बंद होते ही तीनो फिर से अपने काम में लग गए लेकिन इस बार की चुसाई थोड़ी अलग थी | थोड़ी उग्र थी, थोडा जंगली पन लिए हुई थी नूतन बेहद स्पीड से दोनों के लंड मसलने लगी, मुहँ में लेकर चूसने लगी, कभी कभी दोनों लंडो के फूले गुलाबी सुपाडे मुहँ फैलाकर एक साथ मुहँ में रख लेती | दोनों अब उत्तेजना से कराहने लगे थे | बीच बीच में उनके लंडो के सुपाडे पर अपनी दांत गडा देती , उनके सख्त लंडो की खाल को दन्त से कटाने लगती | ऐसा होते ही दोनों की कराह ज्यादा तेज हो जाती | बीच बीच में नूतन दोनों को उकसाती रहती, ताकि कुछ मर्दाना जोश दिखाए | हालाँकि दोनों पर इसका कम ही असर हुआ | प्रियम अब तक रीमा के सदमे से बाहर नहीं आया था लेकिन वो वासना की उत्तेजना के चरम की तरफ बढ़ रहा था इसलिए उस असर को दिलोदिमाग पर छाई हवस ने कम जरुर कर दिया था, इसलिए अब वो सक्रीय रूप से इसमें भाग ले रहा था | वो भी नूतन की चूची कसकर रगड़ कर मसल देता जिससे नूतन के मुहँ में ही घुटी चीख निकल जाती | कभी कभी दोनों के लंडो को अपने मुहँ में भरकर कसकर उन पर दांत से काटने लगाती | रीमा को ये जंगलीपन बहुत भा रहा था | उसके दिमाग में बस यही ख्याल आ रहा था उसने ऐसा कभी क्यों नहीं किया | दो लंडो को तो वो जन्नत की बड़ी आसानी से सैर करा सकती है और जंगली बिल्ली बनकर अपना सारा जंगलीपन उन पर उतार सकती है |
दो दो लंडो की चुसाई से नूतन का बदन भी आग की भट्ठी की तरह गरम हो गया, उसके शरीर पर भी पसीने के बुँदे झलक आई | नूतन के राजू के लंड को कसकर सख्ती से हाथो में लकड़ लिया और मुहँ के अन्दर बाहर करने लगी, राजू का ये पहला मोमेंट था, इसलिए राजू की हालत ज्यादा खराब थी, प्रियम ने राजू का लंड नूतन के मुहँ से निकालते ही अपना लंड नूतन के मुहँ में ठूंस दिया और उसके सर को पकड़कर उसके मुहँ को चोदने लगा | नूतन के एक पल लगा सँभलने में, फिर वो आराम से मुहँ खोलकर प्रियम के लंड से अपना मुहँ चुदवाने लगी, उसके मुहँ से बस गों गों की आवाजे आने लगी | दोनों की सांसे धौकनी की तरह चल रही थी लेकिन दोनों के जिस्मो में लगी आग उन्हें जलाये दे रही थी | उसे बुझाना बहुत जरुरी था चाहे जो करना पड़े | प्रियम के अपने अंदर उमड़ रहे लावे को बाहर निकालना ही था नहीं तो अन्दर ही अन्दर वो उसे झुलसा देता | नूतन के शरीर में भी आग लगी हुई थी, उसे भी बारिश के मौसम की पहली फुहार की जरुरत थी जो इस तपते बदन को ठंडा कर सके | उसकी चूत में मचा तूफान बस फुहार छुटने के बाद ही शांत होगा | नुतन को प्रियम का ये अंदाज बहुत पसंद आया लेकिन राजू के ये देखकर फट गयी | राजू भी प्रियम को देखकर कसकर नूतन के उरोजो को मसलने लगा | नूतन तो जैसे इस दर्द में भी अपन परम सुख पा रही थी | आजतक उसका मुहँ ऐसे किसी ने नहीं चोदा था, वो तो प्रियम की कायल हो गयी | नूतन बस मुहँ खोले प्रियम के लंड को घोटने में लगी थी | नूतन ने राजू के लंड को कसकर जकड लिया और बेदर्दी से मसलने लगी | जीतनी तेज प्रियम के धक्के उसके मुहँ पर लग रहे थे उतनी तेज वो राजू का लंड मुठिया रही थी |
