14-04-2019, 09:43 PM
(This post was last modified: 14-04-2019, 10:00 PM by vijayveg. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
रोहित ने फ़ोन काटकर रीमा की मिलाया और उसे साफ़ शब्दों में प्रियम को किसी भी तरह के अल्कोहल पीने से रोकने की हिदायत दी | रीमा समझ गयी, उसे पता था अब क्या क्या करना पड़ेगा | पहले की बात होती तो एक सिंपल साड़ी लपेट कर पार्टी को रीमा चल देती, लेकिन अब वो अपने बारे में एक अलग नजरिया रखती थी इसलिए घर पंहुचने के बाद उसने अच्छे से खुद को तैयार किया | और अपने तय समय पर गाड़ी लेकर प्रियम के घर के सामने आ गयी | उसने एक दो बार हॉर्न दबाया, कुछ देर तक वेट किया जब प्रियम घर से बाहर नहीं निकला, तो रीमा घर के अंदर चली गयी | उसने प्रियम को आवाज दी | प्रियम अपने कमरे में कुछ ढूंढ रहा था | उसने अन्दर से ही धीमी आवाज में जवाब दिया | रीमा कुछ देर तक इधर उधर टहलती रही, फिर वही लटके झूले पर लेट गयी |
![[Image: D32XJCUVUAAAP6D.jpg]](https://3.bp.blogspot.com/-N9Nb6-68dC8/XLDWGv_CmcI/AAAAAAAAAik/GZ0SxUQbg-QkxMqnzjoUJz5KSGKfAqt_wCLcBGAs/s640/D32XJCUVUAAAP6D.jpg)
प्रियम अपने कमरे में कुछ नहीं कर रहा था बस वो रीमा का मूड पता लगाने की कोशिश कर रहा था | इसी चक्कर में बार बार पेंट बदल बदल कर पहन रहा था | पेंट पहनना तो बहाना था वो बस इतना निश्चित करना चाहता था की कही फिर से रीमा उसकी लेना न शुरू कर दे | रीमा ने फिर पुछा - क्या कर रहा है प्रियम, हम लेट हो जायेगें |
पूरी तरह से तैयार प्रियम अन्दर से धीरे से बाहर आया | रीमा ने झूले पर लेटे लेटे ही उसे ऊपर से नीचे तक गौर से देखा | रीमा - बच्चे पेंट की जिप बंद कर ले, बर्थडे पार्टी में जा रहा है लौंडियाँ चोदने नहीं |
प्रियम बुरी तरह झेंप गया - शिटटट ट ट ...........................|
रीमा - जब बिना वजह पेंट बदलेगा तो यही होगा, मुझे पता है जब मै गाड़ी लेकर आई थी तो तू खिड़की के अन्दर से झांक रहा था | मुझे लगा अपने आप ही आ जायेगा | पर तुझे तो नौटंकी करने में और फिर अपनी बेज्जती करवाने में ज्यादा मजा आता है | कोई बात नहीं मेरे सामने क्या क्या बेज्जती.....................तुझे तकलीफ में देखकर मुझे भी दुख होता है | .............................अच्छे से सुन बिलकुल नार्मल दिखना, जैसा है, कॉंफिडेंट | अपने ऊपर ज्यादा लोड मत डाल, आज मै कुछ नहीं करने वाली हूँ | जो कुछ हुआ वो सिर्फ हमारे बीच में रहेगा, समझा न | (कुछ सोचकर ) अच्छा सुन .................................. किसी को न कुछ जताने की जरुरत है, न बताने की जरुरत, अच्छे से समझ ले फिलहाल आज के टाइम में रोहित और मुझसे ज्यादा सगा इस दुनिया में तेरा कोई नहीं है, कई मायनों में मै रोहित से ज्यादा सगी हूँ, रोहित के साथ तू बहुत कुछ नहीं शेयर कर सकता जो तू मुझे बेफिक्र बता सकता और जितना मै तेरे लिए कर सकती हूँ उतना कोई नहीं करेगा, मैंने अपने जिस्म का एक एक कोना तुझे दिखा दिया, और तो और तुझे अपनी चूत खोलकर दिखा दी है, तेरा भला ही चाहती और हर मुसीबत से भी तुझे बचाऊँगी बशर्ते मेरे सामने अपनी औकात में रहियो और मेरी बात मानेगा तो हमेशा फायदे में रहेगा | चल अब पार्टी फुल एन्जॉय करने को तैयार हो जा |
दोनों घर से बाहर निकले, रीमा आगे आगे और प्रियम पीछे पीछे | दोनों गाड़ी में बैठे और रिवर लाउन्ज की तरह को रावना हो गए | रिवर लाउन्ज मुख्य शहर से 8 किमी दूर नदी के दुसरे छोर पर घनी हरियाली के बीचो बीच स्थित था |
रीमा और प्रियम कुछ ही देर में वहां पंहुच गए | राजू के पिता को रोहित ने पहले ही फ़ोन कर दिया था, इसलिए रीमा के लाउन्ज में घुसते ही उसका स्वागत करने चला आया |
राजू के पिता - नमस्ते रीमा जी, आवो प्रियम बेटा, स्वागत है आप दोनों का |
रीमा - धन्यवाद कपिल जी | ये लीजिये .......
