Thread Rating:
  • 9 Vote(s) - 3.11 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Romance प्यास और हवस
#30
अपडेट  - 13

मेने ये बात कॉलेज मे ना तो आपको बताई थी और ना ही और किसी को…पापा का ट्रीटमेंट शुरू हो गया….राज रोज कॉलेज के बाद हॉस्पिटल मे आने लगा. और वो वहाँ आकर मम्मी के हेल्प करने लगा….कभी बाहर जाकर मेडिकल स्टोर से मेडिसिन लाकर देना तो कभी बाहर से पापा के लिए जूस और ब्रेड लाकर देता….

जब हम वहाँ पर बैठे हुए होते, और राज कोई काम कर रहा होता तो मम्मी सिर्फ़ एक ही बात कहती…कि काश उनका भी राज जैसा बेटा होता…इस दौरान उसने एक बार भी मुझे आँख उठा कर नही देखा….पापा की वजह से मुझे उससे कई बार बात करनी पड़ती. पर वो मेरी तरफ देखे बिना ही बात करता…और चुप चाप काम कर देता….

मुझे ये सब बर्दाश्त नही हो रहा था…वो डेली आकर मम्मी पापा से हंस-2 कर बात करता, तो कभी रीनू दीदी से बाहर गॅलरी मे बात करने लगता….मुझे जलन से होने लगती…एक दिन शाम की बात है…मम्मी पापा के पास रूम मे थी…और रीनू दीदी बाहर हॉस्पिटल के गॅलरी मे राज के साथ बात कर रही थी…

रेणु दीदी बात कर रही है….हम दोनो से बड़ी है…पर शायद राज की पर्सनालटी और पैसा देख कर रेणु दीदी उस पर लाइन मारने लगी थी….मैं उनके पीछे खड़ी उनके बातें सुन रही थी….उस शाम को रेणु दीदी ने राज को प्रपोज किया…पर राज ने ये कह कर सॉफ मना कर दिया…कि वो सिर्फ़ एक ही लड़की से प्यार करता है…और हमेशा उससे करता रहेगा…

उस समय गॅलरी मे कोई नही था….रेणु दीदी ने राज का हाथ पकड़ अपने बूब्स पर रख दिया और कहने लगी कि, वो उसके बिना नही रह सकती….वो अभी अपना सब कुछ देने के लाए तैयार है…पर राज ने अपना हाथ हटा लिया और ये कह कर चला गया कि, उसकी जिंदगी मे और कोई लड़की नही आ सकती…



फिर उसी दिन राज ने मुझे फिर से प्रपोज किया, और मैं उससे मना नही कर पाई. और फिर जब पापा को हॉस्पिटल से डिसचार्ज किया गया तो, उसके बाद वो हमारे घर उनका पता लेने के लिए आने लगा…मम्मी भी हम पर कोई शक नही करती थी. वो बिना रोक टोक के हमारे रूम मे जाता था….और फिर वही सब करता जो..उस दिन आप ने देखा. जब मेने उसे रोका तो उसने मेरे सामने कसम खाई कि, वो मेरी वर्जिनिटी नही तोड़ेगा. पर रोमॅन्स के लिए मैं उससे मना नही करूँगी….धीरे2- मुझे इन सब की आदत सी पड़ गयी.



ललिता: मॅम यही सच है….वो इतना भी बुरा नही है जितना मैं या आप उसको समझते थे….वो एक अच्छा लड़का है…


मैं: ललिता ठीक है तुम अब बच्ची नही हो….समझदार हो….पढ़ी लिखी हो….और अपना ख़याल रख सकती हो…पर फिर भी मैं तुम्हे यही सलाह दूँगी कि, कोई ऐसा कदम ना उठाना जिसकी वजह से तुम्हे शर्मिंदा होने पड़े….

फिर मेने और ललिता ने इधर उधर की बातें के और फिर मैं दोपहर को घर वापिस आ गयी….उसी शाम को मेरे मोबाइल पर जय सर का फोन आया, मैने कॉल पिक की.



मैं: हेलो सर…हाउ आर यू….



जय सर: मैं ठीक हूँ आप कैसे हो और आपके भाई की तबयत कैसी है अब..



मैं: जी दो दिन पहले घर आए है….और पहले से काफ़ी ठीक है…



जय सर: चलो शुक्र है…अच्छा मुझे तुमसे एक फेवर चाहिए था….



