27-06-2021, 10:51 AM
दोस्तों अब आपसे क्या छुपाना, इस टेप को सुनने में पूरे ३ घंटे लगे और मैंने २ बार मुठ मारी] टेप सुनने में ही मेरी हालत खराब हो गई]
मैं सपने में भी नहीं सोच सकता था कि जूली इस कदर सेक्सी हो सकती है उसने एक नारी कि सारी हदें पार कर दी थीं]
मुझे लगा कि शायद मैं अपने बिज़नस में कुछ ज्यादा ही बिजी हो गया था जो उसकी इच्छाएं नहीं समझ पाया]
मैं विजय को छोड़ने के बाद गाड़ी में आकर बैठ गया और सब शीशे बंद कर अपना फ़ोन निकाल रिकॉर्डिंग ऑन की]
उसका एक एक शब्द आगे वर्णित है ......
..............
मैं : अच्छा जान मैं चलता हूँ विजय तैयार रहना शाम को मिलते हैं]
जूली: बाय जान अपना ध्यान रखना]
............
जूली : ओह विजय क्या करते हो रुको तो अर्र्राआ दरबाजा तो बंद करने दो] लगता है आज तो पगला गए हो]
विजय: हाँ भाभी आज मेरा आखरी दिन है तुमको तो पता है फिर ६ महीने के बाद आ पाउँगा]
जूली: ओह मुझे पता है बेबी मैं खुद उदास हूँ पर ओह रुको न उतार रही हूँ न क्या पजामी फ़ाड़ोगे,
ये लो आज तुम्हारा जो दिल चाहे कर लो आज मेरी ओर से तुमको हर तरह की आजादी..
विजय: यू आर ग्रेट भाभी आई लव यू पुच पुच
जूली: अब तुमने मुझे पूरा नंगा तो कर दिया है देखो सुवह तुमने कितना गन्दा कर दिया था पहले मैं नहा लूँ फिर जो तुम्हारी मर्जी कर लेना]
विजय: आज तो मैं आपको एक पल भी नहीं छोडूंगा चलो मैं आपको नहलाता हूँ]
जूली: क्या करते हो विजय अभी तो नहाये हो तुम फिर से गीले हो जाओगे]
आआअ ऊऊऊउईईईईई क्या कर रहे हो
ह्ह्ह्ह्हाआआआ खिलखिलाने की आवाजें आ
ओहूऊऊओ
विजय: भाभी सच बताओ तुम्हारी चूत इतनी प्यारी कैसे है कितनी छोटी वउउउउउउउ कितनी चिकनी
ये तो बिलकुल छोटी सी बच्ची जैसी है
पुच पुच च च च पुच च च
जूली: अहाआआ ह्हह्हाआ अब नहाने भी दे न या चट्टा ही रहेगा ओहूऊऊ ओह हा हा हे हेह ही ही
विजय: पुच चाप चप चपर पुच
जूली: अच्छा ये बता तूने कितनी बच्ची की चूत देखी हैं जो तुझे पता है की वो ऐसी होती है]
विजय: क्या भाभी ये तो पता ही है न और मैंने तो कई की देखी है और सहलाया भी है]
जूली: अच्छा बच्चू इसका भी दीवाना है लेकिन गलत बात अब ऐसा नहीं करना...
