12-07-2021, 02:16 PM
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काजल-ठीक है मैं बाद में खाना खाऊंगी।
सीमा- ठीक है मैं तुम्हारे लिए खाना निकाल कर रख देती हूं। तुम बाद में खा लेना।
और फिर सीमा वहां से निकल कर आ जाती है खाने के लिए। फिर वो प्रकाश और रवि के बगल में आकर बैठ जाती। सबलोग पहले से खाना खा रहे थे।
सीमा साड़ी पहनी हुई थी। वो प्रकाश के बाएं और बैठी हुई थी। प्रकाश अपना बाये हाथ सीमा की न्यूड कमर जो हिस्सा न्यूड रहता है उसपर रख देती है। और थोड़ा थोड़ा सहलाने लगता है। और आराम से खाना खाने लगता है जैसे कुछ कर ही नही रहा हो। सीमा के बदन में हलचल सुरु हो जाता है। सामने अजय था उसका पति अब उसके सामने रियेक्ट भी नही कर सकती थी। उसे डर भी लग रहा था कि कहीं अजय ने देख लिया तो क्या होगा। प्रकाश अपना हाथ सीमा की कमर पर नाभि पर ले जाता है और फिर वो सहलाने लगता है और खाना खाने लगता है। प्रकाश बिल्कुल अनजान जैसा खाना खा रहा था।
अजय- क्या बात है सीमा तुम्हारे माथे पर इतना पसीना क्यो आ रहा।
प्रकाश जो उसके कमर और नाभि पर छेड़छाड़ कर रहा था इसके चलते उसके माथे पर डर से पसीना आने लगता है। सीमा लड़खड़ाते हुए जवाब देती है।
सीमा- नही ऐसी कोई बात नही है वो मैन गलती से मिर्ची कहा ली है इसके वजह से शायद।
प्रकाश सीमा के कमर में एक चुटी काट लेता है।
सीमा- आउ!
अजय- क्या हुआ सीमा।
सीमा पानी लेकर पीती है उसके बाद।
सीमा- कुछ नही हिचकी आ रही है शायद वो मैन मिर्ची कहा ली है ना इसलिए।
अजय- आराम से।
प्रकाश-आंटी आराम से धीरे धीरे खाने का माजा लेते हुए खाइए।
सीमा प्रकाश के तरफ एक बार ग़ुस्से नजर से देखती है।
प्रकाश मुस्कुराते हुए सीमा की तरफ देखता है। फिर हाथ को सीमा की चूत के ऊपर रख देता है। सीमा अपना हाथ से प्रकाश का हाथ को हटाने का कोसिस करती है। लेकिन प्रकाश नही हटाता। सीमा जोर जबरजस्ती बही नही कर सकती थी। प्रकाश साड़ी के ऊपर से ही सीमा की चूत को रगड़ने लगता है। सीमा प्रकाश के इस हरकत से बहुत नाराज हो रही थी। लेकिन प्रकाश का अंगुली सीमा की चूत पर सीमा को अच्छा भी लग रहा था। सीमा जैसे तैसे अपना खाना खत्म करती है और उठ जाती है।
अजय- अरे इतना जल्दी खत्म कर ली तुम।
सीमा- हाँ।
और फिर किचन के तरफ भाग जाती है। किचन में हाथ धो कर वो बाथरूम में जाति है जहां वो अपनी साड़ी उठती है और फिर देखती है उसकी पैंटी गीली हो चुकी है। सीमा अपनी गीली पैंटी वहीं खोल कर बाहर निकल जाती है। फिर सबलोग खाना खत्म करके अपने अपने कमरे में सोने चले जाते हैं।
अगला दिन काजल कॉलेज नही गयी। सीमा का पति आफिस चला जाता है।
प्रकाश ने रवि को किसी काम से बाहर भेज दिया। फिर उसके बाद उसने दरोगा दिलीप तिवारी को फ़ोन लगाया और उसे आने को कहा।और उससे पहले उसे कुछ कुछ समझा दिया दिलीप तिवारी सबकुछ समझकर बोला ठीक है मैं आता हूँ। थोड़ी देर बाद बाहर बुलेट की आवाज़ सुनाई देती है। मैं समझ गया दरोगा दिलीप तिवारी आगया है। मैं अपने कमरे में था। दरोगा नहीं घर का दरवाजा खटखटाया। सीमा ने जाकर घर का दरवाजा खोली। दरोगा अपने सामने इस खूबसूरत माल को देख कर मन ही मनमे सोचता है अच्छा तो यह वही माल है जिसके बारे में प्रकाश मुझे बोल रहा था। दरोगा सीमा ऊपर से नीचे तक देखने लगता है। सीमा नाइट गाउन पहनी हुई थी जिसमे वो बहुत हॉट लग रही थी। दिलीप ने सीमा को देखते ही मन ही मन मे सोचता है। साली को चोदने में बहुत मस्त माजा आएगा।
सीमा - हाँ कहिये।
दरोगा- वो काजल है क्या। मैं थाना का दरोगा हूँ।
सीमा दरोगा के मुँह से काजल का नाम सुनकर बहुत घबरा गई। उसने घबराते हुए दारोगा से पूछ।
सीमा- दरोगा साहब काजल से आपको क्या काम है?
