24-06-2021, 01:45 PM
मैं:-देखा माँ पापा भी हाँ बोल रहे है।
माँ:- लेकिन बेटा.........
मैं:-(बात को काटते हुए) माँ ऐसा मत करो।
माँ:-(झिझक कर) ठीक है। लेकिन ये ट्रेनर ढूंढेंगे कहा?
मैं:-चलो आप बैठो बाइक पे,देखते है कही।
माँ:-(बैठ कर) हमम चलो अब।
अब दोनों माँ बेटे दोनो निकल पड़ते है जिम ढूंढने। अब काफि समय हो चुका था लेकिन कोई भी नही मिला।
माँ:-बेटा, रहने दो कोई बात नही।
मैं:-मिल तो नही रहा ,लेकिन थोड़ा आगे और चलते है ,देखते है।
माँ:-जैसी तेरी मर्जी।
और थोड़ा आगे चलते ही।
मैं:-माँ वो देखो वहां पे एक जिम है।
माँ:-ठीक है।
अब दोनों जिम मैं अंदर आते है। वहाँ पे सब मर्द लोग ही थे। वहाँ सब कसरत कर रहे थे।
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जैसे ही दोनों अंदर गए सब लोग उनको देखने लगे। सब लोगो की नजर भावना पे थी। आखिर औरत को कोन नही देखता। अब जिम मैं जोर जोर से म्यूजिक भी बज रहा था। और भावना ये सब देख के थोड़ा दर जाती है, अब दोनों जिम के आफिस के पास गए, साइड मैं बना हुआ था। वहाँ कोई नही था। दोनो माँ बेटे देख रहे थे कि कोई नही है। और तभी एक लड़का आता है, जिसने ऊपर कुछ नही पहना था,और सिर्फ नीचे पहना था। उस लड़के के सिक्स पैक थे।
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भावना तो 1 सेकंड के लिए देखती ही रह जाती है। हर्ष के लिए तो नार्मल था।
लड़का:-जी कहिए।
मैं:-जी आप?
लड़का:-मैं निरज, ये मेरा ही जिम है। मैं ही यहां सबको ट्रेंनिग देता हूँ।
मैं:-ओह्ह अच्छा, जी मुझे ये बात करनी थी कि आपके यहाँ जिम ट्रेनर होगा कोई और?
निरज:- जी मैं खुद हूँ।
माँ:-(धीरे से मुझे बोलती है) बेटा, कोई औरत ट्रेनिंग वाली नही होती क्या?
मैं:-जी आपके यहाँ कोई फीमेल ट्रेनर नही है क्या?
निरज:- जी ,उनको भी मैं खुद ट्रेंनिग देता हूँ। अच्छा मतलब ये आपके साथ जो है उनके लिए चाहिए?
मैं:-हाँ सही कहाँ ,ये माँ है मेरी ,और डॉक्टर ने इनको जिम करने को बोला है।
निरज:-ठीक है तो आप जॉइन कर दीजिए ।
माँ:-नही।
मैं:-इनका मतलब है कि क्या आप पर्सनल ट्रेनिंग करोगे?
निरज:-(कुछ सोचते हुए) देखिये मेरे यहाँ सुबह और शाम को तो मैं यहां से हिल भी नही सकता।
मैं:-कोई भी समय चलेगा। है ना माँ?
माँ:-हाँ।
निरज:-(सोचते हुए)चलो ठीक है। तो मैं 11 से 12:30 तक आ सकता हूँ।
मैं:-जी थैंक यू ,
निरज:- अरे नही उसमें क्या?
मैं:-वैसे फीस क्या है और कितने समय तक करना होगा?
निरज:-(टेबल से एक पेपर देते हुए) ये लीजिये सब है इसमे।
मैं:-जी ठीक है। तो तुम कल से आ जाओगे ना?
निरज:-जी बिल्कुल। जी आप अपना नाम यहाँ लिखवा दीजिये। और साथ मैं आपके घर का पता भी।
मैं:-(माँ का नाम बताते हुए) भावना मिश्रा। और पता भी बता देता है।
निरज:-(लिख के) जी ठीक है। वैसे आपके पास वर्कआउट के कपड़े तो है ना?