विजय: ओह भाभी ठीक है नहीं करूँगा मगर कान तो छोड़ो]
जूली: नहीं छोड़ूंगी तुम छोड़ते हो जब मेरे दूध पाकर लेते हो तो हा हा अब मैं भी नहीं छोड़ती ]
विजय: ठीक है मत छोड़ो लो में भी पकड़ लेता हूँ
जूली: हीईई हूऊऊऊऊ अहाआआ उईईईईईईइ
विजय: अहाआआआअ
जूली: ओहूऊऊ यहाँ नहीं राजा ओहू हो अहाआआ
निकाल न अहाआआ नहा तो लेने दे न अहाआआ
विजय: नहला ही तो रहा हूँ ये तो आपकी चूत की अंदर की सफाई कर रहा है आहा आहा
जूली: हाँ हाँ मुझे सब पता है ये कोण सी सफाई कर रहा है आहा आ अ अ आ अ आ ओह ओह
अहाआआ आहा आ अ आ अ आ हा हा हा आह
विजय: ओह भाभी कितनी गर्म है चूत आपकी आहा हा ओह आहा हा ओह
अह्ह्हा ओह हह ह्ह्ह्हह्ह
जूली : बस्स्स्स्स्स्स्स राजाआआआ ओहोहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
विजय: आआआह्हह्हह्हह्ह बस्स भाभी हो गया आआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
आआआआआआआआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
[b]विजय: आहा भाभी मजा आ गया, तुम बहुत हॉट हो जानम, तुम्हारी इस चूत को चोदकर मेरे लण्ड को पूरा करार मिल जाता है]
जूली: हाँ लाला तुमने भी मेरी जिंदगी में पूरे रंग भर दिए हैं] तुम्हारे भैया तो बेडरूम और बिस्तर के अलावा मुझे कहीं हाथ भी नहीं लगाते, अहा और तुमने इस घर में हर जगह मुझे चोदा है] मैं निहाल हो गई तुम्हारी चुदाई पर]
विजय: हाँ भाभी चुदाई का मजा तो जगह और तरीके बदल बदल कर करने में ही आता है]
जूली: सही कहा तुमने आज यहाँ बाथरूम में मजा आ गया]
विजय: अच्छा और कल जब बालकोनी मई किया था]
जूली: धत्त पागल वो तो मैं बहुत डर गई थी] लेकिन सच बोलू तो बहुत मजा आया था] सूरज की रोशनी में खुले में, ना जाने किस किसने देखा होगा]
विजय : अरे भाभी वही तो मजा है और आपने देखा नहीं कल आपकी चूत सबसे ज्यादा गरम थी और कितना पानी छोड़ रही थी]
जूली: हाँ हाँ चल अब तेरी सारी इच्छा पूरी हो गई न, बेडरूम से लेकर बाथरूम, बालकोनी, किचन सब जगह तूने अपने मन की कर ली ना, और मुझे ये गन्दी भाषा भी सिखा दी, अब तो तू खुश है ना]
विजय: अभी कहाँ मेरी जान अभी तो दिल में सैकड़ों अरमान हैं आप तो बस देखती जाओ हा हा हा
जूली: तू पूरा पागल है चल अब हट्ट
ट्रनन्न्नन ट्रन्नन्नन्नन्नन्नन्न
जूली: अरे कौन आया इस वक्त.....
विजय: लगता है कूरियर वाला है]
जूली: जा तू ले ले तोलिया बांध लेना कमर में या होने इसी पेन से साइन करेगा] हा हा हा हा हा
विजय: हे हे हंसों मत भाभी आज आपको एक ओर मजा कराता हूँ] जाओ कूरियर आप लो बहुत मजा आएगा]
जूली: पागल है क्या मुझे कपडे पहनने में आधा घंटा लग जायेगा, जल्दी जा न तू ले ले]
ट्रनन्न्नन ट्रन्नन्नन्नन्नन्नन्न
विजय: नहीं भाभी देखो न बहुत मजा आएगा तुमको कपडे नहीं पहनने ऐसे ही लेना है कूरियर]
जूली: हट्ट पागल मारूंगी तुझे नंगी जाउंगी मैं उस आदमी के सामने, कभी नहीं करुँगी मैं ऐसा तू तो पूरा पगला गया है] हाए राम क्या हो गया है तुझको, मुझे क्या समझा है तूने]
विजय: पुच पुच, तुम तो मेरी जान हो अगर मुझ पर विस्वास है और मुझसे जरा भी प्यार है तो आज सारी बात आप मानोगी] चलो जल्दी करो]
जूली: अरे बुद्धू कैसे वो पागल हो जायेगा]
ट्रनन्न्नन ट्रन्नन्नन्नन्नन्नन्न
जूली: कौन, कौन है भाई
....: कूरियर है भाभी
जूली: रुको भैया अभी आती हूँ मैं नहा रहीं हूँ]
हाँ अब बोल कैसे जाऊं....
विजय: लो ये टॉवेल ऐसे बाँध लो जैसे बांधती हो अपनी चूची से और गीली तो हो ही, वो यही समझेगा कि नहाते हुए आई हो]
और घबराती क्यों हो वो कौन का किसी से कहेगा उसकी तो आज किस्मत खुल जायेगी]
जूली: तू वाकई पूरा पागल है मरवाएगा तू आज, मैं पूरा दिन अकेली ही रहती हूँ अगर किसी दिन चढ़ आया न वो तो मैं क्या करुँगी]
विजय: अरे कुछ नहीं होगा तुम देखना कितना मजा आएगा और आपको एक बार उसके सामने ये टॉवेल सरका देना फिर देखना मजा]
जूली: पागल है धत्त मैं ऐसा कुछ नहीं करुँगी] चल हट अब तू]
ट्रनन्न्नन ट्रन्नन्नन्नन्नन्नन्न
जूली: आई भैया .......
