06-07-2021, 08:16 PM
(This post was last modified: 06-07-2021, 10:01 PM by healthbenefitof. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
सीमा- लगता है आज प्रकाश के चक्कर मे मेरी दाल जल जाएगी।
और दौड़ते हुए सीमा नीचे किचन में चली जाती है। प्रकाश वहीं छत में अपना लंड पकड़ कर बैठा हुआ था।
प्रकाश- मादरचोद साली थोड़ा सा और रुक जाती तो लन्ड पानी छोड़ ही देता। दाल के चक्कर मे मेरा लन्ड प्यासा छोडकर चली गयी।
प्रकाश यही सब सोचते हुए अपने हाथों से लन्ड को हिलाये जा रहा था। तभी उसे छत पर काजल के कपड़े नजर आता है। काजल की जीन्स टीशर्ट छत पर दिया हुआ था सूखने के लिए। उसके बगल में ब्रा और पेंटी भी था। परकाश अपने मन ही मन सोचता है हो न हो ये ब्रा पेंटी सीमा के तो नही लग रहे क्योकि ये ब्रा पेंटी कुछ ज्यादा ही सेक्सी थे। और साइज में काफी छोटे भी थे जो सीमा के तो हो ही नही सकता जरूर ये काजल के ही होंगे। तभी प्रकाश जो अपने हाथो से लन्ड हिला रहा था वो काजल की ब्रा और पेंटी को तार से उतार लेता है और सूंघने लगता है। उसमें से हल्की हल्की काजल की बदन की खुश्बू महसूस करता है। अपना मोबाइल निकालकर काजल की खिंची हुई तसवीर देखने लगता है। उसे ऐसा लग रहा था जैसे काजल की चूत और बूब्स को वो चुम रहा हो। ऐसे आँखे बंद कर लेता है और अपाना लन्ड जोर जोर से हिलाने लगता है। थोड़ा देर हिलाने के बाद जब प्रकाश को लगता है कि अब वो झड़ने वाला है वो काजल की ब्रा पेंटी अपने लन्ड के पास लेकर जाता है और फिर उसका लन्ड से पिचकारी के जैसे एक गाढ़ा स्पर्म काजल की ब्रा और पेंण्टी के ऊपर गिरता है। प्रकाश के लन्ड से ढेर सारा स्पर्म ब्रा और पेंण्टी पर गिरता है। जिस से ब्रा और पेंण्टी गिला हो जाता है। फिर प्रकाश वापस ब्रा और पेंण्टी को तार में लटका कर नीचे उतर जाता है।
नीचे सीमा सब्जी काट रही थी। प्रकाश को सामने से आते देख सीमा मुस्कुराने लगती है जैसे वो प्रकाश को चिढ़ा रही हो।
प्रकाश- आंटी तुमने ये ठीक नही किया।
सीमा - हा हा हा हा हा
प्रकाश- हां हँसी तो आएगा तुम्हे। लन्ड तो मेरा प्यास रह गया उसका बदला मैं जरूर लूंगा।
सीमा- अच्छा हाँ लेकिन फुरसत में ऐसा नही की फिर कुकर सीटी मार दे।
प्रकाश- ठीक है अब तो तुम्हे मैं फुरसत में ही चोदूँगा। याद रखना आज जिस तरह आपने मुझे तड़पाया है मैं भी तुम्हे तड़पाउंगा।
सीमा - देखती हूँ।
प्रकाश अपने कमरे में आता है। वहां रवि अपने बेड पर सोया हुआ था।
रवि- आ गए ठोक कर।
प्रकाश- साले तू हर टाइम मेरा जासूसी करते रहता है ना क्या बे।
रवि- इसमे जासूसी की क्या बात तू यहां मेरी माँ को ठोकने आया है तो यही करेगा न। थोड़े न तू यहां मेरी मदद करेगा।
प्रकाश- सही कहा तुमने। समझदार हो गए हो मादरचोद मेरे संगत में रहकर।
रवि- तेरे संगत में रहता तो मैं भी चुदकड़ हो जाता।