माँ:-जी वो तो नही है। कोई बात नही मैं साड़ी मैं ये इन कपड़ो मैं कर लुंगी।
निरज:-जी नही।जिम के लिए स्पेशल कपड़े होते है। देखो ना सबके यह नॉर्मल कपड़े नही पहने।
मैं:-जी कोई नही वो हम ले लेंगे।
निरज:-ठीक है।
मैं:-(बाहर जाते हुए) अच्छा अब हम चलते है। तुम काल आ जाना।
निरज:- जी।
अब हर्ष और भावना दोनो बाहर चले जाते है और बाइक के पास चले जाते है। इधर जिम में एक लड़का जो निरज का ख़ास दोस्त था,वो उसके पास आता है और बोलता है,
दोस्त:-अबे क्या बे,कोन थे वो लोग?
निरज:-भाई लॉटरी लगी है।
दोस्त:-क्या मतलब ठीक से बोल ना?
निरज:-मस्त माल मिला है।
दोस्त:-को वो जो औरत आयी थी वो?
निरज:-हाँ,
दोस्त:-अबे अब तो जिम मैं मजा आएगा। जब वो एक्सरसाइज करेगी तो सबके खड़े हो जाएंगे।
निरज:-(जोर से हसते हुए) नही,मुझे पर्सनली घर पे ट्रेनिंग देनी है।
दोस्त:-(मायुस होते हुए) अबे यार, चल तू मजे ले लेना।
निरज:-हाँ, वो तो लूंगा ही लेकिन समय लगेगा, लगता है बड़ी संस्कारी है।
दोस्त:-वो तो तू उसकी अपने जाल मैं फसा ही लेगा,सबको मालूम है ये बात तो( और दोनों हस देते है)
इस तरफ (माँ बेटे) मतलब हर्ष और भावना.....
मैं:-माँ, आपके पास वर्कआउट के कपड़े है क्या?
माँ:-नही बेटा, वो तो नही है लेकिन चल जाएगा।
मैं:-नही माँ, ऐसा नही होता। इसके लिए आपको प्रॉपर कपड़े चाहिये होते है। नही तो आपको अच्छा नही लगेगा इन कपड़ो मैं।
माँ:-तो बेटा, अब क्या करे?
मैं:-चलो माँ, एक दुकान पे चलते है,उधर आपको सब मिल जाएगा।
माँ:-चलो,ठीक है।
अब दोनों निकल जाते है और सीधा दुकान पे जाते है,और दुकान मैं भी सिर्फ मर्द लोग ही थे,लेकिन अब लेना तो था ही,अंदर जाके दोनो....
वहाँ दो लड़के थे और उसका मालिक काउंटर पर बैठा था।
लड़का 1 :-जी बोलिए क्या दिखाऊ आपको?
मैं:-भैया,आपके पास वर्कआउट के कपड़े होंगे?
लड़का 1 :-(कपड़े निकल कर देते हुए) जी सर ये लीजिये।
मैं:-अरे,मेरे लिए नही चाहिए। माँ के लिए चाहिए।
लड़का 1 :- अरे माफ कीजियेगा, अभी दिखता हूँ।
मैं:- जी।
लड़का 1:- ये लीजिए, आज कल यही चलते है।
उस लड़के ने स्पोर्ट ब्रा के साथ नीचे लेगिंस जैसा था वो दिखाया,जो आप फ़ोटो मैं देख सकते हो।
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माँ:-(जीझकते हुए) जी, ऐसा नही,थोड़ा सिंपल दिखाए ना।
लड़का 1 :- जी मेडम।
लड़का 1 :-( दूसरे लड़के से ) वो सिंपल स्पोर्टवेर है वो लाना।
लड़का 2 :- अभी लाता हूँ। (और अंदर से कपड़े लाके देता है)
लड़का 1 :- जी,ये सबसे सिंपल है,अब इससे ज्यादा सिंपल नही होते है।
और उसने स्पोर्ट टी-शर्ट और स्पोर्ट पेन्ट दिखाई। जो आप फ़ोटो मैं देख सकते होंगे।
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भावना तो शर्मा ही रही थी इन कपड़ो को देख कर भी, लेकिन।
माँ:- बेटा, ये भी थोड़े......
