Thread Rating:
  • 7 Vote(s) - 2 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery माँ के कहने पर बेटे ने लिया बदला. (Revenge) (Completed)
#57
अब उस दिन से न निरज दिखाई दिया ना उसकी जिम की दुकान खुली। और भावना और हर्ष ने उस पर केस तो कर दिया और उसकी दुकान बंद करवा दी और उससे कुछ पैसे भी इन लोगो को मिले,लेकिन कोर्ट फैसला नही सुना रहा था, सिर्फ तारीख़ ही देते जा रहा था। 

और उस दिन के हादसे के बाद दोनों माँ बेटे मुंबई छोड के पुरानी यादों को छोड़ के दिल्ली आ गए थे,और वहाँ पे अपनी जिंदगी की शुरुआत की थी। 

वो लोग वहां दिल्ली में शहरों से थोड़ा दूर एक शान्त जगह पे रहने लगे थे। जहां आसपास कोई भी नही रहता, 
[Image: images?q=tbn:ANd9GcRlq5SwgHdXbibIBJuouc9...w&usqp=CAU]
घर भी अच्छा था। और नीचे बेसमेंट भी था,एकदम बडा वाला। आसपास कोई शोर नही था।तो  वो लोगो को अब दिल्ली आए हुए 6,7 महीने हो गए थे।

इधर भावना घर में रहती और हर्ष ने दिल्ली में कॉलेज जॉइन कर ली थी। दोनो पुरानी बातों को भूल कर अपनी नई जिंदगी की शुरुआत में थे।
 रोज की तरह 

मैं:-माँ ,मेरा नास्ता दो माँ. मुझे लेट हो रहा है।
माँ:-(नास्ता लाते हुए) ये ले मेरा बेटा, खा ले।
मैं:-हाँ, माँ।
माँ:-बेटा, अब कॉलेज खत्म होने में कितना समय बचा है?
मैं:- माँ अभी सिर्फ और 3,4 महीने ही है।
माँ:- ठीक है आराम से पढ़ लो।
मैं:- ठीक है माँ, मैं कॉलेज जाता हूँ।

अब रोज की तरह हर्ष कॉलेज जाता है। और शाम को कॉलेज के गेट के बाहर अपने दोस्तों से बाते कर रहा होता है तब पीछे से एक लड़की आती है 
[Image: images?q=tbn:ANd9GcS32g5idD47XA_B3Ie4qzZ...g&usqp=CAU]
जो दिखने में सुंदर थी और उसकी उम्र करीब 27 होगी। और बोलती है.

लड़की:- सुनिए। क्या आप  मुझे अपना फोन दे सकते है? मुझे मेरे भाई को फोन करना है मेरे फोन में बैटरी नहीं है।
मैं:- जी ठीक है ये लीजिये।
लड़की:-(फोन लेते हुए) थैंक्यू।
मैं:- नही उसमे क्या।।

अब वो लड़की अपने भाई को फोन करती है और बाते करती है और इधर हर्ष भी अपने दोस्तों से हसी मजाक कर रहा होता है। और तभी...

लड़की:- हाँ हाँ, भाई, मुझे कोई तकलीफ नही है। मैं ठीक हूँ।
 और सामने से कोई बात कर रहा था।

फिर लड़की बोली.....

लड़की:- हाँ निरज भाई, मैंने कहा ना कुछ भी प्रॉब्लम नही है यहां पे। अब मैं फ़ोन रखती हूं।

हर्ष के कान में निरज नाम सुनते ही वो सब बातें फिर से याद आ जाती है। फिर लड़की हर्ष को फ़ोन देके थैंकयु बोल के जाने लगती है। हर्ष के फोन में ऐसा था कि किसी का भी नंबर हो उसका नाम बता देता था,तो उस लड़की ने जो नंबर अभी लगाया था उस पे “निरज जिम” ऐसा लिखा था। फिर वो जल्दी से उस लड़की के पास जाता है।

मैं:-(लड़की से पूछते हुए) जी आप निरज की बहन हो क्या?
लड़की:-जी हाँ, आप जानते हो मेरे भाई को?
मैं:-(कुछ सोच कर)  हाँ ..मतलब उसका जिम था वो पता है।
लड़की:- हाँ मैं उसकी बहन हूँ।
मैं:- वैसे आप का नाम?
लड़की:-(अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए) जी मैं मानशी।
मैं:-(दोनो हाथ मिलाते हुए) मैं हर्ष।
मानशी:- आप यही पढ़ते हो?
मैं:- हाँ, अभी कुछ महीनों पहले ही आया।
मानशी:- अच्छा।
मैं:- लगता है आपके भी को आपकी बहुत फिक्र हो रही है।

मानशी:-(परेशान होते हुए) हाँ, देखो ना 1 मिनीट भी फोन न करु तो परेशान हो जाते है।
मैं:- वैसे वो कहा पे रहते है?
मानशी:- अभी तो वो बैंगलोर मैं है। उसका जिम कुछ महीनों पहले बंद हो गया था और वो भी अचानक से बैंगलोर चले गए।
मैं:-(अब सब समझते हुए) ऐसा है।भाई है फिक्र तो होगी ही।
मानशी:- हाँ।चलो अब मैं चलती हूँ।
मैं:- ठीक है।

अब वो जल्दी से सीधा घर आ जाता है और इतने महीनों बाद उसको उसका शिकार मिल जाता है।  अब रात को माँ बेटे खाने बैठे थे और वो अपनी माँ से बोलता है।