प्रकाश- वो तू साला इस जन्म में नही हो सकता।
रवि- पर क्यो, तेरे जैसे मेरा भी लन्ड है जो अच्छा खासा खड़ा होता है। मुझे अगर मौका मिले तो मैं भी चोद सकता हूँ।
प्रकाश- क्योकि तू साला गांडू है। बहनचोद इतने दिन से अपनी माँ को देख कर तू साला खाली लन्ड हिलाता था। कभी चोदने की कोसिस भी किया। नही ना ये गांडू की पहचान होती है। और गांडू का वही हाल होता है जो तेरा इस वक़्त हो रहा।
रवि कुछ नही बोलता वो अंदर ही अन्दर जलने लगता है। वो अब सोचता है मैं कैसे प्रकाश के चंगुल से बाहर निकलू। और बात भी सही था प्रकाश रवि का दोस्त होने के बाउजूद उसके खिलाफ ही साजिश रचा। फिर रवि सोचता है प्रकाश को पहले घर से बाहर निकलना होगा लेकिन वो इतना आसान नही था क्योंकि वो अपने बाप के सामने तो ये नही कह सकता कि प्रकाश और माँ के बीच मे संबंध है। प्रकाश सही बोल रहा था साला इसलिए मैं गांडू हु मुझे हिम्मत ही नही होती। रवि को घुटन सा महसूस हो रहा था। उसकी माँ उसके ही सामने चुद रही थी।
इधर प्रकाश एक बार फिर काजल को मैसेज करता है। लेकिन काजल बिल्कुल भी रिप्लाई नही देती। प्रकाश उसे कॉल करता है। काजल कॉल उठती है।
काजल- तुम फिर मुझे परेशान करने लग गए।
प्रकाश- जानम तुम हो ही ऐसे की तुम्हे परेशान किये बिना अब मुझे बिल्कुल भी नींद नही आ रहा।
काजल- देखो प्लीज मुझे तुम इस तरह परेशान मत करो तुमको जो चाहिए वो बोलो। अगर पैसे चाहिए तो बोलो मैं तुम्हे दूंगी।
प्रकाश हँसने लगता है।
प्रकाश- क्या बेबी तुम तो मुझे पैसो से खरीदना चहिती हो। मैं बिकाऊ नही हुन।
काजल- फिर तुम्हे क्या चाहिए।
प्रकाश- देखो मैं तुमसे प्यार करता हूँ। ये सब तुमसे क्यो लूंगा।
काजल- अच्छा प्यार उस दिन अचानक थिएटर में मील कर तुम्हे प्यार हो गया।
प्रकाश- तुम मुझे गलत समझ रही हो। मैं तुम्हे पहले से जनता हूँ।
काजल- यानी तुम मेरा पीछा कर रहे थें।
प्रकाश- बिल्कुल बेबी।
काजल- तो फिर सामने कभी क्यो नही आये मैं तुम्हे देखना चाहती हूं।
प्रकाश- आता लेकिन जब मुझे तुम्हारे और जिम्मी के बारे में पता चला तब से मैं तुम्हे बहुत भूलने की कोसिस किया मगर कर नही पाया।
काजल- तो अब तुम मुझसे क्या चाहते हो। मैं समझ गयी हूँ तुम मुझे ब्लैकमेल करने के लिए फ़ोटो खिंचे हो।
प्रकाश- नही तुम गलत समझ रही हो।
काजल- फिर क्या घर मे सजाने के लिए और ऐसे भी तुम तो बोल रहे थे कि अगर मैन तुम्हारा बात नही माना तो फिर तुम वायरल कर दोगे।
प्रकाश- हाँ ये सही है वायरल कर सकता हूँ लेकिन मुझे पता है तुम ऐसा नही करने दोगी मुझे। देखो इस से तुम्हे नुकशान होगा मुझे नही। तो बेहतर यही होगा कि तुम चुपचाप मेरा बात मान लो वरना सिक्युरिटी के पास कंप्लेन कर दूंगी।
काजल- लगता है तुम ऐसे नही मानोगी।
काजल ग़ुस्से में कॉल काट देती है।