रीमा ने उसे गिफ्ट सौंप दिया | उसने भी आभार व्यक्त किया |
एक नजर को रीमा को देखता रह गया क्योंकि रीमा कभी इतना सजाती धजती नहीं थी, इसलिए उसका चौकना स्वाभाविक था | रीमा को देखकर कपिल थोडा असहज था लेकिन जल्द ही संभल गया, फिर उसने शिष्टाचार वस् बोल ही दिया - भाभी जी आप बहुत खूबसूरत लग रही है, आइये आपको गेस्ट से मिलवाता हूँ | प्रियम बेटा, राजू उधर है | प्रियम भागता हुआ एक तरफ चला गया |
रीमा - थैंक्यू सो मच कपिल जी, काफी बड़ी पार्टी की तैयारी की है आपने |
कपिल - कुछ खास नहीं, बेटे का मन था, नेक्स्ट इयर १८ का हो जायेगा तो ये लास्ट टीन ऐज बर्थडे है उसका |
रीमा कपिल टहलते टहलते मैंन हाल में आ गए | वहां बाकि आये गेस्ट से मिलना मिलाना शुरू हुआ | ठीक समय पर बर्थडे केक काटा गया | फिर नाच गाना शुरू हुआ | बच्चो की पार्टी अलग शुरू हुई और बड़े लोगो का ड्रिंक अलग शुरू हुआ | पार्टी में आये मर्दों की नज़रे गाहे बगाहे रीमा की पैमाइश ले ही जाती | सभी गेस्ट फॅमिली के साथ आये हुए थे इसलिए फ़्लर्ट करने की बहुत ज्यादा गुंजाईश नहीं थी लेकिन फिर भी दो पैग जाने के बाद कुछ शायर बन ही गए, कुछ आशिक | सभी जमकर मस्ती कर रहे थे |
![[Image: gallery_41.jpg]](https://4.bp.blogspot.com/-lCmZpVRPRrg/XLNJRRKUcNI/AAAAAAAAAtI/w_LBczjKLIAvXDN0wzRl0guCIBWF34tgQCLcBGAs/s640/gallery_41.jpg)
रीमा ने भी स्कॉच के दो पैग पी लिए थे, उसे अभी गाड़ी ड्राइव करके शहर तक वापस भी जाना था इसलिए उसने सॉफ्ट ड्रिंक भी पीनी शुरू कर दी | उसे पता था अगर बार के आस पास बैठी रही तो कोई न कोई उसे जबरदस्ती पिला ही देगा | इसलिए फ़ोन कॉल का बहाना करके वहां से खिसक ली | उसकी नज़ारे प्रियम को ढूंढ रही थी | आखिर कुछ ही दूरी पर अपनी मंडली के साथ मस्ती करते दिख गया | रीमा ने पास जाकर उनकी पार्टी ख़राब करने की बजाय दूर एक किनारे बैठकर उस पर नजर रखने की सोची | वो एक हट की ओट में बैठकर अपने फ़ोन को चेक करने लगी | बीच बीच में राजू के दोस्तों के ग्रुप पर नजर चली जाती | उनके ग्रुप में १० -११ लड़के लड़कियां थे | कुछ देर देखने के बाद बरबस ही रीमा की नजर के चेहरे पर टिक गयी |
रीमा मन ही मन अनुमान लगाने लगी - मै इसे जानती हूँ ? मैंने इस लड़की को कही देखा है | कौन है ये ?????
दिमाग पर थोड़ा जोर डालते ही उसे के चेहरा याद आ गया, जिसने उसकी जिदगी बदलकर रख दी | अरे ये तो नूतन है, मनोज जी की बेटी | वही नूतन जिसकी बड़ी बड़ी चुचियों को प्रियम और राजू चूस रहे थे | एक स्तन को प्रियम मसल रहा था और एक को राजू मसल रहा था | नूतन बस सिसकारियां भर रही थी | उसके बाद की सारी घटनाये एक के बाद एक उसके सामने से तैर गयी | रीमा बस इन्ही खयालो में खोयी थी तभी कोई उसको आवाज लगता सुनाई दिया | ये और कोई नहीं कपिल था | रीमा हट की ओट से बाहर आई |
कपिल - अरे रीमा जी आप कहाँ गायब हो गयी थी |
रीमा - जी मै वो फ़ोन पर किसी से बात कर रही थी |
कपिल - कोई नहीं, चलिए आपको राजू के दोस्तों से मिलवाता हूँ |
रीमा - ठीक है चलिए |
रीमा और कपिल वहां पंहुच गए जहाँ सभी बच्चे मस्ती कर रहे थे, बच्चे तो नहीं थे अब वो लेकिन जवान भी नहीं कह सकते | सबकी उम्र 15 से १७ से बीच में ही थी | सिवाय दो को छोड़कर, एक नूतन, दूसरा जग्गू | कुल मिलाकर 7 लड़के और ४ लड़कियां थी |
कपिल - हेल्लो यंग बॉयज एंड गर्ल्स .....
ग्रुप - हेल्लो अंकल |
कपिल - मीट Mrs. रीमा, ये प्रियम की आंट है |
ग्रुप - हेल्लो आंटी .........|
रीमा - हेल्लो एवरीवन, आर यू हविंग अ गुड टाइम |
ग्रुप - यस आंटी |
![[Image: 8fe3fec74f432e0a67d8a8caa1eef390.jpg]](https://3.bp.blogspot.com/-heLmu7PoCHo/XLNMVfuwTyI/AAAAAAAAAtU/1KiKZpTMJSU-9EN2KlbcVTsVI4RklxdYQCLcBGAs/s640/8fe3fec74f432e0a67d8a8caa1eef390.jpg)
सारे लड़के रीमा को जीभर के देखने लगे, जग्गू के तो होश ही उड़ गए | रीमा के बारे जितना प्रियम ने उसे बताया था उससे कही ज्यादा खूबसूरत लग रही थी | राजू ने दो चार बार देखा था लेकिन बिना मेकअप के इसलिए उसका चौकना भी स्वाभाविक था | सभ्य और असभ्य में एक अंतर होता है, सभी लोग अगर कोई चीज पसंद है तो घुमा फिराकर चासनी लगाकर उसकी तारीफ करते है जिससे सामने वाला असहज न हो | लगभग सभी लडको ने अपनी नजरे नीची कर ली थी और अब नजरे चुराकर रीमा को देखने लगे सिवाय जग्गू को छोड़कर | वो एकटक रीमा को देखे जा रहा था, प्रियम ने जल्द ही ये बात नोटिस कर ली, उसने राजू को चेताया, राजू ने जग्गू के एक हल्का मुक्का मारा और बात संभल ली | जब तक जग्गू संभलता तब तक रीमा की तेज नजरो में वो पूरी तरह स्कैन हो चूका था | रीमा और कपिल दोनों अनुभवी थे, दोनों ने महसूस किया कि यहाँ ज्यादा देर खड़े रहना किसी के लिए भी सहज नहीं है, दोनों ने लड़के और लडकियों की हरकते अच्छे से रिकॉर्ड करी थी |
