10-07-2021, 06:53 PM
वह बाहर आई तो अपना मुँह पोछने लगी
“अरे वह तो मेरी कल की पहनी हुई अंडरवेर है” मैने कहा
उसने घबरा कर कपड़ा फेंक दिया”
हा हा हा, मैं तो मज़ाक कर रहा था”मैने हंसते हुए कहा
“तुम बहुत घिनौने हो, मेरी चूत का रस चाट गये, शर्म नहीं आती” वह दौड़ कर मेरे गले लग गयी और मुझे बिस्तर पर गिरा दिया
“तुम बहुत रसीली हो शिखा, मेरा बस चले तो तुम्हारी चूत को लॉलीपोप की तरह चौबीसों घंटे चूसा करूँ”उसको चूमते हुए मैने कहा
“लॉली पॉप तो तुम अपने दो पैरों के बीच लिए घूमते हो अमन”शिखा अपने हाथों से मेरे अंडकोष सहलाते बोली
“अच्छा मेरी गोटीयाँ तुम्हें इतनी मीठी लगती हैं?” मैने उसका हाथ पकड़ते कहा वह घुटनों के बल बैठ गयी और कहा
“अरे रसगुल्ले, गुलाब जामुन की मिठास एक तरफ और तुम्हारी गोटीयों की मिठास एक तरफ”
“अच्छा एक कम करो अपनी बटलियों नीचे करों, मैं उसकी गॅप में अपना लंड रखूँगा”मैने कहा
“हाँ चलो बड़ा मज़ा आएगा”वह उठी और अपने बाल बाँध लिए फिर ज़रा नीचे की ओर सरक कर मेरे लंड को अपने बूब्स की गॅप में भर लिया”चलो अब शुरू हो जाओ”उसने हुक्म दिया
मैं पीठ के बल बिस्तर पर लेटा था और वह मेरे उपर औंधे मुँह लेट कर मेरे लॉड को अपनी मलाईदर और रसीले बूब्स के बीच दबाए जा रही थी.
मैने अपनी कमर थोड़ा उपर उठाई और मेरा लंड उसकी गॅप से निकल कर उसके मुँह तक पंहुचा, अब अंडकोष उसके गॅप में थे, मैने उसे उत्तेजित करने के लिए उसके निप्पल्स पर चुटकी काटी
“आह अमन नहीं” शिखा कराह उठी.
“क्यूँ मेरे आपके निपल्स पर चिकोटी काटने में आपको क्या आपत्ति है?” मैने उसका मज़ाक उड़ाते कहा
“प्राण नाथ, अब संभोग का आनंद उठाते मेरे शरीर के साथ यूँ खिलवाड़ करें और मैं वेदना भोगती रहूं?” उसने वैसे ही शुध हिन्दी में जवाब दिया
“क्यों? तुम्हे कौन कम्बख़्त आनंद लेने से रोकता है, तुम भी आनंद लो” उसके बूब्स को मैने हाथों से मसल्ते कहा
“आप जब मेरे शरीर को ज़ोरो से दबाएँगे तो मुझे आनंद की अनुभूति कैसे होगी?” उसने अपने बूब्स छुड़ाने की कोशिश करते कहा
“तुम्हारी कोशिश व्यर्थ है शिखा” मैने दाएँ हाथ से बूब्स दबाए और बाँया हाथ उसकी योनि चौड़ी कर उसके होठों को अपने दाँतों से काट खाया
“उफ्फ आपने तो तीन जगह मोर्चा खोल दिया” शिखा मेरी बाहों में कसमसाते बोली
“प्रतिरोध ना करो शिखा, आनंद लो” मैने उसको चूमते कहा
“प्रतिरोध के बिना आनंद कैसा?” उसने कहा
“चुप, सेक्स करते बोला नही करते” मैने उसके होंठ चूमते कहा
“कौन कहता है?” उसने मुझे चूम कर मेरा चेहरा दोनो हाथों से पकड़ते बोला
“कामसूत्र में लिखा है” मैने कहा और उसको दोबारा चूम लिया
“उफ्फ अमन” उसने दोबारा मेरा चेहरा अपनी हथेलियों में पकड़ कर कहा”मैं तुमसे कुछ पूछ रही हूँ”
“अच्छा?” मैने कहा और दोबारा उसके होंठों को चूम लिया
“आहह अमन नहीं” उसने दोबारा मेरा चेहरा उपर उठा कर कहा”पहले मेरे सवाल का जवाब दो”
“पूछो” मैने उसकी ओर देखते कहा,
वह गंभीर हो कर मुझे देखते हुए बोली”तुमने कामसूत्र कहाँ पढ़ी मुझे भी पढ़नी है”
“क्यों? क्या करोगी जान कर? क्या सब सेक्स पोज़िशन्स अपने पति के साथ ट्राइ करोगी?” मैने उसे छेड़ते कहा
“हाँ” उसने मुस्कुराते कहा
“ठीक है लेकिन उसकी प्रॅक्टीस मेरे साथ करनी होगी” कहते हुए मैने उस पर किसेस की बौछार कर दी
बड़ी मुश्किल से उसने मुझे अपने आप से अलग किया और कहा”तो अब क्या कर रही हूँ” और पलटकर उसने अपना मुँह तकिये के नीचे छुपा लिया, उसके ऐसा करने से उसके कूल्हे उभर आए,
मैने उसके कूल्हे पर प्यार से हाथ फेरते कहा”शिखा जानेमन तुम्हारे कूल्हे कितने उठावदार हैं” मैने उसकी तारीफ करते कहा”ऐसा लगता है जैसे नदी के किनारे सफेद रेत के टीले बने हों” मैने उसके कुल्हों पर हाथ फेरते कहा
“और करो, गुदगुदी होती है” उसने अपना सिर तकिये के नीचे दबाए कहा
“क्या मुलायम गांड है तुम्हारी शिखा” मैने कहा और वह हंस दी,
मैने कुछ सोचा और उसको पूछा”वैसे शिखा?”
