26-06-2021, 04:11 AM
तभी मुझे विजय का अक्स दिखा वो कुछ पीछे को हुआ था]
ओह माय गॉड वो पूरा नंगा था, उसका टॉवेल उसके पैरों में था जिसे उसने अपने पैरों से पीछे को धकेला]
शायद उसी के लिए वो पीछे को हुआ होगा]
मुझे उसका लण्ड तो नहीं दिखा मगर मैं इतना मुर्ख भी नहीं था कि ये न समझ सकूँ कि इस स्थिति में उसका लण्ड ९० डिग्री पर खड़ा ही होगा]
अब सोचने वाली बात ये थी कि मेरे घर में रहते वो क्या करेगा]
वो फिर आगे को हो गया और मेरी नजरों से ओझल हो गया]
तभी फिर से आवाजे आने लगीं
जूली : तुम बिलकुल पागल हो विजय क्या करते हो, तुम्हारा लण्ड कितना tite हो रहा है]
विजय: हाँ भाभी अहा आज तो भैया के सामने ही ये तुम्हारी चूत में जाना चाहता है ओहूओ अहाह ह
जूली: नहीईईईइ विजय प्लीज ऐसा मत करो, मैं उनके सामने ऐसा नहीं कर सकती]
मैं उनसे बहुत प्यार करती हूँ] अहाआआ विजय हा हा ओह मत करो न तुम बहुत बदमाश हो गए हो]
अहा क्या करते हो प्लीज तुम्हारा लण्ड तो आज मेरी पजामी ही फाड़ देगा अहाआआआ नहीईईईई
विजय: पुच पुछ्ह्ह्ह्ह अहहहआआ आज नहीं छोडूंगा] ओहूऊओ लाओ इसको हटा दो]
जूली: नहीईईईइ विजय क्या करते हो, पगला गए हो, देखो वो आते ही होंगे, मान जाओ ना प्लीज
ह्ह्हाआ ओहूऊऊओ
विजय: वॉउ भाभी क्या मस्त चूत है आपकी बिलकुल छोटी बच्ची कि तरह कितनी चिकनी और छोटी सी
दिल करता है खा जाउ इसको
वाकई जूली कि चूत बहुत खूबसूरत थी उसके छोटे छोटे होंट ऐसे आपस में चिपके रहते थे जैसे १०-१२ साल कि बच्ची के...
और चूत का रंग गुलाबी था जो उसकी गदराई सफ़ेद जांघों में जान डाल देता था]
उसकी चूत बहुत गरम थी और उसके होंटों को खोल जब लाली दिखती तो मुझे पक्का यकीन था कि बुड्ढों तक का लण्ड पानी छोड़ दे]
मगर इस समय वो चूत मेरे छोटे भाई विजय के हाथ में थी]
पता नहीं वो नालायक उसको कैसे छेड़ रहा होगा]
अब फिर से भयंकर आवाजे आने लगीं]
जूली: ह्हाआआअ आआआअ ओहूऊऊओ विजय नहीईईईइ प्लीजज्ज्ज्ज्ज्ज़ नहीईईईईईई
विजय : भाभीइइइइइइइ बस जरा सा झुक जाओ]
जूली: वो आते होंगे तुम मानोगे नहीं]
विजय: भाभी, भैया अभी नहा ही रहे हैं सॉवॅर कि आवाज आ रही है उनके आने से पहले हो जायेगा] बस जरा सा आहआआआ
जूली: ओहूऊऊओ क्या करते हो ओहूऊऊ वहाँ नहीं विजय आहआआआआआ आआआआआ सूखा ही आआआ तुम तो मार ही दोगे]
पागल मैंने कितनी बार कहा है गांड में डालने से पहले कुछ चिकना लगा लो]
विजय: मैंने थूक लगाया था न और आपकी चूत का पानी भी लगाया था अहाआआआ क्या छेद है भाभी मजा आ गया]
जूली: चल पहले मलाई लगा,
अरे क्या करता है सब दूध ख़राब कर दिया, हाथ से लेकर लगा न,
लण्ड ही दूध में डाल दिया तू तो वाकई पगला गया है]
