27-06-2021, 09:55 AM
अब रात को हर्ष अपनी माँ को लेके घर आया और बाहर से खाना लिया तय और माँ को खाना खिलाया और
माँ:-(डरते हुए) बेटा, तुम मुझे छोड़ कर कभी नही जाना।
मैं:- माँ मैं आपके साथ हमेशा रहूंगा।
माँ:-बेटा अब मुझे हॉस्पिटल ले चलो फिर से।
मैं:- माँ आप आराम करो। मैं अभी हॉस्पिटल में रुकता हूँ, सुबह आपको लेने आ जाऊंगा।
माँ:-(रोते हूए) नही बेटा, मुझे जाना है।
मैं:- माँ आप मेरी बात समजो।
माँ:- जी ठीक है। (वो रोते रोते सोने गयी।)
अब हर्ष भी फिर से हॉस्पिटल चला गया। और वहा निरज वही पे था।
मैं:- निरज, कोई बात नही अब तुम अपने घर चले जाओ।
निरज:-(डरते हुए) जी ठीक है ,मेरी कुछ जरूरत हो तो बेझिजक फोन कर देना।
मैं:- जी ठीक है।
अब निरज चला जाता है और हर्ष वहाँ हॉस्पिटल में लेट जाता है। यहाँ निरज घर जाने के बजाए भावना के पास आता है। और घर का दरवाजा खटखटा है। भावना रोते हुए आती है और दरवाजा खोलती है।
निरज:- अब रोने से क्या होगा?
माँ:- तुमको नही पता चलेगा।
निरज:-अब गुस्सा छोड़ दो।
माँ:- (डरते हुए) मुझे डर लग रहा है,कही मैं प्रेग्नेंट हो गयी तो?
निरज:-नही होगी।
माँ:- तुम्हारे कहने से कुछ नही होगा।एक काम करो प्रेगनेंसी टेस्ट होता है वो ले आओ अभी।
निरज:-ठीक है जाता हूँ।
फिर वो मेडिकल से ले आता है और भावना को देता है अब भावना टॉयलेट मैं जाती है और फिर देखने लगती है। थोड़ी देर बाद वो टॉयलेट का दरवाजा खोल के बहार आती है और निरज को देख रोने लगती है।
माँ:-(रोते हुए) ये क्या कर दिया तूने? अब मैं किसी को मुह दिखाने के लायक नही रही।
निरज:-(डरते हुए) तुम एक काम करो बच्चा गिरा दो।
माँ:-(गुस्से मैं) पागल हो गए हो क्या?
निरज:- देखो फिर लोग क्या बोलेंगे? पति के मरने के बाद प्रेग्नेंट कैसे हुई?
माँ:-(परेशान होते हुए) तुमने मुझे कहा फसा दिया।
निरज:-मैं भी फस गया हूँ। मेरी बात मान लो।
माँ:- नही। कभी भी नही।
निरज:-(गुस्से में फोन से वो वीडियो जिसमे भावना बोल रही थी कि मैं अपनी मर्जी से चुदवा रही हूँ।) ठीक है ये वीडियो में तुम्हारे पति और बेटे को दिखा दूंगा।
माँ:-नही,नही,प्लीज ऐसा मत करना,बरबाद हो जाउंगी मैं।
निरज:- तो मैं जो बोलता हूँ वो करो।
माँ:-( डरते हुए) तुम ये गलत कर रहे हो।
अब न चाहते हुए भावना निरज के साथ किसी दूर के डॉक्टर के पास गए और वहाँ से बच्चे को गिरवा कर आये। अब रात को निरज अपने घर चला गया।और भावना घर में पड़ी रो रही थी। और वहाँ पे हर्ष हॉस्पिटल में था।
सुबह हर्ष घर आया और माँ को लेके जाने ही वाला था कि डॉक्टर का फोन आया, और उसने बोला कि आपके पिता अब नही रहे। ये सुनते ही हर्ष होश सा खो देता है, और ये खबर अपनी माँ को भी बताता है। उसकी माँ तो फुट फुट कर रोने लगी। अब जैसे तैसे करते वो लोग हॉस्पिटल गए।फिर वहाँ उनके करीबी रिश्तेदार भी आ गए। और भावना का तो रो रो के बुरा हाल हो गया था।वो तो बेहोश सी हो गयी थी।
अब 1, 2 दिन सब क्रिया करम करने के बाद ....
माँ:-बेटा, मुझे माफ़ करदे मुझे बड़ी गलती हो गयी।
मैं:-माँ आपने क्या किया?