मैं:- माँ।
माँ:- हाँ बेटा, कुछ चाहिए क्या? रोटी दूँ?
मैं:- नही माँ आपसे कुछ बात करनी है।
माँ:-क्या हुआ बेटा?
मैं:- (आंखों में नमी होते हुए) माँ लगता है जो 2 जान गई थी उसका बदला लेने का समय आ चुका है।
माँ:- मतलब बेटा?
मैं:-पापा की और उस छोटे बच्चे की जो उस दिन.......( इतना बोल के चुप हो जाता है)
माँ:-(सब बातों को याद करते हुए) लेकिन कैसे बेटा?
मैं:-वो उस दिन से मुंबई छोड़ के बैंगलोर चला गया था।
माँ:- तुम्हे कैसे पता?
मैं:- माँ मैं जिस कॉलेज में हूँ,उसकी बहन भी उसी कॉलेज में है।

अब भावना के दिन मैं किसी की जिंदगी बर्बाद करना तो नही था लेकिन उसके साथ जो हुआ और 2 जान की कीमत चुकानी होगी निरज को। क्योंकि कोर्ट का तो पता ही था कुछ नही करने वाला। तो उसने बेटे को बोला 

माँ:-(गुस्सा दिखाते हुए) बेटा, तू अपनी माँ का बदला लेगा।कुछ भी कर लेकिन मेरा बदला ले।
मैं:- जी माँ, मैं बदला लूंगा। और ऐसा बदला लूंगा, जो दर्द हमने लिया था वो दर्द व भी ले।
माँ:-हाँ, बेटा।
मैं:- अब वो खुद सामने से हमारे पास आएगा।
माँ:- वैसे बेटा क्या करेगा तू?
मैं:- अब तीर वही मांरूँगा जहाँ दर्द ज्यादा हो।
माँ:- बेटा, तू बस मेरा बदला ले।
मैं:- जी माँ, आप टेंसन न लो।


अब दोनों खाना खा के सो जाते है। और इधर हर्ष ने सब अपने दिमाग में खेल बना लिया था ,अब उसको अपनी चाल चलनी थी। निरज ने जैसे उसकी माँ को फसाया वैसे अब हर्ष उसकी बहन को फसएगा।
 अब दूसरी सुबह वो कॉलेज जाने निकला और वो अब मानशी को देखने लगा कि वो कब कितने बजे कहां जाती है।
फिर कॉलेज जाने के बाद , उसने देखा कि वो एक घर से निकली और ऑटो वाले से बाते कर रही थी कि ये आप ज्यादा पैसे बोल रहे है आप जाइये ,ऐसे सब ।और तभी इस बात का फायदा देखते हुए हर्ष उस के पास गया,और ऐसे गया कि उसको मालूम न हो कि वो भी यही से जाएगा। और बाइक लेके निकल और मानशी को देखे बोला।।

मैं:- अरे आप यहां?
मानशी:- हाँ, देखो न कोई ऑटो वाला मिल ही नही रहा ।
मैं:- अरे तो मेरे साथ बाइक ओर चलो ना मैं भी कॉलेज ही जा रहा हूँ।
मानशी:- जी ठीक है।

और मानशी बाइक पर बैठ के हर्ष के साथ निकल जाती है

मैं:- वैसे आप वहाँ रहते हो क्या?
मानशी:-हाँ, रूम रेन्ट पे ले के रहती हूँ।और अभी तो रूम में भी कोई नही है बस में अकेली ही रहती हूँ।
मैं:- अच्छा, मेरा घर भी आपके रूम से पास ही है,आना होगा आपको।
मानशी:- आप बुलाये मैं आ जाऊँगी।

और दोनों हसने लगे।और कॉलेज पोहोंच गए। अब दोनों अपनी अपनी क्लास में गए, और इधर हर्ष क्लास में बस बदले के बारे में ही सोच रहा था।अब शाम को जब वो घर जाने निकला तो फिर मानशी ऑटो की राह देख रही थी कॉलेज के पास। तो हर्ष फिर से आ गया उसके पास और..

मैं:- नही मिलेगा ऑटो,मैं हूँ ना, मैं छोड़ दूंगा।
मानशी:- (खुश होते हुए) हाँ, ठीक है।

अब दोनों रोज इसी तरह मिलते रहे। और हर्ष उसको अपनी चाल में फसाता रहा। 

लेकिन भावना सोच रही थी कि..

मेरा बेटा बदला तो ले लेगा ,लेकिन जितना जल्दी ले ले उसके लिए अच्छा होगा। अब वो भी जवान हो चुका है, शायद वो लड़की मैं बहक गया तो क्या होगा?
 तो वो अपने बेटे से बोलती है कि ..


माँ:- बेटा, तुम जल्दी से मेरा बदला ले लो।
मैं:- माँ अभी काम चल ही रह है।
माँ:- बेटा, बस में जितना बोलती हूँ उतना करो।,बस तुम बदला ले लो।
मैं:- हाँ माँ,
माँ:- बेटा, उसकी बहन से क्या बदला लेगा?
मैं:- माँ वो अब मेरा काम है। उस निरज को उसने जो किया है वो उसकी बहन के साथ भी होगा अब।
माँ:-( सोचती है कि ये तो गलत हो जाएगा, लेकिन उसको खोये हुए बच्चे और पति की याद उसको और ज्यादा परेशान करती है तो वो बदला लेने को हाँ बोल देती है) ठीक है लेकिन तुम फस मत जाना।
मैं:- माँ  मैंने पूरी तैयारी कर ली है।
[+] 3 users Like Aakashshah's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: माँ के कहने पर बेटे ने लिया बदला. (Revenge) - by Aakashshah - 27-06-2021, 02:11 PM



Users browsing this thread: 13 Guest(s)