22-06-2021, 03:56 PM
सूर्य देव - नमस्कार कैसे हो, बहुत दिनों बाद मिलना हुआ।
जितेश और विनोद ने मुस्कुराहट से जवाब दिया।
सूर्य देव - अगर मैं याद कर पा रहा हूं सही से तो तुम विनोद राम हो।
विनोद - इस नाचीज को अभी तक तो यही कहते हैं |
सूर्य देव - काफी दिन हो गए मिले।
जितेश - 7 साल 3 महीने और 2 दिन।
सूर्य देव - क्या बात है फौजी ? तुम्हें तो सब बहुत अच्छे से याद है।
जितेश - जख्म की तारीखे कौन भूलता है भला |
सूर्य देव ने एक गन्दी सी मुस्कराहट देने का प्रयास किया - तो काम की बात करें।
सूर्यदेव ने टीवी ऑन किया। उस टीवी पर एक फोटो थी ।
सूर्यदेव जितेश से - यह फोटो देख रहे हो। ( जितेश टीवी देख कर समझ गया। यह रीमा की फोटो थी) इस औरत का नाम रीना या रीमा कुछ है | ये यहाँ की नहीं है, ये विलास जी के शहर की रहने वाली है | विलास जी का नाम तो सुना ही होगा |
जितेश - हूँ सुना है |
सूर्यदेव - एक बहुत ही प्रतिष्ठित बिजनेसमैन विलास जी के लड़के का खून करके भागी है क्योंकि हमारे और विराज जी के संबंध अच्छे नहीं हैं। इसलिए विराज जी को लगता है कि उनके एक मात्र लड़के को मरवाने के पीछे मेरा हाथ है। मेरे पास खुद को निर्दोष साबित करने का जरिया सिर्फ यह औरत है। अदर वाइज विराज जी मुझे अपने बेटे का इकलौते बेटे का असल में मृत्यु का दोषी मानता। मेरी हत्या भी करवा सकते हैं। पता नहीं क्या-क्या करवा सकते हैं। तुम लोगों को तो पता होगा की वो उनका नुकसान करने वाले का क्या हाल करते है |
हितेश मुस्कुराकर रह गया | विनोद गंभीरता से - इसका मतलब तुम्हारी बहुत अच्छे से फटी पड़ी है। मेरी उम्मीद से कहीं ज्यादा।
इस समय सूर्य देव के लिए बेशर्म बनने से अलावा कोई चारा नहीं था। वह पूरी तरह से जीते सी बात को इग्नोर कर गया क्योंकि इस समय जितेश और विनोद से तू तू मै मै करके अपना ही नुकसान नहीं करना चाहता था । एक बार ये बला टले फिर इन सडकछाप गुंडों से भी निपट लेगा |
सूर्यदेव बेशर्मी से मुस्कुराता हुआ - जो भी कहो जी सच में मेरी फटी पड़ी। वक्त वक्त की बात है। .................... (एक गहरी चुप्पी के बाद ) तो भाई लोगों यह औरत विलास जी के शहर से यहाँ कैसे आई । अभी कहाँ छुपी हुई है अब मैं उन गंदी गलियों और बस्तियों में तो जाता नहीं हूं। और मेरे आदमी इस औरत को ढूंढ पाने में नाकाम नहीं है। सिक्युरिटी भी किसी काम की नहीं है। इसीलिए तुमको याद! जो भी मैंने तुम्हारे साथ किया उसके लिए तुम मुझे जो सजा दोगे, मुझे मंजूर होगी लेकिन मुझे यह औरत लाकर दे दो। तुम जितना पैसा चाहते हो, मैं तुम्हें पैसा दूंगा।
जितेश - वह सब तो ठीक है। लेकिन क्या सच में उस औरत ने उस लड़के का खून किया है?
सूर्य देव जी के के प्रश्न पर चौक गया - मै कुछ समझा नहीं |
मतलब? मैं ऐसे पूछ रहा हूं। मतलब तुम्हें कैसे पता कि इसी औरत ने ही विराज के लड़के का खून किया है?