माँ:- बस बेटा मुझे माफ़ कर दे। तुम मेरे साथ ही रहना मुझे कभी छोड के मत जाना।
मैं:- माँ मैं आपको छोड़ के कभी नही जाऊंगा।
माँ:-(बेटे के सर पर हाथ घूमते हुए) मेरा बेटा।
मैं:- अच्छा माँ, मुझे हॉस्पिटल से फोन आया था ,पापा के हॉस्पिटल की फ़ाइल और कुछ चीज़ें लेनी है।तो मैं जाके आता हूँ।
माँ:-ठीक है,बेटा धीरे से सम्भाल के जाना।
मैं:-हाँ माँ।
माँ:-(डरते हुए) बेटा, तुम मुझे छोड़ कर कभी नही जाना।
मैं:- माँ मैं आपके साथ हमेशा रहूंगा।
माँ:-बेटा अब मुझे हॉस्पिटल ले चलो फिर से।
मैं:- माँ आप आराम करो। मैं अभी हॉस्पिटल में रुकता हूँ, सुबह आपको लेने आ जाऊंगा।
माँ:-(रोते हूए) नही बेटा, मुझे जाना है।
मैं:- माँ आप मेरी बात समजो।
माँ:- जी ठीक है। (वो रोते रोते सोने गयी।)
अब हर्ष भी फिर से हॉस्पिटल चला गया। और वहा निरज वही पे था।
मैं:- निरज, कोई बात नही अब तुम अपने घर चले जाओ।
निरज:-(डरते हुए) जी ठीक है ,मेरी कुछ जरूरत हो तो बेझिजक फोन कर देना।
मैं:- जी ठीक है।
अब निरज चला जाता है और हर्ष वहाँ हॉस्पिटल में लेट जाता है। यहाँ निरज घर जाने के बजाए भावना के पास आता है। और घर का दरवाजा खटखटा है। भावना रोते हुए आती है और दरवाजा खोलती है।
निरज:- अब रोने से क्या होगा?
माँ:- तुमको नही पता चलेगा।
निरज:-अब गुस्सा छोड़ दो।
माँ:- (डरते हुए) मुझे डर लग रहा है,कही मैं प्रेग्नेंट हो गयी तो?
निरज:-नही होगी।
माँ:- तुम्हारे कहने से कुछ नही होगा।एक काम करो प्रेगनेंसी टेस्ट होता है वो ले आओ अभी।
निरज:-ठीक है जाता हूँ।
फिर वो मेडिकल से ले आता है और भावना को देता है अब भावना टॉयलेट मैं जाती है और फिर देखने लगती है। थोड़ी देर बाद वो टॉयलेट का दरवाजा खोल के बहार आती है और निरज को देख रोने लगती है।
माँ:-(रोते हुए) ये क्या कर दिया तूने? अब मैं किसी को मुह दिखाने के लायक नही रही।
निरज:-(डरते हुए) तुम एक काम करो बच्चा गिरा दो।
माँ:-(गुस्से मैं) पागल हो गए हो क्या?
निरज:- देखो फिर लोग क्या बोलेंगे? पति के मरने के बाद प्रेग्नेंट कैसे हुई?
माँ:-(परेशान होते हुए) तुमने मुझे कहा फसा दिया।
निरज:-मैं भी फस गया हूँ। मेरी बात मान लो।
माँ:- नही। कभी भी नही।
निरज:-(गुस्से में फोन से वो वीडियो जिसमे भावना बोल रही थी कि मैं अपनी मर्जी से चुदवा रही हूँ।) ठीक है ये वीडियो में तुम्हारे पति और बेटे को दिखा दूंगा।
माँ:-नही,नही,प्लीज ऐसा मत करना,बरबाद हो जाउंगी मैं।
निरज:- तो मैं जो बोलता हूँ वो करो।
माँ:-( डरते हुए) तुम ये गलत कर रहे हो।
अब न चाहते हुए भावना निरज के साथ किसी दूर के डॉक्टर के पास गए और वहाँ से बच्चे को गिरवा कर आये। अब रात को निरज अपने घर चला गया।और भावना घर में पड़ी रो रही थी। और वहाँ पे हर्ष हॉस्पिटल में था।
सुबह हर्ष घर आया और माँ को लेके जाने ही वाला था कि डॉक्टर का फोन आया, और उसने बोला कि आपके पिता अब नही रहे। ये सुनते ही हर्ष होश सा खो देता है, और ये खबर अपनी माँ को भी बताता है। उसकी माँ तो फुट फुट कर रोने लगी। अब जैसे तैसे करते वो लोग हॉस्पिटल गए।फिर वहाँ उनके करीबी रिश्तेदार भी आ गए। और भावना का तो रो रो के बुरा हाल हो गया था।वो तो बेहोश सी हो गयी थी।
अब 1, 2 दिन सब क्रिया करम करने के बाद ....
माँ:-बेटा, मुझे माफ़ करदे मुझे बड़ी गलती हो गयी।
मैं:-माँ आपने क्या किया?
माँ:- बस बेटा मुझे माफ़ कर दे। तुम मेरे साथ ही रहना मुझे कभी छोड के मत जाना।
मैं:- माँ मैं आपको छोड़ के कभी नही जाऊंगा।
माँ:-(बेटे के सर पर हाथ घूमते हुए) मेरा बेटा।
मैं:- अच्छा माँ, मुझे हॉस्पिटल से फोन आया था ,पापा के हॉस्पिटल की फ़ाइल और कुछ चीज़ें लेनी है।तो मैं जाके आता हूँ।
माँ:-ठीक है,बेटा धीरे से सम्भाल के जाना।
मैं:-हाँ माँ।