13-04-2019, 07:28 AM
(This post was last modified: 03-08-2020, 03:11 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
अवार्ड
लेकिन मेरा उपवास नहीं हुआ। उस रात मैं तीन बार झड़ी। उनकी जीभ थी न ,अब वो पक्के चूत चटोरे हो चुके थे।
और सिर्फ चूत ही नहीं ,चूत से ज्यादा गांड में ,
उनकी जीभ धीरे धीरे एक्सपर्ट हो गयी थी कैसे अंदर घुसकर चारो ओर ,सपड सपड ,...
अब कोई इतनी अच्छी सेवा करेगा तो कुछ तो , ...
मैं मान गयी।
मन मेरा भी तो हो रहा था इतना मस्त खड़ा किया था उन्होंने
और फिर हस्बैंड्स नाइट वाली न्यूज , मेरे दिमाग में कुलबुला रही थी।
और उन्होंने भी ,उनके मन में भी कुछ कुलबुला रहा था।
' दो सरप्राइज बता रही थीं न तुम ,... "
"एकदम लेकिन अब तुम सिर्फ सुनना"
और ये बोल के मैंने उन्हें डबल बेड पर धक्का दे दिया और वो नीचे मैं ऊपर ,
"ज़रा सा भी हिले न तो तेरी माँ चोद दूंगी , समझे रंडी के,.. "
और जिस तरह से उनके होंठ कुछ देर पहले मेरी देह में काम तरंगे उठा रहे थे उसी तरह अब मेरे होंठ ,
पहले उनकी पलकों पर किस कर के उसे बंद किया फिर होंठों पर ,पहले तो हलके हलके आठ दस चुम्मी और फिर कचकचा के काट लिया।
वो हलके से चीखे तो मेरे नाख़ून सीधे उनके निपल पे , स्क्रैच ,.........
और अबकी रोकते रोकते भी उनकी चीख निकल गयी।
"छिनार के ,क्या बोला था ,अगर आवाज निकली तो मैं तेरी माँ चोद के रख दूंगी ,बहुत मन है तेरा अपनी माँ चुदवाने का न जो आवाजें निकाल रहा है।
चुदेगी तो वो है ही और इसी मोटे लन्ड से ,... "
और ये बोलते हुए मेरे बाएं हाथ ने उनका तन्नाया लन्ड पकड़ लिया और एक झटके में इतनी जोर से पकड़ के खींचा की सुपाड़ा खुल गया ,मोटा धूसर लाल ,खूब मांसल।
" पहली सरप्राइज तो तुझे पता ही चल गयी मॉम ने खुद बता दी ,
तेरा दिल रखने को वो आ रही हैं ,
लेकिन उनकी शर्त यही है की तुझे चोदना होगा बिना किसी नखड़े के भोंसडे वाली को ,जिसके भोंसडे से तू निकाला है , बोल चोदेगा न।
अगर एक सेकण्ड भी देर लगाया न तो मम्मी का प्रोग्राम कैंसल। "
" हाँ चोदूगा , एकदम ,... "
लेकिन मुझे तो उनके मुंह से साफ़ साफ़ सुनना था।
मैंने जोर से उनके लन्ड को अपनी मुट्ठी में भींचते हुए ,कचकचा के उनके निपल काटे ,
" अरे किसे ,साफ साफ़ बोल न ,लगती क्या है तेरी "
मैं अब पूरे जोश में थी।
लेकिन बिना उनके जवाब का इन्तजार किये उनके चीखते खुले मुंह में अपने निपल्स डाल दिए ,
" चूस चूस ,जैसे बचपन में चूस चूस के दूधु पीता था न वैसे ही चूस , उसके भी चुसवाऊँगी पर अभी मेरा चूस। "
सच में चूसने में ऊनका जवाब नहीं था चाहे चूंची हो या चूत।
चूस वो चूंची रहे थे और आग चूत में लग रही थी ,
अभी तीन बार वो पानी निकाल चुके थे मेरा इसलिए चूत वैसे भी लसलसी हो रही थी।
मुझसे अब रहा नहीं गया ,मैं अब उनके ऊपर , थोड़ी देर तक अपने लोवर लिप्स ,खड़े सुपाड़े पे रगड़ती रही , फिर उनसे कबुलवाया ,
" बोल तू है न अपनी माँ का भंडुवा , "
लेकिन मेरा उपवास नहीं हुआ। उस रात मैं तीन बार झड़ी। उनकी जीभ थी न ,अब वो पक्के चूत चटोरे हो चुके थे।
और सिर्फ चूत ही नहीं ,चूत से ज्यादा गांड में ,
उनकी जीभ धीरे धीरे एक्सपर्ट हो गयी थी कैसे अंदर घुसकर चारो ओर ,सपड सपड ,...
