12-07-2021, 11:58 PM
अपडेट - 22
हाफ टाइम चल रहा था….मेने देखा कि ललिता ग्राउंड मे अकेली बेंच पर बैठी हुई है. मैं उसके पास चली गयी…मुझे देख कर वो मुस्कुराते हुए बोली….”आइए मॅम बैठिए..”
मैं उसके साथ बैठ गयी….
मैं: आज भी अकेली बैठी हो….
ललिता: जी….
मैं: अच्छा ललिता राज कॉलेज नही आ रहा कहाँ है वो….? जब से कॉलेज शुरू हुए है वो एक दिन भी नही आया…
ललिता: (उदास लहजे मे) पता नही मॅम उसका मोबाइल भी स्विच ऑफ आ रहा है…उसके किसी फ्रेंड को भी नही पता…
मैं: तुमने जय सर से पूछा वो उनके ही घर मे रहता है ना…..?
ललिता: नही कैसे पूछुन्गी अगर उन्होने ने कहा कि क्यों पूछ रही हो तो क्या जवाब दूँगी….मॅम प्लीज़ आप पूछिए ना सर से….आप तो पूछ ही सकती है ना….प्लीज़ मॅम…..
मैं: ओके ठीक है पूछुन्गी….
हाफ टाइम ख़तम हो गया….फिर एक पीरियड लगाने के बाद मेरा फ्री पीरियड था…इसलिए मैं जय सर के कॅबिन मे चली गयी…मेने डोर नॉक किया तो जय सर ने मुझे अंदर आने को कहा….”आओ बैठो डॉली….” मैं जय सर के सामने चेर पर बैठ गयी….जय सर अपने लॅपटॉप मे कुछ काम कर रहे थे….काम ख़तम करने के बाद उन्होने ने मेरी तरफ देखा….”हां बोलो डॉली कोई काम था क्या….?”
मैं: जी वो मैं ये पूछने आई थी कि, जबसे कॉलेज शुरू हुआ है वो आ नही रहा.. आज 10 दिन हो गये कॉलेज शुरू हुए….
जय: उसका आक्सिडेंट हो गया था 20 दिन पहले….बहुत मुस्किल से बचा है….
मैं: (एक दम चोन्कते हुए) आक्सिडेंट कैसे अब कैसा है वो…?
जय सर: अब ठीक है उसके मम्मी पापा भी आए हुए है…रात को बाइक से कहीं से आ रहा था….तो रास्ते मे एक तेज कार ने टक्कर मार दी….अभी 2 मंत लग जाएँगे उसे पूरी तरह ठीक होने और कॉलेज दोबारा जाय्न करने मे…
मैं: ये तो बहुत बुरा हुआ उसके साथ….उसकी पढ़ाई भी खराब हो गयी है…
जय: नही वैसे तो मैं उसको रोज घर पढ़ाता हूँ….और खुद भी वो पढ़ रहा है….इसलिए शायद ज़्यादा नुकसान ना हो….
उसके बाद मैं वहाँ से बाहर आ गयी….कॉलेज ऑफ होने के बाद ये बात मेने ललिता को बताई तो उसकी शकल रोने जैसी हो गयी….मुझे ललिता पर बहुत तरस आ रहा था…जिसको ये लड़की इतना प्यार करती है….जिसके लिए वो इतना दुखी हो रही है कि अभी रो पड़े… वो उसके लायक है ही नही….शायद इसलिए राज के साथ ऐसा हुआ है…
मैं फिर भाभी के साथ घर वापिस आ गयी….दिन इसी तरह गुजर रहे थे…उधर आरके और मेरी सेक्स लाइफ एक महीने मे ही पेसेन्जर ट्रेन की तरह हो चुकी थी..एक महीने मे ही हम एक हफ्ते बाद सेक्स पर आ चुके थे…वो भी जब आरके का मूड होता.