सूर्यदेव - यह औरत मौके वारदात पर थी जहां पर विलास जी के लड़के का खून हुआ है। मेरे आदमी इस औरत को वहीं से उठाकर लाए। उस वक्त जब इस औरत को आदमी मेरे वहां से उठाकर लाए हैं तब यह औरत सिर्फ एक झीनी सी साड़ी में थी। इसकी चूंची और चूत दोनों पर एक कपड़ा नहीं था जो थी बस साड़ी ही थी |
मुझे शंका है इस औरत का विलास जी के लड़के के साथ कोई न कोई सम्बन्ध था |, क्योंकि यह बड़ी खूबसूरत है, या यू कहे की बहुत ही बहुत ही खूबसूरत है जिस्म की मालकिन है | कसम से इतनी हसीन औरत मैंने भी पहले नहीं देखि | यकीं मानो जब मैंने पहली बार उसे देखा था, ऊपर से नीचे तक गुलाबी संगमरमर के ढांचे में ढला जिस्म | क्या ओंठ क्या छाती और उफ्फ्फ्फ़ वो गुलाबी चूत | साला मेरा तो मन उसी समय किया था एक बार जमकर चोद लू पहले फिर जो होगा देखा जायेगा | लेकिन जान के लाले पड़े थे इसलिए सोचा था सब निपटने के बाद इस बारे में सोचूंगा | साला उसका ख्याल आते ही लंड सीधा होने लगता है और किस्मत की बात देखो उसी साली ने मेरी किस्मत के लौड़े लगा दिए है | माफ़ करना दिमाग कही और ही पंहुच गया था |
अपनी भटकन से वापस आते हुए - तो मुझे लगता है इसने विलास जी के लड़के पर डोरे डाले होंगे | इतनी हसीन गदराई औरत पर एक सुकुमार जवानी के दरवाजे पर खड़ा लड़का फिसल ही सकता है | मुझे शक है दोनों के शारीरिक संबंध भी हो सकते हैं। हो सकता है मौका ए वारदात पर दोनों शारीरिक संबंध भी बना रहे। अब काम के सिलसिले में मेरे आदमी वहां जंगल में जाते रहते है | जब वो वहां पंहुचे तो विलास जी के लड़के की मौत हो चुकी थी और लाश नंगी जमीन पर पड़ी थी | कुछ ही दूरी [पर भागते हुए मेरे आदमियों ने इसे दबोच लिया था लेकिन अपने रूप जाल का फायदा उठाकर यहाँ से भाग निकली |
कमरे में ख़ामोशी छा गयी |
सूर्यदेव - अगर ये औरत गलत नहीं है तो आप बताओ कोई औरत ऐसे घनघोर जंगल में सिर्फ एक पारदर्शी लाल साड़ी लपेट के क्या करने जाएगी वो भी बिना ब्रा पैंटी पहने | साड़ी के ऊपर से ही उसके दूध साफ-साफ झलक रहे हैं। यहाँ तो जब आई थी तो साड़ी भी नहीं थी जिस्म पर लेकिन क्या मजाल तो १ टके की शर्म हो आँखों में | मै उससे पूछताछ करके विलास जी को जानकारी देने ही वाला था कि यह ससुरी यहां से भी भाग निकली।
बहुत बड़ी रंडी है कि जैसे विलास जी लड़के के साथ अनैतिक संबंध बना रही थी, उसी तरह से यहां पर उसने अपने हुस्न की नुमाइश कर मेरे गार्ड को फंसा लिया और गार्ड ने तुरंत अपनी पेंट खोल दी और उसे भागने में मदद कर दी। इतनी गिरी हुई औरतें भी होती हैं समाज में मुझे तो इसका यकीन ही नहीं हो रहा।