कपिल - बेटा आप लोग एन्जॉय करो, हम चलते है |
ग्रुप - बाय अंकल बाय आंटी |
रीमा और कपिल फिर से अपने हम उम्र ग्रुप में लौट आये - रीमा ने आगे ड्रिंक लेने से तो मना कर दिया, लेकिन उनके साथ बैठकर लोगों की बोरिंग बाते सुन सुन कर मुस्कुराती रही |
थोड़ी देर बात सभी डांस फ्लोर पर पंहुच गए, सभी नाचने गाने में मशगूल हो गए , रीमा भी उसी में मस्त थी, तभी उसकी नजर दूर खड़े एक परछाई पर गयी | थोडा गौर से देखने पर पता चल गया ये तो जग्गू है | उसको बिना आभास हुए रीमा उस पर निगाह रखने लगी | जग्गू रीमा को घूर रहा था | रीमा को समझते देर न लगी, ये मुर्गा उसे रूप की बलि चढ़ गया है | पहले की रीमा और अब की रीमा में अंतर ये है की पहले की रीमा नाचना बंदकर किसी जगह जाकर शांत बैठ जाती, जहाँ जग्गू उसे देख न पता, लेकिन ये रीमा तो और ज्यादा अग्रेस्सिव होकर मादक तरीके से नाचने लगी | साड़ी पहनकर इस तरह का डांस करना मुस्किल होता है लेकिन रीमा किसी तरह बस मैनेज कर रही थी | फ्लोर की थुलथुल मोटी औरते रीमा से जलभुनकर राख हुई जा रही थी और उनके मर्द अपने अधेड़ उम्र का बचा हुआ रिजर्व भी खर्च करके दुगने जोश से नाच रहे थे | आखिर इतनी हसीं औरत के साथ फ्लोर शेयर करना भी किस्मत वालो के नसीब में होता है | रीमा सबके साथ नाच रही थी लेकिन उसकी नजरे बार बार उस परछाई की तरफ ही जाकर टिक रही थी | कुछ देर बाद परछाई गायब हो गयी | रीमा मदमस्त होकर एक थुलथुल आंटी के साथ नाचने लगी | काफी देर तक नाचने के बाद सभी थक गए थे, सभी आराम करने लगे, रीमा वाशरूम के बहाने प्रियम का हाल चाल लेने निकल पड़ी | प्रियम बच्चो के स्टेज पर नहीं था | बच्चे इधर उधर हो गए थे | रीमा ने चारो तरफ नजर दौड़ाई सभी बच्चे दिख गए सिवाय राजू, प्रियम और जग्गू के | रीमा ने उनको खोजना शुरू किया | इदर उधर पुछा - गेस्ट तो सभी दारू के नशे में फुल थे उन्हें कहाँ होश था लेकिन लाउन्ज के स्टाफ ने बताया की, दो लड़के पीछे की तरफ एक हट है वहां गए है | रीमा तेज कदमो से उधर चल दी |
![[Image: 1200px-Lesotho_Slide_Show_%2528294%2529.JPG]](https://1.bp.blogspot.com/-DwLuJv9-eZk/XLNOve2XZkI/AAAAAAAAAtk/nQGUwUD_jjwFI31haBiZ4uoVI2ZOUJDXgCLcBGAs/s640/1200px-Lesotho_Slide_Show_%2528294%2529.JPG)
रास्ते में हल्की रौशनी थी, जबकि हट के पास अच्छी खासी रौशनी थी | रास्ते में जाते समय रीमा को लगा शायद कोई उसका पीछा कर रहा है उसने एक दो बार इधर उधर चौकन्ने होकर देखा लेकिन उसे कुछ दिखाई नहीं पड़ा | वो सतर्क होकर तेज कदमो से हट की तरफ जाने लगी |
हट के पास पंहुचते ही उसे कुछ आवाज सुनाई पड़ने लगी | आमतौर पर इस लाउन्ज के किसी भी हट में दरवाजा नहीं है लेकिन इस हट में दरवाजा था और वो बंद था | अन्दर से कुछ आवाजे आ रही थी, रीमा ने जब उन आवाजो पर गौर किया तो पहचान गयी, वो प्रियम और राजू थे, लेकिन ये तीसरी आवाज तो किसी लड़की की है | अब रीमा के कान खड़े हो गए | उसने इधर उधर से झांककर देखने की कोशिश की लेकिन हट चारो तरफ से बंद थी | रीमा घूमते घूमते हट के पीछे की तरफ चली गयी, जिसके पीछे लाउन्ज की चाहरदीवारी थी | चाहरदीवारी के उधर सब जंगल था | ये लाउन्ज का आखिरी छोर था | मजे की बात इधर से हट के ऊपर के हिस्से में एक एक वर्ग फुट का होल बना रखा था हवा आने जाने के लिए | हट बनाने वालो ने ये होल जानबूझकर दीवार की तरफ रखा हुआ था क्योंकि हट से दीवार की तरफ कोई भी आने जाने से रहा | दीवार भी पूरी तरह ठोस नहीं थी बल्कि ईंटो की जाली और पत्थर के मिश्रण से बनी थी, जिससे उसमे एक रफ़ जंगली लुक आ सके | अन्दर रौशनी थी इसलिए पीछे की तरफ जाते ही रीमा की आँखों में चमक आ गयी, हट से आ रही रौशनी असल में रीमा की उम्मीदों की रौशनी थी | रीमा की ऊँचाई से हट के होल की ऊँचाई ज्यादा थी इसलिए रीमा को जमीन से ऊपर