29-सेप्तेम्बर: उस दिन कॉलेज ख़तम होने के बाद जय सर ने कुछ टीचर के साथ मीटिंग रखी…मीटिंग इस लिए थी कि, 10थ और 12थ क्लासस के बोर्ड के एग्ज़ॅम थे…इसलिए 1 सितंबर से इन दो क्लासस के एक्सट्रा क्लासस शुरू होने जा रहे थे….कॉलेज 2 बजे ऑफ होता था… अब 10थ और 12थ क्लास को 5 बजे तक कॉलेज मे ही पढ़ाया जाना था….इसके लिए स्टूडेंट्स से कुछ एक्सट्रा फीस लेकर टीचर्स को भी दी जानी थी….
मैं बड़ी क्लासस को पढ़ाती थी…इसलिए मुझे भी 1 सेप्टेमबर से 5 बजे तक कॉलेज मे रह कर पढ़ाना था….पर भाभी को तो 2 बजे ही छुट्टी मिल जानी थी…मीटिंग के एंड मे जय सर ने जो अनाउन्स किया उसे सुन कर मैं एक दम से हैरान रह गयी….जय सर ने मुझे कॉलेज की वाइज़ प्रिन्सिपल की पोस्ट के लिए चुना था….क्योंकि जय सर ने मीटिंग मे ये बता दिया था कि, अगले दो महीनो के लिए वो कॉलेज रेग्युलर नही आ सकेंगे……सब टीचर्स के जाने के बाद मुझे जय सर ने बताया कि, 1 सितंबर से मुझे अपनी नयी पोस्ट के अनुसार 25000 पर मंत सॅलरी भी मिलेगी….ये सुन कर तो मेरे पाँव ज़मीन पर ही नही लग रहे थे….
उस दिन जब घर पहुँची तो देखा कि, आरके पहले से घर पर माजूद थे…मुझे देखते ही वो एक दम से मेरे पास आए और मुझे बाहों मे भरते हुए किस करते हुए बोले…”डॉली आज मैं बहुत खुश हूँ….तुम मेरी लाइफ का लकी चाम हो…दीदी मिठाई लेकर आओ…”
मैं: पर हुआ क्या ये तो पता चले और मिठाई किस ख़ुसी मे…..?
भाभी: ओह्ह हो…कुछ तो शरम करो…गेट पर ही…
मैं आरके से अलग हुई तो भाभी मिठाई का डिब्बा लेकर मेरे सामने आ गयी….और एक रसगुल्ला मेरे मूह मे डालते हुए बोली…”बधाई हो मेरी ननद को….आरके की प्रमोशन हुई है….” भाभी ने आरके की तरफ देखते हुए कहा,…
मैं: (ख़ुसी से उछलते हुए) क्या सच…..? कॉन सी पोस्ट पर पहुँच गये हैं आप…?
आरके: ब्रांच मॅनेजर की पोस्ट पर…वो भी इस डिस्ट्रिक्ट के हेड ऑफीस मे…
मैं: क्या मतलब एक और ट्रान्स्फर…..
हम अंदर आकर भैया के पास बैठ गये…..”अर्रे ज़्यादा दूर कहाँ है….” आरके ने मेरी तरफ देखते हुए कहा….”हां जानती हूँ यहाँ से 150 किमी दूर है….आप कैसे मॅनेज करेंगे…”
आरके: देखो डॉली अगर कुछ हासिल करना है तो ये सब मुस्किल तो झेलनी ही पड़ेंगी. और कुछ खोना भी पड़ेगा…मुझे वहाँ पर फ्लॅट मिल रहा है…बॅंक की तरफ से… तुम भी साथ चलो छोड़ो ये नौकरी….अगर दिल करे तो वहाँ पर जॉब कर लेना….
मैं: (आरके की बात सुन कर एक दम से सोच मे पड़ गयी…उधर आज ही जय सर ने मेरी प्रमोशन की है और इधर इनकी….अब क्या करूँ…और क्या ना करूँ…लेकिन मेरे भी आरके के साथ चले जाने से भाभी और भैया एक दम अकेले रह जाते…) वो भाभी बात ये है कि वो…
भाभी: अर्रे बोल ना डॉली क्या हुआ इतना क्या सोच रही है….