विनोद और जितेश दोनों मुस्कुराया न जाने कितनी लड़कियों को चोद चुका है। आज भी साला कुंवारी लड़की पा जाए तो कोई मौका नहीं छोड़ता है।
जितेश - ठीक है। लेकिन जब इतने लोगो के खोजने से नहीं मिल रही तो हम कैसे ढूढ़ पायेगे, फिर भी मै लगाता हूँ अपने आदमी इस काम पर | अगर कस्बे में कही भी मिलती है तो हम तुम्हें जानकारी देंगे।
सूर्यदेव - हां, वह तो ठीक है लेकिन। तुम लोग इसका कितना लोगे कुछ अंदाजा अगर बता दो ...|
जितेश - यह किसी एक आदमी के बस का तो बात ही नहीं और सब को लगना पड़ेगा तो सब कुछ न कुछ चाहिए। मैंने अपने पांच आदमी से बात करी है और वह मान तो गए हैं, लेकिन जब कुछ मिलेगा तभी कुछ करेगे।
सूर्यदेव - फिर भी मोटा मोटा अंदाजा |
जितेश - अब १० लोग है और कोई भी १० लाख से नीचे तो नहीं लेगा |
सूर्यदेव - अरे ये तो बहुत ज्यादा है | अगर किसी और टाइम पर तुम दो करोड़ भी मांगते तो दे देता लेकिन अभी इस वक्त मेरा समय अच्छा नहीं चल रहा है। मैं ऑलरेडी इस साल तो करोड़ो रुपए के घाटे नहीं हूं |
जितेश - वो तुम्हारी मर्जी है उसको ढूंढने में और कहां तक लाने में कुछ हमारा भी तो टाइम खर्च होगा, हो सकता है कुछ खतरे भी है। क्योंकि अगर इसका टीवी पर गुमशुदा होने का प्रचार आ रहा है तो मतलब है कि इसके पीछे कोई बहुत ही शक्तिशाली परिवार है।
सूर्यदेव - फिर भी कुछ कम कर लो | विनोद और जितेश ने एक दुसरे की तरफ देखा |
जितेश - ठीक है 50 लाख आखिरी |
सूर्यदेव - अरे 20 में हो जाता तो ?
जितेश -अगर तुम राजी हो तो 50 लाख..... हम भी अपना काम शुरू करें वर्ना टाइम क्यों वेस्ट?
दोनों खड़े हो गए | हम चलते है बता देना फ़ोन करके |
सूर्यदेव ने कुछ सोचा - ठीक है ठीक है हम 50 लाख दे देंगे। लेकिन तुम उसे कैसे ढूढ़ोगे इसका कुछ आईडिया तो दो |
विनोद और जितेश दोनों को पता था की ये एक नंबर का हरामी आदमी है और जैसे ही वो उसे कुछ आईडिया देगा, वह अपने आदमी उधर लगा देगा और बाद में से फूटी कौड़ी नहीं मिलेगी |
जितेश - मुझ पर भरोसा नहीं है क्या ? नहीं है तो ठीक है। किसी और से करवा लो ।
सूर्यदेव समझ गया ये कुछ नहीं बतायेगे - कोई बात नहीं भाई। नाराज मत हो, हमारे आदमी तो ढूंढ ढूंढ कर थक चुके हैं ना इसीलिए तो तुम्हें बुलाया है। फिर भी कुछ तो सोचा होगा, कहां से शुरू करोगे?