ये सब देख रीमा की तो हालत ख़राब हो गयी, उसकी चूत बुरी तरह पानी छोड़ रही थी और उसकी पैंटी का एक हिस्सा उसके चूत रस से गीला हो गया था | प्रियम दे दनादन धक्के पर धक्के धक्के जमकर नूतन का मुहँ चोदने रहा था , उसकी आँखों से मेकअप का काजल आंसुओं के साथ बहाने लगा | लार निकालकर गले को तर करने लगी और प्रियम दे धक्के पर धक्के जमकर नूतन का मुहँ चोद डाला | नूतन का शरीर उसके काबू में नहीं था, उखड़ती सांसे, धकधक करता सीना और पुरे शरीर में दौड़ रही मादक तरंग अब उसके शरीर को कांपने लगी थी | नूतन चरम पर पंहुच गयी थी, उसकी पिंडलिया उर जांघे कांपने लगी थी वो झड़ने लगी थी | तभी राजू ने मोबाईल का विडिओ कैमरा नूतन के मुहँ पर फोकस करके ऑन करके रख दिया | असल में नूतन और दोनों के झड़ने का विडिओ रिकॉर्ड करना चाहता था, इससे बेहतर बर्थडे गिफ्ट क्या होगा |
नूतन भी उतनी बेदर्द से राजू के लंड को मुठीया रही थी | प्रियम के लंड मुहँ से निकालते ही नूतन ने एक लम्बी साँस ली और तेज हांफने लगी | उसके शरीर का कंपन कम होने लगा था, नूतन को चरमसुख का अनुभव प्रियम ने करा दिया था, नूतन झड़ चुकी थी |
हांफते हुए ही प्रियम से पुछा - ये कहाँ से सीखा प्रियम |
प्रियम अपने चरम के करीब था - कही से भी सीखा हो तुझे मजा तो आया न |
नूतन - बहुत मजा आया, तुमने तो मुहँ का पुर्जा पुर्जा हिला दिया, जमकर चोद दिया, मुझे ओर्गास्म हो गया |
प्रियम - ओ रियली, तो फिर फिर से लो न मजा बेबी | इतना कहकर फिर से लंड मुहँ में ठेल दिया |अब तीनो उत्तेजना के चरम पर पंहुच गए थे | नूतन जोरो से राजू के लंड को मुठिया रही थी, जबकि प्रियम ने एक बार फिर नूतन का मुहँ चोदना शुरू कर दिया | इधर राजू की पिच्ज्कारी छुटने के कगार पर आ गयी | राजू जोर जोर से कराहे लगा - आअहाआअहाआह्ह आअहाआअहाआह्ह नूतन मै माआआआआआआ ................................................|
प्रियम के लंड से नूतन के चुदते मुहँ पर ही राजू की पिचकारी गिरने लगी, इतने में प्रियम ने नूतन के मुहँ से लंड निकल लिए और बुलेट ट्रेन की स्पीड से मुठीयाने लगे | राजू के सफ़ेद लंड रह से नूतन का पूरा मुहँ सन गया, कुछ लंड रस उसके मुहँ में भर गया | नूतन ने राजू का लंड छोड़ दिया, राजू खुद ही अपने लंड को पकड़कर बचा कुचा सफ़ेद लंड रस की बुँदे निचोड़ने लगा |