दरोगा- अच्छा तो आपकी बिटिया ने आपको बताया नहीं है।
सीमा- मैं कुछ समझी नहीं साहब।
दरोगा- आपकी बेटियां पर थोड़ा लगाम लगाकर रखिए। आजकल की लड़कियां उड़ने लग गई है।
सीमा- मैं समझी नहीं साहब।
दरोगा- चलिए मुझे मेरा काम करने दीजिए वरना मैं आपको एक सिक्युरिटी ऑफिसर को डिस्टर्ब करने के आरोप में अंदर कर सकता हूँ।
सीमा डर जाती है
सीमा- ठीक है मैं काजल को बुलाती हूँ।
दरोगा- नहीं नहीं मुझे उससे कुछ अकेले में बात करनी है।
सीमा- ठीक है जैसा आप कहें।
दरोगा- उसका कमरा किधर है मुझे बता दीजिए मैं चला जाता हूँ।
सीमा दरोगा को काजल कई कमरे की तरफ इशारा करके दिखाती है। और काजल डाइनिंग हॉल में ही बैठी रहती है। सीमा को बहुत टेंशन हो रहा था। दरोगा काजल के कमरे में चला जाता है।
काजल भी दरोगा को देखकर घबरा जाती है।
काजल- आप यहाँ।
दरोगा- हाँ क्या नहीं आ सकता हूँ क्या।
काजल- नहीं नहीं ऐसा बात नहीं है अचानक आपको देखकर मैं चौंक गयी। देखिये मेरे घर वाले को इसके बारे में कुछ पता नहीं है बेहतर होता है आप मुझे बुला लेते हैं इस तरह तो सबको पता चल जाएगा।
दरोगा- उस वक्त तुमने इन सब बारे मैं नहीं सोंची थी जब तुम उस लड़के के साथ थिएटर में गुलछर्रे उड़ाने गई थी।
तभी अचानक दरवाजा के पास सीमा खटखटाती है।
उधर से आवाज आती है
सीमा- वो मैं चाय लायी थी।
और फिर सीमा अंदर घुस जाती है और चाय टेबल पर रखकर चली जाती है। सीमा ने दरोगा की बात सुनली जिसमें दरोगा काजल को कहता है जब तुम लड़के के साथ थिएटर में गुलछर्रे उड़ाने गई थी सबने सोंची थी। यह बात सुनकर सीमा दिल की धड़कन बहुत तेज हो जाती है। उसके मन में तरह तरह के सवाल आते हैं। वह वापस आकर डाइनिंग हॉल में सोफे पर बैठ जाती है। प्रकाश भी तब तक वहाँ पहुँच जाता है।
प्रकाश- क्या हुआ आंटी आप इतने घबराए हुए क्यों है।
सीमा- नहीं नहीं कुछ नहीं ऐसे ही।
इधर दरोगा काजल के कमरे में
काजल- देखिए माना की मैने गलती की लेकिन वह लड़का जो किया उसके लिए उसको सजा तो मिलना चाहिए।
दरोगा- मैने तुम्हें तुम्हारा बॉयफ्रेंड को थाने लाने के लिए बोला था तुमने अब तक उसे लाइक क्यों नहीं।
काजल- देखिए जब ये सब घटना हुई उस टाइम वो नहीं था। फिर वो आ करके आपको क्या बताएगा।
दरोगा- इस तरह तुम एक अंजान लड़के इसको तुम जानती नहीं हूँ पहचानती नहीं हूँ कभी तुमने उसे देखा भी नहीं है उसके ऊपर इस तरह इलजाम कैसे लगा सकती ओह।
काजल- वॉट्सऐप में उसने मुझे फोटो भेजा है उसके आधार पर तो आप इन्वेस्टिगेट कर सकते हैं।
दरोगा- उसके लिए मुझे साइबर सेल की मदद लेनी पड़ेगी और साइबर सेल से मदद लेने के लिए ऐफ़ आई आर की कॉपी होनी चाहिए। तुम ऐफ़ आई आर कर दो उसके बाद मैं देख लूँगा।हाँ लेकिन तब भी जिम्मी को कोर्ट में आकर बयान देना पड़ेगा।
