14-07-2021, 04:15 PM
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" So Sweet भैया... मुझे आपके साथ आने जाने कि आदत पड़ चुकी है और आप जो मेरे साथ Bodyguard कि तरह रहते हो उससे मेरे दोस्त जो मेरा मज़ाक उड़ाते हैं, उसकी भी आदत पड़ चुकी है. ". निधी ने मुँह बनाते हुए कहा........................
निधी जिस जगह खड़ी थी उसके पीछे एक आदमी बड़ा सा बैग लिये खड़ा था. उस बैग कि वजह से निधी ठीक से खड़ी नहीं हो पा रही थी और उसे बार बार ठोकर लग रही थी.
" इधर आ जा निधी. ". रोहित ने जब ये Notice किया तो उसने अपने सामने थोड़ी सी जगह बना ली और निधी वहाँ घुस कर अपने भैया के आगे खड़ी हो गई. अब उसकी पीठ अपने भैया के तरफ थी और उसे धक्के मुक्के से बचाने के लिये उसके भैया उसके पीछे खड़े थें. उसके भैया उसके लिये इतने Protective थें ये देख कर निधी मन ही मन मुस्कुराई पर कुछ बोली नहीं. उसे अपने भैया के साथ नोंक झोंक वाला रिश्ता ही ज़्यादा भाता था, Formality वाला नहीं !
बाहर बारिश होने कि वजह से दिन के वक़्त भी अच्छा खासा अंधेरा छा गया था, बस कि सारी खिड़कीयां बंद थी तो अंदर बस में भी अंधकार ही था, जो जहाँ था वहीं चुपचाप खड़ा था, हिलने डूलने कि तो जगह ही नहीं थी. कुछ देर कि यात्रा के बाद रोहित और निधी अब Relax हो गयें थें...........................
रोहित ने अपनी बहन को अपने सामने खड़े होने कि जगह तो दे दी थी पर वो Comfortable नहीं हो पा रहा था, निधी का तो उसे पता नहीं.
दरअसल, उसकी बहन का बदन उसके जिस्म से एकदम चिपक गया था, उसपे उसकी बहन का सलवार कमीज़ और खुद उसका Trouser और शर्ट पानी में भीग कर तर बतर हो चुका था.
शुरू में काफी देर तक उसने कोशिश कि, की उसका शरीर अपनी बहन के बदन से ना सटे, पर पीछे से पड़ रहे लोगों की भीड़ के दबाव को वो ज़्यादा देर तक रोक नहीं पाया. मुसीबत तब हुई जब आखिरकार उसके कमर का नीचला हिस्सा उसकी बहन के नितंब में जा सटा.
इतना तो फिर भी ठीक था पर सबसे Embarrassing Situation तब आई जब रोहित की टांगों के बीच वाला हिस्सा उसकी बहन की कमीज़ और सलवार में लिपटी पानी से गीली हुई चूतड़ों के मध्य की पतली दरार के बीचो बीच फंस गया ! रोहित बस यही सोच रहा था की उसकी बहन पता नहीं क्या सोच रही होगी, शायद उसे कुछ महसूस ही ना हो रहा हो, ना ही हो तो बेहतर है !
रोहित की कमर और दोनों जांघो वाला हिस्सा अब निधी के गांड़ की दोनों गोल उभारों में सट गया था जबकि उसका लण्ड वाला हिस्सा उन दो गोल गुंबदो के बीच घुस गया था !
Feeling तो आखिर Feeling ही होती है जो इंसान महसूस करता है और जिसका Logic हर वक़्त ना खोजना संभव है और ना समझना. रोहित को भी जब किसी नरम मुलायम गद्दे जैसी अपनी बहन के गांड़ का उभार Feel हुआ तो ना चाहते हुए भी, या फिर यूँ कहें, की उसकी इच्छा के विरुद्ध, उसका लण्ड उसकी पैंट में फूलने लगा !!!
पानी में पूरी तरह से भीगे होने के कारण उसके Trouser के अंदर उसका अंडरवीयर भी ढीला और लचीला हो गया था, जिसकी वजह से उसका अंडरवीयर ज़्यादा देर उसके लण्ड के बढ़ते उभार और आकार को दबा नहीं पाया. उसका लण्ड उसके जांघिये में नीचे की ओर मुड़े हुए ही खड़ा होने लगा !
