24-06-2021, 11:25 AM
बिना ब्रा के मुम्मे सीधे छत की तरफ मूंह कर के किसी पहाड़ी की तरह से खड़े हुए थे / मैं दोनों मुम्मे को बारी बारी से जोर जोर से दबा दबा कर उनका दूध निकलने की कोशिश कर रहा था / और अपने लौड़े को मम्मी के मूंह के अंदर धक्के मार रहा था / आज मेरी मन की मुराद पूरी हो रही थी / मेरे ख्वाबों की परी मेरी मम्मी मेरे सामने नंगी पड़ी थी / और उसके प्यारे प्यारे मूंह में में अपना लौड़ा अंदर बहार कर रहा था / अब मेरे लौड़े का ज्वालामुखी फटने वाला था /
मैंने मम्मी के मूंह में अपना लौड़ा फंसा कर नीचे झुक कर मम्मी के मुम्मे को अपने मूंह में भर लिए और जोर जोर से चूसे लगा / मम्मी के मोटे निप्पल को भी मैं दांत मार रहा था / मम्मी नींद में उम्म्म उम्म्म कर रही थी / आखिर वो वक्त आ ही पहुंचा / मेरे लौड़े ने भलभला कर अपने रस को मम्मी के मूंह में भरना शुरू कर दिया था / मेरे लौड़े ने अपने रस से मम्मी का मूंह को लगबग भर सा दिया था / नींद में ही मम्मी ने मेरे वीर्य रस को अंदर की तरफ गटक लिया /
मैंने मम्मी के मूंह में अपना लौड़ा फंसा कर नीचे झुक कर मम्मी के मुम्मे को अपने मूंह में भर लिए और जोर जोर से चूसे लगा / मम्मी के मोटे निप्पल को भी मैं दांत मार रहा था / मम्मी नींद में उम्म्म उम्म्म कर रही थी / आखिर वो वक्त आ ही पहुंचा / मेरे लौड़े ने भलभला कर अपने रस को मम्मी के मूंह में भरना शुरू कर दिया था / मेरे लौड़े ने अपने रस से मम्मी का मूंह को लगबग भर सा दिया था / नींद में ही मम्मी ने मेरे वीर्य रस को अंदर की तरफ गटक लिया /
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!