काजल- बार बार जिम्मी का नाम क्यों आ रहा है इसमें जब वो इसमें इन्वॉल्व है ही नहीं तो। जिम्मी बयान देने नहीं आने वाला वो कभी नहीं कहेगा कि वो मेरे साथ थिएटर गया था। और मैं भी नहीं चाहती उसे पता चला कि यह सबकुछ हुआ है।
दरोगा- फिर मैं इस तरह आपकी कोई मदद नहीं कर सकता।
काजल- देखिए बहुत हुआ मुझे अब आपकी कोई मदद नहीं चाहिए। आप मदद कम मुझे परेशान ज्यादा कर रहे हैं।
दरोगा- देखिए आप सिक्युरिटीवालों पर इस तरह इलज़ाम नहीं लगा सकते। हम यह आपकी मदद करने के लिए आए हैं और आप इस तरह जलील कर रहे हैं। ये आपको बहुत महंगा पड़ेगा।
काजल- पहले आप मेरे घर से निकल गए तो। मैने आपकी ऐसे सिक्युरिटी वालों को बहुत देखी हूँ। निकल लिए मुझे आपसे कोई मदद नहीं चाहिए।
दरोगा- तुम्हारी हिम्मत कैसे हुआ मेरे साथ इस तरह की बातें करने की।तुम्हारे जैसी लड़की किसी भी शरीफ लड़कों को फंसाने के लिए इस तरह की हरकतें करती है मुझे अच्छी तरह से पता है। तुमने भी जरूर कुछ ऐसा ही प्लानिंग किया होगा।
काजल- क्या बकवास कर रहे हो दरोगा। आप मेरे ऊपर इलज़ाम लगा रहे हो।
दरोगा- हाँ तुमने गलती की है पहली गलती मेरे साथ इस तरह बदतमीजी करने की। और दूसरी थिएटर में उस लड़के के साथ गुलछर्रे उड़ाने की। और तीसरे एक बेगुनाह को फंसाने की। इसके लिए मैं तुम्हें गिरफ्तार कर सकता हूँ।
काजल थोड़ा डर जाती है। वो सोच रही होती है पता नहीं कौनसी मनहुस घड़ी थी जब मैने सिक्युरिटी के पास जाने का निर्णय किया। ये सिक्युरिटी तो मेरी मदद करने के बजाए उल्टा मेरे लेने पर पड़े हैं।
दरोगा- मुझे शक है कि फोटो में जो लड़का है वो जिम्मी है इसलिए मैने तो मैं जिम्मी को बुलवाने के लिए कहा था। लेकिन तुमने जिम्मी को नहीं बुलाकर यह प्रूफ कर दिया वो लड़का जिम्मी है। हम जिम्मी से अलग से पूछ्ताछ करना चाहते थे ताकि यह पता चले कि तुम सच बोल रही हूँ नहीं इसलिए तुम्हें जिम्मी को बुलवाने के लिए कहा था।
काजल- प्लीज़ आप यहाँ से चले जाइए।
दरोगा काजल के कमरे कि दरवाजे के पास निकलते हुए।
दरोगा- काजल याद रखना तुमने जो गलती की है उसके लिए मैं तुम्हें जेल में डाल दूंगा।
और फिर दरोगा काजल के कमरे से निकलकर जाने लगता है। तभी सीमा उसे टोकती पूछती है साहब हमारी बेटी ने कुछ गलती किया है क्या।
दरोगा- आपकी बेटी ज्यादा उड़ने लगी है। इसको तो मैं अच्छे से सबक सिखाऊंगा।
सीमा- किया क्या है उसने।
दरोगा- थिएटर में जाकर अपने बॉयफ्रेंड के साथ रंगरलिया मना रही थी। कानूनन पब्लिक प्लेस पर ये सब करना जुर्म है। फिर सीमा को दरोगा वो फ़ोटो दिखाता है।