विजय: जल्दी करो भाभी जब लण्ड पि सकती हो तो क्या लण्ड से डूबा दूध नहीं अहा जल्दी करो
जूली: अहाआआआआ धीरे पागल ह्हाआआअ
ह्हाआआअ ओहूऊऊऊ [b]१० मिनट तक उनकी आवाजें आती रहीं, दोस्तों झूट नहीं बोलूंगा मैंने भी नहाने के लिए अपने कपडे निकाल दिए थे]
और इस समय पूरा नंगा ही उन दोनों को सुन रहा था मेरा लण्ड भी पूरा खड़ा था और मैं उसको मुठिया रहा था]
जूली: अहा हाआआआ विजय बहुत जवर्दस्त है तुम्हारा लण्ड अहाआआ क्या मस्त छोड़ते हो अहा बस करो न अब ऐईईईइ
विजय: आआआआआआआ ह्हह्हह्हह्ह
बस हो गया भाभी आआआह्ह्ह्ह्ह्हा
जूली: ओहूऊऊऊ क्या कर रहे हो सब गन्दा कर दिया उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़
तभी विजय पूरा नंगा अपना टॉवेल उठा बाहर को आ गया]
उसका लण्ड अभी भी तना था और पूरा लाल दिख रहा था]
और फिर जूली भी बाहर आई, माय गॉड क्या लग रही थी]
उसका टॉप बिलकुल ऊपर था उसकी दोनों चूची बाहर निकली थी जिन पर लाल निसान दिख रहे थे]
ऊपर तनी हुई सफ़ेद चूची पर गुलाबी निप्पल चूसे और मसले जाने कि कहानी साफ़ कह रहे थे]
उसकी ब्रा एक और को लटकी थी उसकी शायद तक एक फीता टूट गया था]
और नीचे तो पूरा धमाकेदार दृश्य था उसकी पजामी उसके पंजों में थी]
और वो पजामी के साथ ही पैरों को खोलकर चल रही थी]
उसकी चूत इतनी गीली थी कि मेरा मन उसमे अपना लण्ड एक झटके में डालने को कर रहा था]
किचन से बाहर आ उसने टॉवेल ले मेरी और पीठ कर साफ करने लगी]
उसकी कमर से लेकर चुतड़ों तक विजय का वीर्य फैला था] वो जल्दी जल्दी साफ़ करते हुए बाथरूम कि ओर भी देख रही थी]
उसकी इस स्थिति को देखते हुए मेरे लण्ड ने भी पानी छोड़ दिया]
अब मैं नीचे उतर बिना नहाये केवल हाथ मुह धोकर ही बाहर आ गया]
हाँ थोड़े से बाल जरूर भिगो लिए जिससे नहाया हुआ लगूं]
बाहर सब कुछ नॉर्मल था जूली फिर से किचन में थी और विजय शायद अपने कमरे में था]
हाँ बाहर एक कुर्सी पर जूली कि ब्रा जरुर पड़ी थी]
जो उनकी कहानी वयां कर रही थी]
वो कितना भी छुपाएँ पर जूली ब्रा को बाहर ही भूल गई थी]
मैंने उससे थोडा मस्ती करने कि सोची और
जूली क्या हुआ तुम्हारी ब्रा कहाँ गई]
मगर बहुत चालाक हो गई थी वो अब
कहते हैं न कि जब ऐसा वैसा कोई काम किया जाता है तो चालाकी अपने आप आ जाती है]
वो तुरंत बोली अरे काम करते हुए तनी टूट गई तो निकाल दी]
मैंने फिर उसको सताया कौन सा काम बेबी
वो अब भी नॉर्मल थी
जूली : अरे ऊपर स्लैप से सामान उतारते हुए जान
मैं अब कुछ नहीं कह सकता था हाँ उसके चूसे हुए होंटो को एक बार चूमा और अपने कमरे में आ गया]
तो ये था मेरा पहला कड़वा या मीठा अनुभव, कि मेरी प्यारी जान कैसे मेरे भाई से चुदवाई]
हाँ एक अफ़सोस जरुर था कि में उसको देख नहीं पाया