दरवाजा खुलने की आवाज
मैं सपने में भी नहीं सोच सकता था कि जूली इस कदर सेक्सी हो सकती है उसने एक नारी कि सारी हदें पार कर दी थीं]
मुझे लगा कि शायद मैं अपने बिज़नस में कुछ ज्यादा ही बिजी हो गया था जो उसकी इच्छाएं नहीं समझ पाया]
मैं विजय को छोड़ने के बाद गाड़ी में आकर बैठ गया और सब शीशे बंद कर अपना फ़ोन निकाल रिकॉर्डिंग ऑन की]
उसका एक एक शब्द आगे वर्णित है ......
..............
मैं : अच्छा जान मैं चलता हूँ विजय तैयार रहना शाम को मिलते हैं]
जूली: बाय जान अपना ध्यान रखना]
............
जूली : ओह विजय क्या करते हो रुको तो अर्र्राआ दरबाजा तो बंद करने दो] लगता है आज तो पगला गए हो]
विजय: हाँ भाभी आज मेरा आखरी दिन है तुमको तो पता है फिर ६ महीने के बाद आ पाउँगा]
जूली: ओह मुझे पता है बेबी मैं खुद उदास हूँ पर ओह रुको न उतार रही हूँ न क्या पजामी फ़ाड़ोगे,
ये लो आज तुम्हारा जो दिल चाहे कर लो आज मेरी ओर से तुमको हर तरह की आजादी..
विजय: यू आर ग्रेट भाभी आई लव यू पुच पुच
जूली: अब तुमने मुझे पूरा नंगा तो कर दिया है देखो सुवह तुमने कितना गन्दा कर दिया था पहले मैं नहा लूँ फिर जो तुम्हारी मर्जी कर लेना]
विजय: आज तो मैं आपको एक पल भी नहीं छोडूंगा चलो मैं आपको नहलाता हूँ]
जूली: क्या करते हो विजय अभी तो नहाये हो तुम फिर से गीले हो जाओगे]
आआअ ऊऊऊउईईईईई क्या कर रहे हो
ह्ह्ह्ह्हाआआआ खिलखिलाने की आवाजें आ
ओहूऊऊओ
विजय: भाभी सच बताओ तुम्हारी चूत इतनी प्यारी कैसे है कितनी छोटी वउउउउउउउ कितनी चिकनी
ये तो बिलकुल छोटी सी बच्ची जैसी है
पुच पुच च च च पुच च च
जूली: अहाआआ ह्हह्हाआ अब नहाने भी दे न या चट्टा ही रहेगा ओहूऊऊ ओह हा हा हे हेह ही ही
विजय: पुच चाप चप चपर पुच
जूली: अच्छा ये बता तूने कितनी बच्ची की चूत देखी हैं जो तुझे पता है की वो ऐसी होती है]
विजय: क्या भाभी ये तो पता ही है न और मैंने तो कई की देखी है और सहलाया भी है]
जूली: अच्छा बच्चू इसका भी दीवाना है लेकिन गलत बात अब ऐसा नहीं करना...
विजय: ओह भाभी ठीक है नहीं करूँगा मगर कान तो छोड़ो]
जूली: नहीं छोड़ूंगी तुम छोड़ते हो जब मेरे दूध पाकर लेते हो तो हा हा अब मैं भी नहीं छोड़ती ]
विजय: ठीक है मत छोड़ो लो में भी पकड़ लेता हूँ
जूली: हीईई हूऊऊऊऊ अहाआआ उईईईईईईइ
विजय: अहाआआआअ
जूली: ओहूऊऊ यहाँ नहीं राजा ओहू हो अहाआआ
निकाल न अहाआआ नहा तो लेने दे न अहाआआ
विजय: नहला ही तो रहा हूँ ये तो आपकी चूत की अंदर की सफाई कर रहा है आहा आहा
जूली: हाँ हाँ मुझे सब पता है ये कोण सी सफाई कर रहा है आहा आ अ अ आ अ आ ओह ओह
अहाआआ आहा आ अ आ अ आ हा हा हा आह
विजय: ओह भाभी कितनी गर्म है चूत आपकी आहा हा ओह आहा हा ओह
अह्ह्हा ओह हह ह्ह्ह्हह्ह
जूली : बस्स्स्स्स्स्स्स राजाआआआ ओहोहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
विजय: आआआह्हह्हह्हह्ह बस्स भाभी हो गया आआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
आआआआआआआआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
