10-07-2021, 06:44 PM
मैं नीचे झुका और उसके मुँह से अपना मुँह भिड़ा दिया
“उन्हूँ” उसने मुँह फेर लिया
“क्यों? मेरे मुँह लगने में आपको क्या तकलीफ़ है मेडम?” मैने पूछा
“हाफ़... हाफ़...तुम्हारी जीभ खट्टी है...हाफ़...हाफ़” वो हानफते हुए बोली
“चूसनी तो पड़ेगी” मैने कहा और उसके होठों पर कटा
“ईईए” वह चीलाई”तुम बड़े वो हो”
“वो माने?”
“वो”
“क्या?” मैने उंगली करना रोक कर पूछा
“समझो ना कुछ बातें बताना ज़रूरी होता है क्या?”
मैने अपना हाथ बाहर निकाला, पाँचो उंगलियाँ चिपचिपी हो गयी थी
“वितड्रॉ क्यों कर लिया?” उसने चादर से अपनी योनि सॉफ करते कहा
“ब्रेक” मैने कहा और अपने लंड पर उंगलियों से उसका जूस लगाने लगा
“आइसिंग कर रहे हो क्या” उसने तकिये को बाहों भर कर कहा
“नही लंड की ग्रीसिंग चल रही है” मैने जवाब दिया
“अच्छा?”
“हन”
“एक कम करो ना मेरी कोल्ड क्रीम लगाओ”
“लाओ” उसने डिब्बी देने के लिए हाथ बढ़ाया,
तो मैने उसकी हथेलियों में अपना लंड देते कहा”तुम्ही लगाओ इसको”
“नही”
“क्यों?”
“मुझे घिन आती है” उसने कहा
“अरे तुम्हारा भविश्य तुम्हारे हाथों में दे रहा हूँ शिखा”
“ऐसा क्या?” उसने शरारती हँसी हंसते कहा
“और क्या?” मैने आँख मारते कहा
“तो तुम मुझे माँ बनाना चाहते हो” वह इठला कर बोली
“अब तुम्हे एक शॉट में दादी मा तो बना नही सकता शिखा” मैने उसे चूमते हुए कहा
“तो तुम मा ही बन लो”
“मेरी कोख तो राजन के लिए रिज़र्व्ड है” वह आँखें छोटी करती बोली
“डॉन'त यू नो?”“उसका रिज़र्वेशन तभी कॅन्सल हो गया, जब तुमने उसकी सीमेन अनॅलिसिस की रिपोर्ट मुझे दिखाई थी”
“ह्म्*म्म्म डॉक्टर भी यही बोले थे”
“तो शुभ काम में देर कैसी? अपनी टांगे फैलाओं और मेरे लॉड का वेलकम करो” मैने उसकी टांगे पकड़ कर बोला तो उसने अपनी टाँगों से ज़ोर का झटका दिया, मैं फ्लोर पर गिर पड़ा
और वह हंसते हुए पेट के बल बेड पर लेट गयी”हा हा हा कैसा मज़ा चखाया” वह बोली”मज़ा चखना है तुमको?”
“तुम्हारा मज़ा तो चख के देख भी लिया मैने...कितना खट्टा है” वह मुँह चिढ़ा कर बोली
“अब की बार मज़ा दूसरा होगा”
“कैसा?” शिखा अपने बाल ठीक करते बोली
“तीखा” मैने तेज़ आवाज़ में कहा
“लौडे पे क्या मिर्च लगा कर चुस्वाओगे मुझे?” उसने मज़ाक उड़ाया”ठहरो मैं किचन से लाल मिर्च का पाउडर ले आती हूँ”, उसने बिस्तर से उठते कहा.
“रूको ठहरो”
मैने उसका हाथ पकड़ा और मरोड़ते हुए कहा”इतनी जल्दी क्या है शिखा जानेमन”
“हटो छोड़ो मुझे, मुझे देखना है तुम्हारा तीखा टेस्ट” उसने मेरे हाथ पर दाँत गाड़ते कहा
“आअहह” उसके तेज दाँत मेरी बाँह में गड़ रहे थे मैने देखा उसके दाँतों की छाप उभर गयी थी”पिछले जनम में तुम कुतिया थी क्या शिखा?”
“मैं कुतिया तो तू कुत्ता” वो खिलखिला के हंस पड़ी”और तू ऐसा वैसा नही बड़ा हरामी कुत्ता है अमन”
“मैं और कुत्ता?” मैने हैरत से पूछा
“हां कुत्ता है तू मुझ जैसी सीधी साधी लड़की को तू अपने बिस्तर पर खींच लाया” उसने अपने मांसल कूल्हे मेरी जाँघ पर रगड़ते कहा
“हां शिखा तू तो जैसे बड़ी सती सावित्री है, पति के पीछे गैर मर्द से चुद्ति है” मैने उसके मम्मे हाथों में दबा कर बोला
“आअहह अमन” उसने अपने चूतड़ हिला कर धक्का दिया”हर औरत में एक रंडी छुपी होती है, तुमने मेरे भीतर की रंडी को जगा दिया”
मैने उसके मम्मे ज़ोर से मसले और उसकी गर्दन पर अपनी जीभ फिराई और कंधे के तिल पर काट खाया
“आअहह अया अमन नही, ऐसे मुझे कंधे पर मत काटो” उसने मना करते कहा”राजन तुम्हारे दाँतों की छाप मेरे बदन पर देखेंगे तो क्या कहेंगे?”
“कुछ नही कहेगा वो, उसके पास इतना टाइम कहा”
“वह मुझे रंडी समझ लेंगे”
“तू रंडी नही कुतिया है, मेरी पालतू शिखा कुतिया” कहते हुए अपना लंड उसकी गॉंड की दरार में घुसाया मखमली गांड का रेशमी अहसास मुझे पागाल बना रहा था