मगर फिर भी सब कुछ लाइव ही था][/b]
ओह माय गॉड वो पूरा नंगा था, उसका टॉवेल उसके पैरों में था जिसे उसने अपने पैरों से पीछे को धकेला]
शायद उसी के लिए वो पीछे को हुआ होगा]
मुझे उसका लण्ड तो नहीं दिखा मगर मैं इतना मुर्ख भी नहीं था कि ये न समझ सकूँ कि इस स्थिति में उसका लण्ड ९० डिग्री पर खड़ा ही होगा]
अब सोचने वाली बात ये थी कि मेरे घर में रहते वो क्या करेगा]
वो फिर आगे को हो गया और मेरी नजरों से ओझल हो गया]
तभी फिर से आवाजे आने लगीं
जूली : तुम बिलकुल पागल हो विजय क्या करते हो, तुम्हारा लण्ड कितना tite हो रहा है]
विजय: हाँ भाभी अहा आज तो भैया के सामने ही ये तुम्हारी चूत में जाना चाहता है ओहूओ अहाह ह
जूली: नहीईईईइ विजय प्लीज ऐसा मत करो, मैं उनके सामने ऐसा नहीं कर सकती]
मैं उनसे बहुत प्यार करती हूँ] अहाआआ विजय हा हा ओह मत करो न तुम बहुत बदमाश हो गए हो]
अहा क्या करते हो प्लीज तुम्हारा लण्ड तो आज मेरी पजामी ही फाड़ देगा अहाआआआ नहीईईईई
विजय: पुच पुछ्ह्ह्ह्ह अहहहआआ आज नहीं छोडूंगा] ओहूऊओ लाओ इसको हटा दो]
जूली: नहीईईईइ विजय क्या करते हो, पगला गए हो, देखो वो आते ही होंगे, मान जाओ ना प्लीज
ह्ह्हाआ ओहूऊऊओ
विजय: वॉउ भाभी क्या मस्त चूत है आपकी बिलकुल छोटी बच्ची कि तरह कितनी चिकनी और छोटी सी
दिल करता है खा जाउ इसको
वाकई जूली कि चूत बहुत खूबसूरत थी उसके छोटे छोटे होंट ऐसे आपस में चिपके रहते थे जैसे १०-१२ साल कि बच्ची के...
और चूत का रंग गुलाबी था जो उसकी गदराई सफ़ेद जांघों में जान डाल देता था]
उसकी चूत बहुत गरम थी और उसके होंटों को खोल जब लाली दिखती तो मुझे पक्का यकीन था कि बुड्ढों तक का लण्ड पानी छोड़ दे]
मगर इस समय वो चूत मेरे छोटे भाई विजय के हाथ में थी]
पता नहीं वो नालायक उसको कैसे छेड़ रहा होगा]
अब फिर से भयंकर आवाजे आने लगीं]
जूली: ह्हाआआअ आआआअ ओहूऊऊओ विजय नहीईईईइ प्लीजज्ज्ज्ज्ज्ज़ नहीईईईईईई
विजय : भाभीइइइइइइइ बस जरा सा झुक जाओ]
जूली: वो आते होंगे तुम मानोगे नहीं]
विजय: भाभी, भैया अभी नहा ही रहे हैं सॉवॅर कि आवाज आ रही है उनके आने से पहले हो जायेगा] बस जरा सा आहआआआ
जूली: ओहूऊऊओ क्या करते हो ओहूऊऊ वहाँ नहीं विजय आहआआआआआ आआआआआ सूखा ही आआआ तुम तो मार ही दोगे]
पागल मैंने कितनी बार कहा है गांड में डालने से पहले कुछ चिकना लगा लो]
विजय: मैंने थूक लगाया था न और आपकी चूत का पानी भी लगाया था अहाआआआ क्या छेद है भाभी मजा आ गया]
जूली: चल पहले मलाई लगा,
अरे क्या करता है सब दूध ख़राब कर दिया, हाथ से लेकर लगा न,
लण्ड ही दूध में डाल दिया तू तो वाकई पगला गया है]
विजय: जल्दी करो भाभी जब लण्ड पि सकती हो तो क्या लण्ड से डूबा दूध नहीं अहा जल्दी करो