इधर प्रियम की भी पिचकारी छुटने लगी | प्रियम - आअहाआअहाआह्ह आअहाआअहाआह्ह नूतन माय जान बेबी, आअहाआअहाआह्ह आअहाआअहाआह्ह !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! और दे दनादन एक के बाद एक, कभी नूतन के ओठो पर कभी उसकी आँखों पर, कही गले, कभी सीधे मुहँ में, प्रियम की गोलियों में भरा गरम सफ़ेद गाढ़ा लावा लंड से निकलकर गिरने लगा | उस गरम लावे की तपिश नूतन को अपने गरम बदन पर भी महसूस हो रही थी | दोनों लंड के मथन से उनके जिस्म से निकला गरम सफ़ेद गाढ़ा लंड रस से नूतन का पूरा मुहँ सरोबार हो गया | वो अपने मुहँ पर फैले गरम लावे को समेटकर अपने मुहँ में भरने लगी | दोनों के लंड हाथ में लेकर उनसे आखिरी बूंद तक निचोड़ने लगी, उसके मुहँ में भरी सफ़ेद गाढ़ी क्रीम उसके उन्ठो की गिरफ्त की पार करके मुहँ से बाहर फिसलने लगी और नूतन बड़ी सैक्स्ट अदाओ से मोबाईल के कमरे की तरफ देख रही थी |
दोनों के लंड नरम होने शुरू हो गए थे | नूतन बार बार मुहँ से फिसल कर नीचे की तरफ जा रही गाढ़ी सफ़ेद लंड क्रीम को मुहँ में भर लेती और फिर दोनों के सुपाडे को बारी बारी चिसने लगती | दोनों अपने नरम होते झड चुके लंड को नूतन के लंड रस से सने मुहँ पर हिला रहे थे | उसके गाल सहला रहे थे और नूतन बारी बारी से उनके सुपाडे को मुहँ में ले रही थी |
अब तीनो बिस्तर पर निढाल हो गए | सबकी आंखे बंद थी, शायद अभी अभी मिले चरम सुख को याद कर रहे थे | रीमा ने मोबाईल ऑफ किया और धीरे से दीवार से उतरी, वो वापस मैं हाल में जाने लगी तभी उधर से उसे कोई आता दिखाई दिया | रीमा एक झुरमुट की आंड में हो गयी | जब वो काफी नजदीक आ गया तो रीमा उसे पहचान गयी, ये तो वही परछाई वाला शख्स है | ये तो जग्गू है | ये इधर क्या करने आ रहा है | कही इसको मेरे बारे में पता तो नहीं चल गया | या ये प्रियम से मिलने आ रहा है | या ये भी नूतन के प्लान का हिस्सा है | अब दोनों के जाने के बाद ये अपनी प्यास बुझाएगा | जग्गू जैसे जैसे हट की तरफ बढ़ रहा था रीमा को उसके बारे में सब कुछ साफ़ दिखने लगा था | वो पेंट के ऊपर से ही अपने लंड को सहलाते हुए आ रहा था | इसक मतलब ये था की वो भी अपनी ठरक उतारने ही उधर आ रहा है | जग्गू ने भी शराब पी रखी थी |
प्रियम और राजू के धड़कने तेज थी, दोनो एक दुसरे की सांसो की आवाजे सुन सकते थे | नूतन का जिस्म भी गरम हो चला था उसकी चूत ने भी अपना पहला रिसाव करना शुरू कर दिया था | प्रियम और राजू नूतन की चुचियो से खलेने लगे और वो उनके लंडो से खेल रही थी | तीनो की आँखों में वासना की सुर्खियाँ तैरने लगी | रीमा को अब समझ आया अच्छा तो इसलिए ये लड़का पार्टी में आने की इतनी जिद इसलिए कर रहा था | रीमा चाहती तो उनको अभी रोक सकती थी लेकिन पिछले बार की टोकाटोकी उसके पक्ष में नहीं गयी थी इसलिए रीमा को लगा यहाँ से उसे चले जाना चाहिए, फिर एक पल को रूककर कुछ सोचने लगी | उसे यहाँ से क्यों