मैं:-(बात को काटते हुए) चलो ना माँ,ये तो अच्छे है।
माँ:- ठीक है।
लड़का 1 :- वैसे बुरा ना माने तो रिक्वेस्ट है कि आप कपड़े यहाँ पे ट्राय कर लो,क्यों कि इसकी फिटिंग देखनी जरूरी होती है,और ये कपड़े वापस एक्सचेंज नही होंगे।
दुकान का मालिक:-जी ,कपड़े ट्राय कर लो,बाद में ये एक्सचेंज नही होंगे।
मैं:-जी ठीक है।माँ आप ट्राय कर लो।
माँ:-(मुह नीचे करते हुए) ठीक है,बेटा।
लड़का 1 :- मैड़म कपड़े पहनने के बाद बाहर आना ताकि हमको पता चले कि आपको ये कपड़े फिट है कि नही।
माँ:- (फिर से झिझकते हुए) ठीक है।
इधर भावना ट्रायल रूम मैं चली जाती है,और हर्ष राह देख रहा होता है,थोड़ी देर मैं भावना चुपके चुपके धीरे से बाहर आती है, जब बाहर आती है तो वो दो लड़के, उस दुकान का मालिक और हर्ष , चारो भावना को देख रहे थे।लेकिन हर्ष का देखने का नजरिया अलग था, और उन तीनों का हवस से देखने का नजरिया था।
माँ:- बेटा, ये तो ऐसे लग रहे है।
मैं:- अच्छे है माँ
माँ:- बेटा ये स्लीवलेस है ,खुला खुला लगता है।
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लड़का 1 :- मैडम लोग तो इससे ज्यादा बोल्ड पहनते है,आपको तो हमने सबसे सिंपल कपड़े दिए है।
मैं:- देखा, माँ, ठीक है ये। आप एक काम करो ,और 3 ,4 जोड़ी खरीद लो।
लड़का 2:- ये लीजिए, ये भी ट्राय कर लीजिये।
माँ:-(अंदर जाते हुए) जी।
इधर भावना अंदर चली जाती है,और हर्ष को अपने दोस्त का फोन आता है,तो वो जरा दुकान के बाहर जाके बात करने लगता है।
मैं:-बोल क्या हुआ ?
दोस्त:-(कॉलेज से) अब आज पूरा दिन नही आने वाला क्या?
मैं:-नही यार ,आज थोड़ा काम है।
दोस्त:- चल, कोई बात नही ,लेकिन कल से आना होगा रेगुलर, अटेंडस कम है।
मैं:- हाँ,
अब ये हर्ष यहां बात कर रहा था और अंदर वो दोनों लड़के बात कर रहे थे।
लड़का 1 :- अबे क्या फटाका है।
लड़का 2 :- हाँ, देखो ना बॉडी कितनी मस्त है रे।
लड़का 1 :- बूब्स देखे क्या? कैसे तने हुए है?
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लड़का 2 :- हाँ, लगता है जिम मैं सबके लन्ड खड़े करेगी ये तो।
और दोनों हसने लगते है और तभी भावना बाहर निकली है दूसरे कपड़ो के साथ,लेकिन वहाँ उसका (बेटा) हर्ष नही था,वो अभी भी फोन पे बात कर रहा था।
लकड़ा 1 :- जी मैडम ये भी आपको अच्छे से फिट हो रहे है।
लड़का 2 :- हाँ मैडम।
माँ:- जी ठीक है।
अब भावना अंदर चली जाती है और अपने जो पहले पहने थे वो ही कपड़ो मैं वापस आ जाती है।और हर्ष भी अंदर आ जाता है।
मैं:- माँ सब ट्राय के लिए ना?
माँ:- हाँ बेटा।
मैं:- ठीक है ।ये सब पैक कर दीजिए।
और कपड़े पैक करके पैसे देके दोनो घर आ जाते है।
माँ:- लेकिन बेटा.........