“हां?” उसने कहा
“तुम जब अपने बालों की चोटी बनाती हो तो वो तुम्हारे कुल्हों के नीचे तक पंहूचती होगी ना?” मैने उसकी गांड की दरार में उंगली डालते हुए पूछा
“हां, मेरे बाल बहुत लंबे हैं, हर हफ्ते शिककाई से इन्हे धोती हूँ और महँगा वाला आमला तेल लगती हूँ” उसने गर्व से कहा
“वाकई, तुम्हारे बाल बहुत अच्छे हैं” कहते हुए मैने उसके बाल हाथों में ले कर सूँघे
“अमन?” उसने पूछा
“हाँ?”
“तुम भी अपनी झाट् में तेल लगाओ न”
“क्यों?” मैने हैरत से पूछा
“मुझे तुम्हारी झाट के मोटे बाल बहुत पसंद हैं”उसने कहा और मेरी झाट के बाल पकड़ कर जोरों से खींचे
मेरी दर्द से कराह निकल पड़ी
“अमन” उसने पूछा
'हां” मैने कहा
“तुम्हे मेरे लंबे बाल इतने अच्छे लगते हैं” उसने अपने बालों को हाथों में ले कर कहा
“हां बहुत” मैने उसको दोबारा चूम लिया
“मेरी सासू माँ को भी मेरे बाल बहुत पसंद थे?” उसने दूर कहीं देखते कहा
“अब तुम्हारी सास कहाँ टपक पड़ी बीच में?” मैने झुनझूला कर कहा
“मेरी सास ने ही मुझे राजन के लिए पसंद किया था” उसने जवाब देते कहा”और उन्होने ही मुझे बालों की ग्रोथ के लिए आमला तेल लगाने को कहा था”
“अगर तुम्हारी सास तुम्हे मुझ से चुद्ते हुए देख ले तो?” मैने उसको छेड़ते हुए पूछा
“तो वो हार्ट अटॅक से ही उपर पंहुच जाएगी” कहते कहते हुए हंस पड़ी
“वाउ, मेरा तो मन करता है की तुम्हारी कुल्हों पर लटकती चोटी की गाँठ में अपना लंड डाल दूं, और तुम्हे तुम्हारी सासू माँ के सामने पटक पटक कर तुम्हारे साथ सेक्स करूँ” मैने उसको अपनी बाहों में जाकड़ लिया और अपना लंड उसकी गांड की दरार में फँसा लिया
वह ज़ोर ज़ोर से हँसने लगी”ओह अमन तुम तो मुझे हंसा हंसा कर ही मार डालोगे”
यह सुन कर मैने उसकी गांड में उंगली घुमाना शुरू कर दी
“छी छी कितने गंदे हो तुम” उसने मेरा हाथ पकड़ते कहा
“तुम से थोडा कम” मैने उसको चिढ़ाते हुए कहा
“मैं तुमसे ज़यादा गंदी हूँ वो कैसे?” उसने आँखें चौड़ी करते कहा
“गैर मर्द से जो चुद्ति हो” मैने कहा
“तुम भी तो दूसरों की बीवियों को चोद्ते हो” उसने मुझे उंगली दिखाते कहा
“मैं तो कुँवारा हूँ, कुंवारे लड़कों को यह सब करने की छूट रहती है” कहते हुए मैने उसके दोनो पैर उपर उठा दिए
“अरे वह तो मेरी कल की पहनी हुई अंडरवेर है” मैने कहा
उसने घबरा कर कपड़ा फेंक दिया”
हा हा हा, मैं तो मज़ाक कर रहा था”मैने हंसते हुए कहा
“तुम बहुत घिनौने हो, मेरी चूत का रस चाट गये, शर्म नहीं आती” वह दौड़ कर मेरे गले लग गयी और मुझे बिस्तर पर गिरा दिया
“तुम बहुत रसीली हो शिखा, मेरा बस चले तो तुम्हारी चूत को लॉलीपोप की तरह चौबीसों घंटे चूसा करूँ”उसको चूमते हुए मैने कहा
“लॉली पॉप तो तुम अपने दो पैरों के बीच लिए घूमते हो अमन”शिखा अपने हाथों से मेरे अंडकोष सहलाते बोली
“अच्छा मेरी गोटीयाँ तुम्हें इतनी मीठी लगती हैं?” मैने उसका हाथ पकड़ते कहा वह घुटनों के बल बैठ गयी और कहा
“अरे रसगुल्ले, गुलाब जामुन की मिठास एक तरफ और तुम्हारी गोटीयों की मिठास एक तरफ”