जितेश - सच बताऊ सॉरी अभी तक मैंने कुछ नहीं सोचा है लेकिन मुझे कुछ और जानकारी दोगे। इस औरत के बारे में कहां से आई है, क्या करती है वगैरह वगैरह ....|
सूर्यदेव - वैसे तो मुझे भी ज्यादा कुछ नहीं पता। बस यही पता है कि जिस्म कमाल का है। पति मर चुका है इसलिए चुदास कस के भरी दिखती है जिस्म में और बहुत चालू चीज है। चेहरा जितना खूबसूरत और भोला है उतनी ही अन्दर से जालिम है | एक सलाह है बच कर रहना।
जितेश मन ही मन किसको सलाह दे रहा है मै तो उसके दिल के हर कोने का सफर कर चुका हूं।
विनोद- तो ठीक है सौदा मंजूर है। अगर हम 3 दिन के अंदर तुम्हें ढूंढने में नाकाम रहे तो हम तुमसे एक पैसा नहीं लेगे |
सूर्यदेव - बहुत अच्छी बात है कि तुम अभी भी उन्हें उसूलों पर टिके हुए हो। आजकल के दौर में कौन इतने वसूलो काम करता है। मुझे बड़ी खुशी हुई कि तुम बिल्कुल नहीं बदले।
विनोद - तुम बिल्कुल नहीं बदले वही कमीना सूर्यदेव
सूर्यदेव - देखो! सफलता के बाद थोडा तो चमक दमक रखनी पड़ती है | मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे तुम लोगो की जरूरत पड़ेगी। लेकिन ठीक है। पुराने दोस्त! हो पुरानी यारी का रंग ही कुछ और होता है।
विनोद - हां सही कह रहे हो, हम पुराने दोस्त हैं और ऐसी दोस्ती जो हम जिंदगी भर मरते दम तक मैं नहीं भूलूंगा । तो अब हम चलें।
सूर्यदेव - हां हां बिल्कुल तुम अपने काम पर लग जाओ।
जिदेश और विनोद वहां से निकल लिए। जाहिर सी बात है। जितेश यह तो जान गया था कि अभी सूर्यदेव उसको हाथ नहीं लगाएगा।
इधर जैसे ही जितेश कमरे से बाहर गया,सूर्यदेव ने फोन लगाया - इस आदमी के ऊपर भूत की तरह मंडराते रहो | यह कहां जाता है, क्या करता है, कहां खाता है, कहां बैठता है इसको कुछ ना कुछ तो आईडिया है। उस औरत का वरना यह इतने कॉन्फिडेंस से मेरे पास नहीं आता बात करने को | इस हरामजादे को एक नया पैसा नहीं दूंगा। पर तुम लोग कोई गलती मत करना। कान खोल कर सुन लो। इसकी जासूसी करते रहो जैसे ही वह औरत इसके आसपास नजर जाएगी। हम उसे दबोच लेंगे और इन सालो को वही गोली मारकर लटका भी देंगे।
गंदी नाली के सूअर साले गंदी नाली का कीड़े मैं यहां का बादशाह हूं। मैं इस कस्बे का डॉन हूं। इस फौजी भोसड़ी वाले उसी गटर में दफन करूंगा, जहां यह मादरचोद रहता होगा |
जितेश और विनोद ने मुस्कुराहट से जवाब दिया।
सूर्य देव - अगर मैं याद कर पा रहा हूं सही से तो तुम विनोद राम हो।
विनोद - इस नाचीज को अभी तक तो यही कहते हैं |
सूर्य देव - काफी दिन हो गए मिले।
जितेश - 7 साल 3 महीने और 2 दिन।
सूर्य देव - क्या बात है फौजी ? तुम्हें तो सब बहुत अच्छे से याद है।
जितेश - जख्म की तारीखे कौन भूलता है भला |
सूर्य देव ने एक गन्दी सी मुस्कराहट देने का प्रयास किया - तो काम की बात करें।
सूर्यदेव ने टीवी ऑन किया। उस टीवी पर एक फोटो थी ।
सूर्यदेव जितेश से - यह फोटो देख रहे हो। ( जितेश टीवी देख कर समझ गया। यह रीमा की फोटो थी) इस औरत का नाम रीना या रीमा कुछ है | ये यहाँ की नहीं है, ये विलास जी के शहर की रहने वाली है | विलास जी का नाम तो सुना ही होगा |