जाना चाहिए | उसे तो इस थ्रीसम के मजे लेने चाहिए | रीमा के लिए ये बिलकुल नया था जब दो लंड एक ही लड़की शेयर कर रहे हो और तीनो में से किसी को भी रत्ती भर की शर्म नहीं थी | उसने अपना मोबाईल निकाला और फ़्लैश off कर दिया, फिर अन्दर के नज़ारे को मोबाइल में शूट करने लगी | प्रियम और राजू की पतलूने नीचे खिसक चुकी थी, नूतन घुटनों के बल नीचे बैठ गयी और बारी बारी से दोनों के लंड के सुपाडे पर अपनी गीली गुलाबी जीभ घुमाने लगी | दोनों की सिकरियां निकली शुरू हो गयी थी | नूतन एक हाथ से लंड की खाल को मसल रही थी और दुसरे सर हिला हिला कर बारी बारी से दोनों लंडो के सुपाडे को मुहँ में लेकर चूस रही थी | प्रियम राजू तो जैसे जन्नत की सैर कर रहे हो - यस बेबी लाइक दैट, सक इट बेबी, येस्स्स्सस्स्सस बेबी चुसो, कसकर चुसो |
नूतन भी मुहँ से लंड निकालकर - यस बेबी आई ऍम सकिंग इट, चूस रही हूँ कसकर चूस रही हूँ |
ये सब देखकर रीमा की हालत ख़राब होने लगी, उसकी गुलाबी चिकनी चूत भी रिसने लगी | रीमा को यकीन ही नहीं हुआ, यहाँ इस अँधेरे में दीवार के ऊपर जिस तरह से वो हवा में टंगी रहकर उनका विडिओ बना रही थी उसके बावजूद अगर उसकी चूत गीली हो चली थी इसका मतलब जरुर उसके साथ कुछ गलत है | रीमा खुद के अन्दर ही खुद का व्यवहार देखकर हैरान थी | उसे यहाँ से चले जाना चाहिए | हर जवान लड़के लड़की को जवानी का सुख भोगने का हक़ है , क्या सही है क्या गलत है उनके माँ बाप देखे, संभाले, वो कौन होती है मोरल बॉस बनकर उनको रोकने वाली | बड़ा अंतर्द्वंद उसके अन्दर चलने लगा | उसे भी एन्जॉय करना चाहिए ये सीन देखकर !!!, क्या ये सीन देखना सही है ????, किसी के प्राइवेट पलो को इस तरह से छिपकर देखना कितना सही है | अगले पल खुद से ही खुद को उत्तर भी दे रही थी - काहे का प्राइवेट पल, प्राइवेट दो लोगो के बीच में होता है, तीन के नहीं | ऊपर से प्राइवेट करना है तो घर में कमरे में करे, यहाँ पब्लिक के बीच में हट में नहीं | क्या इस तरह से दुसरे के बेहद निजी मोमेंट को मोबाइल से रिकॉर्ड करना सही है | जब प्रियम ने मेरे नंगा विडिओ रिकॉर्ड किया था तो मुझे कितना बुरा लगा था | लेकिन कल को मेरे पास प्रूफ तो है मै कौन सा इसे अपलोड करने जा रही हूँ | रीमा इसी उधेड़बुन में खोयी थी, तभी उसने देखा खुद नूतन दोनों के तने सख्त लंडो को मुहँ से सटाकर सेल्फी ले रही है | उसकी हैरानी का ठिकाना नहीं था, क्या जमाना आ गया है, अपने ही सेक्स की फोटो खीच रहे है और मै कहाँ सही गलत के चक्कर में पड़ी थी | उसे भी ये सब देखने में मजा आ रहा है फिर क्या सही क्या गलत, मेरी चूत भी तो गीली हो रही है इसका मतलब उसको भी मजा आ रहा है |