दरोगा- अब मैं इसके ऊपर ऐसा केस थोकूँगा की याद रखेगी।
सीमा रोने लगती है। मेरी बेटी को माफ कर दीजिए दरोगा साहब।
फिर प्रकाश वहीं सोफे पर बैठा हुआ था उठ खड़ा होता है।
प्रकाश-दरोगा साहब कुछ ले दे कर मामला सेटल कर दीजिए ना।
दिलीप प्रकाश का शर्ट का कॉलोर पकर लेता है।
तभी वहां रवि भी पहुच जाता है। और ये सब देख कर हतप्रभ हो जाता है। उसे कुछ समझ मे नही आता।
तभी वहां काजल आ जाती है दिलीप को धकका देकर यहां से जाने को कहती है। तब दिलीप प्रकाश की कॉलोर छोड़कर काजल की गर्दन पकड़ लेता है।
दिलीप- तेरी ये मजाल।
रवि को नही पता था वो कौन है। दिलीप का हाथ काजल के गर्दन पर देखकर आग बबूला हो जाता है और फिर रवि दिलीप को अपने और खीचते हुए एक जोरदार थप्पड़ मार देता है। पूरा घर मे सनाटा छा जाता है। दिलीप के गालों पर एक निशान आ जाता है और उसके नाक से खून बहने लगता है।
दिलीप अपने पॉकेट से रिवॉल्वर निकालते हुए उसके तरफ तान देता है। रवि को कुछ समझ मे नही आ रहा था ये हो क्या रहा है।
दिलीप- मादरचोद तेरा हिम्मत कैसे हुआ एक ऑन ड्यूटी सिक्युरिटी वाले को थप्पड़ मारते हुए। तेरा तो मैं एनकाउंटर करूँगा।
सीमा और काजल दोनो रोने लगती है।
प्रकाश- ये क्या किया बे तुमने।
सीमा- प्लीज मेरे बेटे को छोड़ दीजिए साहब।
दिलीप मोबाइल निकालता है। और फिर अपने कांस्टेबल को बुलाता है।
थोड़ा देर में कांस्टेबल आ जाता है।
कॉन्स्टेबल- साहब आपके नाक से खून निकल रहा।
दरोगा- इसको थाना लेकर चलो।
कॉन्स्टेबल- ठीक है साहब।
दरोगा- रुक पहले मुझे थोड़ा हाथ साफ करने दे।
और दिलीप कॉन्स्टेबल का डंडा लेकर रवि के गांड पर 4 जोरदार शॉट मारता है।
रवि- आह आह गलती हो गया साहब नही पता था आप को हैं।
रवि का हालात खराब हो जाता है।
दिलीप- मधरचोद को बैठने लायक नही छोडूंगा।
उसके बाद कांस्टेबल रवि को थाना लेकर जाता है। और दिलीप भी अपना गाड़ी से निकल जाता है।
सीमा रोने लगती है। काजल को भी अपने किये पर अब पछतावा हो रहा था।
प्रकाश- आंटी इस तरह आप रोईए मत ।
सीमा- प्रकाश कहीं वो मेरे बेटे का एनकाउंटर न कर दे।
प्रकाश- आंटी एक बार चल कर थाना में जाते हैं।
सीमा- हाँ चलो।
प्रकाश और सीमा दोनो चले जाते हैं। काजल को अब लगने लगता है उसने बहुत बड़ी भूल कर दी।
सीमा और रवि थाने पहुचते हैं।
रवि कॉन्स्टेबल के साथ बात करता है।
कॉन्स्टेबल- अब कुछ नही मादरचोद लंबा जाएगा। साहब अब इसको छोड़ने वाले नही हैं।
सीमा- एक बार रवि से मिलने दीजिये।
कांस्टेबल- साहब उसकी धुलाई कर रहे हैं।
अंदर से चीखने की आवाज आ रही थी।
दरोगा अंदर से कहता है आने दो उनको।
