26-06-2021, 08:39 PM
उसके बाद
मैं:-(किचन में डिब्बे को देखते हुए) अरे माँ, वो क्या है?
माँ:-अरे वो तो वो निरज आया था,वो दे गया था कल शाम को। वो कुछ पॉवडर है ऐसा बोल रहा था।
मैं:- हां, मैं उस दिन पैसे देने गया था तब उसने बोला था।
माँ:-हा।
अब रात को खाने के बाद भावना अपने रूम मैं और हर्ष अपने रूम में सोने चले गए।
दूसरे दिन हर्ष कॉलेज निकल गया,और भावना को डिब्बे को देख याद आता है और वो एक गिलास मैं पाउडर डाल के दूध के साथ पी लेती है। अभी 10 बज रहे थे। तो अभी निरज के आने में समय था, तो वो अपना काम करने लग गयी थी।
अब 11 बजने में 15-20 मिनिट का टाइम था, और भावना को तो आज अभी से गरमाहट आ ने लगी थी।
वो सोच रही थी कि,
आज तो कुछ अलग सा ही अहसास हो रहा है,बहुत गर्म लग रहा है।मुझे क्या हो रहा है ये? चलो अभी निरज भी आता होगा में कपड़े पहन लेती हूँ।और ऊपर रूम में जाके अपना कमीज निकालती है। और ब्रा भी निकाल देती हैं,और स्पोर्ट टी-शर्ट पहन लेती है।आज उसके हाथ खुद से अपने चुचे पर जा रहे थे। यह उसने नीचे से लैंगिंस निकाली और पैंटी भी निकाल दी। उसने देखा कि आज चूत पे पानी लगा हुआ है।उसका हाथ वहाँ भी चला ही गया। फिर पैंट पहन कर बाहर आई। आज उसको कुछ अजीब और कुछ गरम सा लग रहा था,तभी निरज आता है।
निरज:-जी आप तैयार हो?
माँ:-हाँ।
निरज:-आपने प्रोटीन ले लिया था ना?
माँ:-(अपने हाथों और होंठो को थोड़ा दबाते हुए) ह्म्म्म ले लिया है,,,......पर मम्म थोड़ा अजीब सा लग रहा है। गर्मी सी ज्यादा लग रही है।
निरज:- जी तभी आप अच्छे से एक्सरसाइज कर पाएंगी।
माँ:-जी।
भावना ने आज पिंक कलर का पहना था और नीचे फिर से ग्रे पहना था।
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अब निरज ने भावना को सीधे खड़े होके हाथ ऊपर करने को बोला।
बाद मैं निरज ने पीछे से आके भावना के बूब्स के बाजू को पकड़ा और थोड़ा और ऊपर करो ऐसा करके दबा दिया।आज तो भावना पहले ही गरम थी,तो वो बस आहे भर रही थी।
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फिर उसने एक पैर को दूसरे घुटने पर रखने को बोला, और पीछे से जाके नीचे बैठ गया, और अपना हाथ पीछे से लाके आगे चूत पे रख दिया।
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और थोड़ा जोर देखे दबा दिया। और भावना सिसकिया भरने लगी।भावना का आज बुरा हाल था,पूरी गरम हो चुकी थी।
फिर निरज ने डॉगी पोज़ में रहने को बोला,जो आप फ़ोटो में देख सकते है।
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फिर पीछे से जेक उसने भावना की मुलायम गांड को दोनों हाथों से पकड़ा और मसलने लगा। भावना बिना किसी रूकावट के करने दे रही थी।
फिर निरज ने भावना को बैठने के पोज़ मैं करने को बोला। फिर जब भावना बैठती तब वो भावना की गांड को मसलता और जब ऊपर उठती तब चूत के हिस्से से दबाव देखे ऊपर उठता।
ये सब करते करते आज 12:30 बज गए थे। और फिर निरज के दोस्त का फ़ोन आया और वो निकलने लगा।
निरज:-कैसा लगा आज आपको?