नूतन से अलग अलग पोज में कम से कम 20 फोटो खीचे | तीनो आपस में इतने मस्त थे की किसी का ध्यान हट में ऊपर की तरफ हवा पास कने के लिए बने छेद की तरफ नहीं गया | हालाँकि अन्दर रौशनी से भरे हुत से बाहर देखने पर केवल काला असमान दिखता लेकिन अगर उनमे से कोई गौर से देखता तो काले आसमान में दाग भी दिख जाता और वो दाग कोई और नहीं रीमा थी | अब बारी राजू की थी, राजू ने अपना मोबाईल निकाला और नूतन प्रियम के लंड के साथ तरह तरह के पोज देने लगी | कुछ देर बाद प्रियम फोटो खीचने लगा और राजू के लंड के साथ नूतन पोज दे रही थी |
उसके बाद फिर से लंड चुसाई शुरू हो गयी, इस बार तेजी से फुर्ती के साथ नूतन दोनों का लंड बारी बारी से चूस रही थी | लंड को अन्दर तक मुहँ में ले जाने के लिए जोर जोर से अपना सर हिला रही थी | जीतनी तेजी से प्रियम के लंड पर अपना सर हिलाकर उसे अपनी ओंठो की सख्त जकड़न में लेकर चूस रही थी और मुहँ में ले रही थी, प्रियम को रीमा की लंड चुसाई याद आ गयी | यहाँ उतनी रिद्धम और कला नहीं थी, न ही नजाकत थी लेकिन स्पीड कमाल की थी | जीतनी तेज नूतन के मुहँ में प्रियम का लंड जा रहा था उतनी ही तेज राजू का लंड भी नूतन के हाथ में फिसल रहा था | दो लंडो के साथ इतनी स्पीड में खेलने से नूतन हांफने लगी थी और तीनो ने एक और ब्रेक लिया | नूतन की चूत का रस अब बाहर की तरफ बहने लगा था, उसके तेज धडकने उसको साफ़ सुनाई दे रही थी, यही हाल राजू और प्रियम का था, दोनों अपने चरम की बढ़ते बढ़ते काम वासना में कराह रहे थे | नूतन की इस एक्सप्रेस लंड चुसाई से दोनों का रोम रोम खड़ा हो गया, तभी नूतन ने एक और ब्रेक लेने की सोची, अगर नूतन दोनों का लंड मुठियाना और चुसना न बंद करती तो शायद दोनों झड़ने के कगार पर पंहुच जाते और जल्दी ही उनकी पिचकारी छुटने लगती |
तीनो अपनी अपनी सांसे काबू करने में लगे हुए थे, नूतन कैमरा का टाइमर ऑन करके एक जगह रख आई | इस बार कैमरा टाइमर के साथ फोटो खीची जाने लगी | ऐसा लग रहा था हट में तीन कमसिन युवा जवानी की प्यास बूझाने नहीं आये है बल्कि नंगी फोटो शूटिंग करने आये है, ऐसा तो बस पोर्न फिल्मो के स्टेज पर होता है | तीनो को ये सब करने में न कोई शर्म थी न कोई झिझक | जी तरह से नूतन दोनों के लंडो को पकड़ पकड़ कर फोटो खीच रही थी, ऐसा लग रहा था आगे चलकर उसे न्यूड मॉडलिंग ही करनी है | सबसे बड़ी बात है वो इसे पूरा एन्जॉय कर रही थी और पूरी तरह से कॉंफिडेंट भी लग रही थी | कही से भी ऐसा नहीं लग रहा था कि वो इस हट में उन दोनों का कोई अहसान चुकाने आई है, बल्कि बॉडी लैंग्वेज से राजू और प्रियम कम कॉंफिडेंट लग रहे थे | शायद इसलिए क्योंकि राजू ये सब पहली बार एक्सपीरियंस कर रहा था, जाहिर सी बात है उसके मन में हजारो सवाल और जिज्ञासाए होंगी और प्रियम का रीमा के सामने आखिरी एक्सपीरियंस जैसा था