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Misc. Erotica // शायरी - कुछ नंगी - कुछ कपड़ों के साथ //
#8
सो रहा था एक रोज़ लंड, रख कर टट्टों पर अपना सिर;


पास से हुआ चूत का गुज़र, लंड ने देखा उसे उठा कर सिर;

लंड ने पूछा जा रही हो किधर, अगर वक़्त हो तो ज़रा आ जा इधर;

चूत ने कहा अजी मुझे माफ़ कीजिये, पहले जो मुंह से टपक रहा है उसे साफ़ कीजिये;

लंड ने जो यह सुना तो वो गया बिगड़, फिर जो कुछ न होना था वो हो गया उधर;

चोद कर चूत को लंड सो गया फिर;

देख कर यह चूत बोली लंड से चुद जाने के बाद;

बात ही नहीं करते जनाब अपना मतलब निकल जाने के बाद!
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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RE: // शायरी - कुछ नंगी - कुछ कपड़ों के साथ // - by suneeellpandit - 24-06-2021, 12:02 PM



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