मैं:-(बात को काटते हुए) माँ ऐसा मत करो।
माँ:-(झिझक कर) ठीक है। लेकिन ये ट्रेनर ढूंढेंगे कहा?
मैं:-चलो आप बैठो बाइक पे,देखते है कही।
माँ:-(बैठ कर) हमम चलो अब।
अब दोनों माँ बेटे दोनो निकल पड़ते है जिम ढूंढने। अब काफि समय हो चुका था लेकिन कोई भी नही मिला।
माँ:-बेटा, रहने दो कोई बात नही।
मैं:-मिल तो नही रहा ,लेकिन थोड़ा आगे और चलते है ,देखते है।
माँ:-जैसी तेरी मर्जी।
और थोड़ा आगे चलते ही।
मैं:-माँ वो देखो वहां पे एक जिम है।
माँ:-ठीक है।
अब दोनों जिम मैं अंदर आते है। वहाँ पे सब मर्द लोग ही थे। वहाँ सब कसरत कर रहे थे।
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जैसे ही दोनों अंदर गए सब लोग उनको देखने लगे। सब लोगो की नजर भावना पे थी। आखिर औरत को कोन नही देखता। अब जिम मैं जोर जोर से म्यूजिक भी बज रहा था। और भावना ये सब देख के थोड़ा दर जाती है, अब दोनों जिम के आफिस के पास गए, साइड मैं बना हुआ था। वहाँ कोई नही था। दोनो माँ बेटे देख रहे थे कि कोई नही है। और तभी एक लड़का आता है, जिसने ऊपर कुछ नही पहना था,और सिर्फ नीचे पहना था। उस लड़के के सिक्स पैक थे।
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भावना तो 1 सेकंड के लिए देखती ही रह जाती है। हर्ष के लिए तो नार्मल था।
लड़का:-जी कहिए।
मैं:-जी आप?
लड़का:-मैं निरज, ये मेरा ही जिम है। मैं ही यहां सबको ट्रेंनिग देता हूँ।
मैं:-ओह्ह अच्छा, जी मुझे ये बात करनी थी कि आपके यहाँ जिम ट्रेनर होगा कोई और?
निरज:- जी मैं खुद हूँ।
माँ:-(धीरे से मुझे बोलती है) बेटा, कोई औरत ट्रेनिंग वाली नही होती क्या?
मैं:-जी आपके यहाँ कोई फीमेल ट्रेनर नही है क्या?
निरज:- जी ,उनको भी मैं खुद ट्रेंनिग देता हूँ। अच्छा मतलब ये आपके साथ जो है उनके लिए चाहिए?
मैं:-हाँ सही कहाँ ,ये माँ है मेरी ,और डॉक्टर ने इनको जिम करने को बोला है।
निरज:-ठीक है तो आप जॉइन कर दीजिए ।
माँ:-नही।
मैं:-इनका मतलब है कि क्या आप पर्सनल ट्रेनिंग करोगे?
निरज:-(कुछ सोचते हुए) देखिये मेरे यहाँ सुबह और शाम को तो मैं यहां से हिल भी नही सकता।
मैं:-कोई भी समय चलेगा। है ना माँ?
माँ:-हाँ।
निरज:-(सोचते हुए)चलो ठीक है। तो मैं 11 से 12:30 तक आ सकता हूँ।
मैं:-जी थैंक यू ,
निरज:- अरे नही उसमें क्या?
मैं:-वैसे फीस क्या है और कितने समय तक करना होगा?
निरज:-(टेबल से एक पेपर देते हुए) ये लीजिये सब है इसमे।
मैं:-जी ठीक है। तो तुम कल से आ जाओगे ना?
निरज:-जी बिल्कुल। जी आप अपना नाम यहाँ लिखवा दीजिये। और साथ मैं आपके घर का पता भी।
मैं:-(माँ का नाम बताते हुए) भावना मिश्रा। और पता भी बता देता है।
निरज:-(लिख के) जी ठीक है। वैसे आपके पास वर्कआउट के कपड़े तो है ना?