उठने के लिए कुछ और भी चाहिए था | रीमा से अपनी साड़ी ऊँची की और दीवार में उभरे एक पत्थर पर अपना पैर जमाया और चहारदीवारी पर चढ़ गयी, फिर धीरे से खुद को आगे की तरफ झुका लिया | जैसे ही उसने हट के अन्दर का नजारा देखा, उसके होश उड़ गए | राजू, प्रियम और नूतन तीनो हट में मौजूद थे | आस पास दारू के पैग रखे थे | ये दारू कैसे इनको मिली, जरुर ये नूतन का काम होगा | नूतन राजू और प्रियम से दो साल बड़ी थी | नूतन, राजू और प्रियम सेक्स कर रहे है, नूतन प्रियम और राजू का लंड अपने हाथो में लेकर मुठिया रही थी | दोनों के लंड उनकी पतलूनो से बाहर निकले हुए थे और तनकर सीधे हो चुके थे | नूतन की कमसिन तनी हुई चूचिया बेपर्दा थी, उसकी टॉप ऊपर गले तक उठी हुई थी और नूतन एक लंड को अपने नाभि के निचले हिस्से में चूत त्रिकोण पर रगड़ रही थी और दुसरे को तेजी से दुसरे हाथ से मुठिया रही थी | दोनों उत्तेजना के भंवर में गोते लगा रहे थे |
![[Image: 3_496.jpg]](https://1.bp.blogspot.com/-ZK6VF1s2uQg/XLFtVSh-beI/AAAAAAAAAiw/iEbpisQ-sAQQebSI11KWwsSbMzk5W32_gCLcBGAs/s640/3_496.jpg)
नूतन एक सामन्य से लोअर मिडिल क्लास फैमिली से आती थी | नूतन बचपन से ही पड़ने में बहुत तेज थी इसलिए उसका इस कॉलेज में नाम नर्सरी से ही लिखा हुआ था | नूतन के घर की आर्थिक हालत बहुत बेहतर नहीं थी इसलिए उसे पॉकेट मनी के नाम पर बहुत कम पैसे मिलते थे, नूतन को कॉलेज में अपने दोस्तों से बराबरी करने का मौका नहीं मिलता था | जब भी उसका खर्च करने का नंबर आता उसके पास पैसे ही नहीं होते थे | अमीर कॉलेज में पढने के ये नुकसान गरीब बच्चो की अक्सर अनुभव करने पड़ते है | नूतन ने 6 क्लास तक आते आते इसका तोड़ निकल लिया, उसने अमीर घरो के लडको को पटाना शुरू कर दिया | वो पढने में तेज थी इसलिए कभी उनका होमवोर्क कर देती, कभी उनको दिया असाइनमेंट बना देती, इस तरह से वो लड़के नूतन को अच्छा खासा पॉकेट मनी दे देते थे | धीरे धीरे उसकी आदते डेवेलोप होने लगी | 8 तक आते आते उसे अहसास हो गया कि सिर्फ होमवर्क करके काम नहीं चलेगा | उसने एक अमीर लड़के को पटाकर उसको किस करना चालू कर दिया और उसके ग्रुप में खुद को उसकी गर्लफ्रेंड घोषित कर दिया | लड़का भी जोश में नूतन के सारे खर्चे उठाने लगा | लेकिन ये सिलसिला बस दो साल चला, क्योंकि अगले साल नूतन इन सब दुनिअदारी में इतनी उलझ गयी की फ़ैल हो गयी | उसके घर में तो जैसे आसमान टूट पड़ा हो, घर के ताने और चिकचिक से तंग आकर वो ज्यादातर कॉलेज में ही टाइम बिताती | फ़ैल होने से उसका पूरा फ्रेंड सर्किल उसे पीछे छोड़कर आगे बढ़ गया और अपने फ्रेंड सर्किल में नूतन एक तरह से वैम्प या कामिनी लड़की की तरह जानी जाने लगी |
नूतन से इससे त्रस्त होकर अपने से जूनियर से दोस्ती करनी आरम्भ कर दी | उससे दो क्लास जूनियर दो अमीर लड़के उसके दोस्त बने, जिनका नाम था राजू और प्रियम | ऐसा नहीं था नूतन के बाकि लड़के दोस्त नहीं थे, वो सबसे अपना मतलब सीधा रखने के लिए दोस्ती रखती थी | उम्र बढ़ने के साथ साथ नूतन के और भी कई तरह से लड़कों को अपने जाल में फ़साना शुरू किया | इससे उसे अपनी पढाई का पूरा खर्चा निकल आता था | फिलहाल राजू और प्रियम उसे सबसे ज्यादा पैसे देते थे इसलिए राजू और प्रियम उसके खास दोस्त थे | ऐसा नहीं था की नूतन कोई बेश्या थी | पुरे कॉलेज के ज्यादातर लडको का मानना था कि नूतन के बेहद ही बोल्ड और बिंदास लड़की है, और उसके न जाने कितने लड़को से रिश्ते है | सब ये मान चुके थे वो न जाने कितनी बार चुद चुकी होगी लेकिन इसके उलट कहानी ये थी, कि नूतन असल में अब तक कुंवारी थी | इतने सारे लडको के साथ फ्लर्ट करने के बावजूद सबको बस यही लगता था की ये सामने वाले के साथ सोई होगी | कोई भी ये दावा नहीं कर सका कि मै नूतन के साथ सोया हूँ और मैंने उसे चोदा है | अफवाहे उड़ती रहती थी इससे बेपरवाह नूतन बस अपने में मस्त रहती | नूतन के अपने करीब के एक रिश्तेदार की बेहद शालीन बेटी को गर्भवती होते देखा था, जो कि उन्ही के किसी रिस्तेदार ने से चोरी छिपे चुदवाकर पेट से हो गयी थी | जिसने भी उसके बारे में सुना था यकीन नहीं कर पाया, बेचारो को शहर छोड़ दूसरी जगह जाना पड़ा रहने के लिए | वो एक दिन था जब उसकी माँ ने उसका माथा चूमा था और गर्व से बोली थी - मेरी बेटी कैसी भी लेकिन चोरी छिपे किसी के साथ मुहँ काला नहीं कराती |