मैं: जी कहिए सर



जय सर: अच्छा डॉली बात ये है कि, मैं चाहता हूँ कि, तुम राज को यहाँ मेरे घर आकर 2 घंटो के लिए पढ़ा दिया करो….(मैं जय सर की बात सुन कर एक दम से परेशान से हो गयी….)



मैं: जी मैं पर आप तो जानते है कि मेरे घर मे इस समय प्राब्लम है…


जय सर: सॉरी वो अचानक से मैं तुम्हे बोल रहा हूँ….डॉली कल वैसे बैठे-2 मैं उसके स्टडी के ऊपेर उससे कुछ सवाल करने लगा तो मैं एक दम से परेशान हो गया. एक दम 0 है पढ़ाई मे…देखो डॉली वो मेरे दोस्त का बेटा है…उसकी ज़िमेदारी मेरे ऊपेर है…और वो मुझसे तो फ्रॅंक है…इसलिए वो मेरे से ठीक तरह नही पढ़ पाएगा…

बहुत सोचने के बाद तुम्हारा नाम दिमाग़ मे आया….इसलिए मैने तुम्हे फोन किया है…प्लीज़ मुझे डिसपोंट मत करना…मुझे तुमसे बहुत उम्मीद है….और मैं जानता हूँ कि अगर तुम उसे पढ़ाओगी तो जल्द ही उसकी स्टडी मे इंप्रूव्मेंट हो जाएगी…



अब मैं एक दम फँस चुकी थी…जय सर कॉलेज के प्रिन्सिपल और मालिक थे. उनको मैं सीधे सीधे ना नही बोल सकती थी…क्योंकि मेरे ना या हां बोलने पर मेरी और भाभी हम दोनो की नौकरी पर ख़तरा हो सकता था….”ठीक है सर…जैसे आप कहे” 



जय सर: तो ठीक है कल सुबह 11 बजे से 1 बजे तक तुम यहाँ आकर उससे पढ़ा दिया करना…मैं कल सुबह तुम्हारे घर कार भिजवा दूँगा….और तुम्हे वापिस घर भी ड्रॉप मेरा ड्राइवर ही कर दिया करेगा…



मैं: जी ओके सर….



मैने फोन काटा….और माथे पर हाथ धर कर बैठ गयी…”अब बैठे बैठाए ये क्या मुसबीत गले पड़ गयी….जिस लड़के की शकल तक मैं देखना नही चाहती….अब उसे दो घंटे तक पढ़ाना पड़ेगा वो भी अकेले…


मैं यही सोच सोच कर परेशान हो रही थी….पर मैं जय सर को ना भी नही कर सकती…अगली सुबह मैं तैयार हुई, और 10:30 बजे बाहर जय सर की कार आकर खड़ी हो गयी….मैं कार मे बैठी और ठीक 11 बजे जय सर के घर पहुँच गये…जब मैं जय सर के घर मे दाखिल हुई तो एक बार सोच मे पड़ गयी कि, काश ऐसा ही घर मेरा भी होता….तभी जय सर के आवाज़ सुन कर मैं एक दम से चोंक गयी…

जय सर: अर्रे डॉली खड़ी क्यों हो आओ बैठो…



जय सर ने सोफे पर बैठते हुए कहा…मैं भी जय सर के सामने सोफे पर बैठ गये…थोड़ी देर बाद एक औरत जो कि दिखने मे 30-32 साल की लगती थी. ट्रे मे कोल्ड्रींक लेकर आई, और मुझे देकर वापिस चली गयी…उसने ऑरेंज कलर की साड़ी और ब्लॅक कलर का ब्लाउस पहना हुआ था… “ये दीपा है….पहले ये राज के घर पर ही काम करती थी…पर जब से उसकी दादा दादी का देहांत हुआ है…और जब से राज हमारे पास आया है….ये भी यही आ गयी…मुझे भी नौकरानी की ज़रूरत थी ही…इसलिए इसे रख लिया….” 



जब से राज के मम्मी पापा अब्रॉड गये है…यही राज का ख़याल रखते हुए आ रही है. राज के पापा ने यहाँ से थोड़ी दूर एक गाओं मे बहुत ज़मीन खरीद रखी है. इसका पति वही खेती का काम देखता है….” फिर मैने कोल्ड्रींक पी और जय सर ने दीपा को आवाज़ दी…”दीपा इन्हे राज बाबा के रूम मे लेजाओ….ये राज की टीचर है….कॉलेज मे राज को पढ़ाती है…और आज से जब तक छुट्टियाँ चल रही है. राज को रोज घर पढ़ाने आएँगी…..