माँ:-(थोड़ी सी सिसकारी लेते) मममम अच्छा लगा आज तो।बहूत मजा आया लेकिन गर्मी कुछ ज्यादा ही लग रही है।
निरज:-(शैतानी चेहरे से) जी ऐसा तो होगा ही।कल भी आप प्रोटीन ले लेना।
माँ:- हम्म्म्म।
अब निरज निकल गया।
इधर फिर से निरज का दोस्त पूछता है...
दोस्त:-क्या आज क्या किया?
निरज:- आज तो पूरा गरम कर दिया था।
दोस्त:- मतलब ?? वो तो तू रोज करता है।
निरज:- अबे नही,कल जो प्रोटीन देने गया था ना।
दोस्त:-हाँ
निरज:- उसी का कमाल है।
दोस्त:-क्या बक रहा है बे, उससे क्या होगा।
निरज:- उससे से सब मिलेगा।
दोस्त:-वो कैसे?
निरज:-(हस्ते हुए) उसमें सिर्फ प्रोटीन नही है,सेक्स बढ़ाने वाली दवाई भी है।
दोस्त:-सच में!! तूने तो कमाल ही कर दिया।
निरज:- अब साली सामने से चूत देगी।
दोस्त:-सही कहा।
और इधर भावना रोज की तरह नहाने चली गयी। आज उसको बहुत ज्यादा गर्मी लग रही थी। फिर वो खाना खा के सो गई,और शाम को हर्ष के आने के बाद वो रात के खाने की तैयारी करने लगी, और रात को खाना खा के दोनों अपने अपने रूम मैं सो गए।
रात को भावना को नींद ही नही आ रही थी,उसकी गर्मी बढ़ती जा रही थी। उसकी चूत लगातार पानी छोड़ रही थी।
और एक हाथ अपने बूब्स पर जा रहा था और अपने होंठों को दांतों से चबा रही थी। थोड़ी देर बाद वो उठ के नीचे आती है और टॉयलेट में चली जाती है।और अंदर जाते ही, अपनी मैक्सी को कमर तक कर देती है और उसका हाथ अपने आप पैंटी नीचे करके चूत पे चला जाता है।और अपनी एक उंगली को पहले वो मुह में डालती है और फिर वो गीली उंगली अपनी चूत पे रखती है और उसको अंदर बाहर करने लगती है।
वो और ज्यादा गरम हो रही थी। वो धीरे धीरे सिसकियाँ भरने लगती है, आहहहहहहहहहह,,......मम्ममम्मम्ममम्म मुझे येईईईईए क्या हो रहा है ममममममममम ,ओह्ह हहह।
और उसी समय हर्ष भी उठता है और टॉयलट की तरफ आता है, वो देखता है कि डोर अंदर से लॉक है,वो खटखटाने ही वाला था कि उसको अंदर से आहहहहहहहहहह,,......मम्ममम्मम्ममम्म आहहहहहहहहहह,,......मम्ममम्मम्ममम्म ऐसे आवाजे आती है।वो सोचता है कि अंदर माँ है, और उसको आज ये क्या हो गया ये क्या कर रही है, अब वो भी जवान लड़का था सब पता ही था कि अगर औरत अकेली हो और ऐसी आवाज निकले तो क्या हो रहा हो।
फिर वो ऊपर रूम में चला आता है और माँ के बाहर आने की राह देखता है,और सोचता है कि माँ को ऐसे करते आज पहली बार सुना हूँ। थोड़ी देर में भावना के बेडरूम का दरवाजा बढ़ हुआ,तो फिर हर्ष टॉइलट में जाता है, अब वो देखता है कि टॉयलेट के तरफ निकए फ़र्श पर थोड़ा गिला पानी लगा हुआ था, और वो ताजा था,
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तो वो सोचता है कि ये तो माँ का.....माँ ने आज तक कभी ऐसा नही किया,लेकिन चलो कोई बात नही। फिर वो रूम में जाके सो जाता है।
फिर सुबह हर्ष उठ के निचे आता है और देखता है तो भावना वो प्रोटीन पी रही होती है
मैं:- माँ में कॉलेज जा रहा हूँ।
माँ:-(नास्ता लाते हुए) बेटा, नास्ता करके जाओ।
मैं:-जी माँ,
माँ आपसे एक बात पुछु?