उसी दिन से नूतन का नियम था, below the बेल्ट नो एंट्री | उसके फ्रेंड सर्किल में ये बात भी तैरती रहती किनूतन घुमती सबको है लेकिन देती किसी को नहीं | जाहिर से बात है उसके पास राजू को महगा गिफ्ट देने के लिए पैसे नहीं थे इसलिए उसने उसके बर्थडे को स्पेशल बनाने की सोची | दूसरा उन तीनो में सिर्फ राजू था जो अब तक हर तरफ से कोरा था, चूत को चोदना तो छोड़ो, उसके लंड को भी अभी तक किसी लड़की ने नहीं छुआ था | प्रियम इस मामले में थोडा लकी रहा | इसलिए नूतन का प्लान था की राजू का लंड चूसकर उसे भी थोडा अच्छा फील कराया जाये इससे उसक कॉन्फिडेंस भी बढ़ेगा | लेकिन राजू इतना फट्टू था कि अकेले के लिए राजी ही नहीं हुआ इसलिए देखते देखते नूतन ने प्रियम के लिए भी मूड बना लिया |
![[Image: 14739986.jpg]](https://3.bp.blogspot.com/-roAQOFgaYug/XLIyGb2fDcI/AAAAAAAAAmY/vzkh8DAfNwIv42-lZt015iKo8csR2bBhQCLcBGAs/s640/14739986.jpg)
असल में हट के अन्दर आते ही नूतन ने लंड चूसने की शरुआत प्रियम से करी ताकि उसे देखकर राजू को पता चल जाये की क्या होने जा रहा है और वो जरुँरत से ज्यादा उत्तेजित न हो | रास्ते में नूतन दोनों के लंड पेंट के ऊपर से सहलाती हुई आ रही थी इसलिए दोनों के तम्बू पेंट के अन्दर तने हुए थे | नूतन ने प्रियम की पेंट की जिप खोली और सीधे उसका लंड का सुपाडा मुहँ में ले लिया और टॉफी की तरह चूसने लगी | राजू आंखे चौड़ी करके ये नजारा देखने लगा | थोड़ी देर तक नूतन प्रियम का लंड बिलकुल लोलीपोप वाले अंदाज में चूसती रही |
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प्रियम अपने कमरे में कुछ नहीं कर रहा था बस वो रीमा का मूड पता लगाने की कोशिश कर रहा था | इसी चक्कर में बार बार पेंट बदल बदल कर पहन रहा था | पेंट पहनना तो बहाना था वो बस इतना निश्चित करना चाहता था की कही फिर से रीमा उसकी लेना न शुरू कर दे | रीमा ने फिर पुछा - क्या कर रहा है प्रियम, हम लेट हो जायेगें |
पूरी तरह से तैयार प्रियम अन्दर से धीरे से बाहर आया | रीमा ने झूले पर लेटे लेटे ही उसे ऊपर से नीचे तक गौर से देखा | रीमा - बच्चे पेंट की जिप बंद कर ले, बर्थडे पार्टी में जा रहा है लौंडियाँ चोदने नहीं |
प्रियम बुरी तरह झेंप गया - शिटटट ट ट ...........................|
रीमा - जब बिना वजह पेंट बदलेगा तो यही होगा, मुझे पता है जब मै गाड़ी लेकर आई थी तो तू खिड़की के अन्दर से झांक रहा था | मुझे लगा अपने आप ही आ जायेगा | पर तुझे तो नौटंकी करने में और फिर अपनी बेज्जती करवाने में ज्यादा मजा आता है | कोई बात नहीं मेरे सामने क्या क्या बेज्जती.....................तुझे तकलीफ में देखकर मुझे भी दुख होता है | .............................अच्छे से सुन बिलकुल नार्मल दिखना, जैसा है, कॉंफिडेंट | अपने ऊपर ज्यादा लोड मत डाल, आज मै कुछ नहीं करने वाली हूँ | जो कुछ हुआ वो सिर्फ हमारे बीच में रहेगा, समझा न | (कुछ सोचकर ) अच्छा सुन .................................. किसी को न कुछ जताने की जरुरत है, न बताने की जरुरत, अच्छे से समझ ले फिलहाल आज के टाइम में रोहित और मुझसे ज्यादा सगा इस दुनिया में तेरा कोई नहीं है, कई मायनों में मै रोहित से ज्यादा सगी हूँ, रोहित के साथ तू बहुत कुछ नहीं शेयर कर सकता जो तू मुझे बेफिक्र बता सकता और जितना मै तेरे लिए कर सकती हूँ उतना कोई नहीं करेगा, मैंने अपने जिस्म का एक एक कोना तुझे दिखा दिया, और तो और तुझे अपनी चूत खोलकर दिखा दी है, तेरा भला ही चाहती और हर मुसीबत से भी तुझे बचाऊँगी बशर्ते मेरे सामने अपनी औकात में रहियो और मेरी बात मानेगा तो हमेशा फायदे में रहेगा | चल अब पार्टी फुल एन्जॉय करने को तैयार हो जा |
दोनों घर से बाहर निकले, रीमा आगे आगे और प्रियम पीछे पीछे | दोनों गाड़ी में बैठे और रिवर लाउन्ज की तरह को रावना हो गए | रिवर लाउन्ज मुख्य शहर से 8 किमी दूर नदी के दुसरे छोर पर घनी हरियाली के बीचो बीच स्थित था |
रीमा और प्रियम कुछ ही देर में वहां पंहुच गए | राजू के पिता को रोहित ने पहले ही फ़ोन कर दिया था, इसलिए रीमा के लाउन्ज में घुसते ही उसका स्वागत करने चला आया |
राजू के पिता - नमस्ते रीमा जी, आवो प्रियम बेटा, स्वागत है आप दोनों का |
रीमा - धन्यवाद कपिल जी | ये लीजिये .......