“अच्छा एक कम करो अपनी बटलियों नीचे करों, मैं उसकी गॅप में अपना लंड रखूँगा”मैने कहा
“हाँ चलो बड़ा मज़ा आएगा”वह उठी और अपने बाल बाँध लिए फिर ज़रा नीचे की ओर सरक कर मेरे लंड को अपने बूब्स की गॅप में भर लिया”चलो अब शुरू हो जाओ”उसने हुक्म दिया
मैं पीठ के बल बिस्तर पर लेटा था और वह मेरे उपर औंधे मुँह लेट कर मेरे लॉड को अपनी मलाईदर और रसीले बूब्स के बीच दबाए जा रही थी.
मैने अपनी कमर थोड़ा उपर उठाई और मेरा लंड उसकी गॅप से निकल कर उसके मुँह तक पंहुचा, अब अंडकोष उसके गॅप में थे, मैने उसे उत्तेजित करने के लिए उसके निप्पल्स पर चुटकी काटी
“आह अमन नहीं” शिखा कराह उठी.
“क्यूँ मेरे आपके निपल्स पर चिकोटी काटने में आपको क्या आपत्ति है?” मैने उसका मज़ाक उड़ाते कहा
“प्राण नाथ, अब संभोग का आनंद उठाते मेरे शरीर के साथ यूँ खिलवाड़ करें और मैं वेदना भोगती रहूं?” उसने वैसे ही शुध हिन्दी में जवाब दिया
“क्यों? तुम्हे कौन कम्बख़्त आनंद लेने से रोकता है, तुम भी आनंद लो” उसके बूब्स को मैने हाथों से मसल्ते कहा
“आप जब मेरे शरीर को ज़ोरो से दबाएँगे तो मुझे आनंद की अनुभूति कैसे होगी?” उसने अपने बूब्स छुड़ाने की कोशिश करते कहा
“तुम्हारी कोशिश व्यर्थ है शिखा” मैने दाएँ हाथ से बूब्स दबाए और बाँया हाथ उसकी योनि चौड़ी कर उसके होठों को अपने दाँतों से काट खाया
“उफ्फ आपने तो तीन जगह मोर्चा खोल दिया” शिखा मेरी बाहों में कसमसाते बोली
“प्रतिरोध ना करो शिखा, आनंद लो” मैने उसको चूमते कहा
“प्रतिरोध के बिना आनंद कैसा?” उसने कहा
“चुप, सेक्स करते बोला नही करते” मैने उसके होंठ चूमते कहा
“कौन कहता है?” उसने मुझे चूम कर मेरा चेहरा दोनो हाथों से पकड़ते बोला
“कामसूत्र में लिखा है” मैने कहा और उसको दोबारा चूम लिया
“उफ्फ अमन” उसने दोबारा मेरा चेहरा अपनी हथेलियों में पकड़ कर कहा”मैं तुमसे कुछ पूछ रही हूँ”
“अच्छा?” मैने कहा और दोबारा उसके होंठों को चूम लिया
“आहह अमन नहीं” उसने दोबारा मेरा चेहरा उपर उठा कर कहा”पहले मेरे सवाल का जवाब दो”
“पूछो” मैने उसकी ओर देखते कहा,
वह गंभीर हो कर मुझे देखते हुए बोली”तुमने कामसूत्र कहाँ पढ़ी मुझे भी पढ़नी है”
“क्यों? क्या करोगी जान कर? क्या सब सेक्स पोज़िशन्स अपने पति के साथ ट्राइ करोगी?” मैने उसे छेड़ते कहा
“हाँ” उसने मुस्कुराते कहा
“ठीक है लेकिन उसकी प्रॅक्टीस मेरे साथ करनी होगी” कहते हुए मैने उस पर किसेस की बौछार कर दी
बड़ी मुश्किल से उसने मुझे अपने आप से अलग किया और कहा”तो अब क्या कर रही हूँ” और पलटकर उसने अपना मुँह तकिये के नीचे छुपा लिया, उसके ऐसा करने से उसके कूल्हे उभर आए,
मैने उसके कूल्हे पर प्यार से हाथ फेरते कहा”शिखा जानेमन तुम्हारे कूल्हे कितने उठावदार हैं” मैने उसकी तारीफ करते कहा”ऐसा लगता है जैसे नदी के किनारे सफेद रेत के टीले बने हों” मैने उसके कुल्हों पर हाथ फेरते कहा
“और करो, गुदगुदी होती है” उसने अपना सिर तकिये के नीचे दबाए कहा
“क्या मुलायम गांड है तुम्हारी शिखा” मैने कहा और वह हंस दी,
मैने कुछ सोचा और उसको पूछा”वैसे शिखा?”