माँ:-बोल ना बेटा ?
मैं:- आप ठीक हो ना? किसी चीज़ की कोई जरूरत तो नही?
माँ:- अरे मेरा बेटा, मुझे क्या हुआ है, में तो अब पहले से ज्यादा ठीक हूँ, और मुझे किस की जरूरत, जो डॉक्टर ने दवाई दी थी,वो खा ही तो रही हूँ।
मैं:- जी माँ अब मैं चलता हूँ।
अब हर्ष घर से निकल जाता है,और अपने दोस्त के साथ बाइक पे बैठ के चला जाता है,और सोचता है,
माँ कल क्या सच में वो कर रही थीं? मुझे यक़ीन नही हो रहा। माँ से सीधे पूछ भी नही सकता। और ये सोचते सोचते हर्ष आने दोस्त के साथ कॉलेज पोहोंच गया।
वहाँ पे आज उसके सारे दोस्तो का पिक्चर देखने जाने का प्रोग्राम था। लेकिन हर्ष बोलता है ,यार ये पिक्चर मैंने देख ली है,मुझे बोरिंग लगती है। तो उसके दोस्त ने बोला कि ठीक है तू घर चला जाना लेकिन अभी कैंटीन मैं तो चल।
इधर रोज की तरह भावना फिर वो प्रोटीन लेने से गरम हो चुकी थी। और निरज आ गया। और वो दोनों पीछे चले गए।
आज भावना ने ब्लैक पैंट पहनी थी, जो आपको बता दूं,चूत के हिस्से से फट गयी थी क्यों कि उसका कपड़ा सॉफ्ट था।
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अब भावना को फिर से लेटने को बोल के वो एक्सरसाइज करवाने लगता है,भावना तो थी ही पहले से गर्म। फिर निरज ने दोनों पैर पकड़ कर ऊपर किये तो चूत और ज्यादा दिखने लगी। छोटे छोटे बाल भी दिख रहे थे।अब निरज भी असज तो गर्म हो गया था। भावना को ये बात पता नही थी कि चूत के यहाँ से फट गया है। फिर भावना और ज्यादा गर्म हो चुकी थी, फिर निरज ने सोचा अब समय आ चुका है,
तो उसने
निरज:-(अपना हाथ चूत पे घूमते हुए) कैसा लग रहा है?
माँ:-बहुत मजा आ रहा है आहहहहहहहहहह,,......मम्ममम्मम्ममम्म
अब निरज ने चूत के दाने को दो उंगलियों से दबा दिया,जैसे ही दबाया, भावना जोर से चिल्लायी, आहहहहह....... मार डाला ममममम और उसकी चूत ने थोड़ा पानी छोड़ दिया।
फिर निरज ने अपनी एक उंगली चूत के अंदर डाली और बोहोत धीरे धीरे से अंदर बाहर करने लगा, भावना की चूत में पहली बार किसी गैर मर्द की उंगली गयी थी, उनको और ज्यादा गर्मी होने लगी।
निरज:-(चूत मैं धीरे धीरे उंगली डालते हुए) मजा आ रहा है ना?
माँ:-(गुस्से में)क्या कर रहे हो ?
और निरज डर जाता है,और सोचता है कि अब ये तो गुस्सा हो गयी।
माँ:-क्या कर रहे हो ये????
निरज:-वो मैं... वो मैं........
माँ:-(सिसकियाँ लेते हुए) जोर से अंदर डालो ना।
और निरज ये सुनके खुश हो जाता है और जोर जोर से उंगली डालने लगता है। और फिर भावना को फिर से कुत्तिया के पोज़ मैं कर के अपना हथौड़े जैसा लन्ड बाहर निकलता है और भावना की चूत पे पीछे से रगड़ता है। भावना अब और गर्म हो चुकी थी,
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और अब निरज भावना को किस करने लगता है,और साथ मैं चूत मैं उंगली भी,लेकिन तभी, भावना को याद आता है कि वो कहां पे है? और घर का डोर भी खुल है, तो
माँ:-(उठते हुए) यहाँ नही।
निरज:-मतलब?