मेने भाभी को सारी बात बता दी….जय सर ने मुझ पर कितना भरोसा करके मुझे अपने कॉलेज की वाइस प्रिन्सिपल बनाया है…और अब मैं एक दम से कैसे उन्हे कह दूं कि मैं अब कॉलेज नही आ पाउन्गी….
आरके: कोई बात नही डॉली…..मैं मॅनेज कर लूँगा….और वैसे भी हर सॅटर्डे और सनडे के दिन बॅंक ऑफ होता है….मैं फ्राइडे नाइट को यहाँ पर आ जाया करूँगा…
मुझे अफ़सोस तो था कि, मैं आरके के साथ नही जा पा रही हूँ…पर जय सर को भी जवाब नही दे सकती थी….अगले दिन जब मैं कॉलेज पहुँची, तो मेने राज को भी प्रेयर ग्राउंड मे देखा वो ठीक लग रहा था…और अपने दोस्तो से बात कर रहा था. प्रेयर के बाद जब मैं पहली क्लास लेने के लिए जा रही थी….तो मुझे सामने से राज आता दिखाई दिया….मैं उससे बात तो नही करना चाहती थी….पर फिर भी मैं उसकी तबीयत के बारे मे पुछने के लिए रुक गयी….
मैं: अब कैसे हो राज….
राज: (मेरी तरफ देखते हुए) ठीक हूँ…ह्म्म्म चलो आपने एक काम तो सही किया..?
मैं: (उसके सवाल से चोन्कते हुए) क्या….?
राज: आपने शादी कर ली…(उसने मेरे हाथो मे पहना हुआ लाल चुड़े को देखते हुए कहा….)
मैं: हां कर ली है…..
राज: चल अब तुम्हे जो दूसरो की लाइफ मे इंटर्फियर करने के टीस उठती थी वो अब तंग नही करेगी….
मैं: तुम नही सुधरोगे….
मैं वहाँ से अपनी क्लास मे आ गयी…एक बात तो सही थी कि, राज अपनी ओछि हरकतों से बाज़ आने वाला नही था….पर या फिर मैं ही ग़लत थी…हाफ टाइम के बाद एक पीरियड और लगाने के बाद मेरा फ्री पीरियड था…मैं स्टाफ रूम मे बैठी हुई सुस्ता रही थी कि, तभी मुझे पीयान ने आकर कहा कि, जय सर, मुझे बुला रहे है….मैं उठ कर जय सर के ऑफीस की तरफ जाने लगी…मैने जय सर के ऑफीस का डोर नॉक किया तो उन्होने अंदर आने को कहा….
जय सर :आओ डॉली बैठो….
मैं: (सर के सामने चेर पर बैठते हुए) जी सर….
सर: डॉली तुम तो जानती ही हो कि, राज की स्टडी का कितना नुकसान हुआ है… भले ही इस साल उसके बोर्ड एग्ज़ॅम नही है….पर वो अपने सिलबस मे बहुत पीछे है….12थ मे जाकर उसके लिए परेशानी होगी 12थ की स्टडी को कवर करने मे….
मैं: जी सर,
सर: और अब मैं अपनी जायदाद के चक्करों मे ऐसा उलझा हूँ कि, मैं भी टाइम नही निकाल पा रहा…इसलिए तुम्हे यहाँ वाइस प्रिन्सिपल बनाया है….तुम्हारी जगह दो दिन बाद एक और नयी टीचर आ रही है…फिर तुम्हे काफ़ी मदद मिल जाएगी…और तुम्हारे लिए ऑफीस भी तैयार हो जायगा दो दिन मे…ताकि तुम मेरे कुछ काम संभाल सको..
मैं: जी सर, आप बेफिकर हो जाए….मैं संभाल लूँगी…..
सर: वो तो मुझे पता है कि तुम कॉलेज को हॅंडेल कर सकती हो….और फिर पूरा स्टाफ भी तुम्हारे साथ है..पर मुझे फिकर राज की है…अब मैं घर पर ज़्यादा टाइम नही रहता. मुझे तुमसे एक फेवर चाहिए था…..
मैं: जी कहिए सर मैं क्या कर सकती हूँ आपके लिए….?