जूली: अहाआआआआ धीरे पागल ह्हाआआअ
ह्हाआआअ ओहूऊऊऊ [b]१० मिनट तक उनकी आवाजें आती रहीं, दोस्तों झूट नहीं बोलूंगा मैंने भी नहाने के लिए अपने कपडे निकाल दिए थे]
और इस समय पूरा नंगा ही उन दोनों को सुन रहा था मेरा लण्ड भी पूरा खड़ा था और मैं उसको मुठिया रहा था]
जूली: अहा हाआआआ विजय बहुत जवर्दस्त है तुम्हारा लण्ड अहाआआ क्या मस्त छोड़ते हो अहा बस करो न अब ऐईईईइ
विजय: आआआआआआआ ह्हह्हह्हह्ह
बस हो गया भाभी आआआह्ह्ह्ह्ह्हा
जूली: ओहूऊऊऊ क्या कर रहे हो सब गन्दा कर दिया उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़
तभी विजय पूरा नंगा अपना टॉवेल उठा बाहर को आ गया]
उसका लण्ड अभी भी तना था और पूरा लाल दिख रहा था]
और फिर जूली भी बाहर आई, माय गॉड क्या लग रही थी]
उसका टॉप बिलकुल ऊपर था उसकी दोनों चूची बाहर निकली थी जिन पर लाल निसान दिख रहे थे]
ऊपर तनी हुई सफ़ेद चूची पर गुलाबी निप्पल चूसे और मसले जाने कि कहानी साफ़ कह रहे थे]
उसकी ब्रा एक और को लटकी थी उसकी शायद तक एक फीता टूट गया था]
और नीचे तो पूरा धमाकेदार दृश्य था उसकी पजामी उसके पंजों में थी]
और वो पजामी के साथ ही पैरों को खोलकर चल रही थी]
उसकी चूत इतनी गीली थी कि मेरा मन उसमे अपना लण्ड एक झटके में डालने को कर रहा था]
किचन से बाहर आ उसने टॉवेल ले मेरी और पीठ कर साफ करने लगी]
उसकी कमर से लेकर चुतड़ों तक विजय का वीर्य फैला था] वो जल्दी जल्दी साफ़ करते हुए बाथरूम कि ओर भी देख रही थी]
उसकी इस स्थिति को देखते हुए मेरे लण्ड ने भी पानी छोड़ दिया]
अब मैं नीचे उतर बिना नहाये केवल हाथ मुह धोकर ही बाहर आ गया]
हाँ थोड़े से बाल जरूर भिगो लिए जिससे नहाया हुआ लगूं]
बाहर सब कुछ नॉर्मल था जूली फिर से किचन में थी और विजय शायद अपने कमरे में था]
हाँ बाहर एक कुर्सी पर जूली कि ब्रा जरुर पड़ी थी]
जो उनकी कहानी वयां कर रही थी]
वो कितना भी छुपाएँ पर जूली ब्रा को बाहर ही भूल गई थी]
मैंने उससे थोडा मस्ती करने कि सोची और
जूली क्या हुआ तुम्हारी ब्रा कहाँ गई]
मगर बहुत चालाक हो गई थी वो अब
कहते हैं न कि जब ऐसा वैसा कोई काम किया जाता है तो चालाकी अपने आप आ जाती है]
वो तुरंत बोली अरे काम करते हुए तनी टूट गई तो निकाल दी]
मैंने फिर उसको सताया कौन सा काम बेबी
वो अब भी नॉर्मल थी
जूली : अरे ऊपर स्लैप से सामान उतारते हुए जान
मैं अब कुछ नहीं कह सकता था हाँ उसके चूसे हुए होंटो को एक बार चूमा और अपने कमरे में आ गया]
तो ये था मेरा पहला कड़वा या मीठा अनुभव, कि मेरी प्यारी जान कैसे मेरे भाई से चुदवाई]
हाँ एक अफ़सोस जरुर था कि में उसको देख नहीं पाया
मगर फिर भी सब कुछ लाइव ही था][/b]