दीपा: जी चलिए….


मैं उठ कर खड़ी हुई, और दीपा के पीछे जाने लगी…”दीपा मैं ज़रा कॉलेज जा रहा हूँ…डोर बंद कर लेना….” सर ने बाहर की तरफ जाते हुए कहा…मैं दीपा के पीछे राज के रूम मे आ गयी…राज अपने रूम मे सोफे पर बैठा हुआ टीवी देख रहा था. जैसे ही राज ने मुझे देखा तो उसने टीवी का रिमोट एक साइड मे फेंक दिया…

दीपा वापिस बाहर जाने लगी….”दीपा दो कप कॉफी बेज देना….” राज ने बैठे-2 ऑर्डर दिया



…”नही मैं अभी कोल्ड्रींक पीकर आई हूँ…” मेने राज की तरफ एक बार देखा और फिर अपने चेहरे को दूसरी तरफ घुमा लिया…”



दीपा सिर्फ़ एक ही कप भेज दो…” और राज उठ कर खड़ा हुआ बाथरूम मे चला गया…मैं वही सोफे पर बैठ गयी…मुझे बड़ा अजीब सा लग रहा था. एक दम अकेले उसके रूम मे बैठना…थोड़ी देर बाद राज बाथरूम से बाहर आया….”हाँ तुम क्यों आई हो यहाँ पर…मना नही कर सकती थी अंकल को….”



मैं: मुझे कोई शॉंक नही है तुम्हे पढ़ाने का…अगर सर ने ना कहा होता तो मैं तुम्हारी शकल देखने यहाँ नही आती…



राज: अच्छा ठीक है….जाओ नीचे जाकर बैठ कर टाइम पास करो…अंकल तो घर पर है नही…तुम्हे कॉन देखने वाला है कि, तुमने पढ़ाया या नही….बोल तो ऐसे रही हो. जैसे मैं तुमसे पढ़ने के लिए मरा जा रहा हूँ….


मेरा दिल तो कर रहा था कि, मैं अभी उठ कर वापिस चली जाउ….पर सर की वजह से चुप हो गयी…राज उठ कर बाहर चला गया…और मैं वही बैठी रही…मैं पागलो की तरह इधर उधर देख रही थी….करीब 30 मिनिट हो चुके थे….मुझे यहाँ पर आए हुए, ना तो मुझे राज नज़र आ रहा था…और ना ही उसकी कोई आवाज़ सुनाई दे रही थी… मैं उठ कर रूम से बाहर आई और नीचे की तरफ देखने लगी….पर नीचे भी एक दम सन्नाटा पसरा हुआ था….तभी मुझे साथ वाले रूम का डोर खुलने की आवाज़ आई. 

जैसे ही मेने उस तरफ देखा तो डोर पर दीपा खड़ी हुई थी….उसके बाल बिखरे हुए थे…होंटो की लिपस्टिक फेली हुई थी….और उसकी साड़ी उलझी हुई थी…ब्लाउस का कपड़ा चुचियों के ऊपेर वाले दो हुक खुले हुए थे…दीपा मुझे अपने सामने देख कर एक दम से घबरा गयी….वो सर को झुकाए हुए मेरी तरफ बढ़ी…”राज कहाँ है…” मेरे इस सवाल से दीपा एक दम से डर गयी….”जी वो वो मुझे पता नही…मैं मैं आपके लिए कॉफी बना कर लाती हूँ….” ये कहते हुए दीपा नीचे चली गयी….थोड़ी देर बाद फिर उस रूम का डोर ओपन हुआ…



तब मेरी हैरत का कोई ठिकाना नही रहा….जब देखा कि, राज भी उसी रूम से निकल कर बाहर आ रहा है…उसने एक बार मेरी तरफ देखा और फिर नीचे गया और फिर घर से बाहर चला गया…ये देख मेरा सर चकराने लगा कि ये सब क्या हो रहा है…एक ** साल का लड़का अपनी ही नौकरानी के साथ जो उससे दुगनी उम्र की है….मैं नीचे आकर सोफे पर बैठ गयी…थोड़ी देर बाद दीपा कॉफी लेकर पास मे आई और टेबल पर कप रखते हुए बोली….”और कुछ चाहिए मेडम जी….”