हाफ टाइम चल रहा था….मेने देखा कि ललिता ग्राउंड मे अकेली बेंच पर बैठी हुई है. मैं उसके पास चली गयी…मुझे देख कर वो मुस्कुराते हुए बोली….”आइए मॅम बैठिए..”
मैं उसके साथ बैठ गयी….
मैं: आज भी अकेली बैठी हो….
ललिता: जी….
मैं: अच्छा ललिता राज कॉलेज नही आ रहा कहाँ है वो….? जब से कॉलेज शुरू हुए है वो एक दिन भी नही आया…
ललिता: (उदास लहजे मे) पता नही मॅम उसका मोबाइल भी स्विच ऑफ आ रहा है…उसके किसी फ्रेंड को भी नही पता…
मैं: तुमने जय सर से पूछा वो उनके ही घर मे रहता है ना…..?
ललिता: नही कैसे पूछुन्गी अगर उन्होने ने कहा कि क्यों पूछ रही हो तो क्या जवाब दूँगी….मॅम प्लीज़ आप पूछिए ना सर से….आप तो पूछ ही सकती है ना….प्लीज़ मॅम…..
मैं: ओके ठीक है पूछुन्गी….
हाफ टाइम ख़तम हो गया….फिर एक पीरियड लगाने के बाद मेरा फ्री पीरियड था…इसलिए मैं जय सर के कॅबिन मे चली गयी…मेने डोर नॉक किया तो जय सर ने मुझे अंदर आने को कहा….”आओ बैठो डॉली….” मैं जय सर के सामने चेर पर बैठ गयी….जय सर अपने लॅपटॉप मे कुछ काम कर रहे थे….काम ख़तम करने के बाद उन्होने ने मेरी तरफ देखा….”हां बोलो डॉली कोई काम था क्या….?”
मैं: जी वो मैं ये पूछने आई थी कि, जबसे कॉलेज शुरू हुआ है वो आ नही रहा.. आज 10 दिन हो गये कॉलेज शुरू हुए….
जय: उसका आक्सिडेंट हो गया था 20 दिन पहले….बहुत मुस्किल से बचा है….
मैं: (एक दम चोन्कते हुए) आक्सिडेंट कैसे अब कैसा है वो…?
जय सर: अब ठीक है उसके मम्मी पापा भी आए हुए है…रात को बाइक से कहीं से आ रहा था….तो रास्ते मे एक तेज कार ने टक्कर मार दी….अभी 2 मंत लग जाएँगे उसे पूरी तरह ठीक होने और कॉलेज दोबारा जाय्न करने मे…
मैं: ये तो बहुत बुरा हुआ उसके साथ….उसकी पढ़ाई भी खराब हो गयी है…
जय: नही वैसे तो मैं उसको रोज घर पढ़ाता हूँ….और खुद भी वो पढ़ रहा है….इसलिए शायद ज़्यादा नुकसान ना हो….
उसके बाद मैं वहाँ से बाहर आ गयी….कॉलेज ऑफ होने के बाद ये बात मेने ललिता को बताई तो उसकी शकल रोने जैसी हो गयी….मुझे ललिता पर बहुत तरस आ रहा था…जिसको ये लड़की इतना प्यार करती है….जिसके लिए वो इतना दुखी हो रही है कि अभी रो पड़े… वो उसके लायक है ही नही….शायद इसलिए राज के साथ ऐसा हुआ है…
मैं फिर भाभी के साथ घर वापिस आ गयी….दिन इसी तरह गुजर रहे थे…उधर आरके और मेरी सेक्स लाइफ एक महीने मे ही पेसेन्जर ट्रेन की तरह हो चुकी थी..एक महीने मे ही हम एक हफ्ते बाद सेक्स पर आ चुके थे…वो भी जब आरके का मूड होता.