उस हिसाब से उसका कम उत्साही होना समझ में आ रहा था | नूतन दोनों में जोश भरने में कोई कसर नहीं छोड़ रही थी, वो दोनों को कुछ वाइल्ड करने के लिए जमकर उकसा रही थी | आजकल के युवा सेक्स में कितना जंगलीपन चाहते है ये देखकर रीमा हैरान थी | सेक्स दो लोगो के बीच का बेहत निजी पल होता है लेकिन यहाँ तो तीन थे और तीनो को इस बात का न कोई संकोच था, न मलाल, तीनो इस बात से भी पूरी तरह बेपरवाह थे कुछ दूरी पर उनके फैमिली वाले है | वो सब इस बात को लेकर कॉंफिडेंट थे की शराब के नशे में उन्हें ढूढ़ने यहाँ कोई नहीं आने वाला | उनकी खैर खबर अब सुबह ही लेने कोई आएगा, अगर आएगा तो |
कैमरा बंद होते ही तीनो फिर से अपने काम में लग गए लेकिन इस बार की चुसाई थोड़ी अलग थी | थोड़ी उग्र थी, थोडा जंगली पन लिए हुई थी नूतन बेहद स्पीड से दोनों के लंड मसलने लगी, मुहँ में लेकर चूसने लगी, कभी कभी दोनों लंडो के फूले गुलाबी सुपाडे मुहँ फैलाकर एक साथ मुहँ में रख लेती | दोनों अब उत्तेजना से कराहने लगे थे | बीच बीच में उनके लंडो के सुपाडे पर अपनी दांत गडा देती , उनके सख्त लंडो की खाल को दन्त से कटाने लगती | ऐसा होते ही दोनों की कराह ज्यादा तेज हो जाती | बीच बीच में नूतन दोनों को उकसाती रहती, ताकि कुछ मर्दाना जोश दिखाए | हालाँकि दोनों पर इसका कम ही असर हुआ | प्रियम अब तक रीमा के सदमे से बाहर नहीं आया था लेकिन वो वासना की उत्तेजना के चरम की तरफ बढ़ रहा था इसलिए उस असर को दिलोदिमाग पर छाई हवस ने कम जरुर कर दिया था, इसलिए अब वो सक्रीय रूप से इसमें भाग ले रहा था | वो भी नूतन की चूची कसकर रगड़ कर मसल देता जिससे नूतन के मुहँ में ही घुटी चीख निकल जाती | कभी कभी दोनों के लंडो को अपने मुहँ में भरकर कसकर उन पर दांत से काटने लगाती | रीमा को ये जंगलीपन बहुत भा रहा था | उसके दिमाग में बस यही ख्याल आ रहा था उसने ऐसा कभी क्यों नहीं किया | दो लंडो को तो वो जन्नत की बड़ी आसानी से सैर करा सकती है और जंगली बिल्ली बनकर अपना सारा जंगलीपन उन पर उतार सकती है |
दो दो लंडो की चुसाई से नूतन का बदन भी आग की भट्ठी की तरह गरम हो गया, उसके शरीर पर भी पसीने के बुँदे झलक आई | नूतन के राजू के लंड को कसकर सख्ती से हाथो में लकड़ लिया और मुहँ के अन्दर बाहर करने लगी, राजू का ये पहला मोमेंट था, इसलिए राजू की हालत ज्यादा खराब थी, प्रियम ने राजू का लंड नूतन के मुहँ से निकालते ही अपना लंड नूतन के मुहँ में ठूंस दिया और उसके सर को पकड़कर उसके मुहँ को चोदने लगा | नूतन के एक पल लगा सँभलने में, फिर वो आराम से मुहँ खोलकर प्रियम के लंड से अपना मुहँ चुदवाने लगी, उसके मुहँ से बस गों गों की आवाजे आने लगी | दोनों की सांसे धौकनी की तरह चल रही थी लेकिन दोनों के जिस्मो में लगी