माँ:-( उठ के दौड़ के चली जाती है और दरवाजा बढ़ कर देती है।)
मैं:-(किचन में डिब्बे को देखते हुए) अरे माँ, वो क्या है?
माँ:-अरे वो तो वो निरज आया था,वो दे गया था कल शाम को। वो कुछ पॉवडर है ऐसा बोल रहा था।
मैं:- हां, मैं उस दिन पैसे देने गया था तब उसने बोला था।
माँ:-हा।
अब रात को खाने के बाद भावना अपने रूम मैं और हर्ष अपने रूम में सोने चले गए।
दूसरे दिन हर्ष कॉलेज निकल गया,और भावना को डिब्बे को देख याद आता है और वो एक गिलास मैं पाउडर डाल के दूध के साथ पी लेती है। अभी 10 बज रहे थे। तो अभी निरज के आने में समय था, तो वो अपना काम करने लग गयी थी।
अब 11 बजने में 15-20 मिनिट का टाइम था, और भावना को तो आज अभी से गरमाहट आ ने लगी थी।
वो सोच रही थी कि,
आज तो कुछ अलग सा ही अहसास हो रहा है,बहुत गर्म लग रहा है।मुझे क्या हो रहा है ये? चलो अभी निरज भी आता होगा में कपड़े पहन लेती हूँ।और ऊपर रूम में जाके अपना कमीज निकालती है। और ब्रा भी निकाल देती हैं,और स्पोर्ट टी-शर्ट पहन लेती है।आज उसके हाथ खुद से अपने चुचे पर जा रहे थे। यह उसने नीचे से लैंगिंस निकाली और पैंटी भी निकाल दी। उसने देखा कि आज चूत पे पानी लगा हुआ है।उसका हाथ वहाँ भी चला ही गया। फिर पैंट पहन कर बाहर आई। आज उसको कुछ अजीब और कुछ गरम सा लग रहा था,तभी निरज आता है।
निरज:-जी आप तैयार हो?
माँ:-हाँ।
निरज:-आपने प्रोटीन ले लिया था ना?
माँ:-(अपने हाथों और होंठो को थोड़ा दबाते हुए) ह्म्म्म ले लिया है,,,......पर मम्म थोड़ा अजीब सा लग रहा है। गर्मी सी ज्यादा लग रही है।
निरज:- जी तभी आप अच्छे से एक्सरसाइज कर पाएंगी।
माँ:-जी।
भावना ने आज पिंक कलर का पहना था और नीचे फिर से ग्रे पहना था।
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अब निरज ने भावना को सीधे खड़े होके हाथ ऊपर करने को बोला।
बाद मैं निरज ने पीछे से आके भावना के बूब्स के बाजू को पकड़ा और थोड़ा और ऊपर करो ऐसा करके दबा दिया।आज तो भावना पहले ही गरम थी,तो वो बस आहे भर रही थी।
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फिर उसने एक पैर को दूसरे घुटने पर रखने को बोला, और पीछे से जाके नीचे बैठ गया, और अपना हाथ पीछे से लाके आगे चूत पे रख दिया।
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और थोड़ा जोर देखे दबा दिया। और भावना सिसकिया भरने लगी।भावना का आज बुरा हाल था,पूरी गरम हो चुकी थी।
फिर निरज ने डॉगी पोज़ में रहने को बोला,जो आप फ़ोटो में देख सकते है।
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फिर पीछे से जेक उसने भावना की मुलायम गांड को दोनों हाथों से पकड़ा और मसलने लगा। भावना बिना किसी रूकावट के करने दे रही थी।
फिर निरज ने भावना को बैठने के पोज़ मैं करने को बोला। फिर जब भावना बैठती तब वो भावना की गांड को मसलता और जब ऊपर उठती तब चूत के हिस्से से दबाव देखे ऊपर उठता।
ये सब करते करते आज 12:30 बज गए थे। और फिर निरज के दोस्त का फ़ोन आया और वो निकलने लगा।
निरज:-कैसा लगा आज आपको?