जितेश - हूँ सुना है |
सूर्यदेव - एक बहुत ही प्रतिष्ठित बिजनेसमैन विलास जी के लड़के का खून करके भागी है क्योंकि हमारे और विराज जी के संबंध अच्छे नहीं हैं। इसलिए विराज जी को लगता है कि उनके एक मात्र लड़के को मरवाने के पीछे मेरा हाथ है। मेरे पास खुद को निर्दोष साबित करने का जरिया सिर्फ यह औरत है। अदर वाइज विराज जी मुझे अपने बेटे का इकलौते बेटे का असल में मृत्यु का दोषी मानता। मेरी हत्या भी करवा सकते हैं। पता नहीं क्या-क्या करवा सकते हैं। तुम लोगों को तो पता होगा की वो उनका नुकसान करने वाले का क्या हाल करते है |
हितेश मुस्कुराकर रह गया | विनोद गंभीरता से - इसका मतलब तुम्हारी बहुत अच्छे से फटी पड़ी है। मेरी उम्मीद से कहीं ज्यादा।
इस समय सूर्य देव के लिए बेशर्म बनने से अलावा कोई चारा नहीं था। वह पूरी तरह से जीते सी बात को इग्नोर कर गया क्योंकि इस समय जितेश और विनोद से तू तू मै मै करके अपना ही नुकसान नहीं करना चाहता था । एक बार ये बला टले फिर इन सडकछाप गुंडों से भी निपट लेगा |
सूर्यदेव बेशर्मी से मुस्कुराता हुआ - जो भी कहो जी सच में मेरी फटी पड़ी। वक्त वक्त की बात है। .................... (एक गहरी चुप्पी के बाद ) तो भाई लोगों यह औरत विलास जी के शहर से यहाँ कैसे आई । अभी कहाँ छुपी हुई है अब मैं उन गंदी गलियों और बस्तियों में तो जाता नहीं हूं। और मेरे आदमी इस औरत को ढूंढ पाने में नाकाम नहीं है। सिक्युरिटी भी किसी काम की नहीं है। इसीलिए तुमको याद! जो भी मैंने तुम्हारे साथ किया उसके लिए तुम मुझे जो सजा दोगे, मुझे मंजूर होगी लेकिन मुझे यह औरत लाकर दे दो। तुम जितना पैसा चाहते हो, मैं तुम्हें पैसा दूंगा।
जितेश - वह सब तो ठीक है। लेकिन क्या सच में उस औरत ने उस लड़के का खून किया है?
सूर्य देव जी के के प्रश्न पर चौक गया - मै कुछ समझा नहीं |
मतलब? मैं ऐसे पूछ रहा हूं। मतलब तुम्हें कैसे पता कि इसी औरत ने ही विराज के लड़के का खून किया है?
सूर्यदेव - यह औरत मौके वारदात पर थी जहां पर विलास जी के लड़के का खून हुआ है। मेरे आदमी इस औरत को वहीं से उठाकर लाए। उस वक्त जब इस औरत को आदमी मेरे वहां से उठाकर लाए हैं तब यह औरत सिर्फ एक झीनी सी साड़ी में थी। इसकी चूंची और चूत दोनों पर एक कपड़ा नहीं था जो थी बस साड़ी ही थी |
मुझे शंका है इस औरत का विलास जी के लड़के के साथ कोई न कोई सम्बन्ध था |, क्योंकि यह बड़ी खूबसूरत है, या यू कहे की बहुत ही बहुत ही खूबसूरत है जिस्म की मालकिन है | कसम से इतनी हसीन औरत मैंने भी पहले नहीं देखि | यकीं मानो जब मैंने पहली बार उसे देखा था, ऊपर से नीचे तक गुलाबी संगमरमर के ढांचे में ढला जिस्म | क्या ओंठ क्या छाती और उफ्फ्फ्फ़ वो गुलाबी चूत | साला मेरा तो मन उसी समय किया था एक बार जमकर चोद लू पहले फिर जो होगा देखा जायेगा | लेकिन जान के लाले पड़े थे इसलिए सोचा था सब निपटने के बाद इस बारे में सोचूंगा | साला उसका ख्याल आते ही लंड सीधा होने लगता है और किस्मत की बात देखो उसी साली ने मेरी किस्मत के लौड़े लगा दिए है | माफ़ करना दिमाग कही और ही पंहुच गया था |
