14-07-2021, 04:10 PM
टिप टिप बरसा पानी
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" जब मैं कहती थी कि आपकी Bike खटारा है तब तो आप गुस्सा करते थें भैया... अब देखो. ". निधी ने कहा. " अब भी सुधर जाओ भैया... एक नई Bike ले लो ना... या फिर इस बार एक Car ! ".
" बकबक थोड़ा कम किया करो... अब क्या करना है सोचने दो. ". रोहित ने अपनी Bike को देखते हुए कहा.
" Relax Bro ... यहाँ पास में एक Garage है... आप Bike हमें दे दो... हम वहाँ बनने को छोड़ देंगे... कल आप जब निधी को लेने आओगे तो ले जाना. " . पास ही खड़े निधी के दोस्तों के Group में से एक लड़के ने कहा.
अपने भैया को चिढ़ाने के लिए निधी उसके चेहरे के पास जाकर मुस्कुराई और बोली. " मेरे दोस्तों को आप बाद में Thanks बोल देना. अब चलें ? . ".
" और ये बारिश ? ". रोहित ने बाहर हो रही बरसात को देख कर कहा.
" इस मामले में मेरे दोस्त आपकी कोई मदद नहीं कर सकतें ! ". निधी ने हँसते हुए कहा. " Come On भैया... गर्मी कि बारिश है... चलो ना भीग कर चलते हैं. "
निधी ने अपनी किताबों वाली बैग भी अपने दोस्तों को दे दी ताकि बारिश में भीग ना जाये... उन्हें Bye बोला और अपने भैया के साथ कॉलेज से बाहर निकल आई....................
रोहित का ये रोज़ का Routine था. उसे ऑफिस से लौटते वक़्त अपनी छोटी बहन निधी को कॉलेज से Pick करना पड़ता था घर वापसी के लिये. उनके मम्मी पापा थोड़े पुराने खयालात के थें, पर बुरे नहीं थें. उनका मानना था कि भाई अगर अपनी बहन को कॉलेज ले जाना और ले आना करे तो लड़की Safe रहती है. निधी को इसमें कोई परेशानी नहीं थी, बस उसके कॉलेज के दोस्त इस बात पर उसका काफी मज़ाक उड़ाते थें.
रोज़ कि तरह रोहित आज भी अपनी बहन को लेने आया था पर उसकी Bike ख़राब हो गई थी.
कॉलेज से बस स्टॉप सिर्फ 5 मिनट कि दुरी पर था पर बारिश इतनी तेज़ हो रही थी कि रोहित और निधी पूरी तरह से भीग गयें वहाँ तक पहुंचते पहुंचते.
" वो बंदा कौन था जो मुझे Bro बोल रहा था ?. ". बस स्टॉप पे बस का इंतजार करते हुए रोहित ने पूछा.
" भैया Relax... मेरे दोस्त ऐसे ही बात करतें हैं. ".
" गुस्सा क्यूं हो रही हो... बॉयफ्रेंड है क्या ? ". रोहित ने मज़ाक किया.
"Oh Please भैया... ".
" तुम्हारा मम्मी पापा से झगड़ा खत्म हुआ ? ". रोहित ने पूछा.
" कौन वाला भैया ? बहुत सारे हैं तो... ". निधी हँस पड़ी.
" वो Separate Room वाला... ".
निधी को अपने मम्मी पापा के कहे अनुसार अपने भैया का कमरा Share करना पड़ता था. उसका कोई अपना कमरा नहीं था और इसी बात पर निधी रोज़ अपने मम्मी पापा से लड़ती झगड़ती रहती थी.
" अभी कहाँ भैया. अब आप ही बताओ जब ऊपर फ्लोर पे एक कमरा खाली पड़ा है तो मेरा आपके साथ आपके रूम में रहने का क्या मतलब ??? ".
" Don't Worry... अभी तूम 20 कि हो... 22 या 23 साल कि होने तक मम्मी पापा तुम्हारी शादी कर देंगे... फिर जी भर के अपने पति के साथ एक दो जितनी मर्ज़ी उतने कमरों में रह लेना. ". रोहित ने दुबारा अपनी बहन कि टांग खींची.
" भैया Shut Up ! ".
15 मिनट बीत चुके थें पर बस का कोई नमोनिशान नहीं था.
" UBER बुला लूं क्या ? ".
" रहने दो भैया... बेकार में पैसे खर्च होंगे. बस अभी आ जायेगी. " निधी ने कहा. " UBER पे पैसे बर्बाद ना करके उसी पैसों से आप मुझे एक साड़ी खरीद देना. "
" अच्छा ? दो तीन सौ में कहाँ से आयेगी साड़ी ? ".
" दो तीन सौ में कुछ और पैसे मिला लेना भैया... ". निधी हँसते हुए बोली.
कुछ देर में ही उनकी बस आ गई.
" आजाओ भैया... ".
" इसमें नहीं निधी... बहुत भीड़ है. ".
" भैया... यहाँ कि सारी बसें ऐसे ही भीड़ वाली आती हैं... चलो. ".
रोहित को आराम से Travel करने कि आदत पड़ी थी, बस में अंदर घुसते ही भीड़ देख कर उसका दिमाग़ घुमने लगा. निधी इन सब में Expert थी, उसने अपने भैया का हाथ पकड़ा और भीड़ में जगह बनाती हुई बस के एकदम पीछले हिस्से में चली गई. भीड़ तो वहाँ भी कम नहीं थी पर बस के पिछले हिस्से में कम से कम आने जाने वाले लोगों कि धक्को से बचा जा सकता था. मुश्किल से खड़े होने कि जगह मिली थी उन्हें, दोनों एक दूसरे के अगल बगल खड़े हो गये, बस चल पड़ी.
" अच्छा निधी... जिस दिन मैं तुम्हें कॉलेज से Pick करने नहीं आ पाता उस दिन तूम इसी तरह बस में इतनी भीड़ में जाती हो ? ".
" हाँ भैया... तो ? वैसे आज थोड़ी ज़्यादा ही भीड़ है इस बारिश कि वजह से... रोज़ नहीं होता इतना... पर... ".
" अब से मैं तुम्हें रोज़ लेने आ जाया करूंगा... ". रोहित ने अपनी बहन कि बात काटते हुए कहा........................