सीमा और प्रकाश अंदर जाते हैं। अंदर का नजारा देख कर सीमा घबरा जाती है। रवि को पूरा नंगा करके दोनो हाथ ऊपर बांध दिया गया था। और दिलीप उसके गांड पर डंडे मार रहा था।
सीमा- साहब गलती हो गयी प्लीज आप इसे छोड़ दीजिए।
दिलीप- नही बिल्कुल नही ऊपर से जितने केस में अभियुक्त गायब है मैं इस मादरचोद के ऊपर सारे केस ठोक दूंगा।
सीमा ये सुन कर बहुत घबरा जाती है।
प्रकाश- कोई तो उपाय होगा साहब। प्लीज इस से गलती हो गया है।
दिलीप- अब कोई उपाय नही है।
रवि- प्रकाश प्लीज मुझे यहां से ले चल प्रकाश प्लीज मुझे ये जान से मार देगा।
दिलीप- चुप मादरचोद।
और एक जोर का डंडा उसके गांड पर मारता है।
रवि- आ आ आह……………
कांस्टेबल मेरे लिए चाय लेकर आओ।
दिलीप- मैं तुम्हे 5 मिनट देता हूँ। बात करके निकलो यहां से।
और दिलीप निकल कर अंदर अपने केबिन में चला जाता है।
रवि- माँ ये लोग मुझे कुत्ते की तरह मार रहे। प्लीज कुछ करो न।इसे पैसे दो मगर यहाँ से ले चलो मुझे।
सीमा- ये पैसे नही लेने वाला। पहले भी इसे ऑफर किया था।
प्रकाश- एक उपाय है अगर आप बुरा न मानो तो मैं बोलू।
सीमा- हाँ बोलो।
प्रकाश- ये जीतने भी सिक्युरिटी वाले हैं सारे रंडीबाज होते हैं। जिसे पैसे से नही खरीदा जा सकता उसे अगर हुस्न ऑफर किया जाए तो शायद काम बन जाये।
सीमा- कहाँ से लाऊंगी।
प्रकाश- समझिये आप भी कम खूबसूरत नही हैं।
सीमा- नही नही मुझसे नही होगा। मैं उस तरह की औरत नही हूँ। उसका सकल देखा है किस तरह काला मोटा लंबा है। किसी दानव से कम नही है।
रवि- माँ प्लीज इस टाइम तुझे अपनी इज्जत की पड़ी है। जब तू इसके साथ उछल उछल कर चुदवाति है तब तुझे अपनी इज्जत की कोई परवाह नही होती।
सीमा- बेटा ऐसा बात नही है। मैं ऐसी औरत नही हूँ।
रवि- जैसे मैन देखा नही है क्या।
प्रकाश मन ही मन सोच रहा था जो काम मुझे करना था वो रवि ने कर दिया।
सब कुछ प्रकाश के प्लानिंग के मुताबिक ही चल रहा था। बस रवि आकर और प्लानिंग में चार चांद लगा दिया।
रवि प्लानिंग में था ही नही पता नही कहाँ से आ गया। और आकार दिलीप को थप्पड़ मार कर काम और आसान कर दिया। वरना प्रकाश अभी सीमा को दिलीप से चुदाई के लिए मना रहा होता लेकिन यहां तो रवि ने ही अपनी माँ को दिलीप से चुदाई के लिए बोल रहा।
प्रकाश देखो टाइम होने चला अब वो दानव आएगा और हमे बाहर फेंक देगा।
प्रकाश- जो भी निर्णय है जल्दी बताओ।
सीमा - मुझे मंजूर है।
प्रकाश- ठीक है ये आंसू पोछो बाल ओगेरा थोड़ा ठीक करो और दिलीप की केबिन में जाकर उसे इम्प्रेस करो।
सीमा- क्या मुझे ये सब करना पड़ेगा।
प्रकाश- हाँ बिल्कुल तुम्हे उसके पास जाकर इम्प्रेस करना पड़ेगा।
सीमा- मैन कभी ऐसा किया नही है।
प्रकाश- मुझे भी पता है लेकिन तुम्हे करना पड़ेगा।