प्रकाश मन ही मन सोचता है ये काजल भी न इतना करने के बाउजूद झुक नही रही। ठीक है एक न एक दिन झुकना ही पड़ेगा इसे।
फिर अगला दिन काजल सिक्युरिटी थाना पहुच जाती है। काजल अंदर जाकर देखती है वहां एक कांस्टेबल और एक इंस्पेक्टर बैठा हुआ था। इंस्पेक्टर अपने मुह में पान चबा रहा था। इंस्पेक्टर का उम्र करीब 40 साल होगा। उसका नाम दिलीप तिवारी था। हाइट करीब 5'11" होगा। काफी मोटा और तगड़ा था लेकिन शरीर काफी भारी लग रहा था। मोटा सा तोंद भी था और रंग पूरा काला था। चेहरे में छेद छेद उसके पूरे चेहरे पर हो रखा था। काजल को इंस्पेक्टर दिलीप का चेहरा देखकर बहुत घिन आ रहा था। लेकिन देखने मे वहीं थाना का इंचार्ज लग रहा था। इसलिए पहले काजल उसके पास जाती है। काजल को उसका सकल देखने का भी मन नही कर रहा था।
काजल- सर
दिलीप- देखो जो भी है कांस्टेबल वहां बैठा है उसके पास जाकर अपना कंप्लेन लिखा दो।
दिलीप अपना कान खुजलाते हुए काजल को बिना देखे कहता है।
काजल फिर कांस्टेबल के पास जाती है।
कांस्टेबल- बोलो क्या लिखना है।
काजल- वो एक लड़का मुझे परेशान कर रहा है।
कॉन्स्टेबल- उसका नाम पता यहां पर लिखो।
काजल - मुझे उसका नाम पता कुछ नही मालूम ।
कॉन्स्टेबल- फिर उसका कोई तस्वीर ओगेरा हो तो दो।
काजल- नही मेरे पास वो भी नही है।
कॉन्स्टेबल- तो फिर चल यहां से निकल। हमारा टाइम मत खराब कर।
काजल- देखिये वो मुझे कॉल करके परेशान करता है।
कॉन्स्टेबल-अरे मैडम आप उसका कॉल उठाते ही कहे हैं। आजकल तो मोबाइल में नंबर ब्लॉक का फीचर्स भी आ गया है।
काजल- देखिये प्लीज मेरी बात समझिये। वो मुझे ब्लैकमेल कर रहा।
कॉन्स्टेबल- ये ला मैडम वो आपका पुराना बॉयफ्रेंड है क्या। जिसके साथ आपका …………
और कॉन्स्टेबल काजल के तरफ हाथ से गंदा इसरा करते हुए उसे समझाने की कोसिस करता है।
काजल- छी: ऐसा कुछ नही हुआ है मैं उसे जानती तक नही हूँ।
कॉन्स्टेबल- फिर आपको परेशान कैसे करता है।
काजल- वो वो…………
कॉन्स्टेबल- अरे मैडम अपने पास और भी बहुत काम है अगर आप वो वो करते रहेंगे तो फिर हो गया देश का।
काजल-वो उसके पास मेरा न्यूड पिक है।
कॉन्स्टेबल- मैडम वो क्या होता है। हमे इंग्लिश थोड़ा कम आती है आप अच्छे से समझाओ न।
तबतक दरोगा दिलीप तिवारी उन दोनों की बातों को सुन लेता है।
दिलीप- ऐ लड़की इधर आओ मुझे बताओ बात क्या है।
काजल उस दरोगा के पास जाती है।
दरोगा दिलीप तिवारी काजल को ऊपर से नीचे तक घूरता है। जिस तरह की नजर से दरोगा काजल को घूर रहा था काजल थोड़ा uncomfortable फील करती है। फिर दरोगा उसे पास के चेयर में बैठने को कहता है।
दरोगा-हां बोलो बात क्या है।
काजल- वो एक लड़के के पास मेरा न्यूड फ़ोटो है वो मुझे अब ब्लैकमेल करने का कोशिस कर रहा।
दरोगा- चलो वो फ़ोटो दिखाओ।
काजल- क्या
दरोगा- सुना नही तुमने वो फ़ोटो दिखाओ जिस से तुमको ब्लैकमेल कर रहा।