रीमा ने उसे गिफ्ट सौंप दिया | उसने भी आभार व्यक्त किया |
एक नजर को रीमा को देखता रह गया क्योंकि रीमा कभी इतना सजाती धजती नहीं थी, इसलिए उसका चौकना स्वाभाविक था | रीमा को देखकर कपिल थोडा असहज था लेकिन जल्द ही संभल गया, फिर उसने शिष्टाचार वस् बोल ही दिया - भाभी जी आप बहुत खूबसूरत लग रही है, आइये आपको गेस्ट से मिलवाता हूँ | प्रियम बेटा, राजू उधर है | प्रियम भागता हुआ एक तरफ चला गया |
रीमा - थैंक्यू सो मच कपिल जी, काफी बड़ी पार्टी की तैयारी की है आपने |
कपिल - कुछ खास नहीं, बेटे का मन था, नेक्स्ट इयर १८ का हो जायेगा तो ये लास्ट टीन ऐज बर्थडे है उसका |
रीमा कपिल टहलते टहलते मैंन हाल में आ गए | वहां बाकि आये गेस्ट से मिलना मिलाना शुरू हुआ | ठीक समय पर बर्थडे केक काटा गया | फिर नाच गाना शुरू हुआ | बच्चो की पार्टी अलग शुरू हुई और बड़े लोगो का ड्रिंक अलग शुरू हुआ | पार्टी में आये मर्दों की नज़रे गाहे बगाहे रीमा की पैमाइश ले ही जाती | सभी गेस्ट फॅमिली के साथ आये हुए थे इसलिए फ़्लर्ट करने की बहुत ज्यादा गुंजाईश नहीं थी लेकिन फिर भी दो पैग जाने के बाद कुछ शायर बन ही गए, कुछ आशिक | सभी जमकर मस्ती कर रहे थे |
![[Image: gallery_41.jpg]](https://4.bp.blogspot.com/-lCmZpVRPRrg/XLNJRRKUcNI/AAAAAAAAAtI/w_LBczjKLIAvXDN0wzRl0guCIBWF34tgQCLcBGAs/s640/gallery_41.jpg)
रीमा ने भी स्कॉच के दो पैग पी लिए थे, उसे अभी गाड़ी ड्राइव करके शहर तक वापस भी जाना था इसलिए उसने सॉफ्ट ड्रिंक भी पीनी शुरू कर दी | उसे पता था अगर बार के आस पास बैठी रही तो कोई न कोई उसे जबरदस्ती पिला ही देगा | इसलिए फ़ोन कॉल का बहाना करके वहां से खिसक ली | उसकी नज़ारे प्रियम को ढूंढ रही थी | आखिर कुछ ही दूरी पर अपनी मंडली के साथ मस्ती करते दिख गया | रीमा ने पास जाकर उनकी पार्टी ख़राब करने की बजाय दूर एक किनारे बैठकर उस पर नजर रखने की सोची | वो एक हट की ओट में बैठकर अपने फ़ोन को चेक करने लगी | बीच बीच में राजू के दोस्तों के ग्रुप पर नजर चली जाती | उनके ग्रुप में १० -११ लड़के लड़कियां थे | कुछ देर देखने के बाद बरबस ही रीमा की नजर के चेहरे पर टिक गयी |
रीमा मन ही मन अनुमान लगाने लगी - मै इसे जानती हूँ ? मैंने इस लड़की को कही देखा है | कौन है ये ?????
दिमाग पर थोड़ा जोर डालते ही उसे के चेहरा याद आ गया, जिसने उसकी जिदगी बदलकर रख दी | अरे ये तो नूतन है, मनोज जी की बेटी | वही नूतन जिसकी बड़ी बड़ी चुचियों को प्रियम और राजू चूस रहे थे | एक स्तन को प्रियम मसल रहा था और एक को राजू मसल रहा था | नूतन बस सिसकारियां भर रही थी | उसके बाद की सारी घटनाये एक के बाद एक उसके सामने से तैर गयी | रीमा बस इन्ही खयालो में खोयी थी तभी कोई उसको आवाज लगता सुनाई दिया | ये और कोई नहीं कपिल था | रीमा हट की ओट से बाहर आई |
कपिल - अरे रीमा जी आप कहाँ गायब हो गयी थी |
रीमा - जी मै वो फ़ोन पर किसी से बात कर रही थी |
कपिल - कोई नहीं, चलिए आपको राजू के दोस्तों से मिलवाता हूँ |
रीमा - ठीक है चलिए |
रीमा और कपिल वहां पंहुच गए जहाँ सभी बच्चे मस्ती कर रहे थे, बच्चे तो नहीं थे अब वो लेकिन जवान भी नहीं कह सकते | सबकी उम्र 15 से १७ से बीच में ही थी | सिवाय दो को छोड़कर, एक नूतन, दूसरा जग्गू | कुल मिलाकर 7 लड़के और ४ लड़कियां थी |
कपिल - हेल्लो यंग बॉयज एंड गर्ल्स .....
ग्रुप - हेल्लो अंकल |
कपिल - मीट Mrs. रीमा, ये प्रियम की आंट है |
ग्रुप - हेल्लो आंटी .........|
रीमा - हेल्लो एवरीवन, आर यू हविंग अ गुड टाइम |
ग्रुप - यस आंटी |
![[Image: 8fe3fec74f432e0a67d8a8caa1eef390.jpg]](https://3.bp.blogspot.com/-heLmu7PoCHo/XLNMVfuwTyI/AAAAAAAAAtU/1KiKZpTMJSU-9EN2KlbcVTsVI4RklxdYQCLcBGAs/s640/8fe3fec74f432e0a67d8a8caa1eef390.jpg)
सारे लड़के रीमा को जीभर के देखने लगे, जग्गू के तो होश ही उड़ गए | रीमा के बारे जितना प्रियम ने उसे बताया था उससे कही ज्यादा खूबसूरत लग रही थी | राजू ने दो चार बार देखा था लेकिन बिना मेकअप के इसलिए उसका चौकना भी स्वाभाविक था | सभ्य और असभ्य में एक अंतर होता है, सभी लोग अगर कोई चीज पसंद है तो घुमा फिराकर चासनी लगाकर उसकी तारीफ करते है जिससे सामने वाला असहज न हो | लगभग सभी लडको ने अपनी नजरे नीची कर ली थी और अब नजरे चुराकर रीमा को देखने लगे सिवाय जग्गू को छोड़कर | वो एकटक रीमा को देखे जा रहा था, प्रियम ने जल्द ही ये बात नोटिस कर ली, उसने राजू को चेताया, राजू ने जग्गू के एक हल्का मुक्का मारा और बात संभल ली | जब तक जग्गू संभलता तब तक रीमा की तेज नजरो में वो पूरी तरह स्कैन हो चूका था | रीमा और कपिल दोनों अनुभवी थे, दोनों ने महसूस किया कि यहाँ ज्यादा देर खड़े रहना किसी के लिए भी सहज नहीं है, दोनों ने लड़के और लडकियों की हरकते अच्छे से रिकॉर्ड करी थी |