29-सेप्तेम्बर: उस दिन कॉलेज ख़तम होने के बाद जय सर ने कुछ टीचर के साथ मीटिंग रखी…मीटिंग इस लिए थी कि, 10थ और 12थ क्लासस के बोर्ड के एग्ज़ॅम थे…इसलिए 1 सितंबर से इन दो क्लासस के एक्सट्रा क्लासस शुरू होने जा रहे थे….कॉलेज 2 बजे ऑफ होता था… अब 10थ और 12थ क्लास को 5 बजे तक कॉलेज मे ही पढ़ाया जाना था….इसके लिए स्टूडेंट्स से कुछ एक्सट्रा फीस लेकर टीचर्स को भी दी जानी थी….
मैं बड़ी क्लासस को पढ़ाती थी…इसलिए मुझे भी 1 सेप्टेमबर से 5 बजे तक कॉलेज मे रह कर पढ़ाना था….पर भाभी को तो 2 बजे ही छुट्टी मिल जानी थी…मीटिंग के एंड मे जय सर ने जो अनाउन्स किया उसे सुन कर मैं एक दम से हैरान रह गयी….जय सर ने मुझे कॉलेज की वाइज़ प्रिन्सिपल की पोस्ट के लिए चुना था….क्योंकि जय सर ने मीटिंग मे ये बता दिया था कि, अगले दो महीनो के लिए वो कॉलेज रेग्युलर नही आ सकेंगे……सब टीचर्स के जाने के बाद मुझे जय सर ने बताया कि, 1 सितंबर से मुझे अपनी नयी पोस्ट के अनुसार 25000 पर मंत सॅलरी भी मिलेगी….ये सुन कर तो मेरे पाँव ज़मीन पर ही नही लग रहे थे….
उस दिन जब घर पहुँची तो देखा कि, आरके पहले से घर पर माजूद थे…मुझे देखते ही वो एक दम से मेरे पास आए और मुझे बाहों मे भरते हुए किस करते हुए बोले…”डॉली आज मैं बहुत खुश हूँ….तुम मेरी लाइफ का लकी चाम हो…दीदी मिठाई लेकर आओ…”
मैं: पर हुआ क्या ये तो पता चले और मिठाई किस ख़ुसी मे…..?
भाभी: ओह्ह हो…कुछ तो शरम करो…गेट पर ही…
मैं आरके से अलग हुई तो भाभी मिठाई का डिब्बा लेकर मेरे सामने आ गयी….और एक रसगुल्ला मेरे मूह मे डालते हुए बोली…”बधाई हो मेरी ननद को….आरके की प्रमोशन हुई है….” भाभी ने आरके की तरफ देखते हुए कहा,…
मैं: (ख़ुसी से उछलते हुए) क्या सच…..? कॉन सी पोस्ट पर पहुँच गये हैं आप…?
आरके: ब्रांच मॅनेजर की पोस्ट पर…वो भी इस डिस्ट्रिक्ट के हेड ऑफीस मे…
मैं: क्या मतलब एक और ट्रान्स्फर…..
हम अंदर आकर भैया के पास बैठ गये…..”अर्रे ज़्यादा दूर कहाँ है….” आरके ने मेरी तरफ देखते हुए कहा….”हां जानती हूँ यहाँ से 150 किमी दूर है….आप कैसे मॅनेज करेंगे…”
आरके: देखो डॉली अगर कुछ हासिल करना है तो ये सब मुस्किल तो झेलनी ही पड़ेंगी. और कुछ खोना भी पड़ेगा…मुझे वहाँ पर फ्लॅट मिल रहा है…बॅंक की तरफ से… तुम भी साथ चलो छोड़ो ये नौकरी….अगर दिल करे तो वहाँ पर जॉब कर लेना….
मैं: (आरके की बात सुन कर एक दम से सोच मे पड़ गयी…उधर आज ही जय सर ने मेरी प्रमोशन की है और इधर इनकी….अब क्या करूँ…और क्या ना करूँ…लेकिन मेरे भी आरके के साथ चले जाने से भाभी और भैया एक दम अकेले रह जाते…) वो भाभी बात ये है कि वो…
भाभी: अर्रे बोल ना डॉली क्या हुआ इतना क्या सोच रही है….