अपनी भटकन से वापस आते हुए - तो मुझे लगता है इसने विलास जी के लड़के पर डोरे डाले होंगे | इतनी हसीन गदराई औरत पर एक सुकुमार जवानी के दरवाजे पर खड़ा लड़का फिसल ही सकता है | मुझे शक है दोनों के शारीरिक संबंध भी हो सकते हैं। हो सकता है मौका ए वारदात पर दोनों शारीरिक संबंध भी बना रहे। अब काम के सिलसिले में मेरे आदमी वहां जंगल में जाते रहते है | जब वो वहां पंहुचे तो विलास जी के लड़के की मौत हो चुकी थी और लाश नंगी जमीन पर पड़ी थी | कुछ ही दूरी [पर भागते हुए मेरे आदमियों ने इसे दबोच लिया था लेकिन अपने रूप जाल का फायदा उठाकर यहाँ से भाग निकली |
कमरे में ख़ामोशी छा गयी |
सूर्यदेव - अगर ये औरत गलत नहीं है तो आप बताओ कोई औरत ऐसे घनघोर जंगल में सिर्फ एक पारदर्शी लाल साड़ी लपेट के क्या करने जाएगी वो भी बिना ब्रा पैंटी पहने | साड़ी के ऊपर से ही उसके दूध साफ-साफ झलक रहे हैं। यहाँ तो जब आई थी तो साड़ी भी नहीं थी जिस्म पर लेकिन क्या मजाल तो १ टके की शर्म हो आँखों में | मै उससे पूछताछ करके विलास जी को जानकारी देने ही वाला था कि यह ससुरी यहां से भी भाग निकली।
बहुत बड़ी रंडी है कि जैसे विलास जी लड़के के साथ अनैतिक संबंध बना रही थी, उसी तरह से यहां पर उसने अपने हुस्न की नुमाइश कर मेरे गार्ड को फंसा लिया और गार्ड ने तुरंत अपनी पेंट खोल दी और उसे भागने में मदद कर दी। इतनी गिरी हुई औरतें भी होती हैं समाज में मुझे तो इसका यकीन ही नहीं हो रहा।
विनोद और जितेश दोनों मुस्कुराया न जाने कितनी लड़कियों को चोद चुका है। आज भी साला कुंवारी लड़की पा जाए तो कोई मौका नहीं छोड़ता है।
जितेश - ठीक है। लेकिन जब इतने लोगो के खोजने से नहीं मिल रही तो हम कैसे ढूढ़ पायेगे, फिर भी मै लगाता हूँ अपने आदमी इस काम पर | अगर कस्बे में कही भी मिलती है तो हम तुम्हें जानकारी देंगे।
सूर्यदेव - हां, वह तो ठीक है लेकिन। तुम लोग इसका कितना लोगे कुछ अंदाजा अगर बता दो ...|
जितेश - यह किसी एक आदमी के बस का तो बात ही नहीं और सब को लगना पड़ेगा तो सब कुछ न कुछ चाहिए। मैंने अपने पांच आदमी से बात करी है और वह मान तो गए हैं, लेकिन जब कुछ मिलेगा तभी कुछ करेगे।
सूर्यदेव - फिर भी मोटा मोटा अंदाजा |
जितेश - अब १० लोग है और कोई भी १० लाख से नीचे तो नहीं लेगा |
सूर्यदेव - अरे ये तो बहुत ज्यादा है | अगर किसी और टाइम पर तुम दो करोड़ भी मांगते तो दे देता लेकिन अभी इस वक्त मेरा समय अच्छा नहीं चल रहा है। मैं ऑलरेडी इस साल तो करोड़ो रुपए के घाटे नहीं हूं |
जितेश - वो तुम्हारी मर्जी है उसको ढूंढने में और कहां तक लाने में कुछ हमारा भी तो टाइम खर्च होगा, हो सकता है कुछ खतरे भी है। क्योंकि अगर इसका टीवी पर गुमशुदा होने का प्रचार आ रहा है तो मतलब है कि इसके पीछे कोई बहुत ही शक्तिशाली परिवार है।
सूर्यदेव - फिर भी कुछ कम कर लो | विनोद और जितेश ने एक दुसरे की तरफ देखा |
जितेश - ठीक है 50 लाख आखिरी |
सूर्यदेव - अरे 20 में हो जाता तो ?
जितेश -अगर तुम राजी हो तो 50 लाख..... हम भी अपना काम शुरू करें वर्ना टाइम क्यों वेस्ट?
