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Adultery रीमा की दबी वासना
रीमा ने से मुक्का मार कर खुद को छुड़ाने की कोशिश की लेकिन उसने कस कस बाल खीच लिए | रीमा बिलबिलाकर रह गयी | रीमा ने उसे लात मारने की कोशिश की लेकिन सही जगह लगी नहीं | 
तब तब बाकि तीनो भी उसके साथी आ गए | 
उनमे से एक ने पुछा - क्या हुआ यार | 
[Image: lusciousnet_ripped_tank_top_524764118.jpg]
पहला वाला - देख साली रंडी है, मैंने बोला दूध दिखा दे तो हाथ पाँव चलाने लगी | 
दूसरा शराबी - भाई दूध देने वाली गाय लात तो मारती ही है इसका मतलब ये थोड़े ही है की दूध दुहना छोड़ देगे |
एक  ने लपक कर रीमा के स्तन को दबोच लिया | रीमा ने पीछे सीट पर जोर डालते हुए उसके चेहरे पर लात मारी | निशाना सटीक था और किक पड़ते ही उसकी नकसीर बह चली | वो जमीन पर लुढ़क गया | 
तभी उसमे से एक चिल्लाया - पकड़ साली तो दोनों तरफ से इसको अभी यही इसी ऑटो में चोदते है | ये साला पक्का रंडी है |
दो शराबी एक तरफ से दो शराबी दूसरी तरफ से रीमा पर हावी होने की कोशिश करने लगे | एक ने रीमा के मुहँ पर हाथ रख दिया |
पहला वाला चिल्लाया - कसकर पकड़ साली को बहुत हाथ पाँव चलते है साली | जिसकी नाक टूटी थी उसी से - चल खोल साली के कपड़े और चोद इसको | 
वो अपनी नाक संभालता हुआ - मार साली कुतिया को, मादरजात नाक तोड़ दी रंडी ने |इतना कहकर उसने रीमा की टीशर्ट पकड़कर खींच दी | रीमा की शर्ट फटती चली गयी | चूँकि नीचे रीमा ने कुछ पहना नहीं था इसलिए उसके गोल उन्नत सफ़ेद गुलाबी स्तन हवा में झूलने लगे | 
रीमा के स्तन देखकर चारो की आँखों में चमक दोगुनी हो गयी | 
एक चिल्लाया - साली के दूध तो देखो, कित्ते गोरे है, बहुत मजा आएगा इसको चोदने में | चल इसकी पेंट उतार देख चूत भी इतनी गोरी है क्या | 
सब कुछ इतनी जल्दी हुआ की रीमा को संभलने का मौका ही नहीं मिला | 
एक शराबी रीमा के स्तन दबाता हुआ - हाय हाय क्या मक्खन मलाई दूध है | 
दूसरा - अबे साले दूध मत चूस, पेंट खोल |
पहला - भाई मै कल ही जेल से बाहर आया हो कुछ दिन तो बाहर रहने दो 
दूसरा - हट साले फट्टू, मुझे पता है तेरा खड़ा नहीं, चोदेगा क्या ख़ाक |
रीमा एक मुसीबत से निकली दूसरी में फंस गयी - क्या बिगाड़ा है मैंने तुम लोगो का, क्या मेरा रेप करने जा रहे हो | खुद को समेटने की असफल कोशिश करती हुई रोने लगी |
एक बोला - साली जब मै मूत रहा है तो घूर घूर के लंड देख रही थी | जब लंड चूत में लेने की बारी आई तो रोने लगी |
क्यों मेरा लंड तो देख लिया, अपनी चूत भी तो दिखा | तुम साला औरतो की इज्जत होती, तो हम मर्दों की भी इज्जत होती है |
रीमा रोते हुए - मैंने कुछ नहीं देखा, मै एक शरीफ औरत हूँ | 
एक बोला - साला शरीफ इतनी है की शर्ट पेंट पहन कर घूम रही है | मर्दों वाले कपड़े | ऊपर से अन्दर कुछ नहीं पहना है | पक्का है इसने चड्ढी भी नहीं पहनी है | 
दूसरा बोला - मै बोल रहा हूँ साला रंडी है | जहाँ किसी ने पैसे फेंके वही चुदवाना शुरू | ज्यादा कपड़े पहनेगी तो ज्यादा उतारना पड़ेगा न |
एक बोला -चल बोल कितना लेगी | लेकिन हम सब तुझे चोदेगे और वो भी दो बार |
रीमा जोर से चिल्लाई - मै रंडी नहीं हूँ मादरचोदो | 
रीमा बुरी तरह से हाथ पाँव चलाने लगी लेकिन चारो की सयुंक्त ताकत के आगे बेबस हो गयी |इससे पहले  की कोई अनहोनी हो भागता हुआ ऑटोवाला ऑटो तक पंहुच गया | वहां का नजारा देख उसका पारा चढ़ गया | वो एक शराबी को पकड़कर पीछे फेंक दिया | ये देख बाकि तीनो रीमा को छोड़ कर उस ऑटो वाले पर पिल पड़े |  इधर हंगामा सुनकर कुछ गाँव वाले ऑटो की तरफ बढ़े | ऑटोवाला दो शराबियो से भिड गया लेकिन आखिर में पांचो मिलकर उस पर टूट पड़े | रीमा बदहवास सी थी | उसे समझ नहीं आया क्या करे | उसका टी शर्ट टॉप फट गया था | उसकी छाती खुली हुई थी | 
[Image: lusciousnet_is_that_the_starter_but_648280337.jpeg]
उसने जल्दी से अपने सर की तौलिया निकाल अपनी शर्ट समेटते हुए सीने पर तौलिया कस ली और तभी उसकी नजर पीछे डिग्गी में रखे लोहे के राड पर गयी | जो पंचर बनाने के समय ऑटो उठाने के काम आता है | फिर क्या देर थी बिजली की तेजी से रीमा वो राड लेकर उन शराबियो पर टूट पड़ी |एक का सर फूटा दुसरे का कन्धा चटका, तीसरे की पसली | तब तक गाँव वाले आ गए | सब ने मिलकर बाकि बचे दो नशेड़ियो को खूब धुना | 
इधर ऑटोवाले का सर भी एक शराबी ने ईंट से फोड़ दिया था |रीमा को ऑटो चलाना नहीं आता था | असल में ऑटो वाला जब दवाइयां देने गया तो वहां खाना भी बंधवाने लगा क्योंकि हो सकता है उसे रात ज्यादा हो जाये या उसे वही रुकना पड़ जाए | इसी चक्कर में थोड़ी देर हो गयी और इधर मौका पाकर शराबी रीमा को छेड़ने लगे | 
रीमा - इसे जल्दी से हॉस्पिटल ले जाना होगा |किसी को ऑटो चलाना आता है |
तब तक ऑटोवाले का भाई भी आ गया था | उसने ऑटो को चलाने की कमान संभाली | रीमा ने उसके सर पर कपड़ा बंधा | ऑटो में उसकी माँ को लेकर तीनो तेजी से कस्बे की तरफ बढ़ गए | कहाँ रीमा अपने घर जा रही थी लेकिन नियति उसे एक बार फिर कस्बे में पहुचाये दे रही थी | 
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RE: रीमा की दबी वासना - by vijayveg - 20-06-2021, 07:58 PM



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