14-04-2019, 09:15 PM
ईतना बोल के ऊषा भौजी वापस चली गई। ऊनके जाने के बाद मैं सीमा से बोली, सीमा चले में त कोई हरज न्ईखे, पर ई कमीना दमुओ साथे बा न, बहानचोद फेर कोई फेरा लग्ईलस त ।दुर खचरी अब का करी, जादे से जादासाड़ी उठाई लौड़ा धांसी। हमहूँ कहब पेल बहानचोद, भतार छुट्टे छोरले बा और यह कह कर वह जाने लगी, लेकिन जाने से पहले कहने लगी, ऐ मीरा सुननी ह कि उषा भौजी के घर के लोग बरी एडभांस बा ,त हमनियों के अच्छा से सज थज के चले के होखी ।मैंभी बनावटी शोखी दिखाते हुए बोली ऐडभांस हवन चाहे ऐडभैंसी हमर पहनावा त वही रही साड़ी साया ब्लाऊज़। सीमा के जाने के बाद मैंभी नहाने चली गई। आज जब नहाने गई तो पता नहीं क्यों अपने उग आए बालों की सफाई भी करली। खाना खाकर आराम से ओसारे पर सो गई। नींद टुटी तो सुर्यास्त होने को थी ,अचानक ऊषा भाभी हरबराति हुईं आंयी और कहने लगी, का हे बबुनी अभी तक तैयार न्ईखे भ्ईली, तैयार होखे में केता देर लागी। ठीक बाअभी 6बजत बाटे ठीक 7 बजेआटो पर सीमा बबुनी के लेलही आएम,ठीक बा न। ठीक बा भौजी हम जरूर तैयार रहब। ईतनी बात कहके वह चली गई। मैंभी शाम कि चाए के बाद तैयार होने गई ।बैग खोलते ही मेरी नजर पति द्वारा दि गई गिफ्ट पर पड़ीमैं ऊत्सकता के साथ वह पैकेट खोली।


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