माँ:-(थोड़ी सी सिसकारी लेते) मममम अच्छा लगा आज तो।बहूत मजा आया लेकिन गर्मी कुछ ज्यादा ही लग रही है।
निरज:-(शैतानी चेहरे से) जी ऐसा तो होगा ही।कल भी आप प्रोटीन ले लेना।
माँ:- हम्म्म्म।
अब निरज निकल गया।
इधर फिर से निरज का दोस्त पूछता है...
दोस्त:-क्या आज क्या किया?
निरज:- आज तो पूरा गरम कर दिया था।
दोस्त:- मतलब ?? वो तो तू रोज करता है।
निरज:- अबे नही,कल जो प्रोटीन देने गया था ना।
दोस्त:-हाँ
निरज:- उसी का कमाल है।
दोस्त:-क्या बक रहा है बे, उससे क्या होगा।
निरज:- उससे से सब मिलेगा।
दोस्त:-वो कैसे?
निरज:-(हस्ते हुए) उसमें सिर्फ प्रोटीन नही है,सेक्स बढ़ाने वाली दवाई भी है।
दोस्त:-सच में!! तूने तो कमाल ही कर दिया।
निरज:- अब साली सामने से चूत देगी।
दोस्त:-सही कहा।
और इधर भावना रोज की तरह नहाने चली गयी। आज उसको बहुत ज्यादा गर्मी लग रही थी। फिर वो खाना खा के सो गई,और शाम को हर्ष के आने के बाद वो रात के खाने की तैयारी करने लगी, और रात को खाना खा के दोनों अपने अपने रूम मैं सो गए।
रात को भावना को नींद ही नही आ रही थी,उसकी गर्मी बढ़ती जा रही थी। उसकी चूत लगातार पानी छोड़ रही थी।
और एक हाथ अपने बूब्स पर जा रहा था और अपने होंठों को दांतों से चबा रही थी। थोड़ी देर बाद वो उठ के नीचे आती है और टॉयलेट में चली जाती है।और अंदर जाते ही, अपनी मैक्सी को कमर तक कर देती है और उसका हाथ अपने आप पैंटी नीचे करके चूत पे चला जाता है।और अपनी एक उंगली को पहले वो मुह में डालती है और फिर वो गीली उंगली अपनी चूत पे रखती है और उसको अंदर बाहर करने लगती है।
वो और ज्यादा गरम हो रही थी। वो धीरे धीरे सिसकियाँ भरने लगती है, आहहहहहहहहहह,,......मम्ममम्मम्ममम्म मुझे येईईईईए क्या हो रहा है ममममममममम ,ओह्ह हहह।
और उसी समय हर्ष भी उठता है और टॉयलट की तरफ आता है, वो देखता है कि डोर अंदर से लॉक है,वो खटखटाने ही वाला था कि उसको अंदर से आहहहहहहहहहह,,......मम्ममम्मम्ममम्म आहहहहहहहहहह,,......मम्ममम्मम्ममम्म ऐसे आवाजे आती है।वो सोचता है कि अंदर माँ है, और उसको आज ये क्या हो गया ये क्या कर रही है, अब वो भी जवान लड़का था सब पता ही था कि अगर औरत अकेली हो और ऐसी आवाज निकले तो क्या हो रहा हो।
फिर वो ऊपर रूम में चला आता है और माँ के बाहर आने की राह देखता है,और सोचता है कि माँ को ऐसे करते आज पहली बार सुना हूँ। थोड़ी देर में भावना के बेडरूम का दरवाजा बढ़ हुआ,तो फिर हर्ष टॉइलट में जाता है, अब वो देखता है कि टॉयलेट के तरफ निकए फ़र्श पर थोड़ा गिला पानी लगा हुआ था, और वो ताजा था,
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तो वो सोचता है कि ये तो माँ का.....माँ ने आज तक कभी ऐसा नही किया,लेकिन चलो कोई बात नही। फिर वो रूम में जाके सो जाता है।
फिर सुबह हर्ष उठ के निचे आता है और देखता है तो भावना वो प्रोटीन पी रही होती है
मैं:- माँ में कॉलेज जा रहा हूँ।
माँ:-(नास्ता लाते हुए) बेटा, नास्ता करके जाओ।
मैं:-जी माँ,
माँ आपसे एक बात पुछु?