मेने दीपा की तरफ देखा तो उसने अब अपना हुलिया कुछ ठीक कर लिया था… “ये सब क्या चल रहा है दीपा…” मेने दीपा के चेहरे की ओर देखते हुए कहा….



दीपा: जी क्या मैं समझी नही मेडम जी….


मैं: देखो दीपा तुम मुझे पागल मत बनाओ…मैने देखा कि राज भी उसी रूम से बाहर आया था….मैं भी औरत हूँ…और तुम्हारी हालत देख कर ही मुझे शक हो गया था…तुमने झूठ क्यों बोला कि राज बाहर है….

मेरी बात सुन कर दीपा के चेहरे का रंग उड़ गया…और वो मेरे पैर पकड़ कर नीचे बैठ गयी….”मेडम जी प्लीज़ ये सब किसी को नही बताएगा….नही तो मैं कही की नही रहूंगी…”



मैं: पर तुम अपने से आधी उम्र के लड़के के साथ ये सब छी…तुम तो शादी शुदा हो ना…फिर ये सब क्या है…..



दीपा: मेडम जी बहुत लंबी बात है….अभी आपको नही बता सकती…पर प्लीज़ किसी को बताना नही हम बहुत ग़रीब लोग है…हम कही के नही रहेंगे…



मैं: ओह्ह अच्छा अब समझी…तो वो ये सब तुम्हारी ग़रीबी का फ़ायदा उठा कर रहा है..



दीपा: नही नही मेडम जी…राज बाबा की कोई ग़लती नही है….सारा दोष मेरा है…


ये कहते हुए दीपा एक दम से चुप हो गयी…तभी बाहर डोर बेल बजी…”मेडम जी प्लीज़ किसी से कुछ मत कहना मैं आपके हाथ जोड़ती हूँ….” दीपा ने लगभग रोते हुए कहा…”अच्छा ठीक है जाओ….डोर खोलो बाहर कोई है….” दीपा ने उठ कर डोर खोला. जय सर वापिस आ गये थे….
Like Reply


Messages In This Thread
प्यास और हवस - by APLOVE15@ - 13-06-2021, 11:48 AM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 18-06-2021, 11:04 AM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 18-06-2021, 04:20 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 18-06-2021, 09:22 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 20-06-2021, 11:07 AM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 20-06-2021, 08:07 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 21-06-2021, 05:49 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 22-06-2021, 11:43 AM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 22-06-2021, 10:45 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 23-06-2021, 11:06 AM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 23-06-2021, 04:50 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 25-06-2021, 09:08 PM
RE: प्यास और हवस - by APLOVE15@ - 25-06-2021, 11:32 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 26-06-2021, 01:49 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 28-06-2021, 10:05 AM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 01-07-2021, 09:10 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 02-07-2021, 02:54 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 05-07-2021, 10:59 AM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 07-07-2021, 09:19 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 09-07-2021, 10:12 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 11-07-2021, 03:54 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 12-07-2021, 11:15 AM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 13-07-2021, 05:53 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 17-07-2021, 11:53 AM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 22-07-2021, 11:11 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 24-07-2021, 10:09 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 26-07-2021, 09:12 PM
RE: प्यास और हवस - by Newdevil - 27-07-2021, 03:31 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 27-07-2021, 08:55 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 03-08-2021, 09:10 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 04-08-2021, 04:25 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 06-08-2021, 12:52 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 08-08-2021, 04:19 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 09-08-2021, 06:28 AM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 14-08-2021, 02:57 PM
RE: प्यास और हवस - by usaiha2 - 14-08-2021, 04:47 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 14-08-2021, 06:01 PM
RE: प्यास और हवस - by Abr Roy - 14-08-2021, 06:55 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 15-08-2021, 01:32 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 16-08-2021, 12:56 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 18-08-2021, 09:13 AM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 21-08-2021, 08:49 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 26-08-2021, 07:35 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 27-08-2021, 10:12 AM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 27-08-2021, 12:13 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 28-08-2021, 02:55 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 01-09-2021, 07:24 AM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 06-09-2021, 05:53 PM



Users browsing this thread: 4 Guest(s)