ये बात सुन कर वो कॉन्स्टेबल भी आ जाता है और दरोगा के टेबल के पास आकर खड़ा हो जाता है।
काजल को बहुत uncomfortable महसूस होता है।
दरोगा- क्या यहाँ कोई लेडीज सिक्युरिटी नही है।
कॉन्स्टेबल सुन कर हँसने लग जाता है।
दरोगा- नही यहां कोई लेडीज सिक्युरिटी नही है।
काजल- दिखाना जरूरी है क्या एक्चुअली वो मेरा प्राइवेट फ़ोटो है।
कॉन्स्टेबल- अरे मैडम हुम् देखेंगे नही तो फिर कैसे यकीन करें आपका की आप सही बोल रहे हो या गलत।
काजल अब मुश्किल में पड़ जाती है उसे अब समझ नही आता क्या करे। आज से पहले कभी इस तरह का सिचुएशन फेस नही की थी। उसे अब बहुत पछतावा हो रहा था कि आखिर वो थाना आयी कहे। आज अपने हाथों अपना इज्जत दो मर्द को दिखना था। ऐसा लग रहा था दोनो देखने के लिए बहुत उत्सुख हैं। काजल भले एक मॉडर्न लड़की हो लेकिन उसकी नग्न तस्वीर कोई देखे उसके सामने ये उसे ठीक नही लग रहा था। लेकिन उसके पास अब कोई चारा भी नही था। काजल न चाहते हुए भी अपना मोबाइल निकाल कर वो फ़ोटो दरोगा के तरफ करती है। दरोगा बहुत गौर से घूर कर देखता है। कॉन्स्टेबल को नही दिख रहा होता है तो वो टेबल पर झुक जाता है देखने के लिए। काजल को अपने आप पर बहुत शर्म आता है। फिर वो दरोगा काजल के हाथ से वो मोबाइल ले लेता है।
काजल बिल्कुल सन राह जाती है। अब उसे प्रकाश का बात याद आता है। उसे लगता है प्रकाश से एक बार बात तो करती। कांस्टेबल अब दरोगा के पीछे चला जाता है। दरोगा और कांस्टेबल दोनो वो फ़ोटो को देखते और फिर काजल के तरफ काजल अपने आप को बहुत ही ऑकवर्ड सिचुएशन में फेंक चुकी थी अब उसे लग रहा था यहां से किसी तरह निकल जाए।
दरोगा- अच्छा उसे तुम जानती हो।
काजल- नही
दरोगा- तो फ़ोटो कैसे मिल उसे।
काजल- जी वो थिएटर में जबरजस्ती मेरे गर्दन पर चाकू रख कर उसने लिया था।
दरोगा- थिएटर में तुम्हारे साथ और कौन था।
काजल- जी मैं अकेले ( काजल का अब जुबान लड़खड़ाने लगता है वो सबकुछ सिक्युरिटी को नही बताना चाहती थी इसलिए वो झूठ बोलती है और जिमी के बारे में कुछ नही बताती।)
दरोगा- और अगल बगल कोई नही था जिसने ये सब देख।
काजल- नही कोई नही था एक्चुअली मैं कार्नर वाली सीट पर बैठी थी।
कॉन्स्टेबल- लेकिन वहाँ तो गर्लफ्रैंड बॉयफ्रेंड बैठते हैं ना।
काजल अपनी नजर झुका लेती है।
काजल- जी वो
दरोगा- सिक्युरिटी से कुछ अगर छुपाई तो उल्टा हवालात में डाल दूंगा।
काजल- वो मैं मेरे बॉयफ्रेंड के साथ गयी थी।
दरोगा- अच्छा तो वो ये सब देख रहा था।
काजल- नही वो नही था पॉपकॉर्न लाने गया था।
दरोगा- अच्छा तुम उसे भी बुलाकर लाओ मुझे उस से भी कुछ पूछताछ करने है।
काजल- उसे बुलाना जरूरी है क्या।
दरोगा- हाँ ।
दरोगा वो नंबर नोट करता है। और कॉन्स्टेबल को बोलता है कि इस लड़की का नाम पता नोट करने और फिर कल उस लड़के के साथ आना जिसके साथ तुम थिएटर गयी थी।