दोनों खड़े हो गए | हम चलते है बता देना फ़ोन करके |
सूर्यदेव ने कुछ सोचा - ठीक है ठीक है हम 50 लाख दे देंगे। लेकिन तुम उसे कैसे ढूढ़ोगे इसका कुछ आईडिया तो दो |
विनोद और जितेश दोनों को पता था की ये एक नंबर का हरामी आदमी है और जैसे ही वो उसे कुछ आईडिया देगा, वह अपने आदमी उधर लगा देगा और बाद में से फूटी कौड़ी नहीं मिलेगी |
जितेश - मुझ पर भरोसा नहीं है क्या ? नहीं है तो ठीक है। किसी और से करवा लो ।
सूर्यदेव समझ गया ये कुछ नहीं बतायेगे - कोई बात नहीं भाई। नाराज मत हो, हमारे आदमी तो ढूंढ ढूंढ कर थक चुके हैं ना इसीलिए तो तुम्हें बुलाया है। फिर भी कुछ तो सोचा होगा, कहां से शुरू करोगे?
जितेश - सच बताऊ सॉरी अभी तक मैंने कुछ नहीं सोचा है लेकिन मुझे कुछ और जानकारी दोगे। इस औरत के बारे में कहां से आई है, क्या करती है वगैरह वगैरह ....|
सूर्यदेव - वैसे तो मुझे भी ज्यादा कुछ नहीं पता। बस यही पता है कि जिस्म कमाल का है। पति मर चुका है इसलिए चुदास कस के भरी दिखती है जिस्म में और बहुत चालू चीज है। चेहरा जितना खूबसूरत और भोला है उतनी ही अन्दर से जालिम है | एक सलाह है बच कर रहना।
जितेश मन ही मन किसको सलाह दे रहा है मै तो उसके दिल के हर कोने का सफर कर चुका हूं।
विनोद- तो ठीक है सौदा मंजूर है। अगर हम 3 दिन के अंदर तुम्हें ढूंढने में नाकाम रहे तो हम तुमसे एक पैसा नहीं लेगे |
सूर्यदेव - बहुत अच्छी बात है कि तुम अभी भी उन्हें उसूलों पर टिके हुए हो। आजकल के दौर में कौन इतने वसूलो काम करता है। मुझे बड़ी खुशी हुई कि तुम बिल्कुल नहीं बदले।
विनोद - तुम बिल्कुल नहीं बदले वही कमीना सूर्यदेव
सूर्यदेव - देखो! सफलता के बाद थोडा तो चमक दमक रखनी पड़ती है | मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे तुम लोगो की जरूरत पड़ेगी। लेकिन ठीक है। पुराने दोस्त! हो पुरानी यारी का रंग ही कुछ और होता है।
विनोद - हां सही कह रहे हो, हम पुराने दोस्त हैं और ऐसी दोस्ती जो हम जिंदगी भर मरते दम तक मैं नहीं भूलूंगा । तो अब हम चलें।
सूर्यदेव - हां हां बिल्कुल तुम अपने काम पर लग जाओ।
जिदेश और विनोद वहां से निकल लिए। जाहिर सी बात है। जितेश यह तो जान गया था कि अभी सूर्यदेव उसको हाथ नहीं लगाएगा।
इधर जैसे ही जितेश कमरे से बाहर गया,सूर्यदेव ने फोन लगाया - इस आदमी के ऊपर भूत की तरह मंडराते रहो | यह कहां जाता है, क्या करता है, कहां खाता है, कहां बैठता है इसको कुछ ना कुछ तो आईडिया है। उस औरत का वरना यह इतने कॉन्फिडेंस से मेरे पास नहीं आता बात करने को | इस हरामजादे को एक नया पैसा नहीं दूंगा। पर तुम लोग कोई गलती मत करना। कान खोल कर सुन लो। इसकी जासूसी करते रहो जैसे ही वह औरत इसके आसपास नजर जाएगी। हम उसे दबोच लेंगे और इन सालो को वही गोली मारकर लटका भी देंगे।
गंदी नाली के सूअर साले गंदी नाली का कीड़े मैं यहां का बादशाह हूं। मैं इस कस्बे का डॉन हूं। इस फौजी भोसड़ी वाले उसी गटर में दफन करूंगा, जहां यह मादरचोद रहता होगा |