अब कोई इतनी अच्छी सेवा करेगा तो कुछ तो , ...
मैं मान गयी।
मन मेरा भी तो हो रहा था इतना मस्त खड़ा किया था उन्होंने
और फिर हस्बैंड्स नाइट वाली न्यूज , मेरे दिमाग में कुलबुला रही थी।
और उन्होंने भी ,उनके मन में भी कुछ कुलबुला रहा था।
' दो सरप्राइज बता रही थीं न तुम ,... "
"एकदम लेकिन अब तुम सिर्फ सुनना"
और ये बोल के मैंने उन्हें डबल बेड पर धक्का दे दिया और वो नीचे मैं ऊपर ,
"ज़रा सा भी हिले न तो तेरी माँ चोद दूंगी , समझे रंडी के,.. "
और जिस तरह से उनके होंठ कुछ देर पहले मेरी देह में काम तरंगे उठा रहे थे उसी तरह अब मेरे होंठ ,
पहले उनकी पलकों पर किस कर के उसे बंद किया फिर होंठों पर ,पहले तो हलके हलके आठ दस चुम्मी और फिर कचकचा के काट लिया।
वो हलके से चीखे तो मेरे नाख़ून सीधे उनके निपल पे , स्क्रैच ,.........
और अबकी रोकते रोकते भी उनकी चीख निकल गयी।
"छिनार के ,क्या बोला था ,अगर आवाज निकली तो मैं तेरी माँ चोद के रख दूंगी ,बहुत मन है तेरा अपनी माँ चुदवाने का न जो आवाजें निकाल रहा है।
चुदेगी तो वो है ही और इसी मोटे लन्ड से ,... "
और ये बोलते हुए मेरे बाएं हाथ ने उनका तन्नाया लन्ड पकड़ लिया और एक झटके में इतनी जोर से पकड़ के खींचा की सुपाड़ा खुल गया ,मोटा धूसर लाल ,खूब मांसल।
" पहली सरप्राइज तो तुझे पता ही चल गयी मॉम ने खुद बता दी ,
तेरा दिल रखने को वो आ रही हैं ,
लेकिन उनकी शर्त यही है की तुझे चोदना होगा बिना किसी नखड़े के भोंसडे वाली को ,जिसके भोंसडे से तू निकाला है , बोल चोदेगा न।
अगर एक सेकण्ड भी देर लगाया न तो मम्मी का प्रोग्राम कैंसल। "
" हाँ चोदूगा , एकदम ,... "
लेकिन मुझे तो उनके मुंह से साफ़ साफ़ सुनना था।
मैंने जोर से उनके लन्ड को अपनी मुट्ठी में भींचते हुए ,कचकचा के उनके निपल काटे ,
" अरे किसे ,साफ साफ़ बोल न ,लगती क्या है तेरी "
मैं अब पूरे जोश में थी।
लेकिन बिना उनके जवाब का इन्तजार किये उनके चीखते खुले मुंह में अपने निपल्स डाल दिए ,
" चूस चूस ,जैसे बचपन में चूस चूस के दूधु पीता था न वैसे ही चूस , उसके भी चुसवाऊँगी पर अभी मेरा चूस। "
सच में चूसने में ऊनका जवाब नहीं था चाहे चूंची हो या चूत।
चूस वो चूंची रहे थे और आग चूत में लग रही थी ,
अभी तीन बार वो पानी निकाल चुके थे मेरा इसलिए चूत वैसे भी लसलसी हो रही थी।
मुझसे अब रहा नहीं गया ,मैं अब उनके ऊपर , थोड़ी देर तक अपने लोवर लिप्स ,खड़े सुपाड़े पे रगड़ती रही , फिर उनसे कबुलवाया ,
" बोल तू है न अपनी माँ का भंडुवा , "