कपिल - बेटा आप लोग एन्जॉय करो, हम चलते है |
ग्रुप - बाय अंकल बाय आंटी |
रीमा और कपिल फिर से अपने हम उम्र ग्रुप में लौट आये - रीमा ने आगे ड्रिंक लेने से तो मना कर दिया, लेकिन उनके साथ बैठकर लोगों की बोरिंग बाते सुन सुन कर मुस्कुराती रही |
थोड़ी देर बात सभी डांस फ्लोर पर पंहुच गए, सभी नाचने गाने में मशगूल हो गए , रीमा भी उसी में मस्त थी, तभी उसकी नजर दूर खड़े एक परछाई पर गयी | थोडा गौर से देखने पर पता चल गया ये तो जग्गू है | उसको बिना आभास हुए रीमा उस पर निगाह रखने लगी | जग्गू रीमा को घूर रहा था | रीमा को समझते देर न लगी, ये मुर्गा उसे रूप की बलि चढ़ गया है | पहले की रीमा और अब की रीमा में अंतर ये है की पहले की रीमा नाचना बंदकर किसी जगह जाकर शांत बैठ जाती, जहाँ जग्गू उसे देख न पता, लेकिन ये रीमा तो और ज्यादा अग्रेस्सिव होकर मादक तरीके से नाचने लगी | साड़ी पहनकर इस तरह का डांस करना मुस्किल होता है लेकिन रीमा किसी तरह बस मैनेज कर रही थी | फ्लोर की थुलथुल मोटी औरते रीमा से जलभुनकर राख हुई जा रही थी और उनके मर्द अपने अधेड़ उम्र का बचा हुआ रिजर्व भी खर्च करके दुगने जोश से नाच रहे थे | आखिर इतनी हसीं औरत के साथ फ्लोर शेयर करना भी किस्मत वालो के नसीब में होता है | रीमा सबके साथ नाच रही थी लेकिन उसकी नजरे बार बार उस परछाई की तरफ ही जाकर टिक रही थी | कुछ देर बाद परछाई गायब हो गयी | रीमा मदमस्त होकर एक थुलथुल आंटी के साथ नाचने लगी | काफी देर तक नाचने के बाद सभी थक गए थे, सभी आराम करने लगे, रीमा वाशरूम के बहाने प्रियम का हाल चाल लेने निकल पड़ी | प्रियम बच्चो के स्टेज पर नहीं था | बच्चे इधर उधर हो गए थे | रीमा ने चारो तरफ नजर दौड़ाई सभी बच्चे दिख गए सिवाय राजू, प्रियम और जग्गू के | रीमा ने उनको खोजना शुरू किया | इदर उधर पुछा - गेस्ट तो सभी दारू के नशे में फुल थे उन्हें कहाँ होश था लेकिन लाउन्ज के स्टाफ ने बताया की, दो लड़के पीछे की तरफ एक हट है वहां गए है | रीमा तेज कदमो से उधर चल दी |
रास्ते में हल्की रौशनी थी, जबकि हट के पास अच्छी खासी रौशनी थी | रास्ते में जाते समय रीमा को लगा शायद कोई उसका पीछा कर रहा है उसने एक दो बार इधर उधर चौकन्ने होकर देखा लेकिन उसे कुछ दिखाई नहीं पड़ा | वो सतर्क होकर तेज कदमो से हट की तरफ जाने लगी |
हट के पास पंहुचते ही उसे कुछ आवाज सुनाई पड़ने लगी | आमतौर पर इस लाउन्ज के किसी भी हट में दरवाजा नहीं है लेकिन इस हट में दरवाजा था और वो बंद था | अन्दर से कुछ आवाजे आ रही थी, रीमा ने जब उन आवाजो पर गौर किया तो पहचान गयी, वो प्रियम और राजू थे, लेकिन ये तीसरी आवाज तो किसी लड़की की है | अब रीमा के कान खड़े हो गए | उसने इधर उधर से झांककर देखने की कोशिश की लेकिन हट चारो तरफ से बंद थी | रीमा घूमते घूमते हट के पीछे की तरफ चली गयी, जिसके पीछे लाउन्ज की चाहरदीवारी थी | चाहरदीवारी के उधर सब जंगल था | ये लाउन्ज का आखिरी छोर था | मजे की बात इधर से हट के ऊपर के हिस्से में एक एक वर्ग फुट का होल बना रखा था हवा आने जाने के लिए | हट बनाने वालो ने ये होल जानबूझकर दीवार की तरफ रखा हुआ था क्योंकि हट से दीवार की तरफ कोई भी आने जाने से रहा | दीवार भी पूरी तरह ठोस नहीं थी बल्कि ईंटो की जाली और पत्थर के मिश्रण से बनी थी, जिससे उसमे एक रफ़ जंगली लुक आ सके | अन्दर रौशनी थी इसलिए पीछे की तरफ जाते ही रीमा की आँखों में चमक आ गयी, हट से आ रही रौशनी असल में रीमा की उम्मीदों की रौशनी थी | रीमा की ऊँचाई से हट के होल की ऊँचाई ज्यादा थी इसलिए रीमा को जमीन से ऊपर उठने के लिए कुछ और भी चाहिए था | रीमा से अपनी साड़ी ऊँची की और दीवार में उभरे एक पत्थर पर अपना पैर जमाया और चहारदीवारी पर चढ़ गयी, फिर धीरे से खुद को आगे की तरफ झुका लिया | जैसे ही उसने हट के अन्दर का नजारा देखा, उसके होश उड़ गए | राजू, प्रियम और नूतन तीनो हट में मौजूद थे | आस पास दारू के पैग रखे थे | ये दारू कैसे इनको मिली, जरुर ये नूतन का काम होगा | नूतन राजू और प्रियम से दो साल बड़ी थी | नूतन, राजू और प्रियम सेक्स कर रहे है, नूतन प्रियम और राजू का लंड अपने हाथो में लेकर मुठिया रही थी | दोनों के लंड उनकी पतलूनो से बाहर निकले हुए थे और तनकर सीधे हो चुके थे | नूतन की कमसिन तनी हुई चूचिया बेपर्दा थी, उसकी टॉप ऊपर गले तक उठी हुई थी और नूतन एक लंड को अपने नाभि के निचले हिस्से में चूत त्रिकोण पर रगड़ रही थी और दुसरे को तेजी से दुसरे हाथ से मुठिया रही थी | दोनों उत्तेजना के भंवर में गोते लगा रहे थे |
![[Image: 3_496.jpg]](https://1.bp.blogspot.com/-ZK6VF1s2uQg/XLFtVSh-beI/AAAAAAAAAiw/iEbpisQ-sAQQebSI11KWwsSbMzk5W32_gCLcBGAs/s640/3_496.jpg)