“हां?” उसने कहा
“तुम जब अपने बालों की चोटी बनाती हो तो वो तुम्हारे कुल्हों के नीचे तक पंहूचती होगी ना?” मैने उसकी गांड की दरार में उंगली डालते हुए पूछा
“हां, मेरे बाल बहुत लंबे हैं, हर हफ्ते शिककाई से इन्हे धोती हूँ और महँगा वाला आमला तेल लगती हूँ” उसने गर्व से कहा
“वाकई, तुम्हारे बाल बहुत अच्छे हैं” कहते हुए मैने उसके बाल हाथों में ले कर सूँघे
“अमन?” उसने पूछा
“हाँ?”
“तुम भी अपनी झाट् में तेल लगाओ न”
“क्यों?” मैने हैरत से पूछा
“मुझे तुम्हारी झाट के मोटे बाल बहुत पसंद हैं”उसने कहा और मेरी झाट के बाल पकड़ कर जोरों से खींचे
मेरी दर्द से कराह निकल पड़ी
“अमन” उसने पूछा
'हां” मैने कहा
“तुम्हे मेरे लंबे बाल इतने अच्छे लगते हैं” उसने अपने बालों को हाथों में ले कर कहा
“हां बहुत” मैने उसको दोबारा चूम लिया
“मेरी सासू माँ को भी मेरे बाल बहुत पसंद थे?” उसने दूर कहीं देखते कहा
“अब तुम्हारी सास कहाँ टपक पड़ी बीच में?” मैने झुनझूला कर कहा
“मेरी सास ने ही मुझे राजन के लिए पसंद किया था” उसने जवाब देते कहा”और उन्होने ही मुझे बालों की ग्रोथ के लिए आमला तेल लगाने को कहा था”
“अगर तुम्हारी सास तुम्हे मुझ से चुद्ते हुए देख ले तो?” मैने उसको छेड़ते हुए पूछा
“तो वो हार्ट अटॅक से ही उपर पंहुच जाएगी” कहते कहते हुए हंस पड़ी
“वाउ, मेरा तो मन करता है की तुम्हारी कुल्हों पर लटकती चोटी की गाँठ में अपना लंड डाल दूं, और तुम्हे तुम्हारी सासू माँ के सामने पटक पटक कर तुम्हारे साथ सेक्स करूँ” मैने उसको अपनी बाहों में जाकड़ लिया और अपना लंड उसकी गांड की दरार में फँसा लिया
वह ज़ोर ज़ोर से हँसने लगी”ओह अमन तुम तो मुझे हंसा हंसा कर ही मार डालोगे”
यह सुन कर मैने उसकी गांड में उंगली घुमाना शुरू कर दी
“छी छी कितने गंदे हो तुम” उसने मेरा हाथ पकड़ते कहा
“तुम से थोडा कम” मैने उसको चिढ़ाते हुए कहा
“मैं तुमसे ज़यादा गंदी हूँ वो कैसे?” उसने आँखें चौड़ी करते कहा
“गैर मर्द से जो चुद्ति हो” मैने कहा
“तुम भी तो दूसरों की बीवियों को चोद्ते हो” उसने मुझे उंगली दिखाते कहा
“मैं तो कुँवारा हूँ, कुंवारे लड़कों को यह सब करने की छूट रहती है” कहते हुए मैने उसके दोनो पैर उपर उठा दिए