22-06-2021, 11:12 AM
मैंने धीरे से दोनों हाथों से मम्मी की गांड की फांकों को फैला कर मम्मी की चूत के मूंह को थोड़ा सा खोल कर अपने लौड़े के सुपाडे को मम्मी की चूत के ऊपर ऊपर से रगड़ने लगा / मैंने सोचा की शायद मेरे लौड़े से पानी निकल जाये और मैं फारिग हो जाऊंगा / मैंने अपने लौड़े को धीरे धीरे मम्मी की चूत के ऊपर नीचे रगड़ने लगा / नींद में भी मम्मी की चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था /
मैंने अपने लौड़े के पुरे सुपाडे को मम्मी की चूत के अंदर धकेलना और बहार निकलना शुरू कर दिया था / मेरी मस्ती की कोई सीमा नहीं थी / मेरा लौड़े का सुपाडा मम्मी की चूत के अंदर बहार फिसलता हुआ आ जा रहा था /
मैंने अपने लौड़े के पुरे सुपाडे को मम्मी की चूत के अंदर धकेलना और बहार निकलना शुरू कर दिया था / मेरी मस्ती की कोई सीमा नहीं थी / मेरा लौड़े का सुपाडा मम्मी की चूत के अंदर बहार फिसलता हुआ आ जा रहा था /
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!