मेने भाभी को सारी बात बता दी….जय सर ने मुझ पर कितना भरोसा करके मुझे अपने कॉलेज की वाइस प्रिन्सिपल बनाया है…और अब मैं एक दम से कैसे उन्हे कह दूं कि मैं अब कॉलेज नही आ पाउन्गी….
आरके: कोई बात नही डॉली…..मैं मॅनेज कर लूँगा….और वैसे भी हर सॅटर्डे और सनडे के दिन बॅंक ऑफ होता है….मैं फ्राइडे नाइट को यहाँ पर आ जाया करूँगा…
मुझे अफ़सोस तो था कि, मैं आरके के साथ नही जा पा रही हूँ…पर जय सर को भी जवाब नही दे सकती थी….अगले दिन जब मैं कॉलेज पहुँची, तो मेने राज को भी प्रेयर ग्राउंड मे देखा वो ठीक लग रहा था…और अपने दोस्तो से बात कर रहा था. प्रेयर के बाद जब मैं पहली क्लास लेने के लिए जा रही थी….तो मुझे सामने से राज आता दिखाई दिया….मैं उससे बात तो नही करना चाहती थी….पर फिर भी मैं उसकी तबीयत के बारे मे पुछने के लिए रुक गयी….
मैं: अब कैसे हो राज….
राज: (मेरी तरफ देखते हुए) ठीक हूँ…ह्म्म्म चलो आपने एक काम तो सही किया..?
मैं: (उसके सवाल से चोन्कते हुए) क्या….?
राज: आपने शादी कर ली…(उसने मेरे हाथो मे पहना हुआ लाल चुड़े को देखते हुए कहा….)
मैं: हां कर ली है…..
राज: चल अब तुम्हे जो दूसरो की लाइफ मे इंटर्फियर करने के टीस उठती थी वो अब तंग नही करेगी….
मैं: तुम नही सुधरोगे….
मैं वहाँ से अपनी क्लास मे आ गयी…एक बात तो सही थी कि, राज अपनी ओछि हरकतों से बाज़ आने वाला नही था….पर या फिर मैं ही ग़लत थी…हाफ टाइम के बाद एक पीरियड और लगाने के बाद मेरा फ्री पीरियड था…मैं स्टाफ रूम मे बैठी हुई सुस्ता रही थी कि, तभी मुझे पीयान ने आकर कहा कि, जय सर, मुझे बुला रहे है….मैं उठ कर जय सर के ऑफीस की तरफ जाने लगी…मैने जय सर के ऑफीस का डोर नॉक किया तो उन्होने अंदर आने को कहा….
जय सर :आओ डॉली बैठो….
मैं: (सर के सामने चेर पर बैठते हुए) जी सर….
सर: डॉली तुम तो जानती ही हो कि, राज की स्टडी का कितना नुकसान हुआ है… भले ही इस साल उसके बोर्ड एग्ज़ॅम नही है….पर वो अपने सिलबस मे बहुत पीछे है….12थ मे जाकर उसके लिए परेशानी होगी 12थ की स्टडी को कवर करने मे….
मैं: जी सर,
सर: और अब मैं अपनी जायदाद के चक्करों मे ऐसा उलझा हूँ कि, मैं भी टाइम नही निकाल पा रहा…इसलिए तुम्हे यहाँ वाइस प्रिन्सिपल बनाया है….तुम्हारी जगह दो दिन बाद एक और नयी टीचर आ रही है…फिर तुम्हे काफ़ी मदद मिल जाएगी…और तुम्हारे लिए ऑफीस भी तैयार हो जायगा दो दिन मे…ताकि तुम मेरे कुछ काम संभाल सको..
मैं: जी सर, आप बेफिकर हो जाए….मैं संभाल लूँगी…..
सर: वो तो मुझे पता है कि तुम कॉलेज को हॅंडेल कर सकती हो….और फिर पूरा स्टाफ भी तुम्हारे साथ है..पर मुझे फिकर राज की है…अब मैं घर पर ज़्यादा टाइम नही रहता. मुझे तुमसे एक फेवर चाहिए था…..
मैं: जी कहिए सर मैं क्या कर सकती हूँ आपके लिए….?