नूतन एक सामन्य से लोअर मिडिल क्लास फैमिली से आती थी | नूतन बचपन से ही पड़ने में बहुत तेज थी इसलिए उसका इस कॉलेज में नाम नर्सरी से ही लिखा हुआ था | नूतन के घर की आर्थिक हालत बहुत बेहतर नहीं थी इसलिए उसे पॉकेट मनी के नाम पर बहुत कम पैसे मिलते थे, नूतन को कॉलेज में अपने दोस्तों से बराबरी करने का मौका नहीं मिलता था | जब भी उसका खर्च करने का नंबर आता उसके पास पैसे ही नहीं होते थे | अमीर कॉलेज में पढने के ये नुकसान गरीब बच्चो की अक्सर अनुभव करने पड़ते है | नूतन ने 6 क्लास तक आते आते इसका तोड़ निकल लिया, उसने अमीर घरो के लडको को पटाना शुरू कर दिया | वो पढने में तेज थी इसलिए कभी उनका होमवोर्क कर देती, कभी उनको दिया असाइनमेंट बना देती, इस तरह से वो लड़के नूतन को अच्छा खासा पॉकेट मनी दे देते थे | धीरे धीरे उसकी आदते डेवेलोप होने लगी | 8 तक आते आते उसे अहसास हो गया कि सिर्फ होमवर्क करके काम नहीं चलेगा | उसने एक अमीर लड़के को पटाकर उसको किस करना चालू कर दिया और उसके ग्रुप में खुद को उसकी गर्लफ्रेंड घोषित कर दिया | लड़का भी जोश में नूतन के सारे खर्चे उठाने लगा | लेकिन ये सिलसिला बस दो साल चला, क्योंकि अगले साल नूतन इन सब दुनिअदारी में इतनी उलझ गयी की फ़ैल हो गयी | उसके घर में तो जैसे आसमान टूट पड़ा हो, घर के ताने और चिकचिक से तंग आकर वो ज्यादातर कॉलेज में ही टाइम बिताती | फ़ैल होने से उसका पूरा फ्रेंड सर्किल उसे पीछे छोड़कर आगे बढ़ गया और अपने फ्रेंड सर्किल में नूतन एक तरह से वैम्प या कामिनी लड़की की तरह जानी जाने लगी |
नूतन से इससे त्रस्त होकर अपने से जूनियर से दोस्ती करनी आरम्भ कर दी | उससे दो क्लास जूनियर दो अमीर लड़के उसके दोस्त बने, जिनका नाम था राजू और प्रियम | ऐसा नहीं था नूतन के बाकि लड़के दोस्त नहीं थे, वो सबसे अपना मतलब सीधा रखने के लिए दोस्ती रखती थी | उम्र बढ़ने के साथ साथ नूतन के और भी कई तरह से लड़कों को अपने जाल में फ़साना शुरू किया | इससे उसे अपनी पढाई का पूरा खर्चा निकल आता था | फिलहाल राजू और प्रियम उसे सबसे ज्यादा पैसे देते थे इसलिए राजू और प्रियम उसके खास दोस्त थे | ऐसा नहीं था की नूतन कोई बेश्या थी | पुरे कॉलेज के ज्यादातर लडको का मानना था कि नूतन के बेहद ही बोल्ड और बिंदास लड़की है, और उसके न जाने कितने लड़को से रिश्ते है | सब ये मान चुके थे वो न जाने कितनी बार चुद चुकी होगी लेकिन इसके उलट कहानी ये थी, कि नूतन असल में अब तक कुंवारी थी | इतने सारे लडको के साथ फ्लर्ट करने के बावजूद सबको बस यही लगता था की ये सामने वाले के साथ सोई होगी | कोई भी ये दावा नहीं कर सका कि मै नूतन के साथ सोया हूँ और मैंने उसे चोदा है | अफवाहे उड़ती रहती थी इससे बेपरवाह नूतन बस अपने में मस्त रहती | नूतन के अपने करीब के एक रिश्तेदार की बेहद शालीन बेटी को गर्भवती होते देखा था, जो कि उन्ही के किसी रिस्तेदार ने से चोरी छिपे चुदवाकर पेट से हो गयी थी | जिसने भी उसके बारे में सुना था यकीन नहीं कर पाया, बेचारो को शहर छोड़ दूसरी जगह जाना पड़ा रहने के लिए | वो एक दिन था जब उसकी माँ ने उसका माथा चूमा था और गर्व से बोली थी - मेरी बेटी कैसी भी लेकिन चोरी छिपे किसी के साथ मुहँ काला नहीं कराती |
उसी दिन से नूतन का नियम था, below the बेल्ट नो एंट्री | उसके फ्रेंड सर्किल में ये बात भी तैरती रहती किनूतन घुमती सबको है लेकिन देती किसी को नहीं | जाहिर से बात है उसके पास राजू को महगा गिफ्ट देने के लिए पैसे नहीं थे इसलिए उसने उसके बर्थडे को स्पेशल बनाने की सोची | दूसरा उन तीनो में सिर्फ राजू था जो अब तक हर तरफ से कोरा था, चूत को चोदना तो छोड़ो, उसके लंड को भी अभी तक किसी लड़की ने नहीं छुआ था | प्रियम इस मामले में थोडा लकी रहा | इसलिए नूतन का प्लान था की राजू का लंड चूसकर उसे भी थोडा अच्छा फील कराया जाये इससे उसक कॉन्फिडेंस भी बढ़ेगा | लेकिन राजू इतना फट्टू था कि अकेले के लिए राजी ही नहीं हुआ इसलिए देखते देखते नूतन ने प्रियम के लिए भी मूड बना लिया |
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असल में हट के अन्दर आते ही नूतन ने लंड चूसने की शरुआत प्रियम से करी ताकि उसे देखकर राजू को पता चल जाये की क्या होने जा रहा है और वो जरुँरत से ज्यादा उत्तेजित न हो | रास्ते में नूतन दोनों के लंड पेंट के ऊपर से सहलाती हुई आ रही थी इसलिए दोनों के तम्बू पेंट के अन्दर तने हुए थे | नूतन ने प्रियम की पेंट की जिप खोली और सीधे उसका लंड का सुपाडा मुहँ में ले लिया और टॉफी की तरह चूसने लगी | राजू आंखे चौड़ी करके ये नजारा देखने लगा | थोड़ी देर तक नूतन प्रियम का लंड बिलकुल लोलीपोप वाले अंदाज में चूसती रही |


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