माँ:-जी वो तो नही है। कोई बात नही मैं साड़ी मैं ये इन कपड़ो मैं कर लुंगी।
निरज:-जी नही।जिम के लिए स्पेशल कपड़े होते है। देखो ना सबके यह नॉर्मल कपड़े नही पहने।
मैं:-जी कोई नही वो हम ले लेंगे।
निरज:-ठीक है।
मैं:-(बाहर जाते हुए) अच्छा अब हम चलते है। तुम काल आ जाना।
निरज:- जी।
अब हर्ष और भावना दोनो बाहर चले जाते है और बाइक के पास चले जाते है। इधर जिम में एक लड़का जो निरज का ख़ास दोस्त था,वो उसके पास आता है और बोलता है,
दोस्त:-अबे क्या बे,कोन थे वो लोग?
निरज:-भाई लॉटरी लगी है।
दोस्त:-क्या मतलब ठीक से बोल ना?
निरज:-मस्त माल मिला है।
दोस्त:-को वो जो औरत आयी थी वो?
निरज:-हाँ,
दोस्त:-अबे अब तो जिम मैं मजा आएगा। जब वो एक्सरसाइज करेगी तो सबके खड़े हो जाएंगे।
निरज:-(जोर से हसते हुए) नही,मुझे पर्सनली घर पे ट्रेनिंग देनी है।
दोस्त:-(मायुस होते हुए) अबे यार, चल तू मजे ले लेना।
निरज:-हाँ, वो तो लूंगा ही लेकिन समय लगेगा, लगता है बड़ी संस्कारी है।
दोस्त:-वो तो तू उसकी अपने जाल मैं फसा ही लेगा,सबको मालूम है ये बात तो( और दोनों हस देते है)
इस तरफ (माँ बेटे) मतलब हर्ष और भावना.....
मैं:-माँ, आपके पास वर्कआउट के कपड़े है क्या?
माँ:-नही बेटा, वो तो नही है लेकिन चल जाएगा।
मैं:-नही माँ, ऐसा नही होता। इसके लिए आपको प्रॉपर कपड़े चाहिये होते है। नही तो आपको अच्छा नही लगेगा इन कपड़ो मैं।
माँ:-तो बेटा, अब क्या करे?
मैं:-चलो माँ, एक दुकान पे चलते है,उधर आपको सब मिल जाएगा।
माँ:-चलो,ठीक है।
अब दोनों निकल जाते है और सीधा दुकान पे जाते है,और दुकान मैं भी सिर्फ मर्द लोग ही थे,लेकिन अब लेना तो था ही,अंदर जाके दोनो....
वहाँ दो लड़के थे और उसका मालिक काउंटर पर बैठा था।
लड़का 1 :-जी बोलिए क्या दिखाऊ आपको?
मैं:-भैया,आपके पास वर्कआउट के कपड़े होंगे?
लड़का 1 :-(कपड़े निकल कर देते हुए) जी सर ये लीजिये।
मैं:-अरे,मेरे लिए नही चाहिए। माँ के लिए चाहिए।
लड़का 1 :- अरे माफ कीजियेगा, अभी दिखता हूँ।
मैं:- जी।
लड़का 1:- ये लीजिए, आज कल यही चलते है।
उस लड़के ने स्पोर्ट ब्रा के साथ नीचे लेगिंस जैसा था वो दिखाया,जो आप फ़ोटो मैं देख सकते हो।
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माँ:-(जीझकते हुए) जी, ऐसा नही,थोड़ा सिंपल दिखाए ना।
लड़का 1 :- जी मेडम।
लड़का 1 :-( दूसरे लड़के से ) वो सिंपल स्पोर्टवेर है वो लाना।
लड़का 2 :- अभी लाता हूँ। (और अंदर से कपड़े लाके देता है)
लड़का 1 :- जी,ये सबसे सिंपल है,अब इससे ज्यादा सिंपल नही होते है।
और उसने स्पोर्ट टी-शर्ट और स्पोर्ट पेन्ट दिखाई। जो आप फ़ोटो मैं देख सकते होंगे।
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भावना तो शर्मा ही रही थी इन कपड़ो को देख कर भी, लेकिन।
माँ:- बेटा, ये भी थोड़े......