माँ:-बोल ना बेटा ?
मैं:- आप ठीक हो ना? किसी चीज़ की कोई जरूरत तो नही?
माँ:- अरे मेरा बेटा, मुझे क्या हुआ है, में तो अब पहले से ज्यादा ठीक हूँ, और मुझे किस की जरूरत, जो डॉक्टर ने दवाई दी थी,वो खा ही तो रही हूँ।
मैं:- जी माँ अब मैं चलता हूँ।
अब हर्ष घर से निकल जाता है,और अपने दोस्त के साथ बाइक पे बैठ के चला जाता है,और सोचता है,
माँ कल क्या सच में वो कर रही थीं? मुझे यक़ीन नही हो रहा। माँ से सीधे पूछ भी नही सकता। और ये सोचते सोचते हर्ष आने दोस्त के साथ कॉलेज पोहोंच गया।
वहाँ पे आज उसके सारे दोस्तो का पिक्चर देखने जाने का प्रोग्राम था। लेकिन हर्ष बोलता है ,यार ये पिक्चर मैंने देख ली है,मुझे बोरिंग लगती है। तो उसके दोस्त ने बोला कि ठीक है तू घर चला जाना लेकिन अभी कैंटीन मैं तो चल।
इधर रोज की तरह भावना फिर वो प्रोटीन लेने से गरम हो चुकी थी। और निरज आ गया। और वो दोनों पीछे चले गए।
आज भावना ने ब्लैक पैंट पहनी थी, जो आपको बता दूं,चूत के हिस्से से फट गयी थी क्यों कि उसका कपड़ा सॉफ्ट था।
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तो उसने
निरज:-(अपना हाथ चूत पे घूमते हुए) कैसा लग रहा है?
माँ:-बहुत मजा आ रहा है आहहहहहहहहहह,,......मम्ममम्मम्ममम्म
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फिर निरज ने अपनी एक उंगली चूत के अंदर डाली और बोहोत धीरे धीरे से अंदर बाहर करने लगा, भावना की चूत में पहली बार किसी गैर मर्द की उंगली गयी थी, उनको और ज्यादा गर्मी होने लगी।
निरज:-(चूत मैं धीरे धीरे उंगली डालते हुए) मजा आ रहा है ना?
माँ:-(गुस्से में)क्या कर रहे हो ?
और निरज डर जाता है,और सोचता है कि अब ये तो गुस्सा हो गयी।
माँ:-क्या कर रहे हो ये????
निरज:-वो मैं... वो मैं........
माँ:-(सिसकियाँ लेते हुए) जोर से अंदर डालो ना।
और निरज ये सुनके खुश हो जाता है और जोर जोर से उंगली डालने लगता है। और फिर भावना को फिर से कुत्तिया के पोज़ मैं कर के अपना हथौड़े जैसा लन्ड बाहर निकलता है और भावना की चूत पे पीछे से रगड़ता है। भावना अब और गर्म हो चुकी थी,
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और अब निरज भावना को किस करने लगता है,और साथ मैं चूत मैं उंगली भी,लेकिन तभी, भावना को याद आता है कि वो कहां पे है? और घर का डोर भी खुल है, तो
माँ:-(उठते हुए) यहाँ नही।
निरज:-मतलब?
माँ:-( उठ के दौड़ के चली जाती है और दरवाजा बढ़ कर देती है।)