24-06-2021, 12:05 PM
एक चूंची की आत्माकथा
मेरा जनम 12 साल बाद हुआ, रंग लायी मेरे चाहने वालों की दुआ;
जब मैं बिलकुल चूची थी, तब मैं फ्रॉक मैं सोती थी;
फिर मेरे आकार का विस्तार हुआ, निम्बू बड़ के अनार हुआ;
जब मैं बढ़ने लगी, सब की नज़र मुझ पर पड़ने लगी;
हुआ फिर ब्रा मेरा घर, अब लगने लगा मुझे डर;
जब मेरा साइज़ हुआ बड़ा, जाने कितनो का फिर हुआ खड़ा;
भीड़ में लड़कों ने हाथ मारा, मुझे एहसास हुआ बहुत प्यारा;
फिर न जाने कितनो ने दबाया, सच कहूं तो बड़ा मज़ा आया;
किसी ने प्यार से सहलाया, किसी को प्यार से चुसवाया;
किसी ने मुझे मसल दिया, किसी ने मुझ पर अपना रगड़ दिया;
अब जब मैं गयी झूल, सारे मुझ को गए भूल।
मेरा जनम 12 साल बाद हुआ, रंग लायी मेरे चाहने वालों की दुआ;
जब मैं बिलकुल चूची थी, तब मैं फ्रॉक मैं सोती थी;
फिर मेरे आकार का विस्तार हुआ, निम्बू बड़ के अनार हुआ;
जब मैं बढ़ने लगी, सब की नज़र मुझ पर पड़ने लगी;
हुआ फिर ब्रा मेरा घर, अब लगने लगा मुझे डर;
जब मेरा साइज़ हुआ बड़ा, जाने कितनो का फिर हुआ खड़ा;
भीड़ में लड़कों ने हाथ मारा, मुझे एहसास हुआ बहुत प्यारा;
फिर न जाने कितनो ने दबाया, सच कहूं तो बड़ा मज़ा आया;
किसी ने प्यार से सहलाया, किसी को प्यार से चुसवाया;
किसी ने मुझे मसल दिया, किसी ने मुझ पर अपना रगड़ दिया;
अब जब मैं गयी झूल, सारे मुझ को गए भूल।
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!