निधी की ओर से अभी तक कोई भी प्रतिक्रिया नहीं हुई थी. Situation हाथ से बाहर जाता देख रोहित ने धीरे से अपनी कमर पीछे खिसका कर अपने लण्ड को अपनी बहन की गांड़ की दरारों से बाहर निकाला, और थोड़ा Side होने की कोशिश की ताकि वो उसकी गांड़ से ना सटे. पर इस प्रयास में चूंकि पीछे से भीड़ का काफी दबाव था, उसका लण्ड बाहर तो निकला पर इस बार वापस जाकर निधी की बाई गांड़ के गुंबद पे टिक गया. और ये निधी ने बहुत ही अच्छे से बिना किसी गलतफहमी के महसूस भी किया !!!
" Are You Okay भैया ? मैं थोड़ा हटूं क्या ? ". निधी ने अपनी गर्दन पीछे की ओर बस इतना सा घुमा कर पूछा की उसकी आँख भैया के आँख से ना मिले.
" हाँ Yes... Sorry... I Told You ना UBER से चलते हैं... बेकार हो गया ! ". रोहित ने जितना हो सका अपनी आवाज को स्वाभाविक बना कर कहा, जैसे की कुछ हुआ ही ना हो.
निधी ने अपने भैया का लण्ड साफ अपनी गांड़ पर महसूस कर लिया था, उसे थोड़ा अजीब लगा पर वो जानती थी की ये Intentional नहीं था. निधी ने अपनी गांड़ थोड़ी सी हिला कर Adjust करनी चाहि पर उससे मामला और बिगड़ गया !
निधी की इस हरकत से रोहित का लण्ड घिसट कर वापस उसकी गांड़ की दरार में फिट हो गया और इस बार रोहित का नीचे मुड़ा हुआ लण्ड जांघिये में थोड़ी सी जगह पाकर सीधे ऊपर की ओर उठ गया !!!
" So Sweet भैया... मुझे आपके साथ आने जाने कि आदत पड़ चुकी है और आप जो मेरे साथ Bodyguard कि तरह रहते हो उससे मेरे दोस्त जो मेरा मज़ाक उड़ाते हैं, उसकी भी आदत पड़ चुकी है. ". निधी ने मुँह बनाते हुए कहा........................
निधी जिस जगह खड़ी थी उसके पीछे एक आदमी बड़ा सा बैग लिये खड़ा था. उस बैग कि वजह से निधी ठीक से खड़ी नहीं हो पा रही थी और उसे बार बार ठोकर लग रही थी.
" इधर आ जा निधी. ". रोहित ने जब ये Notice किया तो उसने अपने सामने थोड़ी सी जगह बना ली और निधी वहाँ घुस कर अपने भैया के आगे खड़ी हो गई. अब उसकी पीठ अपने भैया के तरफ थी और उसे धक्के मुक्के से बचाने के लिये उसके भैया उसके पीछे खड़े थें. उसके भैया उसके लिये इतने Protective थें ये देख कर निधी मन ही मन मुस्कुराई पर कुछ बोली नहीं. उसे अपने भैया के साथ नोंक झोंक वाला रिश्ता ही ज़्यादा भाता था, Formality वाला नहीं !
बाहर बारिश होने कि वजह से दिन के वक़्त भी अच्छा खासा अंधेरा छा गया था, बस कि सारी खिड़कीयां बंद थी तो अंदर बस में भी अंधकार ही था, जो जहाँ था वहीं चुपचाप खड़ा था, हिलने डूलने कि तो जगह ही नहीं थी. कुछ देर कि यात्रा के बाद रोहित और निधी अब Relax हो गयें थें...........................
रोहित ने अपनी बहन को अपने सामने खड़े होने कि जगह तो दे दी थी पर वो Comfortable नहीं हो पा रहा था, निधी का तो उसे पता नहीं.