[b]विजय: आहा भाभी मजा आ गया, तुम बहुत हॉट हो जानम, तुम्हारी इस चूत को चोदकर मेरे लण्ड को पूरा करार मिल जाता है]
जूली: हाँ लाला तुमने भी मेरी जिंदगी में पूरे रंग भर दिए हैं] तुम्हारे भैया तो बेडरूम और बिस्तर के अलावा मुझे कहीं हाथ भी नहीं लगाते, अहा और तुमने इस घर में हर जगह मुझे चोदा है] मैं निहाल हो गई तुम्हारी चुदाई पर]
विजय: हाँ भाभी चुदाई का मजा तो जगह और तरीके बदल बदल कर करने में ही आता है]
जूली: सही कहा तुमने आज यहाँ बाथरूम में मजा आ गया]
विजय: अच्छा और कल जब बालकोनी मई किया था]
जूली: धत्त पागल वो तो मैं बहुत डर गई थी] लेकिन सच बोलू तो बहुत मजा आया था] सूरज की रोशनी में खुले में, ना जाने किस किसने देखा होगा]
विजय : अरे भाभी वही तो मजा है और आपने देखा नहीं कल आपकी चूत सबसे ज्यादा गरम थी और कितना पानी छोड़ रही थी]
जूली: हाँ हाँ चल अब तेरी सारी इच्छा पूरी हो गई न, बेडरूम से लेकर बाथरूम, बालकोनी, किचन सब जगह तूने अपने मन की कर ली ना, और मुझे ये गन्दी भाषा भी सिखा दी, अब तो तू खुश है ना]
विजय: अभी कहाँ मेरी जान अभी तो दिल में सैकड़ों अरमान हैं आप तो बस देखती जाओ हा हा हा
जूली: तू पूरा पागल है चल अब हट्ट
ट्रनन्न्नन ट्रन्नन्नन्नन्नन्नन्न
जूली: अरे कौन आया इस वक्त.....
विजय: लगता है कूरियर वाला है]
जूली: जा तू ले ले तोलिया बांध लेना कमर में या होने इसी पेन से साइन करेगा] हा हा हा हा हा
विजय: हे हे हंसों मत भाभी आज आपको एक ओर मजा कराता हूँ] जाओ कूरियर आप लो बहुत मजा आएगा]
जूली: पागल है क्या मुझे कपडे पहनने में आधा घंटा लग जायेगा, जल्दी जा न तू ले ले]
ट्रनन्न्नन ट्रन्नन्नन्नन्नन्नन्न
विजय: नहीं भाभी देखो न बहुत मजा आएगा तुमको कपडे नहीं पहनने ऐसे ही लेना है कूरियर]
जूली: हट्ट पागल मारूंगी तुझे नंगी जाउंगी मैं उस आदमी के सामने, कभी नहीं करुँगी मैं ऐसा तू तो पूरा पगला गया है] हाए राम क्या हो गया है तुझको, मुझे क्या समझा है तूने]
विजय: पुच पुच, तुम तो मेरी जान हो अगर मुझ पर विस्वास है और मुझसे जरा भी प्यार है तो आज सारी बात आप मानोगी] चलो जल्दी करो]
जूली: अरे बुद्धू कैसे वो पागल हो जायेगा]
ट्रनन्न्नन ट्रन्नन्नन्नन्नन्नन्न
जूली: कौन, कौन है भाई
....: कूरियर है भाभी
जूली: रुको भैया अभी आती हूँ मैं नहा रहीं हूँ]
हाँ अब बोल कैसे जाऊं....
विजय: लो ये टॉवेल ऐसे बाँध लो जैसे बांधती हो अपनी चूची से और गीली तो हो ही, वो यही समझेगा कि नहाते हुए आई हो]
और घबराती क्यों हो वो कौन का किसी से कहेगा उसकी तो आज किस्मत खुल जायेगी]
जूली: तू वाकई पूरा पागल है मरवाएगा तू आज, मैं पूरा दिन अकेली ही रहती हूँ अगर किसी दिन चढ़ आया न वो तो मैं क्या करुँगी]
विजय: अरे कुछ नहीं होगा तुम देखना कितना मजा आएगा और आपको एक बार उसके सामने ये टॉवेल सरका देना फिर देखना मजा]
जूली: पागल है धत्त मैं ऐसा कुछ नहीं करुँगी] चल हट अब तू]
ट्रनन्न्नन ट्रन्नन्नन्नन्नन्नन्न
जूली: आई भैया .......
दरवाजा खुलने की आवाज