आग उन्हें जलाये दे रही थी | उसे बुझाना बहुत जरुरी था चाहे जो करना पड़े | प्रियम के अपने अंदर उमड़ रहे लावे को बाहर निकालना ही था नहीं तो अन्दर ही अन्दर वो उसे झुलसा देता | नूतन के शरीर में भी आग लगी हुई थी, उसे भी बारिश के मौसम की पहली फुहार की जरुरत थी जो इस तपते बदन को ठंडा कर सके | उसकी चूत में मचा तूफान बस फुहार छुटने के बाद ही शांत होगा | नुतन को प्रियम का ये अंदाज बहुत पसंद आया लेकिन राजू के ये देखकर फट गयी | राजू भी प्रियम को देखकर कसकर नूतन के उरोजो को मसलने लगा | नूतन तो जैसे इस दर्द में भी अपन परम सुख पा रही थी | आजतक उसका मुहँ ऐसे किसी ने नहीं चोदा था, वो तो प्रियम की कायल हो गयी | नूतन बस मुहँ खोले प्रियम के लंड को घोटने में लगी थी | नूतन ने राजू के लंड को कसकर जकड लिया और बेदर्दी से मसलने लगी | जीतनी तेज प्रियम के धक्के उसके मुहँ पर लग रहे थे उतनी तेज वो राजू का लंड मुठिया रही थी |
ये सब देख रीमा की तो हालत ख़राब हो गयी, उसकी चूत बुरी तरह पानी छोड़ रही थी और उसकी पैंटी का एक हिस्सा उसके चूत रस से गीला हो गया था | प्रियम दे दनादन धक्के पर धक्के धक्के जमकर नूतन का मुहँ चोदने रहा था , उसकी आँखों से मेकअप का काजल आंसुओं के साथ बहाने लगा | लार निकालकर गले को तर करने लगी और प्रियम दे धक्के पर धक्के जमकर नूतन का मुहँ चोद डाला | नूतन का शरीर उसके काबू में नहीं था, उखड़ती सांसे, धकधक करता सीना और पुरे शरीर में दौड़ रही मादक तरंग अब उसके शरीर को कांपने लगी थी | नूतन चरम पर पंहुच गयी थी, उसकी पिंडलिया उर जांघे कांपने लगी थी वो झड़ने लगी थी | तभी राजू ने मोबाईल का विडिओ कैमरा नूतन के मुहँ पर फोकस करके ऑन करके रख दिया | असल में नूतन और दोनों के झड़ने का विडिओ रिकॉर्ड करना चाहता था, इससे बेहतर बर्थडे गिफ्ट क्या होगा |
नूतन भी उतनी बेदर्द से राजू के लंड को मुठीया रही थी | प्रियम के लंड मुहँ से निकालते ही नूतन ने एक लम्बी साँस ली और तेज हांफने लगी | उसके शरीर का कंपन कम होने लगा था, नूतन को चरमसुख का अनुभव प्रियम ने करा दिया था, नूतन झड़ चुकी थी |
हांफते हुए ही प्रियम से पुछा - ये कहाँ से सीखा प्रियम |
प्रियम अपने चरम के करीब था - कही से भी सीखा हो तुझे मजा तो आया न |
नूतन - बहुत मजा आया, तुमने तो मुहँ का पुर्जा पुर्जा हिला दिया, जमकर चोद दिया, मुझे ओर्गास्म हो गया |
प्रियम - ओ रियली, तो फिर फिर से लो न मजा बेबी | इतना कहकर फिर से लंड मुहँ में ठेल दिया |अब तीनो उत्तेजना के चरम पर पंहुच गए थे | नूतन जोरो से राजू के लंड को मुठिया रही थी, जबकि प्रियम ने एक बार फिर नूतन का मुहँ चोदना शुरू कर दिया | इधर राजू की पिच्ज्कारी छुटने के कगार पर आ गयी | राजू जोर जोर से कराहे लगा - आअहाआअहाआह्ह आअहाआअहाआह्ह नूतन मै माआआआआआआ ................................................|