दरअसल, उसकी बहन का बदन उसके जिस्म से एकदम चिपक गया था, उसपे उसकी बहन का सलवार कमीज़ और खुद उसका Trouser और शर्ट पानी में भीग कर तर बतर हो चुका था.
शुरू में काफी देर तक उसने कोशिश कि, की उसका शरीर अपनी बहन के बदन से ना सटे, पर पीछे से पड़ रहे लोगों की भीड़ के दबाव को वो ज़्यादा देर तक रोक नहीं पाया. मुसीबत तब हुई जब आखिरकार उसके कमर का नीचला हिस्सा उसकी बहन के नितंब में जा सटा.
इतना तो फिर भी ठीक था पर सबसे Embarrassing Situation तब आई जब रोहित की टांगों के बीच वाला हिस्सा उसकी बहन की कमीज़ और सलवार में लिपटी पानी से गीली हुई चूतड़ों के मध्य की पतली दरार के बीचो बीच फंस गया ! रोहित बस यही सोच रहा था की उसकी बहन पता नहीं क्या सोच रही होगी, शायद उसे कुछ महसूस ही ना हो रहा हो, ना ही हो तो बेहतर है !
रोहित की कमर और दोनों जांघो वाला हिस्सा अब निधी के गांड़ की दोनों गोल उभारों में सट गया था जबकि उसका लण्ड वाला हिस्सा उन दो गोल गुंबदो के बीच घुस गया था !
Feeling तो आखिर Feeling ही होती है जो इंसान महसूस करता है और जिसका Logic हर वक़्त ना खोजना संभव है और ना समझना. रोहित को भी जब किसी नरम मुलायम गद्दे जैसी अपनी बहन के गांड़ का उभार Feel हुआ तो ना चाहते हुए भी, या फिर यूँ कहें, की उसकी इच्छा के विरुद्ध, उसका लण्ड उसकी पैंट में फूलने लगा !!!
पानी में पूरी तरह से भीगे होने के कारण उसके Trouser के अंदर उसका अंडरवीयर भी ढीला और लचीला हो गया था, जिसकी वजह से उसका अंडरवीयर ज़्यादा देर उसके लण्ड के बढ़ते उभार और आकार को दबा नहीं पाया. उसका लण्ड उसके जांघिये में नीचे की ओर मुड़े हुए ही खड़ा होने लगा !
निधी की ओर से अभी तक कोई भी प्रतिक्रिया नहीं हुई थी. Situation हाथ से बाहर जाता देख रोहित ने धीरे से अपनी कमर पीछे खिसका कर अपने लण्ड को अपनी बहन की गांड़ की दरारों से बाहर निकाला, और थोड़ा Side होने की कोशिश की ताकि वो उसकी गांड़ से ना सटे. पर इस प्रयास में चूंकि पीछे से भीड़ का काफी दबाव था, उसका लण्ड बाहर तो निकला पर इस बार वापस जाकर निधी की बाई गांड़ के गुंबद पे टिक गया. और ये निधी ने बहुत ही अच्छे से बिना किसी गलतफहमी के महसूस भी किया !!!
" Are You Okay भैया ? मैं थोड़ा हटूं क्या ? ". निधी ने अपनी गर्दन पीछे की ओर बस इतना सा घुमा कर पूछा की उसकी आँख भैया के आँख से ना मिले.
" हाँ Yes... Sorry... I Told You ना UBER से चलते हैं... बेकार हो गया ! ". रोहित ने जितना हो सका अपनी आवाज को स्वाभाविक बना कर कहा, जैसे की कुछ हुआ ही ना हो.
निधी ने अपने भैया का लण्ड साफ अपनी गांड़ पर महसूस कर लिया था, उसे थोड़ा अजीब लगा पर वो जानती थी की ये Intentional नहीं था. निधी ने अपनी गांड़ थोड़ी सी हिला कर Adjust करनी चाहि पर उससे मामला और बिगड़ गया !
निधी की इस हरकत से रोहित का लण्ड घिसट कर वापस उसकी गांड़ की दरार में फिट हो गया और इस बार रोहित का नीचे मुड़ा हुआ लण्ड जांघिये में थोड़ी सी जगह पाकर सीधे ऊपर की ओर उठ गया !!!