मैं:-(बात को काटते हुए) चलो ना माँ,ये तो अच्छे है।
माँ:- ठीक है।
लड़का 1 :- वैसे बुरा ना माने तो रिक्वेस्ट है कि आप कपड़े यहाँ पे ट्राय कर लो,क्यों कि इसकी फिटिंग देखनी जरूरी होती है,और ये कपड़े वापस एक्सचेंज नही होंगे।
दुकान का मालिक:-जी ,कपड़े ट्राय कर लो,बाद में ये एक्सचेंज नही होंगे।
मैं:-जी ठीक है।माँ आप ट्राय कर लो।
माँ:-(मुह नीचे करते हुए) ठीक है,बेटा।
लड़का 1 :- मैड़म कपड़े पहनने के बाद बाहर आना ताकि हमको पता चले कि आपको ये कपड़े फिट है कि नही।
माँ:- (फिर से झिझकते हुए) ठीक है।
इधर भावना ट्रायल रूम मैं चली जाती है,और हर्ष राह देख रहा होता है,थोड़ी देर मैं भावना चुपके चुपके धीरे से बाहर आती है, जब बाहर आती है तो वो दो लड़के, उस दुकान का मालिक और हर्ष , चारो भावना को देख रहे थे।लेकिन हर्ष का देखने का नजरिया अलग था, और उन तीनों का हवस से देखने का नजरिया था।
माँ:- बेटा, ये तो ऐसे लग रहे है।
मैं:- अच्छे है माँ
माँ:- बेटा ये स्लीवलेस है ,खुला खुला लगता है।
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लड़का 1 :- मैडम लोग तो इससे ज्यादा बोल्ड पहनते है,आपको तो हमने सबसे सिंपल कपड़े दिए है।
मैं:- देखा, माँ, ठीक है ये। आप एक काम करो ,और 3 ,4 जोड़ी खरीद लो।
लड़का 2:- ये लीजिए, ये भी ट्राय कर लीजिये।
माँ:-(अंदर जाते हुए) जी।
इधर भावना अंदर चली जाती है,और हर्ष को अपने दोस्त का फोन आता है,तो वो जरा दुकान के बाहर जाके बात करने लगता है।
मैं:-बोल क्या हुआ ?
दोस्त:-(कॉलेज से) अब आज पूरा दिन नही आने वाला क्या?
मैं:-नही यार ,आज थोड़ा काम है।
दोस्त:- चल, कोई बात नही ,लेकिन कल से आना होगा रेगुलर, अटेंडस कम है।
मैं:- हाँ,
अब ये हर्ष यहां बात कर रहा था और अंदर वो दोनों लड़के बात कर रहे थे।
लड़का 1 :- अबे क्या फटाका है।
लड़का 2 :- हाँ, देखो ना बॉडी कितनी मस्त है रे।
लड़का 1 :- बूब्स देखे क्या? कैसे तने हुए है?
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लड़का 2 :- हाँ, लगता है जिम मैं सबके लन्ड खड़े करेगी ये तो।
और दोनों हसने लगते है और तभी भावना बाहर निकली है दूसरे कपड़ो के साथ,लेकिन वहाँ उसका (बेटा) हर्ष नही था,वो अभी भी फोन पे बात कर रहा था।
लकड़ा 1 :- जी मैडम ये भी आपको अच्छे से फिट हो रहे है।
लड़का 2 :- हाँ मैडम।
माँ:- जी ठीक है।
अब भावना अंदर चली जाती है और अपने जो पहले पहने थे वो ही कपड़ो मैं वापस आ जाती है।और हर्ष भी अंदर आ जाता है।
मैं:- माँ सब ट्राय के लिए ना?
माँ:- हाँ बेटा।
मैं:- ठीक है ।ये सब पैक कर दीजिए।
और कपड़े पैक करके पैसे देके दोनो घर आ जाते है।