प्रियम के लंड से नूतन के चुदते मुहँ पर ही राजू की पिचकारी गिरने लगी, इतने में प्रियम ने नूतन के मुहँ से लंड निकल लिए और बुलेट ट्रेन की स्पीड से मुठीयाने लगे | राजू के सफ़ेद लंड रह से नूतन का पूरा मुहँ सन गया, कुछ लंड रस उसके मुहँ में भर गया | नूतन ने राजू का लंड छोड़ दिया, राजू खुद ही अपने लंड को पकड़कर बचा कुचा सफ़ेद लंड रस की बुँदे निचोड़ने लगा |
इधर प्रियम की भी पिचकारी छुटने लगी | प्रियम - आअहाआअहाआह्ह आअहाआअहाआह्ह नूतन माय जान बेबी, आअहाआअहाआह्ह आअहाआअहाआह्ह !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! और दे दनादन एक के बाद एक, कभी नूतन के ओठो पर कभी उसकी आँखों पर, कही गले, कभी सीधे मुहँ में, प्रियम की गोलियों में भरा गरम सफ़ेद गाढ़ा लावा लंड से निकलकर गिरने लगा | उस गरम लावे की तपिश नूतन को अपने गरम बदन पर भी महसूस हो रही थी | दोनों लंड के मथन से उनके जिस्म से निकला गरम सफ़ेद गाढ़ा लंड रस से नूतन का पूरा मुहँ सरोबार हो गया | वो अपने मुहँ पर फैले गरम लावे को समेटकर अपने मुहँ में भरने लगी | दोनों के लंड हाथ में लेकर उनसे आखिरी बूंद तक निचोड़ने लगी, उसके मुहँ में भरी सफ़ेद गाढ़ी क्रीम उसके उन्ठो की गिरफ्त की पार करके मुहँ से बाहर फिसलने लगी और नूतन बड़ी सैक्स्ट अदाओ से मोबाईल के कमरे की तरफ देख रही थी |
दोनों के लंड नरम होने शुरू हो गए थे | नूतन बार बार मुहँ से फिसल कर नीचे की तरफ जा रही गाढ़ी सफ़ेद लंड क्रीम को मुहँ में भर लेती और फिर दोनों के सुपाडे को बारी बारी चिसने लगती | दोनों अपने नरम होते झड चुके लंड को नूतन के लंड रस से सने मुहँ पर हिला रहे थे | उसके गाल सहला रहे थे और नूतन बारी बारी से उनके सुपाडे को मुहँ में ले रही थी |
अब तीनो बिस्तर पर निढाल हो गए | सबकी आंखे बंद थी, शायद अभी अभी मिले चरम सुख को याद कर रहे थे | रीमा ने मोबाईल ऑफ किया और धीरे से दीवार से उतरी, वो वापस मैं हाल में जाने लगी तभी उधर से उसे कोई आता दिखाई दिया | रीमा एक झुरमुट की आंड में हो गयी | जब वो काफी नजदीक आ गया तो रीमा उसे पहचान गयी, ये तो वही परछाई वाला शख्स है | ये तो जग्गू है | ये इधर क्या करने आ रहा है | कही इसको मेरे बारे में पता तो नहीं चल गया | या ये प्रियम से मिलने आ रहा है | या ये भी नूतन के प्लान का हिस्सा है | अब दोनों के जाने के बाद ये अपनी प्यास बुझाएगा | जग्गू जैसे जैसे हट की तरफ बढ़ रहा था रीमा को उसके बारे में सब कुछ साफ़ दिखने लगा था | वो पेंट के ऊपर से ही अपने लंड को सहलाते हुए आ रहा था | इसक मतलब ये था की वो भी अपनी ठरक उतारने ही उधर आ रहा है | जग्गू ने भी शराब पी रखी थी |